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गुरुपत्नी रुचि और ऋषि विपुल by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"यज्ञ--लेकिन रुचिऋषि देवशर्मा अपने ही विचारों में उलझे थे।ऋषि की यज्ञ करने की इच्छा पिछले कुछ दिनों से काफी बलवती हो रही...
गुरुपत्नी रुचि और ऋषि विपुल by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
दानव,देवता,,असुर,गन्धर्व और सभी उस पर कामुक नजर रखते है।इन सब से निपट लोगे तुम?""हां गुरुवर"इन्द्र से निपटना इतना आसान न...
गुरुपत्नी रुचि और ऋषि विपुल by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
उनका शरीर जाग्रत अवस्था में था और उनके नेत्र रुचि की तरफ स्थिर थे।रुचि ने अपनी कुटिया में घुस आए आकर्षक सुंदर युवक को आश...