Description
मुम्बई, महाराष्ट्र
मुम्बई साइंस कॉलेज
वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी ।
वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने लगी,,,, उसकी आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे, चेहरा बिल्कुल रो- रोकर लाल पडा हुआ,,,,,!!
उसकी आंखे लाल हो चुकी थी जैसे वो दो रातो सो सोई ना हो, उसकी सकल कितनी अजीब हो चुकी थी उस दौरान....!!!
वो हर क्लास रूम को देखते हुए जा रही थी और होंठो मे किसी का नाम बुदबुदा रही थी ।
कॉलेज कैम्पस मे खडे स्टुडेन्टस उसे देख रहे थे और कुछ आपस मे बडबडा रहे थे ।
वो भागते हुए कॉलेज की छत की तरफ बढी तभी एक लडकी जो कि उसका नाम चिखते हुए उसके पास ही आ रही थी उसनें सीढियो पर चढ रही उस लडकी का हाथ झट से पकडकर अपनी तरफ घुमाया ।
" कहां जा रही है वो यहां नही है,,,हिती,,,, वो रूम नम्बर 205 मे हैं और अब कोई फायदा नही है उसके पास जाकर भी, जो तूने सुना और देखा सब सच है....."