बैरी पिया by Gagandeep Kaur in Hindi Novels
" संजय धीरे धीरे चालिए ! आवाज मत कीजिए वरना वह जाग जायेगी । " , एक अंधेरे घर में हाथ में केक पकड़ कर चल रही औरत ने अपने...