Hamdard by Harshada Dongare

हमदर्द by Harshada Dongare in Hindi Novels
" फ़सानो में सुना है सिर्फ मोहब्बत के खुशनुमा किस्सें....असलियत में मोहब्बत कभी खुशी नही दिया करती बल्की ताउम्र का द...
हमदर्द by Harshada Dongare in Hindi Novels
उनके शादी को चार - पाच दिन हुए थे । मेहेर और आहान की ठिक से बात नही हुई थी अबतक, मेहेर कुछ बोलने की कोशीश करती मगर आहान...
हमदर्द by Harshada Dongare in Hindi Novels
आहान डोअर बेल बजानेसे पेहले ही मेहेर आकर दरवाजा खोल देती है। मेहेर को ऐसे सामने देख कर वो जरासा चौक जाता है। जैसे ही आहा...