Rasbi kee chitthee Kinzan ke naam book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rasbi kee chitthee Kinzan ke naam is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - Novels by Prabodh Kumar Govil in Hindi Fiction Stories 27 27.7k Downloads 58.7k Views 1 Likes Writen by Prabodh Kumar Govil Read Full Story Download on Mobile Novels Description आजा, मर गया तू? मैं बरसों से चुप हूं। कुछ नहीं बोली। बोलती भी क्या? न जाने ये सब कैसे हो गया। मैं मर ही गई। मैं यहां परलोक में आ गई। तू वहीं रह गया था दुनिया में। मैं अभागी तो रो भी न सकी। कैसे रोती? दुनिया कहती कि कैसी पागल औरत है, इस बात पर रोती है कि इसका बेटा मरा नहीं। अरे बात तो एक ही है न। तू जीवित रहा, पर मैं तो मर गई न। बिछुड़ तो गए ही हम। मैं जब मर कर यहां आई तो मैंने तुझे खूब ढूंढा। पर तू मुझे कैसे मिलता? तू तो वहीं दुनिया में ही था। जब मुझे पता चला कि मेरे साथ धोखा हो गया है। मैं मर गई और तू वहीं है, मरा नहीं, तो मैं चुप हो गई। कहती भी क्या? किससे कहती? पर अब मैं बोलूंगी। मुझे तुझसे कुछ नहीं कहना। पर दुनिया को तो बताना है न। तुझसे क्या कहूंगी? तुझे देख पा रही हूं यही बहुत है मेरे लिए। बरसों इंतजार किया है मैंने तेरा। समय ने कैसा गुल खिलाया कि मैं, तेरी मां, बरसों से तेरे मरने का इंतजार कर रही हूं। अब दुनिया को बताना तो पड़ेगा न, कि ये सब क्या गोरखधंधा है। नहीं तो दुनिया मुझे पागल समझेगी। धूर्त समझेगी। ऐसी पिशाचिनी समझेगी जो अपने पुत्र के मरने की बात करती है। More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> Full Novel Episodes Novels रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 1 New आजा, मर गया तू? मैं बरसों से चुप हूं। कुछ नहीं बोली। बोलती भी क्या? न जाने ये सब कैसे हो गया। मैं मर ही गई। मैं यहां परल... Read Free Novels रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 2 New वो कौन थी? वो मेरी मां थी। बताया ना। बहुत मुश्किल जगह में रहती थी। सब सोचेंगे कि ये मुश्किल जगह क्या होती है। जगह या तो... Read Free Novels रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 3 New फ़िर मेरा जन्म हुआ। मेरे पैदा होने से पहले ही मेरे पिता मेरी मां को छोड़ कर जा चुके थे। कत्ल की आरोपी "खूनी" मां के साथ... Read Free Novels रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 4 New कुछ ही दिनों में मेरी ज़िन्दगी में एक बहुत मज़ेदार दिन आया। मैं आज भी पूरे दिन इस मज़ेदार दिन की बातें चटखारे लेकर करती... Read Free Novels रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 5 New ये समय मेरे लिए तेज़ी से बदलने का था। बहुत सी बातें ऐसी थीं जिनमें मैं अपनी मां के साथ रहते- रहते काफ़ी बड़ी हो गई थी। अ... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>