Chai pe charcha by राज कुमार कांदु

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चाय पर चर्चा by राज कुमार कांदु in Hindi Novels
नुक्कड़ व चौराहों पर चल रही राजनीतिक चर्चाओं को शब्द रूप देने का प्रयास करती 2017 में लिखी हुई एक धारावाहिक रचना !*****...
चाय पर चर्चा by राज कुमार कांदु in Hindi Novels
”भ्रष्टाचार ही सारी बुराइयों की जड़ है। भ्रष्टाचार की वजह से ही महँगाई का भी बोलबाला है। आप लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ...
चाय पर चर्चा by राज कुमार कांदु in Hindi Novels
अजय भी पीछे हटने के मूड में बिलकुल नहीं था। वह इन देहातियों के मन से मोदी सरकार के प्रति पैदा हुई गलतफहमी को किसी भी तरह...
चाय पर चर्चा by राज कुमार कांदु in Hindi Novels
कलुआ की हाँ में हाँ मिलाते हुए रामू काका बोल ही पड़े, ”सही कह रहे हो कालू ! इन नेताओं को तो जैसे कौनो लाज शरम है ही नहीं...
चाय पर चर्चा by राज कुमार कांदु in Hindi Novels
कुछ देर की खामोशी के बाद रामू काका ने मौन तोड़ते हुए कहा, "कलुआ ! इ तो बहुतै बुरा हुआ निरंजन के साथ। बेचारा बहुत भला आदमी...