Ek bund Ishq book and story is written by Sujal B. Patel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ek bund Ishq is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
एक बूंद इश्क - Novels
by Sujal B. Patel
in
Hindi Love Stories
काफ़ी सारी गुजराती कहानियों के बाद ये मातृभारती पर मेरी पहली हिंदी कहानी है। उम्मीद हैं कि हमारे पाठकों को गुजराती कहानियों के जैसे मेरी ये हिंदी कहानी भी पसंद आएगी। तो मेरी कहानी 'एक बूंद इश्क' को पढ़कर अपने प्रतिभाव देना ना भूलें।
यह कहानी एक ग़लतफहमी से शुरू प्यार पर खत्म होगी। जिसमें कहानी के नायक और नायिका को काफी सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। फिर भी इस का अंत काफ़ी दुखदाई रहेगा। जो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा।
१.ग़लतफहमी
बनारस शहर! जो महादेव की नगरी के नाम से जाना जाता है। जहां काशी विश्वनाथ का मंदिर और चोरासी घाट बने है। उसी चोरासी घाटों मे से अस्सी घाट नाम के घाट पर हमारी अपर्णा बैठी थी। अपर्णा माने देवी पार्वती का ही एक नाम! हमारी अपर्णा की भी इच्छा थी कि उसे महादेव जैसा पति मिले। मगर पार्वती जी जैसी देवी को महादेव को पाने के लिए तपस्या करनी पड़ी थी। तो अपर्णा को इतनी आसानी से महादेव जैसा पति कैसे मिलता?
काफ़ी सारी गुजराती कहानियों के बाद ये मातृभारती पर मेरी पहली हिंदी कहानी है। उम्मीद हैं कि हमारे पाठकों को गुजराती कहानियों के जैसे मेरी ये हिंदी कहानी भी पसंद आएगी। तो मेरी कहानी 'एक बूंद इश्क' को पढ़कर ...Read Moreप्रतिभाव देना ना भूलें। यह कहानी एक ग़लतफहमी से शुरू प्यार पर खत्म होगी। जिसमें कहानी के नायक और नायिका को काफी सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। फिर भी इस का अंत काफ़ी दुखदाई रहेगा। जो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा। १.ग़लतफहमी बनारस शहर! जो महादेव की नगरी के नाम से जाना जाता है। जहां काशी विश्वनाथ
२.मुंबई की सफ़र अपर्णा सुबह जल्दी उठकर अपना बैग लेकर नीचे आ गई। चाची ने उसे चाय-नाश्ता दिया। अपर्णा थोड़ा बहुत नाश्ता करके, चाय पीकर स्टेशन जाने के लिए निकल गई। उसकी दश बजें की ट्रेन थी। नौ तो ...Read Moreचुके थे। वह जल्दी बैग उठाकर बाहर आई। आरुषि अपनी गाड़ी लेकर बाहर ही खड़ी थी। उसने अपर्णा को स्टेशन तक छोड़ा। फिर उसे दिल्ली वापस जाना था। तो जल्द ही निकल गई। अपर्णा स्टेशन पहुंची तब तक ट्रेन आ चुकी थी। वह जल्द ही ट्रेन में चढ़ी और जैसे ही अपना बैग ऊपर रखने लगी। उसी वक्त एक लड़के
३.इंटरव्यू एक दिन और एक घंटे के बाद सुबह के दश बजें ट्रेन मुंबई स्टेशन पर रुकी। अपर्णा शिवा को घूरते हुए अपना बैग लेकर ट्रेन से नीचे उतरी। वह पहली बार मुंबई आई थी। लेकिन जब से मम्मी-पापा ...Read Moreअलग हुई थी। उसने अकेले ही सारी परेशानियों से निपटना सीख लिया था। स्टेशन से बाहर निकलते ही उसने टेक्सी की और होटल आ गई। ग्यारह बजे उसे इंटरव्यू के लिए जाना था। स्टेशन से आते वक्त तो ट्राफिक नहीं मिला। लेकिन मुंबई का कोई ठीकाना नहीं होता था। कब ट्राफिक में फंस जाएं और ग्यारह बजे के बदले बारह
४.खुशखबरी अपर्णा होटल आकर सीधा ही अपनें रुम में आ गई। उसकी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे नौकरी मिलेगी या नहीं? यहां आने से पहले वो स्यॉर थी कि उसे नौकरी जरूर मिलेगी। लेकिन उसे तब ...Read Moreकहा पता था कि उसका इंटरव्यू शिवा याने कि रूद्र लेनेवाला है। जिसके चलतें अपर्णा थोड़ी टेंशन में आ गई थी। दोपहर के एक बजे उसने खाना अपनें कमरें में ही मंगवा लिया। फिर खाकर वह थोड़ी देर के लिए सो गई। थकान की वज़ह से उसे नींद तो आ गई। लेकिन नौकरी का ख्याल अभी भी उसके मन से
५.मस्तीखोर दोस्त साक्षी के फ़ोन रखते ही रुद्र ने उससे पूछा, "क्या कहा उसने?" "वो दो दिन बाद ऑफिस जोइन करेगी। बोल रही थी कि वो सिर्फ इंटरव्यू के लिए आई थी तो जोइन करने से पहले बनारस जाना ...Read Moreसाक्षी ने जवाब दिया। "तो उह बवाल दो दिन बाद ऑफिस में भूचाल मचाने आएंगी। ठीक है दो दिन इंतजार कर लेते है।" साक्षी की बात सुनकर रुद्र धीरे-से बड़बड़ाया और अपने केबिन की ओर बढ़ गया। उसी शाम को ऑफिस के बाद रुद्र अपनें दोस्त रितेश के घर पहुंचा। रुद्र ने देखा तो उसके सभी दोस्त वहां मौजूद थे