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विसर्जन by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
ये कहानी समर्पित है उन सभी लोगों को जो ईश्वर में आस्था रखते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन साथ साथ ही जाने अंजाने कुछ ऐसा...
विसर्जन by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
इस पर गौरव ने उस छोटी मूर्ति की तरफ देखा तो बोला “ लेकिन बेटा.. वह तो बहुत छोटी मूर्ति है और दिखने में भी इतनी अच्छी नही...
विसर्जन by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
टीटू जैसे ही समुंदर किनारे आया तो वहां का हाल देख कर डर गया । समुंदर किनारे हजारों की भीड़ थी । छोटे – बड़े, लंबे - चौड़...
विसर्जन by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
टीटू ने सिसकते हुए कहा “ लेकिन पापा .... मैं तब तक खड़ा रहूंगा जब तक मैं देख नहीं लेता” । इस पर गौरव ने हंसते हुए कहा “...
विसर्जन by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
यह कहते हुए टीटू जोर जोर से रोने लगा और सब उनकी बात से हैरान थे सब को ऐसा लग रहा था जैसे सब ने एक बड़ा पाप किया है तभी प...