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पवित्र प्रेम by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
हुमायूं ने आगे बढ़कर आलम खान का स्वागत किया।आदर और सम्मान के साथ उसने आलम खान को राजमहल में पहुंचा दिया।उसके बाद हुमायूं...
पवित्र प्रेम by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"हुज़ूर बात तो कोई न कोई ज़रूर है।आप बताना न चाहे तो कोई बात नही।"नादिरा ऐसी कोई बात नही है।""शहज़ादे मेरे भी दिल है।मैं सब...
पवित्र प्रेम by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
हुमायूं के दिल मे लगी आग गुलनार को भी सुलगा रही है।वह दौड़ी हुई हुमायु के कक्ष में आयी।भागने की वजह से उसकी सांसे फूल गयी...