Mrugtrushna tumhe der se pahchana book and story is written by Ranjana Jaiswal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mrugtrushna tumhe der se pahchana is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - Novels by Ranjana Jaiswal in Hindi Fiction Stories 18 17.3k Downloads 41.5k Views 1 Likes Writen by Ranjana Jaiswal Read Full Story Download on Mobile Novels Description मैं जब भी आपके बारे में सोचती हूँ तो महात्मा गाँधी की शक्ल सामने आ जाती है। बुढ़ापे में आप लगभग उन्हीं की तरह लगते थे। खल्वाट सिर, लम्बी नासिका, छोटी आँखें, पतले होंठ और लम्बा दुबला-पतला शरीर। आप बड़े गुस्से वाले थे, बहुत कम हँसते-मुस्कुराते थे।आपकी विचारधारा पुरानी थी। आप लड़कियों को पढ़ाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे। हमेशा यही कहते-'लोटा -थाली देकर लड़की का पाँव पूज देंगे। उन दिनों गाँव में गरीब लड़कियों का विवाह लोटे- थाली दान मात्र से हो जाता था, पर माँ के समझाने पर आपने मुझे हाईस्कूल तक पढ़ने की इजाजत दे दी, पर जब मैंने आगे पढ़ना चाहा, तो नाराज हो गए। आपके अनुसार ज्यादा पढ़ने पर लड़कियाँ बिगड़ जाती है। आपके गुस्से की सबसे ज्यादा शिकार मैं ही हुई। मेरे पैदा होने पर आप मुझे देखने अस्पताल इसलिए नहीं आए कि मैं लड़की थी। बड़े होने पर जब गाँव-मोहल्ले से मेरी शरारतों की शिकायत आती, तो आप छड़ी उठा लेते थे। मेरी लड़कों जैसी हरकतों से आपको चिढ़ थी | More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> Full Novel Episodes Novels मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 1 New (अपनों को लिखे गए वे पत्र जो भेजे नहीं गए) अध्याय एक बाबू जी मैं जब भी आपके बारे में सोचती हूँ तो महात्मा गाँधी की शक्ल... Read Free Novels मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 2 New अध्याय दो सहोदरा तुम भी दीदी घर की सबसे बड़ी थी तुम।माँ के बाद तुम्हीं एकमात्र ऐसी थी जो मेरी सारी खूबियों और कमियो... Read Free Novels मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 3 New अध्याय तीन पति परमेश्वर नहीं होता इंसान की फितरत नहीं बदलती, यह सुना तो था पर इसका सबसे बड़ा उदाहरण तुम निकलोगे, यह नहीं... Read Free Novels मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 4 New अध्याय चार तुम न हुए मेरे तो क्या ! तुम्हारे बारे में मैंने तमाम कहानियाँ सुन रखी थीं | तुम लड़कियों में एक साथ ही लोकप्र... Read Free Novels मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 5 New अध्याय पांच गर्भ नाल का रिश्ता मुझ पर डर हावी हो गया है बेटा | यह विचार कि तुम अपने पिता के पास हो कि तुम मेरी छत्र-छाया... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>