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जिन्नात की दुल्हन by SABIRKHAN in Hindi Novels
कोई अप्सरा की भांति गजब का नूर थाउसके चहेरे मे!
और उस नूरानी चहेरे ने खलिल के दिलो दीमाग मे एसी खलबली मचाई की आखिर उस न...
जिन्नात की दुल्हन by SABIRKHAN in Hindi Novels
उसकी जगह कोई और उसके खुबसुरत बदन को आज मजे से लूट रहा था।
खलिल कितना बेबस था कि उस नजारे को देखने के अलावा वो कुछ कर भी...
जिन्नात की दुल्हन by SABIRKHAN in Hindi Novels
खलिल का दिल भी जैसे उससे बगावत पर उतर आया था! भीतर उठे जंजावात को दबोच कर खलिल बाहर निकला!
अब्बा के रुम के स्नानागार मे...
जिन्नात की दुल्हन by SABIRKHAN in Hindi Novels
उस दीन बडी जोरो से बारिश हो रही थी
रुकने का नाम नहीं !
बारिश में भीगना गुलशन को ठीक नही लगता था
वो चिपके से बरामदे...
जिन्नात की दुल्हन by SABIRKHAN in Hindi Novels
अपनी बेड पर गुलशन बीलकूल निर्वस्त्र पडी थी!
उसके दोनो हाथ किसीने जकड रखे हो ईस तरह उपर की और फैले हूये थे!
दोनो पैर भी...