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मृत्यु भोग by Rahul Haldhar in Hindi Novels
मूर्ति को दुकान में एक ही बार देखकर प्रताप को बहुत पसंद आया । पर जब उसे ध्यान से देखा …. पार्क स्ट्रीट के इस क्युरिओ के...
मृत्यु भोग by Rahul Haldhar in Hindi Novels
अगले दिन सबेरे प्रतिदिन की तरह चाय पीने आये भवेश बाबू , घर के कोने में रखे मूर्ति को देखकर सोच में पड़ गए । बोले – " इसक...
मृत्यु भोग by Rahul Haldhar in Hindi Novels
(कुछ दिन बाद जिस दिन डुमरी को प्रताप घर ले आया वह दिन था मंगलवार , और उसके ऊपर अमावस्या भी था , आज सुबह आंशिक सूर्यग्रह...
मृत्यु भोग by Rahul Haldhar in Hindi Novels
प्रताप आजकल बीच बीच में निमतला श्मशान में जाकर बैठा रहता है । वैसे निमतला घाट उसके दक्षिण घर से बहुत दूर है । लेकिन दक...
मृत्यु भोग by Rahul Haldhar in Hindi Novels
मेट्रो से घर आते वक्त प्रताप को एक अलग ही अनुभूति हो रही थी । ऐसा लग रहा है सर पूरा खाली हो गया है दिमाग में कुछ था पर...