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तुम्हारे दिल में मैं हूं? by S Bhagyam Sharma in Hindi Novels
सारांश यह एक प्रेम कहानी है। यह कहानी भी छोटे गांव की है। लड़की छोटे गांव की है। जिसकी मां नहीं है। सौतेली मां को गीता &...
तुम्हारे दिल में मैं हूं? by S Bhagyam Sharma in Hindi Novels
अध्याय 2 अपनी हाथ की घड़ी को गीता ने देखा। आठ बजकर पैंतालीस मिनट हुए। साधारणतया आठ पैंतालिस तक लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के मि...
तुम्हारे दिल में मैं हूं? by S Bhagyam Sharma in Hindi Novels
अध्याय  3 एक दिन छोड़कर एक दिन ही उसका काम होता है। मिनी बस से उतर कर मोती घर पर ही था। घर के सामने आम के पेड़ की छ...
तुम्हारे दिल में मैं हूं? by S Bhagyam Sharma in Hindi Novels
अध्याय 4 "मनाली यहां आना।" गीता बड़े प्यार से बुलाई। "क्या बात है दीदी।" "आ बच्चे में बताती हूं।" हाथ में रखे पुस्तक को...
तुम्हारे दिल में मैं हूं? by S Bhagyam Sharma in Hindi Novels
अध्याय 5 "पुरानी बस स्टैंड वाले सब लोग उठ जाइए।" कॉन्टैक्टर हनुमान ने आवाज दी। उसके पहले स्टाप पर ही बहुत से लोग उतर गए...