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नासाज़ by Srishtichouhan in Hindi Novels
दुनिया एक पिपरमिंट सी लगती है जुबान से मिलते ही चिंगम सी चिपकती हुई जुर्म और जुनून के बादशाह पापलोस की कहानी उसके अजीब ढ...
नासाज़ by Srishtichouhan in Hindi Novels
आज मैंने दो दो खून किए थे, लेकिन यह महज एक इत्तेफाक था या कुछ और, आज मेरी महबूबा महजबीन और बाबिल दोनों ने मुझे एक बहुत ब...
नासाज़ by Srishtichouhan in Hindi Novels
, यह एक पेचीदा लेन थी, जिसके नुकीले पत्तों वाली हेजेज इंग्लिश मौली से बने हुए थे, जिसके चेरी लाल फल लेन से दूर उस विशाल...
नासाज़ by Srishtichouhan in Hindi Novels
अध्याय चार मुर्दों का टीला (पापलोज की ज़ुबानी) सुन सान रात के तलहटी में मै अपने महंगे वाइन के लम्बी गर्दन वाले बोतल के स...
नासाज़ by Srishtichouhan in Hindi Novels
अध्याय तीनबग्गे की दौड़पापलॉस की जुबानीमैं कब कब्र में ही सो गया और मेरी आंख लग गई पता ही नहीं चला , पर अब एक चमकीली सुब...