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गोधूलि by Priyamvad in Hindi Novels
गोधूलि (1) उस साल ऋतुएं थोड़ा पहले आ गयीं थीं। इतना पहले कि वसंत अभी कोहरे में ही था। इसकी सफेदी और ठंडी नमी ने पेड़ों के...
गोधूलि by Priyamvad in Hindi Novels
गोधूलि (2) फिर तीन साल के लिए मैं दूसरे शहर चला गया। उससे कोई सम्पर्क नहीं रहा। लौटा, तो उसी तरह, रात शुरू होने के पहले...
गोधूलि by Priyamvad in Hindi Novels
गोधूलि (3) जिस दिन वह गांव में आता सारे जानवर इकट्‌ठा किए जाते थे। उत्साह होता था। जानवर उसे पहचानते थे। भागते थे, पर पक...
गोधूलि by Priyamvad in Hindi Novels
गोधूलि (4) पिता ने इशारा किया। आका बाबा ने उनके हाथ से गिलास ले कर बोतल से थोड़ी कोन्याक डाली, कुछ बूँद गर्म पानी, फिर गि...