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अनैतिक by suraj sharma in Hindi Novels
आज लॉकडॉउन खुलने के एक महीने बाद या फिर कहूँ की ६ महीने बाद मै अपनी कर्मभूमि जर्मनी जा रहा हूँ, वैसे इस जर्म...
अनैतिक by suraj sharma in Hindi Novels
"कितने कॉल करोगी माँ? घर पर तो तब ही आऊंगा ना तब टैक्सी लाकर छोड़ेगी", मैंने घर में घुसते हुए कहा..पर तूने तो एक भी कॉल...
अनैतिक by suraj sharma in Hindi Novels
मैंने तुरंत फोन रखा और माँ के पास जाकर पूछा, " किधर गए थे आप इतनी सुबह? माँ ने प्लेट में ढोकला रखते हुए बोली, "क्या? क्...
अनैतिक by suraj sharma in Hindi Novels
ना कोई भाई ना ही बहन बस अकेला था इसीलिए कोई साथ खेलने वाला नहीं था तो कभी कभी पापा के मोबाइल में भी अक्सर लूडो खेला करता...
अनैतिक by suraj sharma in Hindi Novels
काम ज्यादा होने के वजह से मै रोज सिर्फ थोड़ी देर ही खेल पाता. कभी कभी तो एक गेम खेलने को भी वक़्त नही मिलता था ऐसे ह...