Episodes

ख्वाबो के पैरहन  by Santosh Srivastav in Hindi Novels
चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी कर...
ख्वाबो के पैरहन  by Santosh Srivastav in Hindi Novels
उदास ताहिरा अँधेरे में भी पेड़ के नीचे बैठी रही बीच-बीच में आँखें भर आतीं फैयाज़ का मुस्कुराता चेहरा आँखों के समक्ष डोल...
ख्वाबो के पैरहन  by Santosh Srivastav in Hindi Novels
जैसे कुर्बानी से पहले बकरे को हार-माला, तिलक से सजाया जाता है ताहिरा को भी सजाया जा रहा था पिछली रात मेंहदी की रस्म हुई...
ख्वाबो के पैरहन  by Santosh Srivastav in Hindi Novels
धूप कमरे में आ चुकी थी निक़हत फूफी को झंझोड़ रही थी “उठिए फूफी जान.....देखिए कितना दिन चढ़ आया है ”
फूफी घबराकर उठ बैठीं...
ख्वाबो के पैरहन  by Santosh Srivastav in Hindi Novels
फूफी को ताहिरा के क़दमों की चाप देर तक टकोरती रही ज़ेहन में उस चाप की टकोर से वेदना उठी .....मन अपराधी हो स्वयं से गवाही...