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मित्रलाभ by MB (Official) in Hindi Novels
एक समय दक्षिण दिशा में एक वृद्ध बाघ स्नान करके कुशों को हाथ में लिए हुए कह रहा था-- हे हो मार्ग के चलने वाले पथिकों ! मे...
मित्रलाभ by MB (Official) in Hindi Novels
गोदावरी के तीर पर एक बड़ा सैमर का पेड़ है। वहाँ अनेक दिशाओं के देशों से आकर रात में पक्षी बसेरा करते हैं। एक दिन जब थोड़ी र...
मित्रलाभ by MB (Official) in Hindi Novels
मगध देश में चंपकवती नामक एक महान अरण्य था, उसमें बहुत दिनों में मृग और कौवा बड़े स्नेह से रहते थे। किसी गीदड़ ने उस मृग को...
मित्रलाभ by MB (Official) in Hindi Novels
कल्याणकटक बस्ती में एक भैरव नामक व्याध (शिकारी) रहता था। वह एक दिन मृग को ढ़ूढ़ता- ढ़ूंढ़ता विंध्याचल की ओर गया, फिर मारे...
मित्रलाभ by MB (Official) in Hindi Novels
ब्रह्मवन में कर्पूरतिलक नामक हाथी था। उसको देखकर सब गीदड़ों ने सोचा, यदि यह किसी तरह से मारा जाए तो उसकी देह से हमारा चा...