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ग़ज़ल, शेर by Kota Rajdeep in Hindi Novels
न था इंतज़ार कीसुका फ़िर भी उम्र भर इंतज़ार में रहें
ग़ज़ल, शेर by Kota Rajdeep in Hindi Novels
अब वोही पुराने ज़ख्म ताजियाना क्यों करें।इश्क़ के दरख़्त पे नया आशियाना क्यों करें।___Rajdeep Kotaजब ये लालिमा कालिमा मै...
ग़ज़ल, शेर by Kota Rajdeep in Hindi Novels
मिले तो होगी फ़िर वोही बात जुदाई किइससे अच्छा हैं ये दिन ऐसे ही बसर होने दें।___Rajdeep Kotaदेर तक रात में करवटें बदलना...
ग़ज़ल, शेर by Kota Rajdeep in Hindi Novels
अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख गएहम इश्क़ करना कि...