Vivek aur 41 Minutes book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vivek aur 41 Minutes is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
विवेक और 41 मिनिट - Novels
by S Bhagyam Sharma
in
Hindi Detective stories
एक जज सुंदर पांडियन हाईकोर्ट के जज हैं वे जो फैसला सुनाते है उसे देख लोग हैरान हो जाते है दांतों तले उंगली दबाते है और कई लोग उनके विरोधी भी हो जाते है उन्हें धमकियाँ मिलती रहती है पर वे उसकी परवाह नहीं करते
पुलिस और बेटा उन्हें समझाते है पर वे नहीं मानते उन्हें जो ठीक लगता है वे वहीं करते है और कहते है अगर प्रंधानमंत्री गलत करें तो भी मैं उन्हें गलत ही कहूँगा
एक बड़े उद्योग पति के लड़के पर हत्या का मुकदमा चलता है उन्हें बहुत धमकियाँ मिलती है पर वे टस से मस नहीं होते
प्रशासन को उनकी चिंता होती है पर अचानक एक दिन वे गायब हो जाते है सिर्फ उनके पास 41 मिनिट का ही समय होता है कि हत्या कि गुत्थी को सुलझाने के लिए जज साहब का क्या हुआ ? किसने किया ! क्यों किया ! जानने के लिए पढ़िये........... विवेक और 41 मिनिट..........
विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 1 दिसंबर के महीने में एक इतवार की सुबह चेन्नई में पौ- फटने का समय बहुत ही सुंदर था हल्की ...Read Moreव कोहरे के बीच में वॉक पर जाने वाले लोग कभी नजर आते तो कभी अगले ही क्षण छिप जाते उन लोगों की आवाज हवा में सुनाई दे रहीं थी “गुड मॉर्निंग कार्तिकेयन...........” “गुड मॉर्निंग शिवप्रकाशम........” “बिजनेस कैसे चल रहा है ?” “वेरिवेल गोइंग ” “क्यों........... सभापति तुम्हारी लेटेस्ट पिक्चर सभी सेंटर्स में हाउस फुल है सुना..........?” “ये सब
विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 2 विवेक को ऑफिस जाने के लिए अपने मारुति-जेन के अंदर बैठते ही विष्णु का सिर कम्पाउण्ड गेट के पास दिखाई दिया ...Read More “गुड मॉर्निंग बॉस ” “आ रे........... ! तेरा बाइक कहाँ है...............?” “उसे बाइक मत बोलो बॉस उसे ‘बिजली का राजा’ बोलो........... उसका नाम रखे एक महीने हो गया ..........” “ठीक है............. बिजली का राजा कहाँ है.........?” “उसकी थोड़ी तबीयत खराब है बॉस कल रात को उसे ‘अपोलो’ में भर्ती करा दिया ” “क्या ! अपोलो में............?” “अपोलो ऑटो
विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 3 नाइट गाउन पहन कर सोफ़े में अध लेटे हुए जज सुंदर पांडियन स्टार टी. वी. के समाचारों को ध्यान से सुनते ...Read Moreउसी में खोये हुए थे दीवार घड़ी में रात के साढ़े दस बज रहे थे “अप्पा.............” पीछे की तरफ से आवाज सुन वे घूमे उनके लड़के गोकुलवासन और उसकी पत्नी सुभद्रा कमरे के दरवाजे पर दिखाई दिये “आओ........... गोकुल.............! आओ बेटा सुभद्रा............” कह कर सुंदर पांडियन ने रिमोट कंट्रोल से टी. वी. को बंद कर दिया
विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 4 शोखरम विवेक बाईपास रोड में तेजी से कार को दौड़ाता हुआ सुनसान जगह जहां कुछ कांटेदार झाड़ियाँ थी उसकी ...Read Moreगया “बॉस..........” विष्णु ने बुलाया “हाँ...............” “कहाँ जा रहे हैं............... क्यों जा रहे हैं मुझे बताना नहीं चाहिए क्या............. आजकल आप बहुत ही रहस्यमय योगी हो गए हो ” “FIRE ARMS” को पढ़ लिया............?” “पढ़ लिया..............” “ठीक है सुनसान जगह के बाईं ओर थोड़ा मुड कर देखो...........” विष्णु ने मुड़ कर देखा दो सौ मीटर की दूरी पर
विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 5 सुंदर पांडियन चौंक गए “क्या विपरीत हुआ ?” “आपके कार ड्राइवर का नाम दुरैमाणिकम है क्या ?” “हाँ” “आपके ...Read Moreतीस सालों से वह ड्राइवर है ?” “हाँ” “उस ड्राइवर दुरैमाणिकम का अपहरण होकर अब वह उनके कब्जे में है आप उनकी बातों को नहीं माने तो दुरैमाणिकम जिंदा नहीं बचेगा एक विश्वास पात्र ड्राइवर की बलि चढ़ाना या नहीं चढ़ाना आपके हाथ में ही है ऐसा बोल रहें है.......... केसेट को आपके घर में लाकर बजा कर बताऊँ............?”