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चुडैल का इंतकाम by Devendra Prasad in Hindi Novels
आज की दुनियां में किसी समझदार व्यक्ति से किसी भूत-प्रेत, चुड़ैल, डायन के विषय मे बात करो तो वह सामने वाले शख्स को सनकी या...
चुडैल का इंतकाम by Devendra Prasad in Hindi Novels
वह जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी एक विशेष किस्म की तीव्र खुश्बू भी बढ़ती जा रही थीं अगले चन्द सेकण्ड्स में अब वह उसके सामने थी।...
चुडैल का इंतकाम by Devendra Prasad in Hindi Novels
उसने आव देखा न ताव मोटरसाइकिल को फेरारी की इंजन की तरह भगाता हुआ हनुमान चालीसा पढ़ने लगा। "जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय क...
चुडैल का इंतकाम by Devendra Prasad in Hindi Novels
उसने अपने मुंह से चुडैल शब्द निकाले ही थे कि उसने देखा कि सड़क के किनारे पीपल का पेड़ था, वहां उसे कोई आकृति दिखाई दी। "ओह...
चुडैल का इंतकाम by Devendra Prasad in Hindi Novels
यह खबर पढ़ते के साथ जयन्त वहां से सीधे भागता हुआ अपने कमरे में आ जाता है और अंदर से कुंडी लगाकर उसने अपने आपको घर के अंदर...