Ham tum aur sher shayari - 4 in Hindi Poems by VANDE MATARAM books and stories PDF | हम तुम और शेर शायरी - 4

Featured Books
Categories
Share

हम तुम और शेर शायरी - 4

हम तुम और शेर शायरी

(Part - 4)

(1)

इंसान को मजबूत बनना चाहिए क्यूंकि गिरकर तो शीशे भी तुटते हे

(2)

कोइ कितना भी कमजोर कयु न हो हालात उसे मजबुत बना देते है

(3)

एक पागलः हमारे देश का नाम भारत है

दुसरा पागलः ओ पागल भारत नहि हिन्दुस्तान है

तीसरा पागलः बेवकुफ हिन्दुस्तान नही इंडिया है

(4)

जिंदगी इतनी आसान नही जीतनी हम समजते है

जिंदगी इतनी मुश्किल नही जीतनी हम मानते है

(5)

कुछ बाते बीना कहे आप सुनले उसका मतलब आप कुछ खास है

(6)

हम है खास कयु कि हमारे पास है आप

(7)

सांसे वही अटकती है जहा हमारा दिल खडा होता है और पास होता है कोइ ओर

(8)

अजीब हाल होता है जब कोई याद आजाये ओर हम होते है कही और

(9)

कुछ लोग बीना आंख बंद किये नजर आते है वो लोग दिल के करीब होते है

(10)

दुआ करते है हम हे भगवान की कुछ एसा हो की जीतना गुनाह हुवा उतनी ही सजा मिले

वरना आपकी गिनती इश्वरमे केसे होगी ????

(11)

सोचो कम और दुआ करदो बेहतर की सबकी शान सबकी बान आजाये भाइजान

(12)

दिन पानी की तरह निकल जाते है

तो पांच साल तो युही बीत जायेगे

(13)

हम कुछ करे या ना करे समय अपना काम आवश्य करता है

इसलिये हमे खुश रहना चाहिये

(14)

आज हम खुश है कयुकि हवाने अपना रुख बदल लिया हमारी ताकत को देख के

(15)

आप सुनो या ना सुनो हम सुनाते है

आपको प्यार भरा पेगाम

(16)

सुन ने ओर सुनाने मे फरक इतना है

जीतना फरक नाव ओर पानी मे है

(17)

आपको देख के कली हसकर बोली आप इतने प्यारे है

तो आपके बच्चे कितने प्यारे होगे???

(18)

नाजुक प्यारी सुंदर चंचल खुश रचना यानी बच्चा

(19)

बस इतना समज नहि आता हम यहा तो फिर आप कहा????

(20)

बारिश आनेसे एसा लगा जेसे बहार आइ ओर दिल का सुकुन ओर साथ साजन ले आइ

(21)

कोइ एक व्यक्ति मे बदलाव या सुधार आने से अच्छे दिन नहि आते

सबको बदलना ओर सुधरना पडता है

  • (22)
  • हर काली रात के बाद प्यारीसी सुबह होती है
  • हर निष्फलतामे एक सच्ची जीत छीपी होती है

    (23)

    सुबह इसलिये होती है की हम सब दुसरो की ओर अपनी भुल को

    भुलकर हम जिंदगी की एक नइ शरुआत करदे

    (24)

    सुबह एक अच्छा काम करना चाहिये ओर की गलयीयो को भुल जाना

    ओर अपनी गलतीयो को नही दोहरानेका

    (25)

    हर इबादत मंदिर की घंटी बजाने से पुरी नही होती

    कुछ इबादत गरीबो की सेवा से भी पुरी होती है

    (26)

    अपना ओर सपना मे फरक इतना है

    जितना फरक दुनिया ओर स्वर्ग मे

    (27)

    वेसे करने के लिये बहोत काम है मगर एक काम एसा है जो सबको करना चाहिये प्रेम

    (28)

    हम तुम्हारी गली से कयु निकले ????????

    हम वो रास्ता है जहा से लोग निकला करते है

    (29)

    जब कोइ केहने लगे मेरा दोष नही तो उस से बडा कोइ दोष कोइ नहि

    (30)

    गलती सब से होती है मगर उस से सुधारना कुछ लोग ही जानते है

    (31)

    दो पक्ष को सुनके ही नतीझे पे पहोचना चाहिये

    पूर्वग्रह या एक पक्ष को सुन के किसी को अच्छा बुरा ना केहना चाहिये

    (32)

    एसा लगने लगे मुजसे गलती नही होति तब समज ना आप गलत रास्ते पे है

    (33)

    हम तो उसके हाथो से झहर भी पीना चाहते थे कंबख्त उसने पीलाने से इंनकार कर दिया

    (34)

    नशे की आग इतनी तेझ थी की वो एक थी मगर हर जगह नझर आने लगी

    (35)

    हमने सपनो का महेल खडा किया मगर उसने अपना केहने से इंनकार कर दिया

    (36)

    सासो मे उनका नाम था मगर उसके बिना सासे हि नही रही

    (37)

    खुशी से गाना गाने लगे हम

    उसके आनेका इंतझार करने लगे हम

    (38)

    ना सोचा था एसा कुछ होगा चाहेगे खुशि ओर मिलेगा गम

    (39)

    बहोत कुछ सोच समजके फेसला लिया

    खुशि के बदले गम का सहारा लिया

    (40)

    कुछ कहे बिना ना जाओ तुम तुमहारि खामोशि मेरा पल पल दिल तोडती है

    (41)

    यहा हर कोई खामोश है कयुकि यहा हर कोइ अपने मतलब से बात करता है

    (42)

    यहा हर कोइ अपना खयाल रखता है

    वो अपनो से जयादा रुपयो से प्यार करता है

    (42)

    शुभ दिन

    सुबह कि ये ठंड,

    हवा का चलना

    पंछी कि पुकार

    बच्चे का उठना

    अच्छा लगता है

    (43)

    गीर के पेड, तालाब,पंछी,फूल,गीर डुंगर बेहद खुब सूरत है

    (44)

    jukna etna mushkil nhi jitna akdu rheke girna...

    (45)

    दर्द बहुत होता है इश्क मे

    मगर इश्क किये बिना कोइ रेह नही सकता

    (46)

    आज कल लोगो के दिल अपनी जेब मे रेहते है यु कोइ अच्छा लगा की दे दिया

    (47)

    हर लम्हा दिल पुकारे मेरे दोस्त मिल जा आज

    मेरे यार खाना पीना अच्छा नही लगता आज

    (48)

    आज निशान चुक गया

    न जाने दिल कहा खोगया

    (49)

    गरमी मे आम ओर

    साथ मे आप

    किन्ना सोना लगता है

    (50)

    फूलो की बाते हर कोइ सुनता है मगर कंटक की बाते किसि को पसंद नहि

    वेसे हमारे गम की आहटभी किसि को पसंद नही होती

    (51)

    हर नइ सुबह हमारे दरवाजे पे नइ सोच के साथ दस्तक देती है

    (52)

    अगर हम होसला रख के नइ राह पर चलने लगे तो वहा भी एक नया रास्ता बन जायेगा

    (53)

    अगर हम किसि को फूल ना दे सके तो हम उसे कंटक भी नहि दे सकते

    (54)

    अपने सपनो मे खुद जीना होगा कयुकि उस से बेहद खुशी मिलती है

    (55)

    मुजे किसी ने पुछा तुम अपने बेटे को कया बनाना चाहती हो

    मेने इतना ही कहा गलत काम के सिवा वो जो करना चाहे वो मे उसे बनाउगी

    (56)

    जो काम हम ना कर सके वो अपने बच्चो के पास दबाव डाल के ना करवाये

    बच्चो के भी कुछ अपने सपने होते है

    (57)

    भुतकाल मे भी सूरज दिखता था सूरज आज भी दिखता है फिर भी लोग केहते है

    जमाना बदल गया मे केहती हु जमाना बदला या लोगो कि सोच बदल गइ

    (58)

    आज की सोच और पुरानी सोच मे फरक इतना है कि पेहले लोग

    पुरे कपडे पेहनके रुढीवादी थे आज लोग अधुरे कपडे पेहनके रुढीवादी है

    (59)

    मेरी ताकात उसका विश्वास है

    मेरी खुशी उसका हसना है

    आज और कल मे इतना फरक है

    कि आज वो मेरे साथ नही है

    (60)

    समंदर की गहराय को नाप ने की कोशिश मत करना कयुकि

    वो मेरा दिल नहि; तेरना नही आने परभी साथ लेकर चलेगा

    (61)

    आज कल कि गरमी और आज कल के लव

    स्वीच और रीमोट की तरह है

    शरु और बंद होते है

    (62)

    कुछ बिखरे सपनो ने बिखेर दिया है

    न जाने आपको याद दिला दिया है

    (63)

    आज का दिन जैसे चमका

    आज का दिन जैसे चमका

    अरे भाइ वो जेसे चमकता है वेसे ही चमका है

    तु चिंता मतकर

    (64)

    कान्हा

    सब से बडी दौलत प्यार है तो

    लोग रुपियो के दिवाने कयु है

    (65)

    खुदगर्ज मे नही बन सकती कयुकी

    मे कही बार केह चुकी हु मुज को तुम से प्यार

    (66)

    हर लम्हा खुश है कयकि

    मे जहा होती हु खुश रेहती हु

    (67)

    जब तक सांस हे तब तक ना इच्छा खत्म होगी ना मुश्किल कम होगी न शांति होगी न सलामती सांस के रुकने से सब कुछ खत्म बस फिर आराम ही आराम हे

    (68)

    हाथ की लकीरे नसीब ओर ईश्वर को अगर कोई जान पाता

    तो ये दुनिया जन्नत होती ओर हम वहाँ के रहने वाले फरिश्ते

    (69)

    नफरत की आग इतनी तेज नहीँ जितनी एक सच्चे प्यार की जलाकर राख कर देगी

    एक चिंगारी अगर वो उठ गई तो

    (70)

    खुद कितना भी नीचे मत गिरो की उठाने वाला भी गिर जाए

    ओर बोल उठे मेरे क्या नसीब हे की मेँ इसे उठाने चलाया

    (71)

    विद्या की देवी हम पर प्रसन्न न हो ताकि हम जो भी लिखे

    सच्चा हो अच्छा हो प्यारा हो ओर सबसे अलग हो

    (72)

    सहारे की जरुरत उसे होती हे जो गलत रास्ते पे चलते हे

    सच्चाई की राह पर चलने वालो को सिर्फ़ हिम्मत की जरुरत होती हे

    (73)

    कुछ खोके कुछ पाया जाता है

    अपको खोके हमने ढेर दर्द पाये है

    (74)

    वो खुशनसिब है जो अपने प्यार को पाते है

    मगर वो बेहद खुशनसुब है जो अपनो के लिये अपनी महोब्बत को कुरबान करते है

    (75)

    जाने अनजाने मे हम अपसे महोब्बत कर बेठे

    अच्छे भले थे पेहले अब अपना चेन खो बेठे

    (76)

    होकर दुर हम ना खुश है

    आपको देखने कि ख्वाहिश है

    वेसे मिलते तो बहोत लोगो से है

    मगर आपको मिलने की ख्वाहिश है

    (77)

    देखकर भीड मे आपको दिल खुश हुवा

    न जाने कितना प्यार हुवा

    उम्मीदे बढ गइ आपसे मिलने कि

    मगर मिलने के बाद दिल बदमाश हुवा

    (78)

    इश्क की आग मे वो ही डुबता है जो तैरना जानता है

    (79)

    समय समय की बात है कल हम मल्लिका ए हिंद थे

    तो आज आप हमारे दिल के बादशाह

    (80)

    रानी की जिंदगी बहोत जीली अब दिल गरीब की कोटरी मे रहना चाहता है

    (81)

    वो पल की बात है आप हमपे आंख बंद करके भरोसा करते थे

    फिरभी हम आप से जुठ नही बोलते थे

    (82)

    दिल को आज किसी की तलाश है

    आप बादशाह और हम आपकी बेगम है

    (83)

    बादशाह तो उसे केहते है जो दिल से बडा और मन का उदार हो

    (84)

    हम मल्लिका ए हिंद है अपनी मात्रुभूमी अपनी माता और

    भारतमाता के सिवा अपना सर नही जुकाते तो तुम किस गंदगी के कीडे हो

    (85)

    मैने रब से हमेशा आपको मांगा

    मगर

    मेरे पेहले किसी और की दुआ कबूल हो गइ

    (86)

    चाहा तो बहुत नसीब ने अपना बन ने नही दिया

    वरना

    लोग दुनिया मे भागकर भी शादी कर लेते है

    (87)

    वो राझ, राझ ही रहेगा, जो राझ आज तक बहार नही आया

    वो राझ इस दुनियामे राझ बन गया वो राझ केसे बतावु तो वो राझ राझ केसे रहेगा

    (88)

    चाद से पुछा सब से हसीन कोन है

    मा कसम जुठ नही बोलुगी

    उसने सिरफ न सिरफ

    मेरा नाम लिया

    (89)

    कुछ पाने के लिये भले ही आपके पास कुछ ना हो मगर खोने को बहोत कुछ होता है

    (90)

    एक बात समज नही आइ उस दिन आपने कया समज के प्यार किया

    और आज कया मान के हमे छोड दिया

    (91)

    ना हो खामोश दुनिया के डर से

    इस दुनिया ने अच्छे अच्छो की

    जान लेली है

    *****