Mariz - a -ishk in Hindi Poems by Lakshmi Narayan Panna books and stories PDF | मरीज़-ए-इश्क़

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मरीज़-ए-इश्क़

मरीज़-ए-इश्क़

Lakshmi Narayan Panna

उन्हें फुर्सत कहां है मुल्क से दहशत मिटाने की ।

बनें हैं भेड़िये नेता जिन्हें आदत चबाने की।।

शहीदों की चिताएँ हर वर्ष जलती रहेंगी ।

अगर इस मुल्क के हम नौजवाँ बागी नही होंगें।।।।।

***

कभी रूकती नही है लेखनी डर के हुकूमत से ।

चली है चाल जब भी चाल इसकी क्या निराली है।।

***

तेरे होंठों को चूमने की हिमाकत कैसे करें।

कम्बख्त तेरी नाक बड़ी खतरनाक है।।

***

चिरागों की महफिलों के यही दस्तूर होते हैं ।

रौशनी बाँटते फिरते मगर खुद दूर होते हैं।।

***

शहर जलता रहा अपना मजहब की आग में ।

हम बैठे रहे मोहब्बत की आरजू लेकर ।।

***

ओ यूं ही जला बैठे घर अपना हमें देखकर ।।

मगर हम इतने तो चमकदार कभी न थे ।।

***

ओ बेवजह ढूंढते रहे , कि हमारे दिल में कौन है ।

अगर आइना उठा लेते , तो पहचान जाते ।।

***

कौन कहता है हमने भुला दिया उनको ।

हम तो सपनो में भी सताया करते हैं।।

***

उनकी किस्मत अच्छी जो गोदी में खेलते हैं ।

जो कुत्ते हुस्न वालों के गालों को चूमते हैं।।

हैं बदनसीब आशिक जो उनकी गलियों में घूमते हैं ।

और दूर से ही देख अपने हाथों को चूमते हैं ।।

  • ***
  • तेरी एक मुस्कराहट ने बेजुबान कर दिया ।

    बचपना था अब तलक तेरे हुस्न ने जवान कर दिया ।।

  • ***
  • ओ धीरे से आके जिंदगी में दिल चुरा के ले गए ।
  • हम मरीज-ए-इश्क केवल मुस्कराते रह गए ।।

  • ***
  • क्या हाल किया इश्क में , घायल बना दिया ।

    गले का हार बने ओ , हमे पायल बना दिया ।।

  • ***
  • सम्भल जाओ जरा देख हालत मेरी ।

    वरना शायर बनोगे हमारी तरह ।।

  • ***
  • दिल की जुबां बनकर मेरे अल्फाज आ गए हैं ।

    सितारों धुन कोई छेड़ो मेरे मुमताज आ गए हैं।।

  • ***
  • जब जब है उनको देखकर गज़ल याद आई ।

    ओ समझते रहे की मेरी याद आई।।

  • ***
  • तुझे बदनाम कर दूँ ये मेरी फितरत नही है जाना ।

    जब दिल करे मिलने का मेरे ख़्वाबों में आ जाना ।।

  • ***
  • उसने निंगाहों से पिला दी, शौक से हम पी गये ।
  • मर मिटे थे देखकर, और देखते ही जी गये ।।

  • ***
  • दोस्तों दोस्तों से न रूठा करो ।

    प्यार जब भी करो पहले झूठा करो ।।

  • ***
  • हमें तजुर्बा है इंशानों को पढ़ने का , गुरूर नही है ।

    आज जाना कि नादान है दोस्त मेरा , मगरूर नही है ।।

    ***

    चिरागों की महफिलों के यही दस्तूर होते हैं ।

    रौशनी बाँटते फिरते मगर खुद दूर होते हैं।।

  • ***
  • शहर जलता रहा अपना मजहब की आग में ।

    हम बैठे रहे मोहब्बत की आरजू लेकर ।।

  • ***
  • ओ बेवजह ढूंढते रहे , कि हमारे दिल में कौन है ।

    अगर आइना उठा लेते , तो पहचान जाते ।।

  • ***
  • कौन कहता है हमने भुला दिया उनको ।

    हम तो सपनो में भी सताया करते हैं।।

  • ***
  • उनकी किस्मत अच्छी जो गोदी में खेलते हैं ।

    जो कुत्ते हुस्न वालों के गालों को चूमते हैं।।

    हैं बदनसीब आशिक जो उनकी गलियों में घूमते हैं ।

    और दूर से ही देख अपने हाथों को चूमते हैं ।।

  • ***
  • तुमको देखा तो जाना , गज़ल हो मेरी ।

    पल भर ही सही , हमसफ़र हो मेरी ।।

  • ***
  • क्या हाल किया इश्क में , घायल बना दिया ।

    गले का हार बने ओ , हमे पायल बना दिया ।।

  • ***
  • तुमको देखा तो जाना , गज़ल हो मेरी ।

    पल भर ही सही , हमसफ़र हो मेरी ।।

  • ***
  • जब जब है उनको देखकर गज़ल याद आई ।

    ओ समझते रहे की मेरी याद आई।।

  • ***
  • बस यूं ही जिंदगी को जिए जा रहे हैं ।

    दर्दे दिल की दवा हर रोज पिए जा रहे हैं।।

    ***

  • हमने तो यूं ही कह दिया था, जान हाजिर है तेरे इश्क में ।
  • सुनकर मेरे अल्फ़ाज़ कम्बख्त ने, गोली चला दी ।।।

    ***

  • जिस्म की हर कली खिल रही है सनम ।
  • अब जवानी गले मिल रही है सनम ।।

    ओ उसे देखकर अब सँवारने लगे है,

    होंठ बनकर कमल खिल रहे हैं सनम ।।

  • ***
  • अपने चेहरे के नूर से कई गम छुपा लेते हैं हम ।

    फकीर जेब के अमीर दिल छुपा लेते हैं हम ।।

  • ***
  • कभी कभी दर्द-ए-दिल छुपाना पड़ता है ,

    भरी महफ़िल में मुस्कराना पड़ता है ।

    अक्सर ही दिल तोड़ दिया करते हैं हशीन चहरे ,

    अपना दिल बचाने के लिए उनका दिल चुराना पड़ता है ।।

  • ***
  • हमें तो वक़्त ने मारा कभी दौलत ने है मारा ।

    वक़्त मुझसे नही हारा वक़्त से मैं नही हारा

  • ***
  • हम तो मजबूर हैं मगरूर नही दोस्तों ।

    पलकें झुकाकर देख लो हम दूर नही दोस्तों ।।

  • ***
  • निगाहें दिल की जुबां पढ़कर के जान लेते हैं हम ।

    दर्द-ए-दिल दोस्तों का पहचान लेते हैं हम ।।

  • ***
  • जब ओ इतरा के चलते हैं तो दोनों हिलते हैं ।

    उनके झुमकों की चमक देख कई चित चोर फिसलते हैं ।।

    ***

  • काश एक रात हंशी हो जाये मेरी ,
  • हर रात का ठिकाना क्या है ।

    जाड़े में ही मिल जाये मोहब्बत तो सही ,

    बरसात का ठिकाना क्या है।।

    ***

  • इस कदर लहरा के चलोगी तो हम दीवाने बनेंगें ,
  • मुलाकात होती रहेगी तो फाँसने बनेंगें ।

    वरना वक्त गुजर जायेगा तन्हाइयों में यूं ही ,

    आज अजनबी हैं एक दूजे के लिए कल हमसफ़र पुराने बनेंगें ।।

    ***

  • मेरी बर्बादियों का जश्न ओ हर शाम मनाया करते हैं ,
  • कभी पोंछा नही मेरे बहते हुए अस्क ओ सबको दिखाया करते हैं।

    लोग हँसते हैं यह देखकर की बिना जख्मों के हँस रहा है,

    हम भी ऐसे दीवाने हैं जो जख्मों को छुपाया करते हैं ।।

    ***

  • लोग कहते हैं जनाब पन्ना क्यूँ पैमाना लिए फिरते हैं,
  • हम भी क्या करें जो ये दिल दीवाना लिए फिरते हैं ।

    जब उनसे पूंछता हूँ तो खीसें निपोर देते हैं ,

    के उन हशीनों से क्यूँ नही पूछते जो पूरा पूरा मैखाना लिए फिरते हैं ।।

    ***

  • तू पूजा नही खुदा की हुश्न की इबादत है ,
  • मेरी जिंदगी की हर साँस तेरी चाहत है ।

    कभी पूजा नही खुद को उसे आदाब किया करते हैं ,

    पूजना हुश्न को जनाब पन्ना की आदत है ।।

    ***

  • रौनक-ए-हुश्न तेरी जब रूबरू होती है ।
  • दिल में अजब सी हलचल तब शुरू होती है ।।

    ***

  • नामुमकिन सा लगता है तेरी रौनक बयां करना ,
  • कि तुझे हुश्न की मलिका कहूँ तो कुछ खाश न होगा ।

    मेरी शायरी में ओ बात कहाँ जो तेरी तश्वीर दिखा दूँ ,

    तुझे हर हंशी से हंशी कहूँ तो भी कुछ खाश न होगा ।।

    ***

  • बना के नूर तुझे आँखों में बसा लूँ ,
  • दिल ये कहता है तुझे पलकों पे बिठा लूँ ।

    जिनमे डूब गया तन मन मेरा ,

    दिल ये कहता है तेरी आँखों को आइना बना लूँ ।।

    ***

  • तेरी चाल देखकर कहीं दीवाने न हो जाएँ पन्ना ,
  • चूम लें लबों को तो कहीं मस्ताने न हो जाएं पन्ना ।

    है ये मौसम में रवानगी की दिल धड़क रहा है ,

    तेरे हुश्न की शम्मा जले तो कहीं परवाने न हो जाएं पन्ना ।।

    ***

  • क्या करूं ऐ जिंदगी कि उसे प्यार हो जाये ,
  • उसे ऐतबार नही मुझपर जो एक बार हो जाये ।

    तमन्ना है ओ मेरी शायरी की किताब हो जाये ,

    चूम लूँ लबों को तो दर्द-ए-दिल भी शबाब हो जाये ।।

    ***

  • तू गर मुश्करा दे तो कंकालों में भी जान आ जाए ।
  • कहीं जुल्फें न खुल जाएँ तेरी कि तूफान आ जाए ।।

  • ये खता मेरी है कि उन्हें दिल में बसा लिया ।
  • दिल ने भी तो खता की जो उन्हें अपना बना लिया ।।

    ***

  • कोई पूंछे अगर इस दर्द-ए-दिल की दास्ताँ ,
  • तो अल्फ़ाज़ों में बयाँ कर देंगे हम ।

    मगर जवाब उनको क्या दें ,

    जिनकी यादों में लगता है डीएम तोड़ देंगे हम ।।

    ***

  • अब रात हो गई तेरा ख़्वाब सतायेगा ,
  • और हौले से आके तेरा शाया जगायेगा ।

    जो मुझे मोहब्बत भरी बाहों में झुलायेगा ,

    और मस्त निंगाहों से मुझे जाम पिलायेगा ।।

    ***

  • तेरी नजरों की मयकशी मुझको मैकश बनाती है ।
  • जिगर घायल बनाती है मुझको शायर बनाती है ।।

    ***

  • तुझे चाँद से भी ज्यादा हशीन कहूँ,
  • तो तेरे हुश्न की तौहीन है ।

    ख़्वाबों में देखी थी परियों की रानी,

    तू उससे भी कहीं ज्यादा हशीन है ।।

    ***

  • नजरें झुकाये तो हम जा रहे हैं, तो क्यूँ आप इतना शर्मा रहे हैं ।
  • अगर मोहब्बत है हमसे आपको, तो कह दीजिये रूकिए रुकिए हम भी आ रहे हैं ।।

    ***

  • हमें खबर है कि ओ खफा हैं, जो नजरें चुराये रहते हैं ।
  • हाले दिल हमको भी खबर है, जो हमसे छुपाये रहते हैं ।।

    ***

  • शुक्र है आपका मोहब्बत न सही, इरादा तो किया ।
  • आये न सही महफ़िल में, मगर वादा तो किया ।।

    ***

  • मुलाकात होती रहेगी तो हमसफ़र बन जाएंगे ।
  • वरना इन दूरियों से मुसाफिर भटक जाएंगे ।।।

    ***

  • हर ओ हुश्न मगरूर हो जाता है, जिसे हम दिल रखते हैं ।
  • कभी हँसता है तो कभी रूठ जाता है, जिसे हम दिल में रखते हैं ।।।

    ***

  • चाहे जितना हँसो पीने वालों पे,
  • कभी मैखाने में रोओगे ।

    आज दीवानों पे हँस लो जनाब,

    कभी दीवानगी में रोओगे ।।

    ***

  • ये जख्म फूलों ने दिए हैं काँटों से कोई शिकवा नही ।
  • बेवफा तो है चाँद मेरा तारों से कोई शिकवा नही ।।

    ***

  • हर अदा हुश्न की शायर बना देती है ,
  • खता नजर की है जो घायल बना देती है ।

    जाने कहाँ से बस गयी हर दिल में मोहब्बत ,

    जो नशा बनकर एक रोज पागल बना देती है ।।

    ***

  • बहारें बेवफ़ा होती हैं जो पल भर का साथ देती हैं ।
  • वफ़ा तो तन्हाइयों ने की है जो हर पल का साथ देती हैं ।।

    ***

  • हुश्नवालों से पूंछा ये रौनक कहाँ से पाई है ,
  • तो इतरा के बोलें कि कुदरत ने बनाई है ।

    चमन से पूंछा ये बहार कहाँ से पाई है ,

    तो लहर बोला कुदरत ने बनाई है ।।

    जब जख्मी दिल से हाल-ए-दिल पूंछा तो रो पड़ा ,

    बोला ये जख्म उसी ने दिए हैं जिसकी हुश्न-ए-तश्वीर बसाई है ।।।

    ***

  • आज हँस लो मेरी किस्मत पे जो दीवाने हुए हैं हम,
  • जला लो शौक से हमको जो परवाने हुए हैं हम ।

    कल शमां और होगा जब नींद भर सोऊंगा,

    फिर रोओगे अपनी किस्मत पे जब बेगाने बनेंगे हम ।।

    ***

  • अदाएं बेमिशाल उनकी नाज नखरों पे है उनको,
  • बिजलियाँ चाल से गिरतीं नजर मैकश बनाती हैं ।

    दिखातीं हुश्न का जलवा तो घटाएं नीर भर लातीं,

    फ़ँसातीं जाल में जिनके नाज जुल्फों पे है उनको ।।

    ***

  • उनके खामोश लब कुछ बयाँ कर रहे थे,
  • मगर हमें तो सिर्फ इशारों की समझ थी ।

    मेरी कस्ती डूबी मझधार में ,

    क्योंकि मुझे तो सिर्फ किनारों समझ थी ।।

    ***

  • कभी नफरत थी पैमाने से ,
  • उस बेवफा ने पीना सिखा दिया ।

    अब तो मौत है जिंदगी मेरी ,

    जिसने जीना सिखा दिया ।।

    ***

  • हम खो गए उन हशीनों की गलियों में,
  • जिन्हें हम याद करते थे ।

    क्या पता था ये ओ ही परिंदे हैं,

    जो हम दीवानों को बर्बाद करते हैं ।।

    ***

  • दिल ये टूट गया मेरा तो खता है मेरी,
  • न मैंने सोंचा न मैंने समझा दिल दे दिया उसे ।

    दिल कुर्बान किया उसपे तो खता है मेरी,

    बेवफा कैसे कहूँ उसको दिलरुबा है मेरी ।।

    ***

  • मेरा चाँद बड़ा शर्मिला है, रातों में ही आता है,
  • कभी यादों में कभी ख़्वाबों कभी राहों में आ जाता है ।

    जब हद से गुजरता है इंतजार मुलाकात का,

    तो हाल-ए-दिल कहने को दिन की रौशनी में जगमगाता है ।।

    ***

  • महफ़िल में आये हम तेरे आने के बाद,
  • कि नजरों को तेरा इंतजार न हो ।

    हम चल दिए तेरे जाने से पहले,

    कि तेरे जाने का गम तेरे बाद न हो ।।

    ***

  • तेरी महफ़िल में आकर हम तेरी नजरों के दीवाने हुए ।
  • कल तक थे हम अपने तेरे जाने क्यों आज तेरी नजरों में हम बेगाने हुए ।।

    ***

  • क्या पता था इश्क़ में हम इस कदर घायल बनेंगे ,
  • कि तेरी याद में घुट घुट के हम पागल बनेंगे ।

    तेरा दीदार यार कैसे करूँ के नजर न लगे,

    क्या पता था हाल-ए-दिल कहने को हम शायर बनेंगे ।।

    ***

  • जाने क्यों याद आती है तेरे जाने के बाद ,
  • याद आती हर बात जो कहनी थी तेरे जाने के बाद ।

    तेरी सूरत बसी रहती है दिल में जब तू सामने होती है ,

    दिल में इस प्यार बरसता है तेरे जाने के बाद ।।

    ***

  • आपकी हर अदा ऐ जान मेरे दिल को भा गयी है ,
  • और ये हंसी सूरत मेरे दिल में शमा गयी है ।

    नजरें उठा के मुश्करा दिया जो आपने ,

    आपकी ओ हँसी मेरे दिल को चुरा गयी है ।।

    ***

  • ओ दाँतों में ऊँगली दबाये खड़े हैं ,
  • जैसे गुलशन के दो फूल छुपाये खड़े हैं ।

    ऐसा लग रहा है मेरे दिल को ,

    कि ओ नैनों में किसी का प्यार छुपाये खड़े हैं ।।

    ***

  • उन्होंने नजरें उठा के देखा तो हम बेगाने लगे ,
  • उनकी गलियों से गुज़रे हम तो दीवाने लगे ।

    प्यार से उनकी तरफ देखा तो मुँह फेर लिया ,

    दुपट्टा दाँतों में दबा कर धीरे से मुस्कराने लगे ।।

    ***

  • यूँ निहारो न हमको प्यार से, ये दिल बेकरार हो रहा है ।
  • दिल में एहसास जग रहा है, कि हमें तुमसे प्यार हो रहा है ।।

    ***

  • बड़ा बेदर्द है महबूब मेरा जो ख़्वाबों में शताता है,
  • दिल में तूफान-ए-मोहब्बत है फिर भी न ये बताता है ।

    कभी आँहें कभी यादें कभी नखरे बनाता है,

    निंगाहे फेर लेता है जब कभी सामने आता है ।।