Noto ki notgiri in Hindi Drama by HASMUKH M DHOLA books and stories PDF | नोटों की नोटगीरी

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नोटों की नोटगीरी

नोटों की नोटगीरी

स्टेज पर १०००,५००,१००,५०,२०,१० की नोट खड़ी है एक दुसरे से बात चित कर रहे है और .५० पैसे और .२५ पैसे दोनों मुह लटकाये इक और बैठे है

१००० और ५०० की नोट बड़ी ही उछल कूद कर रही होती है उनको थोड़ा घमंड होता है इस बात का की उनका मान दूसरी सभी नोट से ज्यादा है, सब लोग उसको बहुत प्यार करते है उनको बड़े संभाल कर तिज़ोरियोमे रखते है

१०००: अरे ओओ..... चिल्लर नोटों , क्या देख रहे हो, हम सब कुछ जानते है की आप लोगो

को हमारे से जलन हो रही है, सब लोग हमें इतना प्यार जो करते है

५००: एक दम सही फरमाया बाबूजी आपने इन लोगो को तो जलन होगी ही, और होनी भी

चाहिए सबको पताभी तो चलाना चाहिये की हमारा कितना मान सम्मान है, लोग हमें

पूजते है, हमारे आगे सर जुकाते है और हम जैसा चाहे वैसा उनसे करवा सकते है

ये सुन कर १०० और ५० की नोट थोड़ी दुखी होती है और उनको इन दोनों पर गुस्सा भी आता है

१००: आप अकेले को थोड़ी पूजते है, हमको भी तो पूजते है,

५०: हा हा हमारा भी तो मान सम्मान करते है, हमारी भी कुछ इजात है यहाँ

ये सुनकर १००० और ५०० की नोट दोद्नो बड़े जोर जोर से हसते है ...और बोलते है

१००/५००: इज्जत और तुम्हारी कचरे की डिब्बे जैसी .....हा हा हा हा

ये सुन कर २० की नोट से रहा नहीं गया, ये बड़े गुस्से वाले स्वभाव की होती है

२०: अरे ओय खबरदार जो हमें दुबारा ऐसा कहा तो पंची से कह कर तुम्हारा तबादला करवा

दूंगी

ये बात सुनकर सब दंग रह जाते है की पंची से कह कर तबादला......

१००; अरे बीसी ये क्या कह रही हो

५०: हा हा क्या कह रही हो भला पंची कैसे इनका तबादला कर सकती है, वो खुद तबदील

जैसी हालत में आज कल यहाँ से वहा फिर रही है

२०: इसीलिए तो मै कह रही हु की उनकी हालत तबदील जैसी है, तो उनकी कुछ तो सेटिंग होगी न ऊपर तक, इतने लम्बे अरसे से जो वो यहाँ से वहा घूम रही है

१००: हा ऐसा कुछ हो सकता है

५०: यदि ऐसा है तो तो मजा ही आ जाएगा सबको दिखा देंगे की छोटे को छोटा नहीं

समजना चाहिये वो कभी भी बड़ा धमाका कर सकते है

ये सुनकर १००० और ५०० की नोट बडे चंचल स्वभाव से और थोड़े गुस्से के साथ बोलते है

१०००: अरे ऐसा थोडिना हो सकता है..?,

यदि हमारा तबादला होगा तब तो हा हा कार मच जाएगा पुरे देश में

५००: हा और सभी लोगो को क्या क्या परेशानी होगी इसका अंदाजा भी है आपको...?

और पंची से भला क्या हो सकेगा...?, वो तो खुद फटीचर है

इतनेमे वो दोनों .२५ और .५० दोनों बोलते है

.२५/.५० अरे यही फटीचर ही आज कल ऐसा सब कुछ कर सकते है, बाकी सीधे सादे तो

हमारी तरह बाहर फेंक दिए जाते है

१०: हा ये सही बात तुम बच्चोने बतायी , पंची कैसी भी हो किन्तु किसीने उसे कही अटकते

हुए देखा है हममेसे किसीको भी जराभी खरोच लगी होती है तो तुरंत वापस मरम्मत

करवानी पड़ती है किन्तु पंची जैसी भी हो फटाफट दोड़ती है, आधी अधूरी कही अटकती

नहीं है

इतने में ५०० बोलती ही

५००: अरे ऐसा कुछ नहीं है वो तो आज कल उसकी कमी है इसीलिए ऐसा सब कुछ हो रहा

है, वरना इसकी क्या मजाल की वो हमारे सामने आये, वो आज कल बहुत आलसी हो

गई है कुछ काम भी नहीं करती और पूरा दिन यहाँ से वहा फिरती रहती है

१०००: हा कहा है वो..? सुबह से कही नजर नहीं आ रही

इतने में पंची स्टेज पर आती है और गीत गुन गुनाते हुए धूम मचाते हुए आती है

५: मुजको पहेचान लो

मै हु कोन.......

पंची...पंची...मै हु पंची पंची.....

१०००: अरे ओ...कोनकी बच्ची...चुप कर अपाना ये बेसुरा सुर..

ये गाने से तू कोई डॉन- बॉन नहीं कहेलाएगी

और ये बता अब तक तू थी कहा ...?

५: अरे दादाजी मै पंची हु पंची , पंची फटीचर चाहे कैसी भी हालत में कही पर भी जाउ

लोगो को मुझे लेना ही पड़ता है क्यूंकि सबको पता है फटीचर तो फटीचर पंची है ना

यदि ये नहीं ली तो दूसरी कहासे आएगी और रही बात ...मै कहा थी तो...?

५००; हा हा कहती ..सुबह सुबह से निकल पड़ती हो

कोई काम धंधा नहीं है का ...?

५: वही तो कर रही थी अब तक अपना काम

सुनने में आ रहा है की आज कल आप लोग बहुत सारे लोगो के घर में एशो आराम से

पड़े रहते हो

१०००: हा पंची ...तूने सही सुना ..यही तो हमारा काम है सबको अपना गुलाम बनाना

५००: जी हा पंची ..लोग तो हमारे गुलाम है, जहा भी जाओ, जो भी करो पर यदि हम नहीं

तो वे कुछ नहीं कर सकते , हा हा हा हा

किन्तु तुम्हे इसासे क्या लेना देना ...?

५: लेनादेना है इसीलिए तो ...

आप बड़े लोगो की वजह से हम सबका जीना दुश्वार हो गया है, अब आपका कुछ न कुछ

तो करना ही पड़ेगा

५००; तू क्या कर सकती हो हमारे सामने ..तू कहा और हम कहा

१०००: हा ...कहा राजा भोज और कहा गंगू तेली ..?

५: वो तो टाइम आने पर पता चल ही जाएगा की कहा राज भोज और कहा गंगू तेली ..?

५००: ओह तो अब चींटी चली पहाड़ उठाने...

५०: पहाड़ ज्यादातर चींटियाँ ही उठाती है, आप कभी पहाड़ उठा कर देखना उसके नीछे चीटिया होती ही है और वो पूरा पहाड़ उसके ऊपर पड़ा हुआ होता है ...

१०००: अबे गधे अठन्नी ...तेरी इसी पागलपंती की वजह से तुजे सरकार ने बेदखल किया

हुआ है, और तू यहाँ बैठा बैठा हम सबको पागल कर रहा है ..कुछ काम धंधा ढूंढ

वरना तू किसीको समाज में मुह दिखाने के लायक भी नहीं बचेगा

५००; और चवन्नी तू भी कान खोल कर सुनले

कल से कोई काम ढूँढना शुरू करदे वरना तुजे इस बिरादरी से बाहर कर देंगे

.२५ तो क्या अभी मै इस बिरादरी में हु क्या...?

अठन्नी तुम भी......?

अठन्नी : लो भाई कार्लो बात....हमतो बरसो पहेले ही इस बिरादरी से बेदखल किये हुए है ,

फिर से ये हम कोंसी नयी बिरादरी में आये ....

बात करते है बिरादरी की ....आप सब बड़ी लोगो की वजह से ही आज हमारी ये

हालत हुयी है हा....

१०००: अरे चुप कर अठन्नी , ये अनाब शनाब बोलना

१००: अरे इसमे चवन्नी और अठन्नी क्या कर सकते है..?

आप उनको क्यों डांट रहे हो ..?

२०: हा, पंची का गुस्सा आप बिचारे इन दोनों पर क्यों निकाल रहे हो

५: अरे आप दोनों जरा संभल कर रहिएगा, क्यूंकि आप पर मोदी देव की महादशा चल रही

है हा

५००: ओये पंची अब चुप चाप रह कर अपना काम करना वर्ना तुजे मै हमेशा हमेशा के लिए

बंद करवा दूंगा

५: अरे बाप रे.... उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,

आप मुझे बंद करवाओगे ...मुझे इस पंची को जो बिना रुके सब जगह दोड़ती है जहा

चाहे वहा जाती है ,आपकी तरह छिप छिप कर में कोई काम नहीं करती

१०००:अब भी तू बोल रही है, चुप हो जा वरना तुजे भी इस बिरादरी से बाहर करवा दूंगा

५: ओह्ह्ह ....ऐसी बात है अब तो बात आन बाण और शान की है

मुझे जानते है आप ...?

मै कौन हु....?, क्या करती हु ..?

१०००; अबे तुजे कोई जान कर करेगा भी क्या ...फटीचर ...

५: ह्म्म्म, किन्तु अब सब जानेंगे,,,क्यूंकि ये फटीचर अब फटीचर नहीं है...सिर्फ नाम की .

फटीचर है बाकी काम तो मेरा कुछ और ही था

ये सुन कर सब लोग अचम्बे में पड जाते है आज उनको पंची का एक नया ही रूप देखनेको मिला है, फिर १० उसे पूछती है

१०: अरे पंची क्या बोल रही हो तुम

५: हा मै सही कह रही हु

मै एक मिशन पर थी, वैसे ही मै अपनी किसी भी हालत में यहाँ वहा नहीं जा सकती थी ,१०: मिशन ....?

५: हा एक मिशन पर,

२०: कैसा मिशन पंची

५; इन बड़े लोगो के काले काम और करतूतों पर नजर रखने का मिशन

ये कहा कहा जाते है , कितनी देर रुकते है, और कौन कौन लोगो से उनकी जान पहेचान

है ये सब बातो का ध्यान रखना मेरा काम था

५०; मतलब....?

५:मतलब ये की मै हमारे मोदी देव के एक मिशन का सीक्रेट एजेंट हु

ये सुनकर सभी बड़े आश्चर्य से बोलते है

सभी: सीक्रेट एजेंट .....?

५: जी हा सीक्रेट एजेंट, जब से इस देश में हमारे मोदी देव प्रधान मंत्री बने तबसे उनका ये मिशन चालू हुआ था, जिसे इसके विरोधियो के लिए शनि देव भी कहा जाता है, उनके बारे में ऐसा कहा जाता है की यदि इसकी द्रष्टि किसी पर पड़ी तो वो उसके मूल तक भी नहीं रहेने देंते, ऐसे मोदी देव की द्रष्टि में १००० और ५०० थे और इन दोनों पर निगरानी के लिए मुझे रखा गया था एक सीक्रेट एजेंट के रूप में

१०: अरे ...ये गोल गोल बाते मत कर, जो भी कहेना है साफ़ साफ कह ...

५: मैंने तो पाही भी साफ़ साफ़ ही कहा था की आप इस समय मोदी देव की महादशा चल रही है, कभी भी कुछ भी हो सकता है

५००: ऐसा तुम कैसे कह सकते हो

५; क्यूंकि मेरी मोदीदेव से डेयली लाइव चैटिंग होती है

ये सुन कर सब की आँखे फट जाती है और बोल उठते है

सभी: डेयली लाइव चैटिंग..?

५:हम्म...डेयली लाइव चैटिंग..

१००: तो अब क्या होने वाला है

५: इस समय हमारे अनुसार देश में सभी करंसी पर मोदी देव की महादशा चल रही है, कब कैसे और किस हालात में किसका क्या हो जाए ये तो केवल मोदीदेव ही बता सकते है

किन्तु हा मै इतना अवश्य बता सकता हु की उनकी चाल चलन से वो आज रात कुछ घोषणा करने वाले है ...

५०; आज रात घोषणा करनेवाले है....?

१००; क्या घोषणा करेंगे पंची ...?

२०: हा हा पंची क्या घोषणा करेंगे ..?

५: अब तो वो थोड़ी देर में ही पता चल जाएगा की क्या घोषणा करनेवाले है .....

इतनेमे एक घोषणा होती है की ५०० और १००० की पुरानी नोट अब से बंद होगी नयी २००० की और ५०० की नोट आएगी और पुराने नोट की बेंको और सरकारी कार्यो में उसकी स्वीकृति ५० दिन तक की जायेगी, ये सुन कर ५०० और १०० की नोट को दिल का दौरा पड़ता है और वे दोनों अपना हाथ अपने दिल पर रख कर जमीन पर गिर जाते है और कोई मरीज की भाति बन जाते है

१०००; अरे रे ये क्या हो गया एक पल में ..

हम कहा थे और कहा पहुच गए..

ये क्या करदिया मोदीदेव ..आपने ये क्या कर दिया ..?

५००: हा ये क्या हो गया ...अब कोण हमें पुन्जेगा..? कोण हमें मानेगा..?

अब तो हम एक सामान्य कागज की तरह बन कर रह गए ...

एक पल में कहा से कहा पटक गए...अब तक जो समय नहीं कर सका वो मोदीदेवने

कर दिया ..हायरे मोदीदेव ....

इतनेमे अठन्नी और चवन्नी भी उनके पास आकर बैठ जाते है और बोलते है

अठन्नी : चलो हमारी बिरादरी में दो सदस्य तो शामिल हुए

हमें अपनी बिरादरी से बाहर करने की बात कर रहेथे थोड़ीदेर पहेले...और खुद ही

इस बिरादरी से बाहर हो गये

चवन्नी ; हा हा हा ...अब तो ये यहाँ अपने जूनियर हो गए अठन्नी और हम उनके सीनियर

वाह मोदी देव वाह सदा ऐसा ही करते रहो

१०:अब तो सब एक समान हो गए इन ५० दिन के लिए अब हमारे भी अच्छे दिन आये, .

अब तो हमारी भी डिमांड बढ़ेगी, वर्ना हमें तो सब हर जगह पर उड़ाते थे, और उंचाइयो

से गिर गिर कर हमारी हड्डी पसली एक हो जाती थी

२०: तुम ने सही बताया, अब तो हम सब के अछे दिन आये, अब सबके लिए हमारा मान

बढेगा

१००ने तो ख़ुशी से नाचते हुए गाना शुरू कर दिया ...

१००: आये रे भैया आये अब हमारे अच्छे दिन आये रे

यहाँ सब अब एक समान नहीं रहेंगे कोई बेईमान

आये रे भैया आये अब हमारे अच्छे दिन आये रे

५: चलो अब तो बड़ी बबल मचने वाली है लोगो में भी और हमारे मे भी

२० : बबाल..?

५० : कैसी बबाल पंची..?

५: अब ये बबाल नहीं तो और क्या ...सब लोग दोडने लगेंगे पुराने नोट को बदलने के लिए

लम्बी लम्बी लाइनों बनेगी कई लोग लड़ेंगे तो कई लोग फसेंगे ...

१००: हा किन्तु वो तो लोगो की परेशानी है ., इसमे हमें क्या लेना देना

५; अरे कैसे नहीं लेना देना...?, अब उनके हर लेंन देंन में हम ही तो सब होंगे हमारे अलावा

उनकी लेंन देंन कोन करेगा ....?

५०:अरे इतनी देर में भूल भी गए की हमारी दादीजी कुबेरजी के निवास से आ रही है वापिस,

यहां की ये हालत को देख कर, इस परिस्थिति को काबू में लेने के लिए कुबेरजीने उसे यहाँ भेजा है और वो थोड़ी ही देर में यहाँ पहुच जायेगी

इतनेमे २००० की एंट्री होती है ..

२०००: हेल्लो एवरी बच्चो ...कैसे हो ?

सभी : (बड़े जोर से ख़ुशी से बोलते है)..ओहो...दादीजी...

और सभी उनको उठा लेते है और गाना गाने लगते है

ओओ दादीजी रे दादीजी

ओओ ..दादीजी आई रे ..

ओओ दादीजी रे दादीजी

ओओ ..दादीजी आई रे ..

२०००: अरे अरे..उतारो उतारो मुझे निचे उतारो वरना आप मुझे गिराओगे तो फिर..मुझे भी

१००० और ५०० के साथ बैठना पड़ेगा ...उतारो निचे ...

सभी : हम सब अच्छे है, सिवाय १००० और ५०० के ...

२०००; हा ये तो होना ही था जो अभिमान में जितना ऊँचा चढ़े उन्हें इतना निचे तो एक

बार गिरना ही होता है, आज नहीं तो कल

१०: हा ये बात आपने सही कही

२०००: अब, जैसे की आप सब को पता ही होगा की इस आपातकालीन स्थिति को काबू में

करने के लिए मुझे यहाँ आना पड़ा है, इन दोनों निकम्मों के कारण, ठूस तुस कर

जमा होते थे, यदि सभी जगह पर इमानदारी से जाते तो आज ये नोबत नहीं आती

अब मुझे उन सभी लोगो तक पहुचना होगा और जब तक ५०० की पुनः मरम्मत न हो

जाए तब तक सारा कारभार मुझे करना होगा

१००: किन्तु इतने कम समय में ये सब कैसे करेंगे और ऊपर से ये शादी का माहोल है तो लोगो को तो बहुत ही दिक्कत होगी

२०००: हा तुमने सही कहा , किन्तु अब इस समय में छोटो का काम करना अति आवश्यक

है, अबसे इस काम का ज्यादा कारभार तुम पर होगा,

५०; और आप...?

२०००: मै तो तुम्हारे साथ ही हु, आप सब तो पहेले से ही सबके पास है, और मै अभी अभी

आई हु तो पहेले मुझे सबके पास पहुचना होगा तभी सब ठीक हो सकेगा ...

जब तक मै सबके पास नहीं पहुच जाती तब तक का सारा काम आप सभी पर है

५: जी दादीजी आप बिलकुल चिंता न करे हम अपनी जवाबदारी पूरी तरह से निभायेंगे ...

२०; हा दादीजी, हम अपना काम बड़ी सावधानी और इमानदारी से करेंगे

२०००; मुझे तुमसे यही आशा है मेरे बच्चो ....

(कुछ दिनों के बाद )

२०; अरे अब तो कई दिन बीत गए, इस हंगामे को

१००: हा हा और इतने कम समय में हमें कितना भाव दे रहे है लोग

५०: हा जहा देखो वहा बस लोग हमें ही चाहते है, १००० और ५०० का तो कोई मोल भी नहीं

पूछते

५; अरे बिचारो की हालत तो देखो ..कैसी हो गयी है , कुछ दिनों पहेले जिन्हें लोग पुन्जतेथे

आज उन्ही नोट में लोग चना ममरा खा रहे है और ये दोनों आज यहाँ पड़े पड़े देख रहे

है अपनी ये हालत

.२५: अरे पंची अब तो और मजा आ रहा है जीने में, पहेले तो बड़ा सुना सुना लगता था पर

जबसे मोदी देव ने कृपा की है तबसे जिने में आनंद ही आनंद आ रहा है ....

१०:अब तो बड़ा मजा आ रहा है मुझे भी सब जगह पर हमारी आवश्यकता पड़ती है , छुट्टे

के लिए सब अब हमारे पास आ रहे है ..

५००: अरे बाप रे ...बड़ी बेदर्दी हो रही है अब तो बड़ी बेदर्दी....

५: बेदर्दी नहीं ....बैमानी बोलो बैमानी ..अपनी कहानी अपनी जिंदगानी ये बैमानी ....

१०००: सही कहेती हो पंची तुम, यदि हम इमानदार रहे होते तो आज न तो इन देशवासियों

को इतनी तकलीफ हो रही होती और नहीं हम आज इन स्थिति में यहाँ ऐसे पड़े होते

...ये बैमानी बड़ी ही खतरनाक होती है जो पहेले मजे करवाती है और फिर बड़ी बेदर्दी

हो कर इतनी घातक सजा करती है की किसीकी सोचने का मौका भी नहीं देती

२०००: हम्म.अब आईना अक्ल ठिकाने, यदि पहेले ये सब सिख गए होते तो आज ये नोबत

नहीं आती, किन्तु जब बैमानी का भूत तुम पर सवार था तो दूसरा थोडीना कुछ

दीखाय देता इसी लिए हम सब को इमानदार बनकर पूरी इमान्दरिके साथ अपना

काम करना चाहिए चाहे स्थिति कैसी भी हो पर इमानदारी नहीं छोड़नी चाहिए

१००;बिलकुल सही कह रही हो आप दादीजी आप....यदि सब इमानदारी से अपना काम करते,

अपना टैक्स भरते और इमानदारी से देश के विकास में सहयोग देते तो आज ये देश पुरे

विश्व की महासत्ता बन चूका होता

५: किन्तु अभी भी बहुत देर नहीं हुयी है, हम सब अभी नयी शुरुआत कर सकते है ....आज

से ही...

२०; आज से क्यों..अभी से ही.....

१०; हा हा अभी से ही ...

२०००; तो चलो बच्चो साथ मिलकर पूरी इमानदारी से हम अपने देश को और देश के

विकास के काम में पूरा सहयोग देंगे ये शपत लेते है....

सभी: हा हा हम शपथ लेते है

५: और आप भी .....(लोगो को कहेते हुए)...समजगयेना आप, वरना आपकी भी हालत ५००

और १००० की तरह होगी....सो बी अलर्ट और बी आनेस्टी ....जय हिन्द....वन्दे मातरम .....