Numbar Bole, Kismat Khole 4 in Hindi Spiritual Stories by Astrovision books and stories PDF | नंबर बोल, किस्मत खोले

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नंबर बोल, किस्मत खोले

नंबर बोले, किस्मत खोले

अंक 1,2 और 3 रहस्य,प्रभाव और शक्तियां

अंक ज्योतिष में प्रत्येक अंक की अपनी विशेषता होती है, जिसके आधार पर व्यक्ति अपने बारे में बहुत कुछ आकलन कर सकता है। अपनी दिनचर्या से लेकर भविष्य तक का हिसाब लगा सकता है। यह अंक जन्म की तारीख से निकाला जा सकता है। आज पूरा संसार जिन भारतीय अंकों 1 से लेकर 9 के जरिये विज्ञान और गणित की गणनाएं बड़ी सहजता के साथ कर रहा है। वे सभी ब्रह्मांड के नौ ग्रहों से प्रभावित हैं। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी अंक से जुड़ा हुआ है। अर्थात कोई एक नंबर किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इनके अलावा सभी अंक उन्हीं की पुनरावृत्ति करते हैं। जैसे कि 10 के लिए 1 और 0 को जोड़कर 1 मिलता है, तो 11 के दोनों अंकों का जोड़ 2 है। इसी आधार पर बाकी के अंकों का संबंध मूल अंकों से निकाला जाता है। चाहे कितनी भी बड़ी संख्या क्यों न हो उनके अंकों को जोड़कर एक अंक में बदला जा सकता है। इस तरह से निकाले जाने वाले मूल अंक उस संख्या की आत्मा के समान होती है।

नोट: अंक ज्योतिष के कुछ और रहस्यों के बारे में जानने के लिए नंबर बोल, किस्मत खोले भाग—एक, दो और तीन अवश्य पढ़ें।

आज पूरा संसार जिन भारतीय अंकों 1 से लेकर 9 के जरिये विज्ञान और गणित की गणनाएं बड़ी सहजता के साथ कर रहा है। वे सभी ब्रह्मांड के नौ ग्रहों से प्रभावित हैं। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी अंक से जुड़ा हुआ है। अर्थात कोई एक नंबर किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इनके अलावा सभी अंक उन्हीं की पुनरावृत्ति करते हैं। जैसे कि 10 के लिए 1 और 0 को जोड़कर 1 मिलता है, तो 11 के दोनों अंकों का जोड़ 2 है। इसी आधार पर बाकी के अंकों का संबंध मूल अंकों से निकाला जाता है। चाहे कितनी भी बड़ी संख्या क्यों न हो उनके अंकों को जोड़कर एक अंक में बदला जा सकता है। इस तरह से निकाले जाने वाले मूल अंक उस संख्या की आत्मा के समान होती है।

अंक ज्योतिष में 1,2,3,4,5,6,7,8 और 9 पर विचार किया जाता है। इससे हमारी संपूर्ण जीवन-व्यवस्था प्रचीन काल से ही चली आ रही है और आज हम जिस डिजिटल दौर में आ चुके हैं उनमें इन अंकों की प्रमुखता बढ़ गई है। इन्हें ही तंत्र विद्या के जानकारों में कैलेडियन, हिंदू, मिस्र ओर हिब्रू लोगों ने अपनाया और इनका उपयोग किया। व्यक्ति के जन्म दिन से प्राप्त होने वाला मूल अंक का पहला और सीधी संबंध उससे प्रभावित किसी न किसी ग्रह से होता है। उससे होने वाला प्रभाव व्यक्ति के ऊपर जीवन भर साथ बना रहता है। हालांकि जन्म तिथि के अंक की व्यक्ति के नाम से प्राप्त होने वाले किसी अंक से समानता का होना कोई जरूरी नहीं है। वैसे नाम क अंकों के संबंध को भी नहीं नकारा जा सकता है। इस बारे में आगे के अध्याय में जानकारी मिलेगी।

जिनको अपनी जन्म कुंडली की जानकारी नहीं है उन्हें अपने प्रतिदिन के कार्य जन्मतिथि के अंक के अनुसार करने चाहिए। यह अंक उनके लिए सही मार्गदर्शक बन सकता है, तो कार्यसिðि सहज हो सकती है। इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं-

अंक 1

स्वामी ग्रहः सूर्य

राशि चिन्हः सिंह

शुभ दिनः रविवार और सोमवार

शुभ अंकः 2 व 7

शुभ रंगः सोने की आभा वाले रंग, पीले, सुनहरे भूर या तांबे के रंग

रत्नः टोपाज अर्थात पुखराज,कहरवा,पीला हीरा

प्रकृतिः अत्यधिक महत्वाकांक्षी, कार्य में बाधा पसंद नहीं करने वाला, आदर की चाहत तथा गरिमा और प्रशासन का प्रतीक नीडर स्वाभाव का शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ चुस्त-दुररुस्त होता है। इसमें आवेग के साथ-साथ अधीरता भी होती है।

रोगः इसके जातक को हृदय संबंधी रोगों के अलावा रक्तचाप और दहिनी आंख से संबंधित बीमारियां होती हैं।

विश्लेषण

सूर्य का प्रतीक अंक एक न केवल सभी अंकों का आधार है, बल्कि जीवन का भी आधार है। शेष अंक इसी से उत्पन्न होते हैं। इसकी मौलिकता व्यक्ति की सकारात्मक या कहंे कि उसकी धनात्मक क्रियाओं को दर्शाता है। सक्रिय सिðांत के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल होने वाले इस अंक में अनंत और अव्यक्त की अभिव्यक्ति भी देखी जा सकती है। इस कारण इसमें अहं का भी प्रतिनिधित्व भी पाया जाता है। इसमें आत्मनिर्भरता गरिमा श्रेष्ठता, आत्मीयता के साथ-साथ अलगाव के प्रतीक के रूप में महसूस किया जा सकता है। एक और महत्वपूर्ण बात इसकी गरिमा और प्रशासन के अस्तित्व की भी है, जो अखंडता, धार्मिक अर्थ में ईश्वर के प्रतीक तथा व्यवहारिक जीवन के रूप में इकाई को दर्शाता है।

यदि किसी व्यक्ति का जन्म 1,10, 19,28 तारीख को हुआ है तो उसका मूलांक 1 होगा। इस अंक के प्रभाव वाले व्यक्ति के सभी कार्यों में मौलिकता होती है और उसकी प्रवृत्ति हमेशा खोजी की बनी रहती है। वह अपने आप में लीन रहने वाला और अपने विचारों से दृढ़ निश्चयी होता है। इस कारण उसमें थोड़ा हठी स्वाभाव भी आ जाता है। इसके साथ ही उसमें स्वतंत्र अभिव्यक्ति , स्वभिमान और छल-प्रपंच से घृणा करने की प्रकृति पाई जाती है। जोखिम उठाने के मामले में नीडर और कर्मठ होता है। ऐसे व्यक्ति कारोबार हो या फिर नौकरी हर जगह अपनी प्रमुखता को बनाए रखना चाहते हैं। यह कहें कि जिस कार्यक्षेत्र में होते हैं उनमें अग्रणी बने रहते हैं। आगे बढ़ने की इच्छा हमेशा बनी रहती है।

यह सब बातों उन व्यक्तियों पर ज्यादा लागू होती हैं, जो 21 जुलाइ्र से 28 अगस्त तक पैदा हुए हों। यह सिंह का राशिचक्र है, जिसका स्वामी ग्रह सूर्य को कहा गया है। हालांकि बसंतकालीन विशुव काल में 21 मार्च से 28 अप्रैल तक सूर्य के प्रवेश होने के काल में पैदा होने वालो व्यक्तियों में इस तरह के प्रभाव विशेष रूप से प्रबल होता है। इस आधार पर अंक 1 वाले व्यक्ति को आपने काम के लिए किसी भी माह की 1,10,19 और 28 तारीख को महत्व देना चाहिए। इन तारीखों में बाधा रहित अच्छी शुरूआत हो सकती है और व्यक्ति अपने लक्ष्य को महत्वाकांक्षी उड़ान देने में सफल हो सकता है।

यदि 1 मूलांक वाले व्यक्ति 21 जुलाई से 28 अगस्त और 21 मार्च से 28 अप्रैल तक के समय में जो काम करेंगें उनमें बाधा नहीं आ सकती है। ऐसे व्यक्तियों के संबंध अपने अंक वाले या 2, 4 और 7 अंकों यानि कि 11,13,16,20,22,23,25 और31 तारीखों को पैदा होने वाले व्यक्तियों से अच्छे बन सकते हैं। इन अंकों वालों का साथ अच्छा निभ सकता है। एक-दूसरे के सहयोगी और सक्रिय बनाए रख सकते हैं।

मूलांक 1 वाले व्यक्तिों के लिए न केवल इससे संबंधित तारीखें महत्वपूर्ण है, बल्कि सप्ताह के रविवार और सोमवार भ्ीा विशेष महत्व रखता है। ये दो दिन उनके लिए एक तरह से शुभ होते हैं। यदि ये दिन किसी भी माह के 1, 10, 19 और 28 तारीखों में आएं या फिर 2,4,7,11,13,16,20,22,25,29 और 31 तारीखों में पड़ने वाले ये दिन भी शुभ होते हैं।

व्यवसायः अंक 1 वालों को चिकित्सा, आभूषण, बिजली की सामग्री, स्पोर्ट्स, राजनयिक, प्रशासनिक, श्रम आदि विभाग में उपयुक्त सफलता मिल सकती है।

दिशाएंः इस अंक वालों के लिए शुभ फल देने वाली दिशाएं पूर्व-उत्तर, उत्तर-पश्चिम, दिक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम हैं।

सर्वश्रेष्ठ सालः इस अंक वालों के लिए 7, 10, 11, 16, 25, 28, 29, 37, 46, 55, 64, 73 आदि वर्ष विशेष फल देने के साथ-साथ शुभ माने गए हैं।

अंक 2

स्वामी ग्रहः चंद्रमा

राशि चिन्हः कर्क

शुभ रंगः गहरा हरा सौभाग्य बढ़ाने वाला तथा सफेद व क्रीम सामान्य रूप से उपयुक्त होता है। इन्हें काले और अधिक गाढ़े लालव बैंगनी रंग से बचना चाहिए।

रत्नः मोती व पीले रंग के नग

शुभ दिनः रविवार, सोमवार और शुक्रवार

शुभ अंकः 1, 4 व 7

प्रकृतिः स्वभाव से सरल,कल्पनाशील,कलात्मक और रूमानी होते हैं। नई खोज के प्रति उत्साहित और सक्रिय रहते हैं, लेकिन शारिरीक क्षेत्रा के बजाय मानसिक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं।शरीर से निर्बल होते हैं।

विश्लेषण

अंक 2 का अधिष्ठाता ग्रह चंद्रमा है। यानि इसका स्वामीग्रह चंद्रमा है, जो सूर्य से संबोधित है। यह अंक भले ही विपरीतता को दर्शाता हो लेकिन इसे प्रमाण का पुष्टि का भी द्योतक माना जाता है। एक और एक का जोड़ होने के कारण इसे दोहरे गुणों वाला भी माना गया है। इस आधार पर इसमें सकारात्मक और नकारात्मक, क्रियाशीलता और निष्क्रियता, पुल्लिंग और स्त्रीलिंग तथा लाभ और हानि के गुण होते हैं।

अंक ज्योतिष के अनुसार इससे प्रभावित व्यक्ति का कोमल स्वभाव, शारीरिक गठन, भाग्य आदि सभी कुछ चंद्रमा के आधार पर निश्चित किया जाता है, जो एक नकारात्मक पहलू वाला होता है। यह कई बार दुर्भाग्यशाली साबित होता है। बदलावों की स्थितियां इसी की देन होती हैं। इसके प्रभाव वाले व्यक्यिों में चंचलता होती है और एक समय ऐसा भी आता है जब इस वजह से दुर्भाग्य की परिस्थितियां बन जाती हैं। ऐसे लोग खोजी प्रवृति के होते हैं, लेकिन अपने विचारों को दृढ़ कर कार्यरूप में व्यापक बदलाव नहीं ला सकते हैं। उनमें शारीरिक तौर पर निर्बलता होती है तथा वे मानसिक रूप से ज्यादा और जल्द प्रभाव में आ जाते हैं।

इस अंक वाले व्यक्ति के लिये प्रत्येक माह की 2, 11, 20 या 29 तारीखें शुभ होंगी। हालांकि उनके गुणों या स्वाभाव की विशेष झलक तभी मिल पाती है यदि उनका जन्म 20 जून से 27 जुलाई तक चंद्रमा के काल में हुआ हो। इस काल में 20 जुलाई के दिन प्रमुख माने जाते हैं। यदि ये तारीखें सोमवार के दिन और फरवरी माह में पड़ जाएं तो और अधिक शुभ हो जाएगा, इन दोनों का प्रतिनिधित्व करने वाला अंक 2 है। उन पर अंक 1 का भी असर होता है। इस कारण ऐसे व्यक्तियों का संबंध प्रायः 1 अंक वाले व्यक्तियों से ज्यादा जुड़ जाता है, लेकिन ये अंक 7 वाले व्यक्यिों से प्रायः कम ही संपर्क बना पाते हैं। यानि कि किसी माह में 7,16 या 25 तारीख को जन्म लेने वालों का संबंध अपेक्षाकृत कम होता है।

इसी प्रकार यदि उस व्यक्ति के शुभ वर्ष को जानना हो तो इसे दो प्रकार यानि तथ्यों के आधार पर देखा जा सकता है। एक तो व्यक्ति की आयु के आधार पर और दूसरा वर्ष के अंकों के आधार पर जैसे 2 अंक के लिये उसकी आयु के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 65, 74 वर्ष की आयु शुभ वर्ष होंगे, क्योंकि यहां आयु के सभी अंकों का योग 2 है। इस अनुसार इस अंक के व्यक्ति को 2,11,20 या 29 तारीखों को अपनी योजनाओं और विशेष कार्य के लिए पहल करनी चाहिए। यदि ये तारीखें 20 जून से 27 जुलाई के दौरान आए तो कार्य में सफलता की निश्चितता और बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त 1, 4, 7, 10, 13, 16, 19, 22, 25, 28 या 31 तरीखें भी महत्वपूर्ण और अनुकूल होती हैं।

मूलांक, भाग्यांक और जन्म वर्ष सभी का अंक 2 होने पर व्यक्ति का जीवन सामान्य तौर पर शुभ होगा। उनमें भावुकता व भ्रमणशील प्रवृत्ति का प्रभाव रहेगा। माता का सुख व स्वास्थ्य अच्छा होगा। ऐसे व्यक्ति के लिये सफेद रंग हमेशा शुभ रहेगा तथा अंक 2 वाला मकान नंबर का निवास शुभ रहेगा। अंक 2 का पंजीकृत वाहन शुभ रहेगा। इसी प्रकार अनुकूल रत्न मोती तथा अनुकूल धातु चांदी होगी। ऐसे जातक को चंद्र से संबंधित व्यवसाय जैसे द्रव पदार्थ, समुद्र यात्रा, चीनी, अन्न, दूध, दही, चावल, संपादन व अभिनय कार्य करना अधिक शुभ रहेगा।

मंत्र से व्यक्त्चि मंे प्रभाव बनाने के लिये चंद्र का मंत्र श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः का जाप अधिक शुभ होगा।

विशेषः 2,11, 20 या 29 तारीख को जन्म लेने वाला व्यक्ति अपने स्वाभाविक विशिष्टता का लाभ इन्हीं अंकों या इनसे संबंधित तारीखों से उठा सकता है। ऐसे व्यक्ति को बेचैनी या अस्थितर-चित्त होने से बचना चाहिए। उन्हें एकाग्रता से अपनी योजनाओं और विचारों में निरंतरता बनाए रखना चाहिए। साथ ही अविश्वास से बचना चाहिए। किसी के साथ या किसी योजना और कार्यक्षेत्र में पर्याप्त भरोसा कर ही कुछ बेहतर हासिल किया जा सकता है।

व्यवसायः इस अंक वालों के लिए तैलीय पदार्थ, समुद्री यात्रा, पशु व्यवसाय, डेयरी, मुर्गीपालन, घी, कागज, जल, कृषि, दवाइयां, पर्यटन, एजेंट, लेखन, संपादन, संगीत, नृत्य, जीमन-जायदाद, ठेकेदारी, पत्थर आदि में सफलता मिलती है।

दिशाएंः इस अंक वालों के लिए उपयुक्त और सफलता से संबंध रखने वाली दिशाओं में उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और उत्तर हैं।

सर्वश्रेष्ठ सालः इस अंक वालों के लिए शुभ सालों में 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76 श्रेष्ठ है, जबकि 25, 34, 43, 52, 61 और 70वें साल उत्तम फल देने वाले होते हैं।

अंक 3

स्वामी ग्रहः बृहस्पति

राशि चिन्हः धनु व मीन

शुभ दिनः बृहस्पतिवार,शुक्रवार और मंगलवार

शुभ अंकः 3, 6 व 9

शुभ रंगः गाढ़ा लाल, बैंगनी व इनसे मिलते-जुलते रंग के अलावा नीला, किरमिची और चमकील गुलाबी।

रत्नः जम्बूमणी अर्थात अमेथिस्ट नग

रोगः इस अंक वाले व्यक्ति को लीवर,अपच किडनी, या उदर वायु की शिकायत रहती है।

प्रकृतिः अत्यधिक महत्वाकांक्षी, स्वाभिमानी तथा दूसरों को अपने नियंत्रण में रखने वाले व्यवस्थाप्रिय होते हैं। आशावादी होने के साथ-साथ अवसरवादी भी होते हैं। सामन्य शरीरिक बनाबट होती है।

विश्लेषण

अंक ज्योतिष में 3 का स्वामी बृहस्पति ग्रह है। यह सबसे बड़ा ग्रह है और ज्ञान के ग्रह के रूप में जाना जाता है। अंक 3 के लोग व्यक्तिपरक, महत्वाकांक्षी, न्यायशील, आशावादी, निष्पक्ष, गतिशील और रचनात्मक होते हैं। अत्यधिक आत्मविश्वास वाले होते हैं और भाग्यशाली पैदा होते हैं और उनके कम उम्र में जीवन में अमीर बनने की संभावना होती हैं । रचनात्मक, मानवतावाद की गुणवत्ता, पुराने मूल्यों को नया अर्थ देने वाले और गतिशील व्यक्तित्व के होते हैं। शौकीन विचारों के ठाठबाट में रहने वाले होते हैं। साथ ही इनमें उदारवादी प्रवृति भी होती है। यह गुण उन्हें आकर्षक व्यक्तित्व का धनी बना देते ह। अक्सर लगता है कि ऐसे व्यक्ति स्वार्थी स्वभाव के होते है, लेकिन यह एक तरह का भ्रम ही होता है। अंक 3 का संबंध इस श्रृंखला के 6 और 9 से भी होता है। इस कारण 3, 6 और 9 अंक वाले व्यक्तियों में आपसी संबंध बना रहता है। ये एक-दूसरे बेहतर तालमेल बना सकते हैं और आपसी सहानुभूति भी रखते हैं।

अंक ज्योतिष के अनुसार 3, 12, 21 या 30 तारीखों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को मूल अंक 3 का माना गया है, लेकिन यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म 19 फरवरी से 27 मार्च तक और 20 नवंबर से 27 दिसंबर तक हो तो इनपर अंक 3 का विशेष प्रभाव देखा जा सकता है। ऐसे व्यक्ति को अपना कोई भी कार्य इन्हीं तरीखों के बीच अपने मूलांक वाली तारीख में शुरू करने के लिए उपयुक्त समय होता है। उन्हें इन तारीखों में अपना कार्यरूप देने का प्रयत्न करना चाहिए।

बृहस्पतिवार, शुक्रवार और मंगलवार इस अंक वालों के लिए शुभ बताया गया है, लेकिन बृहस्पतिवार अधिक शुभ माना गया है। यदि इन दिनों को 3, 6, 9, 12, 15, 18, 24, 27 और 30 तारीखों के साथ तालमेल बिठा कर काम किया जाए तो शुभ दिनों का अत्यधिक लाभ लिया जा सकता है।

व्यवसायः इस अंक वालों के लिए अध्यापन, वकालत, उपदेशक, मंत्री, राजनायकि, प्रबंधक आदि क्षेत्र में सफलता मिलती है, जबकि इनके लिए रेस्टोरंेट, भोजन के स्थल, आढ़त, सैन्य क्षेत्र और जलीय क्षेत्र व कार्य में सफलता मिलती है।

दिशाएंः अंक 3 वालों को अपना कारोबार या कार्यक्षेत्र दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, पूर्व और उत्तर दिशाएं उपयुक्त होती हैं। इन दिशाओं में यात्राएं करने से लाभ मिलता है।

सर्वश्रेष्ठ सालः इस अंक वालों के लिए 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27, 30, 33, 36, 39, 42, 45, 48, 51, 57, 63, 69, 72, शुभ वार्षों की श्रेणी के माने गए हैं।