द बेटर इंडिया
लेखकः श्रेया पारीक
ट्रान्सलेटरः मोनिका शर्मा
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इन भारतीयों ने पूरे विश्व भर में प्रसिद्धी पायी व अपनी मातृ—भूमि का नाम रोशन कियाद्य यह उन २५ असाधारण प्रतिभाशाली प्रवासी भारतीयों की सूचि है जिन्होंने कला, विज्ञान, व्यापार, साहित्य व अन्य अनेक क्षेत्रों में हमें गौरवान्वित किया हैद्य आइये जानते है इन महान हस्तियों के बारे में —
डॉ० नरिंदर सिंह कपानी
पंजाब में जन्मे प्रतिभाशाली नरिंदर सिंह कपानी जी फाइबर अॉप्टिक्स के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए जाने जाते है। उन्हें फॉर्च्यून पत्रिका के ‘सदी के महान व्यापारी', संस्करण में सात ‘गुमनाम नायकों' की सूचि में भी शामिल किया गयाद्य उन्हें फाइबर अॉप्टिक्स के खोजकर्ताओं में से एक के रूप में भी जाना जाता है जिसने सूचना प्रसारण के क्षेत्र में क्रांति ला दीद्य कपानी जी ने अपने जीवन में एक उद्यमी, समाज सेवी और एक विद्वान जैसी बहुत सी भूमिकायें निभायी, जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसा मिलीद्य
सलमान रुश्दी
मुंबई में जन्मे, ये 67 वर्षीय कश्मीरी भारतीय लेखक अपने द्वारा अंग्रेजी साहित्य में दिए गए योगदान के लिए विश्व—विख्यात हैद्य इन्हें उनके दुसरे उपन्यास, ‘मिडनाइटस चिल्ड्रन' में उल्लेखनीय कार्य के लिए सन् 1981 में प्रतिष्ठित ‘बुकर्स प्राइज' से सम्मानित किया गयाद्य उन्हें इसी उपन्यास के लिए सन् 1993 में साहित्य जगत के श्रेष्ठ पुरस्कारों में से एक, ‘बुकर अॉफ बुकर्स' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गयाद्य सन् 2008 में द टाइम्स ने अपनी सन् 1945 से अब तक के 50 महानतम ब्रिटिश लेखकों की सूचि में इन्हें 13वाँ स्थान प्रदान कियाद्य उन्होंने अपने व्यवसायिक जीवन की शुरआत ‘ओगिलवी एंड माथर' नामक विज्ञापन संस्था के लिए प्रति लेखक के रूप में की थीद्य उन्हें उनकी पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज' से जुठे विवादों के कारण भी जाना जाता हैद्य उन्होंने अब तक ग्यारह उपन्यास और कई लघु कथाएं लिखी हैद्य उनकी पुस्तकों का 40 से भी ज्यादा भाषाओँ में अनुवाद किया गया हैद्य उन्होंने सन् 1999 की जनवरी में फ्रांस का सर्वोच्च पद — ब्वउउंदकमनत कम स'व्तकतम कमे ।तजे मज कमे स्मजजतमे हासिल किया। उन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा साहित्य के लिए अपनी सेवाओं के लिए नाइट की उपाधि भी दी गई थी। इस अद्भुत विद्वान पर गर्व करने के अनेक कारण है, है ना?
एस. चंद्रशेखर
ब्रिटिश भारत के लाहौर में जन्मे चंद्रशेखर, ‘ब्लैक होल्स' पर किये गये अपने शोध के लिए विश्व—भर में जाने जाते हैद्य इन्हें सन् 1983 में अपने कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गयाद्य इनके योगदान से ही ‘चंद्रशेखर सीमा' को यह नाम मिलाद्य उनका सबसे मशहूर कार्य सितारों से आने वाली उर्जा की रेडिएशन्स पर केंद्रित रहा, विशेष रूप से सफेद ड्वार्फ तारों से आने वाली उर्जा की रेडिएशन्स परद्य सितारों के अंत होते हुए भागों को सफेद ड्वार्फ तारें कहा जाता हैद्य लंदन की रॉयल सोसायटी के सदस्यों की जीवनी संस्मरण में आर. जे. टायलेर ने लिखा था, ” चंद्रशेखर एक प्रतिष्ठित व्यावहारिक गणितज्ञ थे जिनका शोध मुख्य रूप से व्यावहारिक खगोल विज्ञान पर केंद्रित था और उनके जैसा शायद कोई कभी नहीं होगाद्य“
अमर्त्य सेन
पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में जन्मे यह भारतीय अर्थशास्त्री और दार्शनिक निम्न क्षेत्रों में अपने अद्भुत योगदान के लिए जाने जाते है— कल्याणमूलक अर्थशास्त्र, सामाजिक विकल्प सिद्धांत, आर्थिक और सामाजिक न्याय, अकाल के आर्थिक सिद्धांत और विकासशील देशों के नागरिकों की खुशहाली के उपाय के सूचकांक का निर्माण आदिद्य कल्याणमूलक अर्थशास्त्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वर्ष 1998 में इन्होनें आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार जीता। वह नालंदा विश्वविद्यालय के सचिव व हार्वर्ड सोसाइटी अॉफ फेल्लौज के सदस्य भी हैद्य इन्होंने अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपने लेखन के लिए भी प्रशंसा प्राप्त की हैद्य द आर्ग्युमेनटेटिव इंडियनरू राइटिंगस अॉन इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आइडेंटिटी इनके सबसे अच्छे कायोर्ं शामिल है।
विनोद खोसला
फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित अरबपतियों की सूचि में शामिल, खोसला ‘सन माइक्रोसिस्टम्स' के सह—संस्थापकों में से एक हैद्य सन माइक्रोसिस्टम्स वहीं कंपनी है जिसने ‘जावा प्रोग्रामिंग भाषा' और ‘नेटवर्क फाइल सिस्टम' बनायें हैंद्य कुछ समय बाद, इन्होंने खुद की कंपनी ‘विनोद वेंचर्स' की स्थापना कीद्य दिल्ली में जन्मे विनोद ने दिल्ली के ही ‘इंडियन इंस्टिट्यूट अॉफ टेक्नोलॉजी' से शिक्षा प्राप्त कीद्य ‘डेजी सिस्टम' और ‘ज्पम्' की स्थापना में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहाद्य इन्होंने पर्यावरण सुधारकायोर्ं के लिए निवेशक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैद्य खोसला ने इथेनॉल कारखानों, सौर उर्जा पाकोर्ं आदि जैसी विभिन्न पर्यावरण संरक्षण संबंधी योजनाओं को अपनी निजी संपत्ति से 45 करोठ डॉलर देने का वादा किया हैद्य इनके इन्हीं पर्यावरण संरक्षण संबंधी निवेशों ने इन्हें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में बेहद लोकप्रिय बना दिया हैद्य
हरगोविंद खुराना
इस भारतीय—अमरीकी जीव—रसायन वैज्ञानिक ने सन् 1986 में शरीर विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में शोध करते हुए जेनेटिक कोड को सुलझाने के लिये, रोबर्ट होल्ली और मार्शल निरेन्बर्ग के साथ नोबेल पुरस्कार जीता द्य पंजाब के रायपुर में जन्मे, खुराना ओलिगोनयूक्लियोटाइडस की रसायनिक कृत्रिम रचना करने वाले पहले वैज्ञानिक थेद्य विज्ञान के प्रति उनका योगदान जबरदस्त रहा है और उनके इसी योगदान ने उन्हें विश्व—भर में प्रसिद्ध किया हैद्य
रोहिंटन मिस्त्री
ये अन्तर्राष्ट्रीय प्रशंसित लेखक मुंबई में जन्मे थे और इन्होंने अपनी स्नातक संत जेवियर्स महाविद्यालय, मुंबई से कीद्य कुछ समय बाद, सन् 1975 में वह अपनी पत्नी के साथ कनाडा स्थानांतरित हो गए द्य उन्होंने अपनी पहली पुस्तक, ‘ स्विमिंग लेसंस एंड अदर स्टोरीज फ्रॉम फिरोजशाह बाग ' को सन् 1987 में प्रकाशित कियाद्य यह पुस्तक 11 जुडी हुई लघु कथाओं का संग्रह थीद्य उनकी दूसरी पुस्तक ‘सच ए लॉन्ग जर्नी' सन् 1991 में प्रकशित हुई और उन्हें इसके के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसा मिली द्य उनके अन्य लेखों ने भी इसी प्रकार लोकप्रियता प्राप्त की द्य उनकी तीसरी पुस्तक ‘ ए फाईन बैलेंस ' को उनके बेहतरीन कायोर्ं में से एक माना जाता है और उनकी इस पुस्तक को बुकर पुरस्कार के अंतिम व निर्णायक दौर के लिये चुना गया था द्य
पैन नलिन
यह पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक , पटकथा लेखक और वृत्तचित्र निर्माता गुजरात में पैदा हुए थेद्य वह अपनी अद्भुत और पुरस्कार विजेता फिल्मों के लिए बहुत प्रसिद्ध हैद्य उनकी पुरस्कार विजेता फिल्मों में समसारा, वैली अॉफ फ्लावर्स और आर्युवेदरू आर्ट अॉफ बीइंग शामिल हैद्य उन्हें अपनी पहली ही फिल्म ‘ समसारा ' के मोचन के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसा मिलीद्य समसारा फिल्म ने उन्हें 30 अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिलायें द्य उनकी दूसरी फिल्म ‘ वैली अॉफ फ्लावर्स ' रिलीज से पहले ही 35 देशों में बिक गई थीद्य उन्हें श्री अमिताभ बच्चन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्रांस—भारत सह—उत्पादन मंच के पैनल पर होने के लिए अमंत्रित किया गया था जो कि पेरिस के सैलून डू सिनेमा में आयोजित किया गया था द्य नलिन कहते है कि भारतीय अच्छें वृत्तचित्रों के लिए भूखें हैंद्य उनके अद्भुत काम से हमें लगता है कि वे उस भूख को तस्सली से शांत कर रहे हैद्य
वेंकटरमण रामकृष्णन
तमिलनाडु के चिदंबरम में जन्मे, इस संरचनात्मक जीवविज्ञानी को
” राइबोजोम की संरचना और उसके गुण के अध्ययन “ के लिए श्री थॉमस ए. स्टित्ज और श्री एडा ई० योनाथ के साथ वर्ष 2009 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था द्य वह ‘ यू. एस. नेशनल अकैडमी अॉफ साइंसेज ' के एक उत्कृष्ट सदस्य है द्य उनके चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2007 में उन्हें लुइस—जेंटेट पुरस्कार से सम्मानित किया गयाद्य विज्ञान में उनके महान योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2010 में भारत के दुसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण' से भी सम्मानित किया गयाद्य
मीरा नायर
राउरकेला, उठीसा में जन्मी इस अद्भुत फिल्म निर्माता ने अपने व्यवसाय की शुरुआत एक स्वतंत्र ‘लघु फिल्म निर्माता' के रूप में कीद्य मुंबई के स्ट्रिपरों की एक खोजी वृत्तचित्र के लिए ‘अमेरिकन फिल्म फेस्टिवल फॉर इंडिया कैबरे' ने मीरा को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र पुरस्कार से सम्मानित किया हैंद्य यह ‘मीराबाई' नामक एक फिल्म निर्माण कम्पनी भी चलाती हैंद्य इनकी पहली फिल्म ‘सलाम बॉम्बे' (1988) के लिए इन्हें ‘केन्स फिल्म फेस्टिवल' में ‘गोल्डन कैमरा अवार्ड' से सम्मानित किया गया, साथ ही सर्वश्रेष्ठ ‘विदेशी भाषा फिल्म' की सूचि में इन्हें ‘अकादमी पुरस्कार' के लिए भी नामांकित किया गयाद्य ‘द नेमसेक' और ‘मानसून वेडिंग' इनके सबसे लोकप्रिय कायोर्ं में शामिल हैंद्य इन्हें वर्ष 2012 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्म भूषण' से भी सम्मानित किया गयाद्य वह अपने कार्य के लिये विश्व स्तर पर प्रशंसित हैद्य मीरा को ‘हैरी पॉटर एंड द अॉर्डर अॉफ फिनिक्स' के निर्देशन के लिए भी प्रस्ताव मिले जिन्हें इन्होने ख़ारिज कर दियाद्य
अनीता देसाई और किरण देसाई
यह माँ—बेटी की जोठी असाधारण लेखन कौशल के लिए प्रसिद्ध हैद्य वर्ष 2006 में किरण देसाई के उपन्यास ‘द इन्हेरिटेंस अॉफ लोस' को ‘द मैन बुकर' और ‘क्रिटिक्स सर्किल फिक्शन' पुरस्कार मिलाद्य अनीता देसाई को ‘बुकर पुरस्कार' के लिए तीन बार नामांकित किया गया है। किरण अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित करने के बाद से ही विभिन्न उल्लेखनीय व्यक्तित्व वाले लोगों से वाहवाही प्राप्त कर चुकी हैंद्य अनीता वर्ष 1978 में अपने उपन्यास ‘फायर अॉन द माउंटेन' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और ‘द विलेज बाइ द सी' के लिए ब्रिटिश गार्जियन पुरस्कार भी जीत चुकी हैंद्य अनीता ‘रॉयल सोसाइटी अॉफ लिटरेचर' और ‘अमेरिकन अकैडमी अॉफ आर्ट्स एंड लेटर्स' की एक सदस्य है साथ ही वे ‘न्यू यॉर्क रिव्यु अॉफ बुक्स' के लिए लेखन भी करती हैंद्य अनीता के द्वारा लिखा गया उपन्यास ‘इन कस्टडी' इनके बेहतरीन कायोर्ं में से एक हैद्य
बी. रवि पिल्लै
केरल में एक किसान के बेटे के रूप में जन्मे, पिल्लै आज 70,000 से अधिक भारतीय कर्मचारियों के साथ सबसे बठे प्रवासी भारतीय नियोक्ता हैद्य पिल्लै स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, समाचार पत्रों, होटलों के साथ साथ लगभग 22 संगठनों और व्यापारों को चलाते हैंद्य यह सबसे बठी औद्योगिक निर्माण कंपनियों में से एक के संस्थापक और निदेशक है जहाँ इनके अंतर्गत लगभग 60,000 कर्मचारी कार्य करते हैंद्य इनकी कंपनी ‘नासिर एस. अल हाजरी कारपोरेशन' मध्य पूर्व में सबसे बठी औद्योगिक ठेकेदार कंपनी हैद्य इन्होंने प्रवासी भारतीयों को अपना बहुत योगदान दिया है जिस कारण से इन्हें भारतीय राष्ट्रपति द्वारा ‘प्रवासी भारतीय सम्मान' भी दिया गया हैद्य
कल्पना चावला
इस महिला को परिचय की कोई जरूरत नहींद्य करनाल, भारत में जन्मी, यह पहली भारतीय—अमरीकी अंतरिक्ष यात्री थी और साथ ही अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला भी। इन्होंने वर्ष 1988 में नासा के ‘एम्स अनुसन्धान केंद्र' में काम करना शुरू कियाद्य कल्पना ने अपने व्यवसायिक जीवन व दो अंतरिक्ष मिशन में 30 दिन, 14 घंटे, और 54 मिनट अंतरिक्ष में बिताए। वर्ष 2003 में अंतरिक्ष यान ‘कोलंबिया' की दुर्घटना में यह दल के छह अन्य सदस्यों के साथ मारी गईंद्य कल्पना के सम्मान में भारत के पहले मौसम उपग्रह के नाम को बदल कर ‘कल्पना — कर दिया गयाद्य यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई युवा महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत रहीं और इन्होंने अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने के लिए कई लोगों को प्रेरित कियाद्य
लक्ष्मी मित्तल
यह व्यापारी ‘आर्सेलर मित्तल' के अध्यक्ष और सीईओ है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात बनाने वाली कंपनी हैद्य सादुलपुर, राजस्थान में जन्मे मित्तल ने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से अपनी बी.कॉम की पढाई पूरी कीद्य यह वर्ष 2007 में यूनाइटेड किंगडम में एशियाई मूल के सबसे अमीर आदमी रहे और वर्ष 2011 में इन्हें फोर्ब्स द्वारा दुनिया का छठा सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया गयाद्य । वर्ष 2012 में फोर्ब्स की सूचि में भी यह 47वें सबसे शक्तिशाली व्यक्ति रहे और वर्ष 2007 में ‘टाइम' द्वारा ‘दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों' की सूचि में शामिल रहेद्य मित्तल ‘क्वींस पार्क रेंजर्स एफ.सी.' में 34 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैद्य इन्होंने 10 होनहार भारतीय एथलीटों का समर्थन करने के लिए 90 लाख डॉलर के साथ ‘मित्तल चौंपियंस ट्रस्ट' की स्थापना भी की।
प्रणव मिस्त्री
पालनपुर, गुजरात से यह 33 वर्षीय कंप्यूटर वैज्ञानिक और आविष्कारक वर्तमान में सैमसंग कंपनी में रिसर्च के उपाध्यक्ष है और साथ ही ‘थिंक टैंक टीम' के मुखिया भी है द्य उन्होंने वियरेबल कम्प्यूटिंग, संवर्धित वास्तविकता, सर्वव्यापक कंप्यूटिंग, गैर मौखिक बातचीत, मशीन दृष्टि, कलेक्टिव इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इतना ही नहीं, प्रणव मिस्त्री को वर्ष 2013 में ‘वर्ल्ड इकनोमिक फोरम' के द्वारा यंग ग्लोबल लीडर के रूप में भी समान्नित किया गयाद्य उनकी अभिनव तकनीक ‘सिक्स्थ सेंस' ने उन्हें अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा दिलाईद्य ‘सिक्स्थ सेंस' एक ऐसा यंत्र है जो की मानव इशारों की व्याख्या करता है और जिसमे डाटा प्रोजेक्टर और कैमरा दोनों ही उपलब्ध हैंद्य
इंद्रा नूई
इंद्रा नूई ‘पेप्सीको' की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैंद्य पेप्सीको, दुनिया की दूसरी सबसे बठी खाद्य व पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी हैद्य चेन्नई में जन्मी इस महिला को नियमित आधार पर ‘दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं श्की सूची में शामिल किया गया हैद्य इसके बावजूद, नूई अभी भी काम और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए लड़ रही है। ‘बिजनेस वीक' पत्रिका के अनुसार वर्ष 2000 में इनके सीएफओ बनने के बाद कंपनी का सालाना राजस्व 72 प्रतिशत बढ़ा है और कंपनी का लाभ दोगुना हो गया हैद्य नूई को वाल स्ट्रीट जर्नल द्वारा जारी ‘50 वुमन टू वाच इन 2007 एंड 2008' की सूची में भी शामिल किया गया थाद्य
लक्ष्मी प्रतूरी
यह शक्तिशाली महिला ‘ टेड इंडिया 2009 ' की सह मेजबान रहीं, साथ ही स्याही सम्मलेन की क्यूरेटर और मेजबान भी रहीं, इतना ही नहीं ‘प्•वतंं मीडिया' की संस्थापक भी रहींद्य इनका लक्ष्य प्रायोजित कॉर्पोरेट, सांस्कृतिक और मीडिया कार्यक्रमों के माध्यम से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करना है। यह २०१० में फोर्ब्स एशिया द्वारा ‘100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं' की सूची का हिस्सा भी रहीं। लक्ष्मी ने ‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन' में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, एक ऐसा संगठन जिसने भारत की विकास गतिविधियों के लिए तीस लाख से भी अधिक डॉलर खर्च कियेद्य
सबीर भाटिया
चंडीगढ़ में पैदा हुए यह भारतीय—अमेरिकी उद्यमी ने हॉटमेल ईमेल सेवाओं और ‘श्रं•जत' की स्थापना की। इन्होंने अपनी स्कूलिंग बंगलौर से ही की और अपनी स्नातक की डिग्री के लिए बिट्स (बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान) पिलानी चले गएद्य कुछ समय बाद सबीर को बिट्स से कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ पर इन्होंने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की। हॉटमेल 2011 में ३६९ मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई—मेल प्रदाता रहा। इन्होंने ४०० मिलियन डॉलर के लिए वर्ष १९९७ में माइक्रोसॉफ्ट को हॉटमेल बेच दिया और इसे फिर ‘एमएसएन हॉटमेल' के नाम से जाना जाने लगाद्य इन्होंने मुफ्त संदेश सेवा का भी निर्माण किया जो की ‘श्रं•जत ेउे' के नाम से प्रसिद्ध हुईद्य उद्यम पूंजी फर्म ड्रेपर फिशर जुर्वेत्सन ने इन्हें ‘वर्ष १९९७ के उद्यमी' का नाम दियाद्य एमआईटी ने सबीर को १०० युवा आविष्कारियों की सूचि में शामिल किया जो की प्रद्योगिकी क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं और साथ ही इन्हें ‘न्न्१००' से भी सम्मानित किया गयाद्य
जुबिन मेहता
मुंबई में जन्मे यह शख्स विश्व के प्रमुख संचालकों में से एक हैद्य यह अदभुद आर्केस्ट्रा संचालक और संगीत निर्देशक मंच पर अपनी अर्थवत्ता प्रकट करने के लिए मशहूर हैंद्य यह संगीत निर्देशक ‘इसराइल फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा' और'वैलेंसिया ओपेरा हाउस' के मुख्य संचालक हैंद्य इनका संचालन भठकीला, जोरदार और सशक्त माना जाता है। इतना ही नहीं, वर्ष १९७२ में स्.। के एक प्रमुख बैंड ‘फ्रैंक जप्पा' ने अपने गाने ‘बिली द माउंटेन' में इनका नाम शामिल कियाद्य इन्हें ‘इसराइल फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा' में असाधारण योगदान के लिए इसराइल में पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही ‘हॉलीवुड वॉक अॉफ फेम' में सितारों की सूचि में इनका नाम शामिल किया गयाद्य
राघव के.के
बंगलौर के जन्मे यह समकालीन कलाकार सीएनएन द्वारा १० सबसे आकर्षक लोगों की सूचि में शामिल किये गएद्य इनकी प्रमुख शैलियाँ ”चित्रकला, फिल्म, स्थापना, मल्टीमीडिया, प्रदर्शन, और यहां तक कि अपनी ही शादी“ एक दूसरे से इतनी भिन्न हैंद्य इन्होंने अपने करियर की शुरुआत भारतीय प्रकाशन के एक कार्टूनिस्ट के रूप में कीद्य न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय और दुनिया भर के कई अन्य कला संस्थानों में भी इन्होंने कई भाषण दियें हैंद्य राघव को ‘ब्ंततमक ।तज डनेममक ।तज ब्वदजमउचवतंपद' में अपने काम का प्रदर्शन करने के लिए नीम जो की एक फ्रांसीसी शहर है वहां अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
सी. के. प्रहलाद
दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यापार विचारकों में से एक के रूप में प्रसिद्ध यह मिशिगन विश्वविद्यालय में सम्मिलित रणनीति के प्रतिष्ठित प्राध्यापक थेद्य कोयंबटूर, तमिलनाडु में जन्मे प्रह्लाद को एक व्यापर गुरु के रूप में स्थापित किया गया जब उन्होंने फिलीप्स के पुनर्निर्माण में मदद की और फिलीप्स को ढहने की कगार से बचायाद्य यह वर्ष २०१० में अपनी मृत्यु तक एक विशिष्ट लेखक के रूप में भी जाने गए और इन्होने बहुत सारी किताबें जैसे कि ‘फ्यूचर अॉफ कम्पटीशन' वर्ष २००४ में (वेंकट रामास्वामी के साथ) और ” फार्च्यून एट डी बॉटम अॉफ द पिरामिड रूलाभ के माध्यम से गरीबी उन्मूलन आदि भी लिखींद्य यह संयुक्त राष्ट्र के ‘नीले रिबन आयोग' में निजी क्षेत्र और विकास के सदस्य भी रहेद्य इसके अलावा यह वर्ष १९९९ में भारत के प्रबंधन और लोक प्रशासन में योगदान के लिए ‘लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार' के प्रथम प्राप्तकर्ता बनेद्य
अजीत जैन
आईबीएम के साथ एक कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले उठीसा के जन्मे जैन जो बीमा के बारे में कुछ नहीं जानते थे, अब ‘बर्कशायर हैथवे बीमा समूह' के अध्यक्ष हैद्य वारेन बुफे ने एक बार कहा था कि जैन का दिमाग एक ”विचार कारखाना“ हैद्य लगभग तीन दशक बुफे के साथ काम करने के बाद, जैन को इस प्रसिद्ध अमेरिकी व्यापारी द्वारा धुरंधर उत्तराधिकारी की पद्वी दी गयीद्य आईआईटी खठकपुर ग्रेजुएट वर्तमान में बर्कशायर के भारतीय बीमा बाजार उद्यम अग्रणी हैंद्य
दीपक सी. जैन
असम के एक छोटे से शहर तेजपुर में जन्मे दीपक बैंकॉक में चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय में ‘सैसिन ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट अॉफ बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन' के अध्यक्ष हैंद्य इससे पहले यह ‘इंसिड' के अध्यक्ष थे और वर्तमान में वहाँ विपणन की अध्यक्षता निभा रहे हैंद्य यह ‘कल्लोग स्कूल अॉफ मैनेजमेंट' में अध्यक्ष के स्थान पर भी रह चुके हैंद्य दीपक ‘भारतीय रिलायंस उद्योग समिति' में स्वतंत्र निदेशक की भूमिका निभा रहे हैंद्य इन्हें शिक्षक के रूप में इनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से समान्नित किया गया है, जिन्हें वर्ष १९९५ में अध्यापन में उत्कृष्टता के लिए ‘द सिडनी लेवी पुरस्कार' और वर्ष १९९१ में ‘जॉन डी. सी. लिटिल बेस्ट पेपर' पुरस्कार दिया गयाद्य
अमर बोस
बंगाली हिन्दू परिवार में जन्मे, इस अदभुत बिजली इंजीनियर और साउंड इंजीनियर ने ४५ से अधिक वषोर्ं के लिए प्रौद्योगिकी ( एमआईटी ) के मैसाचुसेट्स संस्थान में एक प्राध्यापक के रूप में कार्य कियाद्य यह ‘बोस कॉर्पोरेशन' के संस्थापक और अध्यक्ष भी रह चुके हैं जिससे कुछ समय बाद इन्होंने एमआईटी को दान में दे दियाद्य इन्हें वर्ष २००७ में फोर्ब्स के द्वारा दुनिया के सबसे अमीर आदमी के रूप में २७१वें स्थान पर भी सूचीबद्ध किया गयाद्य अमर को अपने जीवनकाल में शिक्षा संबंधी कई पुरस्कारों से समान्नित किया गया हैद्य अध्यापन में उत्कृष्टता के लिए ‘एमआईटी' ने इनकी सेवाओं के लिए इन्हें ‘बोस पुरस्कार' और ‘जूनियर बोस पुरस्कार' से समान्नित किया। द्य यह अॉडियो इंजिनीयरिंग समाज के सम्मानीय सदस्य भी रह चुके हैंद्य
सत्या नाडेला
‘माइक्रोसॉफ्ट' के यह वर्तमान सीईओ हैदराबाद में जन्मे और वर्ष १९९२ में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होने से पहले यह ‘सन माइक्रोसिस्टम्स' में प्रोद्योगिकी स्टाफ के एक सदस्य के रूप में काम कर चुके हैंद्य सत्या इस वर्ष सीईओ बनने से पहले ‘क्लाउड एंड एंटरप्राइज ग्रुप' के उपाध्यक्ष और ‘माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन' में ‘सर्वर व टूल्स' के अध्यक्ष भी रह चुके हैंद्य इन्होंने क्लाउड के इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यापर सेवाओं में परिवर्तन के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाईद्य माइक्रोसॉफ्ट के विभिन्न आंतरिक निर्णय लेने में भी यह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहें हैंद्य