Ramayan aur Mahabharat in Hindi Short Stories by MB (Official) books and stories PDF | रामायण और महाभारत

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रामायण और महाभारत

रामायण और महाभारत

वेदों के जमानें के बाद काव्यों का जमाना आया। इसका यह नाम इसलिए पड़ा कि इसी जमानें में दो महाकाव्य, रामायण और महाभारत लिखे गए, जिनका हाल तुमने पढ़ा है। महाकाव्य पद्य की उस बड़ी पुस्तक को कहते हैं, जिसमें वीरों की कथा बयान की गई हो।

काव्यों के जमाने में आर्य लोग उत्तरी हिंदुस्तान से विंध्‍य पहाड़ तक फैल गए थे। जैसा मैं तुमसे पहले कह चुका हूँ इस मुल्क को आर्यावर्त कहते थे। जिस सूबे को आज हम 'संयुक्त प्रदेश कहते हैं वह उस जमाने में मध्‍य प्रदेश कहलाता था, जिसका मतलब है बीच का मुल्क। बंगाल को बंग कहते थे।

यहाँ एक बड़े मजे की बात लिखता हूँ जिसे जान कर तुम खुश होगी। अगर तुम हिंदुस्तान के नक्शे पर निगाह डालो और हिमालय और विंध्‍य पर्वत के बीच के हिस्से को देखो, जहाँ आर्यावर्त रहा होगा तो तुम्हें वह दूज के चाँद के आकार का मालूम होगा। इसीलिए आर्यावर्त को इंदु देश कहते थे। इंदु चाँद को कहते हैं।

आर्यों को दूज के चाँद से बहुत प्रेम था। वे इस शक्ल की सभी चीजों को पवित्र समझते थे। उनके कई शहर इसी शक्ल के थे जैसे बनारस। मालूम नहीं तुमने खयाल किया है या नहीं, कि इलाहाबाद में गंगा भी दूज के चाँद की-सी हो गई है।

यह तो तुम जानती ही हो कि रामायण में राम और सीता की कथा और लंका के राजा रावण के साथ उनकी लड़ाई का हाल बयान किया गया है। पहले इस कथा को वाल्मीकि ने संस्कृत में लिखा था। बाद को वही कथा बहुत-सी दूसरी भाषाओं में लिखी गई। इनमें तुलसीदास का हिंदी में लिखा हुआ रामचरितमानस सबसे मशहूर है।

रामायण पढ़ने से मालूम होता है कि दक्खिनी हिंदुस्तान के बंदरों ने रामचन्द्र की मदद की थी और हनुमान उनका बहादुर सरदार था। मुमकिन है कि रामायण की कथा आर्यों और दक्खिन के आदमियों की लड़ाई की कथा हो, जिनके राजा का नाम रावण रहा हो। रामायण में बहुत-सी सुंदर कथाएँ हैं; लेकिन यहाँ मैं उनका जिक्र न करूँगा, तुमको खुद उन कथाओं को पढ़ना चाहिए।

महाभारत इसके बहुत दिनों बाद लिखा गया। यह रामायण से बहुत बड़ा ग्रंथ है। यह आर्यों और दक्खिन के द्रविड़ों की लड़ाई की कथा नहीं; बल्कि आर्यों के आपस की लड़ाई की कथा है। लेकिन इस लड़ाई को छोड़ दो, तो भी यह बड़े ऊँचे दरजे की किताब है जिसके गहरे विचारों और सुंदर कथाओं को पढ़ कर आदमी दंग रह जाता है। सबसे बढ़ कर हम सबको इसलिए इससे प्रेम है कि इसमें वह अमूल्य ग्रन्थ रत्न है जिसे भगवद्गीता कहते हैं।

ये किताबें कई हजार बरस पहले लिखी गई थीं। जिन लोगों ने ऐसी-ऐसी किताबें लिखीं वे जरूर बहुत बड़े आदमी थे। इतने दिन गुजर जाने पर भी ये पुस्तकें अब तक जिंदा हैं, लड़के उन्हें पढ़ते हैं और सयाने उनसे उपदेश लेते हैं।