Kaunsa vivah in Hindi Love Stories by Mrityunjaya Dikshit books and stories PDF | कौनसा विवाह

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कौनसा विवाह

Mrityunjaya Dikshit

mrityunjaya.vsk1973@gmail.com

निबंध प्रतियोगिता :—
लव मैरिज बनाम अरैंज मैरिज
मृत्युंजय दीक्षित
वर्तमान बदलते सामाजिक वातावरण के दौर में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के अंतगर्त लव मैरिज बनाम अरैंज मैरिज एक बहुत ही शानदार विषय का चयन किया गया है। इस विषय पर मेरा मानना है कि अब आज का सामाजिक, आर्थिक वातावरण बहुत ही तेजी के साथ बदल रहा है। लव मैरिज पुराने समय में भी हुआ करते थे और आज भी हो रहे हैं। जबकि भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का कटु सत्य है कि राजा —महाराजाओं को एक से अधिक रानियां रखने का अधिकार प्राप्त था जिसमें से वे कुछ युद्ध में जीतकर लाते थे या फिर भ्रमण के दौरान किसी कन्या पर मोहित होकर उसका वरण कर लेते थे और अपनी रानी बना लेते थे। यह प्रचाीन परम्परा चली आ रही है। बीच— बीच में भारत पर कई सभ्यताओं का हमला हुआ और उससे भी परिवर्तन हुआ। अब आज आर्थिक उदारीकरण का दोर है।
इस दौर में परिवार की भी भूमिका व स्वरूप परिवर्तित हो रहा है।भारत के ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे शहरों में आज भी अरैंज मैरिज का दौर चल रहा है हालांकि इस स्वरूप में भी परिवर्तन हो रहा है। अब ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे शहरों के बच्चे और बच्चियां अपनी पढ़ाई करने तथा कैरियर बनाने के लिए बढ़े शहरों में जा रहे हैं तथा वे वहां पर अकेले रहते हैं । अपना अकेलापन समाप्त करने के लिये युवक युवतियां साथी की तलाश में रहते हैं। जब साथी की तलाश पूरी हो जाती है और एक दूसरे के प्रति शारीरिक व मानसिक आकर्षण पैदा होता है तब उसे लव का नाम दिया जा रहा है। लेकिन इस लव में गहराई नहीं होती है। लेकिन आज के युग में यही लव लिव इन रिलेशनशिप भी कहा जाने लगा है। यह लव चिरस्थार्इ्र नहीं रहता है और न हीं इसका कोई सामाजिक अस्तित्व रहता है। यह एक प्रकार से आज की भाषा में टाइम पास होता है जो कि आम बीमारी बनती जा रही है। अब इसी लव को कानूनी रूप देने के लिये लोग कोर्ट मैरिज या फिर मंदिरों में जाकर धार्मिक स्थलो में जाकर एक दूसरे के लिए जीने मरने की कसमेें खाकर विवाह सूत्र में बंधने की घोषणा कर रहे हैे। यदि लव मैरिज को परिवार के सदस्यों के बीच आपस मेंं मंत्रणा करके किया जाता है तब वह सामाजिक व कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो जाता है। ऐसे युवक— युवतियों का जीवन भी पूर्णतः सुरक्षित हो जाता है। यदि युवक — युवतियां अपने आप बिना किसी को बताये लव मैरिज कर लेते हैं तो उसमें उनका भविष्य हमेशा ही खतरे में रहता है। जिसमें सबसे बुरी स्थिति युवतियों की ही हो जाती है। अनैतिक लव मैरिज में युवतियों को वैश्या के नजरिये समाज देखने लग जाता है तथा यदि वह गर्भवती होती है और अपने बच्चे को जन्म देती है तब उसके बच्चे को भी समाज हीन दृष्टि से देखता है। यदि यही विवाह माता— पिता व परिवार के संरक्षण मेंं किया जाता है तब उसे समाज में एक उच्च स्थान मिल जाता है।
अब लव मैरिज में एक व्यवस्था यह भी हो गयी है कि जो लोग जिस क्षेत्र में कार्यरत हैंं वे लोग वहीं पर अपनी पसंद छांट रहे हैं तथा विवाह कर रहे है। लेकिन इसमें भी परिवार की रजामंदी बेहद जरूरी मानी जा रही है। वहीं दूसरी ओर इंटरनेट पर फेसबुकिया प्यार ने तो सारी तस्वीर ही बदल दी है यह हमारे समाज के लिए बेहद घातक परिणामों वाली साबित हो रही हैं इसका शिकार सबसे अधिक युवतियां ही हो रही हैं। जब वे बेमेल इश्क के चक्कर में फंसकर अपना सबकुछ गंवा चुकती हैं तब उन्हें पता चलता है।
आज के युग में लव मैरिज फैशन बनता जा रहा है। यदि यह बिना बताये किया जाये तो अपराध तो है ही यदि यही लव मैरिज अरैंज मैरिज में बदल जाये तो दोनों परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो जाता है। इस प्रकार की मैरिज का भविष्य लम्बा भी चलता है तथा यदि पति — पत्नी पर कोई संकट आता है तो परिवार व समाज की ओर से उन्हें पूरा संरक्षण भी प्राप्त होता है। अतः समय और परिस्थितियों के हिसाब से दोनों ही उचित हैं यदि समझदारी भरे कदम उठाये जाये तो।
प्रेषकः— मृत्युंजय दीक्षित
123,फतेहगंज
गल्ला मंडी लखनऊ(उप्र)— 226018
फोन नं.— 09198571540