Dracula 10 in Hindi Moral Stories by Mohd Siknandar books and stories PDF | ड्रेक्युला 10 - 4

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ड्रेक्युला 10 - 4

ड्रैकुला 10

Part - 4

थोड़ी देर आराम करने के बाद ड्रैकुला जमीन से उठा । तो उसको खम्भे पर जल रही रोशनी दिखायी दी । वह चिल्लाकर कहता है कि “ हे नरक के शैतान मै तुमसे डरने वाला नहीं हूँ ।” इतना कहकर जमीन पड़ी तीन-चार पत्थर उठा लिया और पूरी ताकत से खंभे पर जल रही रोशनी की तरफ फेका । पत्थर सीधा जाकर बल्ब पर लगी और वो फूट गयी । जिस से वहाँ पर अंधेरा छा गया । यह देखकर ड्रैकुला खुशी से उछाल पड़ा कि उसने नरक के शैतान को हारा दिया । इस तरह बदमाश ड्रैकुला ने खंभे पर लगी सारी बल्ब को फोड़ डाला । चारो तरफ अंधेरा देखकर सम्राट ड्रैकुला रावण की तरह ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा । ड्रैकुला को सड़क पर अकेला हँसता देखकर किसी अजनबी ने रोम पुलिस को फोन कर दिया कि “ एक पागल आदमी सड़क पर जल रही बल्ब को पत्थर से फोड़ रहा है । अगर उसे जल्दी नहीं रोक गया तो वो सरकारी संपति को तबाह कर देगा ।” यह सूचना मिलते ही पुलिस का एक दल उस पागल आदमी को पकड़ने के लिए वहाँ पर पहुंचा । पुलिस की कार ने ड्रैकुला को चारो तरफ से घेर ली । कार की जलती हुई रोशनी को देखकर ड्रैकुला मन मे कहता है कि “ लगता है नरक का शैतान मुझ से डर गया और मुझे मारने के लिए उसने अपनी फौज यहाँ पर भेजी है। माँ कसम चुन-चुन कर मरूँगा चुन-चुन के ।” इतना कहकर उसने पत्थर से पुलिस कार मे जल रही लाइट को एक- एक करके फोड़ डाला । डर कर सारे पुलिस वाले अपनी कार के पीछे छिप गये । चारो तरफ अंधेरा देखकर ड्रैकुला ज़ोर से हँसते हुए कहता है कि “ माँ का दूध पीया है तो मेरे सामने आओ और इटली के महान सम्राट ड्रैकुला का सामना करो ।” यह कहकर अपने दोनों हाथ सीने पर मारते हुए टार्जन की तरह ज़ोर चिल्लाने लगा । कार के पीछे-छिपे दो पुलिस वाले एक-दूसरे कहते है कि “ ये वाकई मे कोई खतरनाक पागल है । इसको काबू करने के लिए बिजली का झटका देना होगा ।” दोनों कार के पीछे डिक्की मे रखी बिजली का झटका देने वाली बन्दूके निकली और ड्रैकुला पर चला दी । बेचारा ड्रैकुला बिजली के जबरदस्त झटके को बर्दशत नहीं कर पाया और वही पर बेहोश हो गया । जब उसकी आंखे खुली तो वो अपने आपको जेल मे बंद पाया । उस जेल मे ड्रैकुला अकेला नहीं था बल्कि कुछ बदमाश भी कैद थे । जो ड्रैकुला को गंदे-गंदे इशारा कर रहे थे । यह सब देखकर ड्रैकुला को अजीब लगा रहा था और उसे डर भी लग रहा था , क्योकि उसने आजतक ऐसे शैतानो को कभी नहीं देखा था जो लड़के कम लड़की ज्यादा लग रहे थे । वह तुरंत ही चिल्लाकर कहता है कि “ तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इटली के महान सम्राट ड्रैकुला को इस दो कोडी के जेल मे कैद करने की ।” उसकी आवाज सुनकर काफी पी रहे दो पुलिस वहाँ पर आकर पुछते है कि “ ये कौन गधा शोर मचा रहा है ।” ड्रैकुला उस पुलिस से कहता है कि “ तुम दोनों की हिम्मत कैसे हुई , इटली के महान सम्राट ड्रैकुला को इस दो कोड़ी के जेल मे बंद करने की ।” दोनों पुलिस वाले ड्रैकुला से कहते है कि “ कानून से बड़ा इस दुनियाँ कोई नहीं है बापू । जब बड़े-बड़े अभिनेता , नेता और तानशाह इस दो कोड़ी के जेल मे आते है ना । दो दिन के अंदर ही उनकी अक्ल अपने ठिकाने पर आ जाती है मुन्ना ।” जैसे ही ड्रैकुला दुबारा कहने चला । वैसे ही दूसरा पुलिस वाला अपना पिस्टल निकाल कर उस से कहता है कि “ अगर तुम्हारी आवाज दुबारा सुनायी दी तो मै यही पर गोली मार दूंगा ।” उस पिस्टल को देखते ही ड्रैकुला के दोनों बड़े कान डर से अपने-आप नीचे झुक गये । तभी उसके बगल मे बैठा एक बूढ़ा आदमी ड्रैकुला से कहता है कि “ तुम चिंता मत करो ड्रैकुला । भगवान के घर मे देर है मगर अंधेर नहीं । हम यहाँ से जरूर से आजाद से होगे , बस तुम देखते जाओ ।” अचानक वहाँ की लाइट चली गयी और चारो तरफ अंधेरा छा गया । ड्रैकुला खुश होकर उस बूढ़े आदमी से कहता है कि “लो बाबा तुम्हारे भगवान ने यहाँ पर अंधेरा कर दिया । अब कब होगे आजाद ।” अंधेरा का फायदा उठाकर सब बदमाशो ने उसके सारे कपड़े लूट लिये । जब लाइट वापस आयी तो ड्रैकुला चड्डी और बनयाईन मे दिखायी दिया । वह चिल्लककर कहता है कि “ मम्मी मेरा कपड़ा किसी ने छिन लिया ।” इतना कहते ही एक बच्चे की तरह जमीन मे लेटकर रोने लगा । यह देखकर सब बदमाशो ने जल्दी से कपड़ा और सारा सामान वापस कर दिया । ड्रैकुला की आवाज सुनकर कुछ पुलिस वाले वहाँ पर आ गये । ड्रैकुला उन पुलिस वालों से कहता है कि “ यहाँ मेरी इज्जत को खतरा है प्लीज मुझे किसी और जेल मे डाल दो ।” इसके बाद ड्रैकुला को दूसरे जेल मे भेज दिया गया । कई दिन हो गये मगर ड्रैकुला ने कुछ नहीं खाया । बस जेल के सलाखों को पकड़कर आते-जाते पुलिस वालों को देखता रहता । कुछ पुलिस वालों ने सोचा कि ड्रैकुला ने बहुत दिनो से खाना नहीं खाया है अगर उसकी मौत इस पुलिस स्टेशन मे हो गयी तो हम सब एक मुसीबत मे फंस जायेगे । अंत मे हारकर पुलिस वालों ने ड्रैकुला को छोड़ दिया । पुलिस स्टेशन से निकलते समय पुलिस वालों ने ड्रैकुला को चेतवानी दी कि “ दुबारा सड़क की लाइट तोड़ते हुए दिखायी दिये ना, तो तुम्हें वही पर तुम्हें गोली मार देगे ।” उनकी बात सुनकर ड्रैकुला चुपचाप अपना कोट लेकर वहाँ से निकल गया । कभी सड़क दौड़ती हुई कार व बसो को देखता तो कभी-कभी इमारतों को । एक हॉस्पिटल के पास पहुँचते ही ड्रैकुला को काँच की फ्रिज मे खून से भरी कई बोतल दिखायी दी, यह देखकर ड्रैकुला बहुत खुश हुआ । वह अपनी कोट का कलर खड़े करके खून पीने के लिये जैसे ही हॉस्पिटल के अंदर गया । वैसे ही हॉस्पिटल मे काम कर रहे बार्ड बॉय ने सोचा कि ये आदमी जरूर यहाँ पर खून देने आया । सब उसको पकड़ कर खून निकालने वाले कमरे मे ले गये ।