Antriksh me sair sapata in Hindi Magazine by Shambhu Suman books and stories PDF | अंतरिक्ष में सैर-सपाटा

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अंतरिक्ष में सैर-सपाटा

सामयिक लेख

संदर्भः स्पेस टूरिज्म

प्रस्तुतिः शंभु सुमन

अंतरिक्ष में सैर-सपाटा

पृथ्वी पर एक से बढ़कर एक मनोरम स्थलों के सैर-सपाटे की बातें पुरानी हो चुकी हैं। यदि इनसे मन ऊब चुका है और कहीं घूमने जाने की योजना बना रहे हैं, तो बस फटाफट अपना सामान निकालिए, बैग में डालिए और तैयार हो जाइए तारों-ग्रहों की दूसरी दुनिया के सैर पर जाने के लिए। जी हां, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनाॅटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के द्वारा उस सैर सपाटे की बात की जा रही है, जो धरती पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में की जा सकती है। इस संदर्भ में नासा का कहना है कि हमलोग बृहस्पति ग्रह की ओर बढ़ रहे हैं। क्या आप सौर मंडल की आविश्वसनीय घटनाओं को बिल्कुल पास से नहीं देखना चाहेंगे? या फिर अपने ग्रहों के चारों ओर की आभा, शुक्र पर होने वाली अम्ल वर्षा, पृथ्वी से तीन गुना बड़े ग्रह बृहस्पति के चारो ओर उठते तूफान और पड़ोसी चंदमा एवं दूसरे ग्रहों के अद्वितीय सौंदर्य का अनुभव नहीं करना चाहेंगे? यदि हां तो इसके लिए अंतरिक्ष सैर की योजना बना सकते हैं। यह कोई कोरी कल्पना नहीं, बल्कि अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोमंाचक अनुभवों का दावा करने वाले कुछ आकर्षक पोस्टर भी जारी किए है। कुछ कंपनियां ठहरने की आरामदायक होटल बनाने की तैयारी में लगी है तो वर्जिन का विमान कुछ मिनटों की सैर अंतरिक्ष की उप-कक्षा में करवा सकता है।

विश्व की शक्तिशाली और विकसित देशों के बीच अंतरिक्ष को लेकर बढ़ती प्रातिस्पर्धा से अब अंतरिक्ष पर्यटन के नए दरवाजे खुल चुके हैं। इसका नया उद्योग शुरू हो चुका है। कोई भी व्यक्ति किराया चुकाकर अंतरिक्ष भ्रमण का रोमांचक आनंद उठा सकता है, जो एक अद्भुत सपना साकार करने जैसा होगा। अंतरिक्ष सैर-सपाटे के लिए अंतरिक्ष यानों-शटलों की विभिन्न तरह की डिजाइनों पर न केवल काम शुरू हो चुका है, बल्कि कुछ के परिक्षण भी किए जा चुके हैं। फ्लोरिडा, वर्जीनिया, कैलिफोर्निया, सिंगापुर, विस्कोन्सिन, यूनाइटेड अरब अमीरात में अब स्पस पोर्ट बनाने की तैयारी चल रही है।

मंगल पर जाने के लिए 18,300 आवेदन

नासा के द्वारा बीते साल 14 दिसंबर से मध्य फरवरी 2016 तक मंगल तक की अंतरिक्ष यात्रा के लिए इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे गए थे। इस संबंध में उसके द्वारा एक अंतरिक्ष यात्री द्वारा बनाया गया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दिलचस्प वीडियो भी जारी किया है, जिसमें अंतरिक्ष स्टेशन की कुछ दैनिक गतिविधियों को दर्शाने वाले अद्भुत नजारे की विशेष अनुभूति को दिखाया गया है। मंगल ग्रह तक जाने के लिए तत्पर आवेदकों की संख्या काफी चैंकाने वाली है। कुल 18,300 आवेदकों में से 8 से 14 यात्रियों को ही चुना जाएगा। उन्हें स्पस में रहने सबंधी प्रशिक्षण के बाद सैर के लिए तैयार किया जाएगा। उनकी यात्रा 2018 में संभावित है। अंतरिक्ष अभियानों के लिए नासा अलग-अलग क्षेत्रों से योग्य अमेरिकी नागरिकों का चयन करती है। इनमें पायलट से लेकर इंजीनियर और वैज्ञानिक से लेकर डाॅक्टर या फिर उसकी शर्तें पूरी करने वाला कोई भी सामान्य नागरिक हो सकता है।

इस बारे में नासा के प्राशासक और पूर्व अंतरिक्ष यात्री चार्ली बोल्डेन का कहना है कि चुने गए अमेरिकी धरती से अंतरिक्ष के यानों से उड़ान भरेंगे और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेश पर शोध को गति देने के साथ-साथ सुदूर अंतरिक्ष अभियानों की तकनीक को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। वह बताते हैं,‘‘ यह मेरे लिए आश्चर्य की बता है कि विविध पृष्ठभूमि से काफी संख्या में अमेरिका के लोग मंगल पर हमारी यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। इस समूह में कुछ विशेष प्रतिभाशाली पुरुष और महिलाओं को चुना जाएगा, उनकी यात्रा अमेरिकी यान से अंतरिक्ष की ओर होगी।’वैसे चुने गए प्रतिभागियों को अंतरिक्ष विमान तंत्र, स्पेस वाकिंग और टीम वर्क का कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद ही प्रशिक्षण पूरा होने पर अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में से किसी एक पर भेजा जाएगा। सफल प्रतिभागियों की घोषणा साल 2017 के मध्य तक की जाएगी।

इस आकर्षण की कई वजहें हैं। जैसे अंतरिक्ष से दिखने वाली सबसे खूबसूरत नीली धरती को देखने का आनंद और भारहीनता की विलक्षण अनुभूति। अंतरिक्ष की रोमांचक घटनाओं का अनुभव मुख्य है, तो वैश्विक ‘स्टेटस सिंबल’ भी है। संभवतः यही कारण है कि अंतरिक्ष की सैर के सपने पूरे करने वाले आवेदकों की संख्या वर्ष 1978 में 8000 की तुलना में दुगुने से भी अधिक हो गए हैं।

चयन की शर्तेंः मंगल पर जाने के लिए चयन की शर्तों को लेकर अगर कुछ भ्रांतियां हैं तो कुछ शारीरिक तंदुरूस्ती से लेकर शैक्षणिक योग्यता भी मायने रखती है। जैसे इसके लिए वैसे अमेरिकी नागरिक का होना आवश्यक है, जिनकी योग्यता जैव विज्ञान भौतिक विज्ञान, गणित या इंजीनियरिंग में स्नातक की हो। इस बारे में सामान्य गलतफहमी है कि उसे डाक्टरेट जैसी उच्च डिग्रधारी होना जरूरी हैं। इसी तरह से उसका मिलेट्री में होना भी जरूरी नहीं है। लेकिन हां उम्र की सीमा 26 से 46 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके साथ ही जेट विमान में कम से कम 1000 घंटे तक उड़ान परीक्षण का अनुभव जरूरी है, तो दृष्टि की तीक्ष्णता प्रत्येक आंख के लिए 20/20, रक्त चाप 140/90 और ऊंचाई 62 से 75 इंच के बीच हाना चाहिए।

अंतरिक्ष पर्यटन की शुरूआत

दो करोड़ डाॅलर की टिकट लेकर अंतरिक्ष में सैर पर जाने वाला पहला अंतरिक्ष पर्यटक अमेरिका के एक व्यवसायी डेनिस टीटो थे। उन्हें 28 अप्रैल, 2001 को अमेरिका की कंपनी एक कंपनी स्पेस एडवेंचर लिमिटेड द्वारा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से अंतरिक्ष में भेजा गया था। उनकी दस दिनों की यह रांमांचक यात्रा 6 मई, 2001 को खत्म हुई थी और वे सकुशल पृथ्वी पर वापस लौट आए थे। आज भी किराया चुकाकर अंतरिक्ष पर्यटन करवाने वाली एकमात्र संस्थान है। टीटो के बाद दक्षिण अफ्रीका के कंप्यूटर उद्योगपति मार्क शटलवर्थ ने 25 अप्रैल से 5 मई 2002 तक अंतरिक्ष की सैर की, तो तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक के तौर पर ग्रेगरी ओल्सेन 1 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2005 तक का समय गुजारते हुए कुछ प्रयोग भी किए। इसी सिलसिले में अनोऊारोह अंसारी को 18 सितंबर से 28 सितंबर 2006 तक और कंप्यूटर साॅफ्टवेयर कारोबारी चाल्र्स सियेन्यी को 7 अप्रैल से 21 अप्रैल 2007 तक अंतरिक्ष पर्यटक बनने का सौभाग्य मिला।

विश्व के पहले अंतरिक्ष पर्यटक रूप में विख्यात हो चुके टीटो करीब 500 दिनों की मंगल ग्रह की यात्रा पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। इसके लिए वे जनवरी 2018 में एक स्वंयसेवी संस्थान इंस्पिरेशन मार्स फाउंडेशन के तहत यात्रा पर जा सकते हैं। उनकी यात्रा स्पेस-एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से से होगी। इस यान में पर्यावरण नियंत्रण और जीवन के लिए उपयोगी उपकरण लगाए गए हैं। हालांकि इस यात्रा में वे न तो मंगल पर उतरेंगे और न ही उसकी कक्षा के चक्कर लगाएंगे।

एयर टैक्सियों से यात्रा

स्पेस में सैर के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अंतरिक्ष यान-शटल को खास तरह से डिजाइन किया गया है। इसमें स्पेस टैक्सी स्पोर्टस कार की तरह 6 सीटों वाली होंगी। नासा के कमर्शयल क्रू प्रोग्राम के अध्यक्ष केस ल्यूडर्स के अनुसार ये टैक्सियां विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग और दूसरी कंपनी स्पेसएक्स द्वारा बनाई जा रही हैं। बोइंग द्वारा बनाई जाने वाली टैक्सी सीएसटी100 है, जबकि स्पेसएक्स का नाम ड्रगन रखा जाना है। ये यान न केवल अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन तक लाने ले जाने का काम करेंगे, बल्कि वहां उनके लिए आवश्यक सामन भी उपलब्ध करवाएंगे। इसके लिए इन यानों की सेवाएं आने वाले साल 2017 से शुरू हो सकती हैं। ल्यूडर्स का कहना है कि ये यान भवष्य में महत्वपूर्ण मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई राह भी बनाएंगे। इन यानों में ईंधन के रूप में आॅक्सीजन और इथेनाॅल के मिश्रण का उपयोग किया जाएगा, जबकि अन्य यानों में हाइड्रोजन पैराक्साइड, नाइट्रस आॅक्साइड गैस के इस्तेमाल का प्रयोग की जांच-परख जारी है।

वर्जिन गेलेक्टिक की वापसी

अंतरिक्ष पर्यटन की दौड़ मंे वर्जिन गेलेक्टि की वापसी हो चुकी है। अगर उसकी परियोजना में सबकुछ ठीकठाक रहा तो छह लोगों को अंतरिक्ष में पहुंचने की क्षमता के दो पायलट वाले विमान में व्हीलचेयर पर बैठे रहने वाले बहुचर्चिेत वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हाॅकिंग को भी अंतरिक्ष पर्यटक बनने का साभाग्य है। यह बात उन्होंने वर्जिन गेलेक्टिक के नए वीएसएस यूनिट के नए स्पेसशिप टू क्रफ्ट के अनावरण के दौरान जताई। वर्जिन के मालिक रिचर्ड ब्रैनसन ने इस मौके पर कहा कि हम नए अंतरिक्ष युग में प्रवेश कर रहे हैं और मुझे आशा है कि एक नई एकता बनाने में मदद मिलेगी। हाकिंग ने कहा कि यदि मैं अंतरिक्ष में जाने के योग्य और सक्षम हूं और, रिचर्ड मुझे ले जाना चाहें तो मुझे स्पेसशिप में उड़ान भरने पर मुझे गर्व होगा। इस विमान को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें बैठे यात्रियों को अंतरिक्ष की उप-कक्षा में पांच मिनट तक ले जाया जा सके। इस लिहाज से इसमें यात्रा करने वाले पर्यटक को कुछ समय के तक अंतरिक्ष का नजारा देखने का अनुभव होगा, जो नासा के अंतरिक्ष वैसे पर्यटन के नजारे से अलग होगा, जिन्होंने वहां दस दिन तक गुजारे हैं। इसके लिए काफी महंगी टिकट रखा गया है, जो 250,000 डाॅलर है।

वर्जिन गेलेक्टिक स्पेसशिप बनाने वाली एक निजी कंपनी है, जिसका अंतरिक्ष शटल के रूप मंे अंतरिक्ष मंे भेजने के लिए एक जुड़वां विमान ‘स्पेसशिप टू’ बनाया था। दुर्भाग्य से यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी नहीं हो सकी और 2 नवंबर, 2014 को कैलिफोर्निया के मोहवा रेगिस्तान में उड़ान परीक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में उसके एक पायलट की मौत हो गई थी। उस दुर्घटना से सीख लेते हुए नए विमान में काफी कुछ बदलाव किए गए हैं। गेलेक्टिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जार्ज व्हाइटसाइड का कहना है सबसे बड़ा बदलाव सुरक्षा संबंधी पूंछ में घूमने वाला संयंत्र लगाकर किया गया है। अन्य परिवर्तनों में लैंडिंग गियर की है, ताकि पायलट को उतरने विमान उतारने में आसानी हो।

अंतरिक्ष में होटल

इसी साल आॅर्बिटल टेक्नोलाॅजीस नाम की रूसी कंपनी ने अंतरिक्ष मंे होटल स्थापित करने की भी योजना बनाई है। कंपनी 2030 तक मंगल ग्रह पर जाने वाले अंतरिक्ष पर्यटकों को आकर्षक सुविधा देने की घोषणाएं करेंगी। सरकारी सहयोग से चलने वाली कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सरगई कोस्तेंको के अनुसार महत्वाकांक्षी योजना आरामदायक होटल की है, जिसका पहला माॅड्यूल करीब 20 घनमीटर का होगा और इसमें सात पर्यटक रह सकेंगे। यह कंपनी आरकेके एनर्जिया का एक हिस्सा है, जिसका अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन तक पहुंचाने का अनुभव है।

कोस्तेंको का कहना है इस होटल की डिजाइन रोजमर्रे की सुविधाओं को ध्यान मंे रखकर तैयार किया गया है। इसमंे ठहरने वाले पर्यटकों को वैक्यूम शौचालय, स्पंज स्नान और अंतरिक्ष का भोजन की सुविधा मिलेगी। हालांकि पांच दिन बिताने के लिए 10लाख अमेरिकी डाॅलर खर्च करने होंगे। इसे निजी कंपनी के लिए शोध करने वाले अमीरों को आकर्षित करने के उद्देश्य से भले ही बनाया जाएगा, लेकिन कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि स्पेस स्टेशन के मुकाबले प्रस्तावित होटल ज्यादा आरामदायक होगा तथा बाद में इसके खर्च में कमी आ सकती है। - इस होटल में बैठ कर अंतरिक्ष यात्रा ी एक दिन में ही 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त का मजा यहां ले सकेंगे.

  • 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घूमता रहेगा अंतरिक्ष में यह होटल और करीब 90 मिनट में धरती का एक चक्कर पूरा कर लेगा। इसी कारण से पर्यटकों को 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखने का मौका मिलेगा।
  • अंतरिक्ष में मौजूद होने के बावजूद इसमें बहुत सी सुविधाएं होंगी. पर्यटक इंटरनेट और टीवी का मजा ले सकेंगे, लेकिन मद्यपान और स्नैक्स पर पाबंदी होगी.
  • यहां पर्यटकों को तुरंत थकान उतारने का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि शून्य गुरुत्वाकर्षण के चलते पूरा शरीर चक्कर काटता रहेगा. शरीर के द्रव्यमान का केंद्र पेट के पास होगा.
  • पर्यटकों के लिए खाना धरती से रॉके ट के जरिये भेजा जायेगा और उसे अंतरिक्ष में होटल में मौजूद माइक्रोवेव ओवन में गरम किया जायेगा. पर्यटकों को खाने में मशरूम, आलू, सूप आदि दिया जा सकता है.
  • पानी का एक बार इस्तेमाल होने के बाद उसे रिसाइकिल किया जायेगा.
  • हवा को फिल्टर करते हुए उसे दोबारा से सांस लेने लायक बनाया जायेगा. साथ ही उसमें मौजूद बैक्टीरिया को हटाते हुए उस हवा को केबिन के भीतर वापस लाया जायेगा
  • अंतरिक्ष पर्यटन के पोस्टर

    हाल में ही में नासा ने अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘भविष्य के सपने’ का दावा करते हुए 14 विंटेज यात्रा के आकर्षक पोस्टर जारी किए हैं। इन पोस्टर में दिए गए लुभावने स्लोगन को पढ़कर और तस्वीरों को देखकर कोई भी स्पेस की सैर पर जाने को लालायित हो सकता है। इसे नासा की जैट प्रोपल्सन लेबोरेट्री ने 2016 कैलंेडर के लिए बनाया है, जो केवल नासा के कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सरकारी कर्मचारियों को बांटे जाएंगे। जेपी एल्ल इसकी डिजिटल प्रतियां हर माह के हिसाब से जारी करेंगी, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस फर्म की वेबसाइट से हार्ड काॅपी के रूप में खरीद सकता है।

    इन पोस्टर में महीने के हिसाब से अलग-अलग विषय रखे गए हैं, जिनमें से एक ‘द गे्रड टूर’ नासा के वोएजर मिशन को दर्शाता है। इस मिशन पर नासा ने हर ग्रह की गुरूत्वाकर्षण के हिसाब से प्रत्येक स्पेस क्राफ्ट की गति को निर्धारित कर दिया था, ताकि स्पेसक्राफ्ट सौर मंडल की सीमाओं से परे जा सके। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ही इस पोस्टर का नामाकरण किया गया।

    एक अन्य पोस्टर इनसोलाडस में शनि ग्रह के चंद्रमा को दिखाया गया है, जहां 100 से अधिक झरने हैं। पर्याटकों को लुभाने के लिए इन झरनों के अद्भुत दृश्यों को देखने की बात कही गई है। मंगल ग्रह को दर्शाने वाले पोस्टर में राॅकेट, विमान और खेती आदि को प्रतीक को देखा जा सकता है, जिसके जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि मनुष्य ने लाल ग्रह मंगल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है।