प्रस्तुति : सुनीता सुमन
गर्मी में बिगड़ने न पाये सेहत
गर्मी के मौसम में सेहतमंद बने रहने के लिए रहन-सहन पर ध्यान दिया जाना जरूरी होता है। इस दौरान खान-पान में की गई जरा सी भी अनदेखी स्वास्थ्य को बिगाड़कर रख देती है और अच्छा-भला दिखने वाला व्यक्ति थोड़े समय में कमजोर और असहाय हो जाता है। दरअसल गर्मियों में सूरज की तेज किरणों के कारण शरीर से ऊर्जा बाहर निकल जाती है, जिससे शरीर कमजोर पड़ जाता है और इस कमजारी की वजह से चक्कर आना, उल्टी होना या फिर नकसीर आना आम शिकायत होती है। आईए जानते हैं कि गर्मियों में अपनी सेहत का ख्याल किस तरह से रखें, ताकि आपकी रोजमर्रे की जिंदगी में तरोताजगी बनी रहे।
शुद्ध वायुः गर्मी में सूर्योदय से पहले की शुद्ध वायु बहुत ही उपयोगी है। इसके लिए आवश्यक है कि गर्मी के दिनों में प्रातःकाल उठकर खुली जगह पर, पार्क आदि में घूमने जाएं। इससे श्वांस संबंधी शिकायतें दूर हो जाती हैं।
ठंडा पानीः गर्मी में दोपहर को घर से बाहर निकलने से पहले एक गिलास ठंडा पानी पीना बहुत फायेदमंद होता है। सादा पानी त्वचा को तरोताज रखता है। अधिक थकान के दौरान पानी के कुछ छींटांे से भी फ्रेश महसूस किया जा सकता है।
तेज धूपः जहां तक संभव हो गर्मी में तेज धूप से बचना चाहिए। इसके लिए सिर को टोपी तौलिया, दुपट््टा, आदि से ढंकना चाहिए। ऐसा कर सिर पर पड़ने वाली तेज धूप की किरणों से बचाव हो जाता है और लू की चपेट से बचा जा सकता है।
प्याजः प्रचंड गर्मी में लू जानलेवा साबित होती है। इसके प्रभाव से बचाव के एक लिए घरेलू और परंपरागत उपायों में जेब में प्याज रखना बहुत ही उपयोगी है।
शीतल पेयः दिन में दो बार नींबू-पानी-चीनी का शीतल पेय पीना चाहिए। इसके अलावा दही, जीरा-नमक डाला हुआ छांछ या मीठा शरबत का सेवन करना चाहिए। नींबू की शिकंजी गर्मी के लिए बहुत ही अच्छा पेय है।
बेलः गर्मी में बेल का शरबत बहुत ही उत्तम माना गया है। यह मोटापा घटाने में भी सहायक होता है। यह पेचीस और अतिसार में फायदा करता है तथा मानसिक तनाव और अल्सर में लाभकारी है।
नारियलः गर्मियों में ठंडक देने वाला स्वास्थ्यकर पेय नरियल पानी पौष्टिक तत्वों से भरा हुआ है।
पुदिनाः यह प्रकुतिक पिपरामेंट है। शरबत या चटनी में इसके उपयोग से लू, बूखार, सुस्ती, पेट मे जलन और गैस की तकलीफों को दूर करता है।
आहारः गर्मी के मौसम में भोजन हमेशा ताजा खाएं। बासी भोजन से फूड-प्वाइजन का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में अधिक शुष्कता रहने के कारण शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है। इसकी पूर्ति के लिए बार-बार पानी या जलीय पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए।
रसीले फलः गर्मियों में पाये जाने वाले विटामिन ए युक्त फलों में जैसे काले अंगूर, हरे पत्ते वाली सब्जियां तथा विटामिन सी से भरपूर रसीले फलों का सेवन करना चाहिए।
आरामः सेहत को ठीक बनाए रखने के लिए पर्याप्त आराम की भी जरूरत है। विशेषकर तब जब आप धूप से ठंडे स्थान पर आएं। (कुल शब्दः 505)
गर्मी में प्याज
प्याज भोजन का एक महत्पवूर्ण हिस्सा है, जिसे आमतौर पर सब्जी या सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना अच्छा है? कच्चे प्याज में जरूरी विटामिन और सल्फर की प्रचूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को कई रोगों से बचाते हैं और विभिन्न रोगों से दूर रखते हैं। शीतल प्रकृति के प्याज गर्मी में अत्यंत उपयोगी होता है। गर्मी में इसके नियमित सेवन से लू से बचाव का एकमात्र उपाय है। इसमें लीवर,स्प्लीन और पित्त उद्दीपित करने के गुण पाए जाते हैं। इससे इन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ा देता है। प्याज को लेकर आहार विशेषज्ञों ने कई तरह के फयदेमंद इस्तेमाल के तरीके बताए हैं। इनकी मानें तो प्याज जहां भोजन में रूचि को बढ़ता है, वहीं यह यौन क्षमता की दुर्बलता को भी दूर करता है। सुखी एंव संतुष्ट वैवाहिक जीवन में इसकी उपयोगिता अहम होती है, क्योंकि यह यौनशक्ति बढ़ता है। आईए जानते हैं कि कच्चे प्याज के स्वास्थ्यकारी लाभ क्या-क्या हैं, जिन्हें घरेलू नुस्खे के तौर पर अपनाया जा सकता है?
नुस्खे
कब्जः पेट साफ नहीं रहने की स्थिति में कब्ज एक आम समस्या है। इसकी शिकायत रहने पर कच्चे प्याज के रेशे पेट के अंदर चिपके हुए भोजन के अंश को मल के जरिये बाहर निकाल देता है। भोजन के साथ एक प्याज प्रतिदिन खाने से कब्ज में बहुत फायदा होता है।
बदहजमीः बच्चों में बदहजमी की शिकायत रहने पर उन्हें प्याज के रस की तीन-चार बूंदें चटाने पर लाभ होता है।
अतिसारः पतले दस्त की स्थिति में रोगी की नाभी पर प्यज पीसकर उसका लेप लगाने से तुरंत आराम मिलता है। इसे किसी कपड़े पर फैलाकर नाभी के ऊपर बांध दिया जाना चाहिए।
हैजाः उल्टी-दस्त होने की स्थिति में प्याज का रस रामवाण की तरह काम करता है। इसमें थोड़ा सा नमक डालकर पिलाने से रोगी को आराम मिलता है। आयुर्वेद के चिकित्सक के सलाह के अनुसार प्रत्येक 15 मिनट पर प्याज के रस की 10 बूंद पिलाने से फायदा होता है।
गले में खराश‘ः गला फंसना अर्थात खराश की शिकायत आमतौर पर सर्दी में रहती है। इस स्थिति में ताजे प्याज का रस फायदा करता है। इसमें गुड़ या शहद मिलाकर पिया जा सकता है।
नकसीरः गर्मियों में नाक से खून बहने पर कच्चा प्याज काटकर सूंघने भर से लाभ मिलता है।
खून बहना: ब्लीडिंग की समस्या कई रूप में आती है। यदि पाइल्स में इसकी शिकायत है तो सफेद प्याज खाने से इसमें फायदा होता है।
एनीमियाः खून की कमी को दूर करने में प्याज बहुत ही सहायक भूमिका निभाता है। प्याज को काटते समय उसमें से तेजी से निकलने वाले सल्फर आंखों में आंसूं ले आते हंै। यह नुकसानदायक नहीं है, बल्कि एनीमिया ग्रस्त औरतों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, क्योंकि प्याज में पाया जाने वाला सल्फर नाक के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस सल्फर में मौजूद तेल ही फायादा देता है, जो खाना पकाते समय जल जाता है। इसलिए कच्चा प्याज खाने से लाभ मिलता है।
मधुमेहः डयबिटिज के रोगियों को कच्चा प्याज खाने से उनके शरीर में इंसुलिन उत्पन्न हाती है और उन्हें इसकी परेशानी से राहत मिलती है।
हाई ब्लड प्रेशरः दिल के वैसे मरीज जिनका ब्लड प्रेशर बहुत हाई रहता है, उनके ब्लड प्रेशर को कच्चा प्याज सामान्य कर देता है। यह बंद खून की धमनियों को खोल देता है, जिससे दिल की कई बीमारियों में राहत मिलती है।
कैंसर से बचाव‘ः प्याज में पाया जाने वाल सल्फर विविध किस्म के कैंसर को बढ़ने नहीं देता है। यह शरीर के पेट, कोलोन, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर से बचाता है, तो इससे पेशाब के रास्ते से होने वाले संक्रमण को भी रोकता है।
अजीर्णः इसकी शिकायत होने पर प्याज के छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ नींबू या सिरका डालकर भोजन में शामिल करने से फायदा होता है।