Khamoshiya in Hindi Poems by SARWAT FATMI books and stories PDF | खामोशियाँ

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खामोशियाँ

मेरी जिंद्गी

तुझसे नाराज नही मेरी ज़िंद्गी

पर वाफा ज़रूर है मेरी जिंद्गी

देने को तो कुछ नही मेरी जिंद्गी मे

पर तुम्हारे साथ चलने को है मेरी जिंद्गी

वक्त को कहा था ठ्हरने को

पर अब वक्त ही नही है मेरे पास

अच्छा होता पह्ले मै सम्भल जाती तो

आज मेरी परछाई साथ छोडकर नही जाती

माफ करना मेरी जिंद्गी को

पर मै बेवफा तो नही

मै ना रहूंगी

मेरी परछाई तेरे साथ होगी

पर मै ना रहुंगी

हर चीज मे तुम मुझे ढुंढोगे

पर मै ना रहूंगी

एह्सास तो हर पल होगा

पर बोलने को मै ना रहूंगी

जब भी आंखे खोलोगे मेरी तस्वीर नज़र आयेगी

पर सून्ने को मै ना रहूंगी

जब तुम्हरी आंखे नम होगी

तुम्हरी आंखे मुझे ही तालाशेगी

पर आसू पोछने को मै ना रहूंगी

लौट आ

बहुत उदास हैं कोई शक्स तेरे जाने से

हो सके तो लौट आ किसी बहाने से

तु लाख खफा सही मगर एक बार तो देख

कोई रूट गया हैं तेरे रुट जाने से

उनको खबर हैं मेरे टुटे अरमानो की

आज जरुरत पडेगी काँच के पैमाने की

खाली ना होने देना जाम यारो

वरना फिर याद आयेगी गुजरे जमाने की

सिखाया

पल पल की खुशी दि

ताकी सदा मुस्कुरा सकू

तुने जिना सिखाया

ताकी जी सकू

गमो मे मुस्कुरना सिखाया

ताकी किसी को बता ना सकू

आइना देखना सिखाया

ताकी मै खुद को पह्चान सकू

लेकिन आज आंसू इतने दिये

के मैं रोक ना सकी

रोना

कभी खूद पर तो कभी हालात

पर रोना आया मुझे

हम तो समझे थे हम भुल गये उन्हे

फिर आज क्या हुआ जो रोना आया मुझे

कौन रोता है अपनो के लिए

हम तो अपने आप पर रोते हैं

बयान

लफ्जो से तेरा शूक्रिया कैसे

अदा करू

तुने जो दिये इतनी खुशीया

कैसे बयान करू

तू मेरे से एक पल मांग लेना

तेरे से बेवफाई कैसे करू

इंतजार

मेरे दिल मे तेरी तस्वीर है

और आंखो को तेरा इंतजार

कैसे कहू तुझे कितनी मोहब्बत हैं

इस दिल को तुझसे

आप आते नही हो आप की

एह्सास याद आती हैं

इतना ना तड्पा मुझे की

मै खुद ही एह्सास बन जाऊ

भूला दिया

वो जिंको दिल को हम अपना बनाए बैठे है

वो दिल से अपने हमे ही भूलाए बैठे है

मुझे ये डर हैं वो मुझसे बिछ्ड न जाए कही

के जिनके याद को हम दिल मे सजाए बैठे है

कभी सजाए थे इन आंखो मे फुल जिनके लिए

वो आज राहो मे कांटे बिछाए बैठे है

मै क्या बताऊ किसी को तेरी जुदाई का गम

हम अश्क आंखो मे अपनी छुपाए बैठे है

‘’सरवत’’ इसको भूलाना बडी मुश्कील है

जो मह्मान मेरे दिल मे सजाए बैठे है

दिल की बात

बहूत जला कर देखा है खुद को

वादा है तुझसे खुद को रूस्वा ना करेंगे

दिल लगाकर कुछ सिखा है हमने

अब दुनिया को यू चाहा ना करेंगे

जाने क्या सोच कर आपने किया ऐसा

हाल ए दिल किसी को सुनाया ना करेंगे

शुक्रिया आपने जो दरवाजा ना खोला

आपका नाम आज से पुकारा ना करेंगे

कुछ कह्ना

क्या कहू तुझसे ऐ जाने मन

तु ही मेरी जिंदगी,तु ही मेरी जहाँ हो

जब कभी अपनी आंखे बंद करती हूँ

तो तेरा चेहरा सा बन जाता है

जब कभी अपने आप को आइने मे देखती हूँ

तो तेरे होने का एहसास होता है

जब कभी चांद को देखती हूँ

तो अपनी बेबसी नज़र आती है

अफ्सोस ये नही के तुने समझा नही

अफ्सोस ये हैं की मैने तुम्हे समझा नही

जाऊ कहाँ

चाहा तुझे चाहत से ज्यादा

प्यार किया तुझे कुदरत से ज्यादा

अब तुही बता अये मेरे हमसफर

मै जाऊ कहाँ

नशे मे चुर रेह्ता हूँ तेरी दिवांगी के लिये

रख आइना पुछता हूँ क्या रेह गयी थी दिवांगी तेरे लिये

अब तुही बता ‘’सरवत’’ मैं जाऊ कहाँ

हर दर्द मे उस्की कशीश नज़र आती है

और हर मैंखाने मे उस्की तस्वीर

लम्हा लम्हा

लम्हा लम्हा टुट गयी मैं

आपनो से रूट गयी हूँ मैं

जिनके हाथो की किस्मत थी मैं

अब उन्से ही दुर हो गयी हूँ मैं

सपने सच होने से पहले

टूट गये मेरे

अब किस किस से कहूँ अपने

दिल की बात

के अपने भी दुर हो गये मेरे

तेरे संग

कभी सोचा था साया बन कर साथ

रहूँगी तेरे संग

अब इन्ही सायो को हाटाने की

कोशीश करती हूँ तेरे संग

कभी सोचा ना था जिंद्गी यू

रूट जायेगी तेरे संग

गमो के साये मे छुप जायेगी तेरे संग

मुझे इतनी मोहब्बत हो गयी तेरे संग

समझ नही आता उसे जताऊ कैसे तेरे संग

आंसू छुप गये तेरी खुशी देख कर

फिर आइना देख कर हवाओ ने

रुख कर दिया मेरे संग

तु जो नही मेरी जिंद्गी मे तो क्या गम हैं

कभी पुछ्ना उन वादीयो, उन हावाओ से

क्या थी मेरी जिंद्गी तेरे संग

छुप गयी हूँ मैं चॉद की वादीयो मे

माफ करना मेरी उन भूल को जो

किया था तेरे संग

क्या हुआ

वो मुझसे बिछ्ड गया तो कया हुआ

आसमान मे भी हैं कितने तारे

एक टूट गया तो कया हुआ

मेरे आँगन मे अंधेरा हो गया तो क्या हुआ

अमबर मे बादल छा गया तो क्या हुआ

तेरे आने के खबर से आज भी

दौड जाती हूँ तो क्या हुआ

दिल के हाथो मजबूर हो गयी तो क्या हुआ

नाराज नही हूँ तेरे से तो क्या हुआ

आज भी तुझसे मोहब्बत किया तो क्या हुआ

बेवाफाई मुझसे तुने किआ तो क्या हुआ

मैंने तेरे लिये खुदा से दुआ किआ तो क्या हुआ

माफ करना अए मेरे खुदा मेरी खता को

अगर उसके लिये दुआ किआ तो क्या हुआ

दुरियाँ

तुम कितने दुर चले गये मुझसे

क्यो नही एक बार मुड कर देखा मुझे

मैं आज भी वही हूँ जहाँ पहले थी

पर तुम नही आये

अपनी हर सास मे तुमहारी सासो को महसुस किआ

पर क्यो तुम समझ नही पाये

मैं तो इतनी बेबस हूँ की

खुद के हालात पर भी रो नही सकती

क्यो तुम ने मेरे इस बेबसी को समझ नही

समझा भी तो इतने देर मे के कुछ

बचा नही था मेरे पास

गलत फैमिया

अपनी आंखो मे तेरी अशक क्यो देखती हूँ

अपनी तन्हाईयो मे मुझे क्यो तलाश करते हो

हो गयी हूँ तेरे से जुदा इसके बाद भी

तेरी कमी का एहसास क्यो करती हूँ

खुद के अलफाजो मे तेरी अलफाजो को तलाश्ती हूँ

अपनी मंजील मे तेरी मंजील को तलाशती हूँ

हो गयी हैं गलत फैमिया हमारे बीच

इस गलत फैमियो को तलाशने की कोशीश करती हूँ