मियाँ मरफ़ी के नियम
संकलन व अनुवाद –
रवि रतलामी
‘यदि कुछ गलत हो सकता है, तो वह होकर रहेगा’ – मरफ़ी का नियम
ये मरफ़ी महोदय कौन हैं?
ये मरफ़ी महोदय कौन हैं? और इनके नियम इतने विचित्र किन्तु सत्य क्यों हैं?
मरफ़ी का ज्ञात (या अब तक अज्ञात, मरफ़ी के हिसाब से कहें तो,) सबसे पहला नियम है - "यदि कुछ गलत हो सकता है, तो वह होगा ही". कुछ का कयास है कि यह नियम एडवर्ड एयरफ़ोर्स के नॉर्थ बेस में सन् 1949 में अस्तित्व में आया. यह नियम वहाँ पदस्थ कैप्टन एडवर्ड ए मरफ़ी के नाम पर प्रसिद्ध हुआ. दरअसल, कैप्टन इंजीनियर मरफ़ी महोदय को एयर फ़ोर्स में एक परियोजना के तहत यह शोध करना था कि क्रैश की स्थिति में मनुष्य अधिकतम कितना ऋणात्मक त्वरण झेल सकता है. जाँच प्रणाली में ही आरंभिक खराबी का पता लगाने के दौरान मरफ़ी ने पाया कि एक ट्रांसड्यूसर की वायरिंग गलत तरीके से की गई थी. उसे देखते ही मरफ़ी महोदय के मुँह से बेसाख्ता निकला - "यदि किसी काम को गलत करने के तरीके होते हैं, तो लोग उसे ढूंढ ही लेते हैं." वहां का परियोजना प्रबंधक ऐसे ही और तमाम अन्य नियमों का शौकिया संकलन करता था. उसने यह बात भी संकलित कर ली और उसे मरफ़ी के नियम का नाम दिया.
बाद में, परियोजना से संबद्ध डॉक्टर जॉन पाल स्टाप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मरफ़ी के इस नियम को उद्भृत करते हुए कहा कि परियोजना की सफलता में इस नियम का बहुत बड़ा हाथ है, चूंकि फिर बहुत सी बातों पर विशेष ध्यान दिया गया - गलतियाँ हो सकने की तमाम संभावनाओं को पहले ही पता लगाया गया और उन्हें दूर किया गया या उससे बचा गया.
हवाई जहाज निर्माण कंपनी ने इस नियम को पकड़ लिया और विज्ञापनों में जम कर प्रचार किया. और देखते ही देखते यह नियम बहुत से समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में खासा चर्चित हो गया.
इस तरह, मरफ़ी के पहले नियम का जन्म हुआ. फिर तो इस तरह के नियमों का संकलन होता रहा, और मरफ़ी का नाम दिया जाता रहा.
मरफ़ी के पहले नियम के बारे में कुछ मरफ़ियाना खयाल -•
मरफ़ी के पहले नियम की खास बात यह है कि इसे मरफ़ी ने नहीं बनाया, बल्कि मरफ़ी नाम के ही किसी दूसरे आदमी ने बनाया.•
क्या कोई व्यक्ति नियम बना सकता है? नहीं. नियम तो पहले से ही बने होते हैं. बस हमें पता बाद में चलता है, जब कोई उसे खोज लेता है, और दुनिया को बताता है.
मरफ़ी के नियम के जन्म की एक दूसरी कहानी -
सन् 1930 में यूएस नेवी में पदस्थ कमांडर जे. मरफ़ी को हवाई जहाजों के रखरखाव का दायित्व सौंपा गया था. एक दिन किसी फ़िटर ने हवाई जहाज पर कोई पुरजा उलटा लगा दिया. जाहिर है, वह पुरजा ऐसे डिज़ाइन का था जो उलटा भी लग सकता था. इसे देख कर मरफ़ी ने कहा - "यदि कोई फ़िटर हवाई जहाज के पुरजे को उलटा लगा सकता है तो अंततः वह एक दिन उलटा लगा ही देगा."
धीरे से यह नियम संशोधित होता गया और मरफ़ी के बहुचर्चित नियम का जन्म हुआ.
मरफ़ी के नियम की जन्म की कहानी में मत भिन्नता से यह तो सिद्ध होता है कि नियम आपके इर्द गिर्द सदा सर्वदा रहते है. बात सिर्फ उनके खोजने-बताने की रह जाती है.
1 - मरफ़ी के जनरल नियम
• यदि कहीं कुछ गलत हो सकने की संभावना होती है तो अंततः ऐसा होता ही है.
• यदि बहुत सी गलतियों के हो सकने की संभावनाएँ होती हैं, तो वही एक गलती होती है जिससे कि सर्वाधिक नुकसान पहुँचता है.
• उपप्रमेय: यदि किसी गलती के हो सकने का सबसे खराब समय होता है, तो गलती भी उसी सबसे खराब समय में होती है.
• यदि कहीं, कभी, कोई गलती हो ही नहीं सकती हो तो फिर वहाँ अंततः गलती होती ही है.
• यदि आप यह महसूस करते हैं कि चार संभावित तरीकों से गलती हो सकती है, और आप इन सभी तरीकों से बच निकलते हैं, तभी, गलती हो सकने का एक पाँचवाँ अप्रत्याशित तरीका तत्परता से पैदा हो जाता है.
• यदि चीज़ों को अपने हाल पर छोड़ दिया जाए, तो वे बद से बदहाल होने की कोशिशें करती हैं.
• यदि सब कुछ अच्छा चलता प्रतीत हो रहा है, तो यकीन मानिए, आपने कुछ अनदेखा किया ही है.
•
प्रकृति हमेशा गुप्त दोषों के पक्ष में होती है
• मरफ़ी का दर्शन-
मुस्कराओ... कल तो और बुरा होगा.
•
मरफ़ी के नियम में क्वांटाइज़ेशन संशोधन-
गलत होता है तो सारा कुछ एक साथ होता है.
• मरफ़ी का स्थिरांक :
पदार्थ अपने मूल्य के सीधे अनुपात में क्षतिग्रस्त होता है.
• मरफ़ी का अनुसंधान का नियम :
ज्यादा अनुसंधान आपके सिद्धान्त का समर्थन करने के लिए अग्रसर होते हैं
• मरफ़ी के नियम में संयोजन :
प्रकृति में सब कुछ कभी भी सही नहीं होता. अतः यदि सब कुछ सही हो रहा हो... तो कहीं कुछ गलत है.
• कुछ भी जो गलत हो सकता है, उसे अंततः गलत होना ही है.
•
परिशुद्धता का नियम: किसी समस्या के समाधान पर कार्य करते समय, यदि आपको समाधान पहले से पता होता है तो इस बात से हमेशा ही मदद मिलती है.
• उपप्रमेय: परंतु तभी, जब आपको पता हो कि वहाँ सचमुच समस्या है.
• कोई भी चीज उतनी आसान नहीं होती जितनी वह दिखाई देती है
• हर चीज के लिए उससे ज्यादा समय लगता है जितना आप समझते हैं
• यदि कोई चीज कभी गलत हो ही नहीं सकती तो अंततः उसे गलत होना ही है
• जब आप कोई कार्य करने के लिए निकल पड़ते हैं तो पता चलता है कि कोई अन्य कार्य पहले करना जरूरी है.
• हर समाधान नई समस्याओं के साथ आता है
• किसी प्रतिलिपि (फ़ोटोकॉपी) की पठनीयता उसके महत्व के उलटे अनुपात में होती है
• आप पहले से यह सफलतापूर्वक निर्धारित कर नहीं रख सकते कि ब्रेड के किस तरफ मक्खन लगाया जाए.
• किसी ब्रेड के मक्खन लगे हुए तरफ से कालीन पर गिरने की संभावना कालीन की क़ीमत के सीधे अनुपात में होता है.
•
आखिरी असंभावित जगह पर देखने पर कुछ न कुछ मिल ही जाता है
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आप चाहे जितनी भी मशक्कत कर सबसे सस्ती दर पर कोई वस्तु अपने लिए खरीदते हैं तो खरीदने के तुरंत बाद पता चलता है कि वह कहीं सेल पर और सस्ते में पहले से बिक रहा होता है
• आपके सामने वाली लाइन ज्यादा तेजी से चलती है और यदि आप लाइन बदल लेते हैं तब भी यही स्थिति रहती है.
• ऋण प्राप्त करने के लिए आपको यह साबित करना होता है कि आपके पास तमाम संपत्तियाँ पहले से हैं और आपको ऋण की तो कतई आवश्यकता ही नहीं है.
• किसी भी चीज को अगर आप सुधारना चाहते हैं तो जितना सोचा गया होता है उससे कहीं ज्यादा समय लगता है और ज्यादा धनराशि खर्च होती है.
• यदि ढक्कन खुल नहीं रहा है, तो ताकत लगाएँ. यदि यह टूट भी जाता है तो कोई बात नहीं चूंकि अंततः इसे फेंकना तो है ही.
• यदि किसी खराब उपकरण को मेकैनिक को दिखाया जाता है तो वह उपकरण अचानक भली भांति कार्य करने लग जाता है.
• यदि कोई ऐसा आसान तंत्र या उपकरण बना लिया जाता है जिसका इस्तेमाल कोई बेवक़ूफ़ भी कर सकता हो तो फिर उसका इस्तेमाल सिर्फ बेवक़ूफ़ ही करेंगे.
• हर एक के पास धनवान बनने की योजनाएँ होती हैं जो काम नहीं करतीं.
• किसी भी पदानुक्रम (हियरऑर्की) में प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं के अयोग्यता स्तर के चरम पर पहुँच जाता है और फिर वह वहीं बना रहता है.
• किसी भी काम को सबसे बढ़िया करने के लिए कोई समय नहीं होता, परंतु उस काम को निपटा लेने के लिए समय हमेशा होता है.
•
जब आप संशय में हों, बुदबुदाएँ. जब मुश्किल में फंसे हों तो अपने कार्य अधिकार दूसरों को दे दें.
• जीवन में कोई भी अच्छी चीज या तो अवैधानिक, या अनैतिक होती है.
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मरफ़ी का स्वर्णिम नियम : जिसके पास स्वर्ण होता है वही नियम बनाता है.
• संशय के समय अपनी आवाज में ज्यादा विश्वसनीयता लाएँ.
• किसी बेवकूफ़ के साथ तर्क कभी नहीं करें, संभवतः लोगों को भिन्नता का पता न चल पाए.
• गणित के सबक पर पेन्जा का नियम:
सबक के सबसे महत्वपूर्ण समय पर ही बेयरा दरवाजे पर दस्तक देता है.
• जहाँ सहनशक्ति और धैर्य असफल हो जाता है, बल और शक्ति की जीत होती है.
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यदि आप कुछ गलत चाहते हैं, अधिक संभावना है कि आपको वह न मिले.
• यदि आप समझते हैं कि आप सही और बढ़िया काम कर रहे हैं, तो इसके आपके सामने ही गलत ठहराए जाने की पूरी संभावना है.
• जब किसी ट्रैफ़िक में इंतजार कर रहे हों, तो जब तक आपका लेन साफ होता है वह दूसरा लेन जाम हो जाता है जिस पर आपको बदलकर जाना होता है.
• जब आप सोचते हैं कि अब इससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता तब ऐसा हो ही जाता है.
• बूमरेंग प्रभाव याद कीजिए; आपके कार्य आपके पास लौट कर वापस आते हैं.
• किसी क्रिया पर की गई प्रतिक्रिया भी एक क्रिया ही है
•
दूसरों के कार्यों पर अगर आपको गुस्सा आता है तो इसका अर्थ है कि आपको दूसरे नियंत्रित करते हैं तथा अपने गुस्से पर तो आपका नियंत्रण ही नहीं है.
• किसी भी समय यदि कोई वस्तु सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है तो वह फिर कभी दुबारा दिखाई नहीं देता - काम के समय तो बिलकुल नहीं.
• जब आप अकेले खेल रहे होते हैं तभी गेंद पर आपका बढ़िया शॉट लगता है.
• गेंद पर आपका सबसे बुरा शॉट तभी लगता है जब आप उनके सामने खेलते होते हैं जिन्हें आपको प्रभावित करना होता है.
• आप चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, आप एक धागा भी नहीं खींच सकते.(
उदाहरण के लिए, कार में परिवार के सभी लोगों को बिठाने की कोशिश करना)
• बाल सेटिंग करवाने की कीमत बयार की तेजी के सीधे अनुपात में होती है.
• ग्रेट आइडिया कभी भी याद नहीं किए जाते और मूर्खता भरे वक्तव्य कभी भूले नहीं जाते.
•
वाशिंग मशीन में जोड़ में से हमेशा एक ही मोजा ग़ायब होता है
• जो आप चाहते हैं आपको नहीं मिलता जो आपके पास है उसे आप हरगिज नहीं चाहते.
• जो आप करना चाहते हैं वह संभव नहीं है, जो आप कर सकते हैं उसे आप करना नहीं चाहते.
• ट्रैफ़िक की रफ़्तार आप कितने लेट हो चुके हैं या होने वाले हैं उसके उलटे अनुपात में होती है.
• पेचीदगी तथा कुण्ठा का गुणांक, उस कार्य को पूरा करने में कितना समय बाकी होता है तथा वह कितना महत्वपूर्ण होता है उसके उलटे अनुपात में होता है.
• क्रेसपिन का अवलोकन का सिद्धांत:
लोगों के द्वारा किसी व्यक्ति का अवलोकन किए जाने की संभाव्यता उसके द्वारा किए जा रहे मूर्खता पूर्ण कार्य के सीधे अनुपात में होती है.
• यदि आप खुजाते हुए सोएंगे तो बदबूदार उंगलियों के साथ उठेंगे.
• मरफ़ी के नियमों की जानकारी होने मात्र से किसी भी परिस्थिति में कोई मदद नहीं मिलती है.
• यदि आप अपना प्रभाव जमाने के लिए कुछ कहते हैं तो यकीन मानिए, आपका प्रभाव खतम हो जाता है.
• जहाँ धैर्य असफल होता है, वहाँ शक्ति सफल होती है.
• वैक्समेन का नियम:
सभी चीजों का स्वाद एक जैसा ही होता है- अच्छा या बुरा
• स्कारस्टाड का अवलोकन
आपके गुम चुके चिल्लर में से उससे अधिक तो आपको कभी भी वापस नहीं मिलेंगे.
• यदि अधिकार द्रव्यमान है तो मूर्खता गुरुत्व-बल है.
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मरफ़ी के कुछ नए नियम –
मरफ़ी के नए नए नियम कुछ ऐसे ही तो बनते हैं...
मरफ़ी के नए नियमों का जन्म...
कितना सही है मरफ़ी का यह नियम:
जब आप सोचते हैं कि कोई कार्य आप जैसे भी हो कर ही लेंगे, तो किसी न किसी बहाने, हर हाल में वह कार्य नहीं ही हो पाता है!
एक बार मैं इंटरनेशनल हॉस्टल पर ठहरा था, जहाँ सुविधाएँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की थीं. इसका स्नानागार ही मेरे मकान के लिविंग रूम जितना बड़ा था, जिसका फर्श इटालियन मार्बल का था, और डिजाइनर शॉवर लगा हुआ था - यानी सब कुछ भव्य, क्लास था.
भले ही मैं अपने घर में पत्नी द्वारा स्नान के लिए स्नानागार में अकसर धकिया कर भेजा जाता हूँ, परंतु इस भव्य स्नानागार को देखते ही लगा कि अरे! मैं तो सदियों से नहीं नहाया हूँ, और रात्रि का समय होने के बावजूद स्नान के लिए मन मचल उठा.
विटामिन युक्त गार्निए शॅम्पू की खुशबू उस विशालकाय, भव्य स्नानागार में जरा ज्यादा ही आनंदित कर रही थी.
मरफ़ी का यह नियम भी सत्य है-
मुफ़्त के साबुन को ज्यादा मात्रा में और ज्यादा देर तक मलने में ज्यादा आनंद आता है, भले ही उसमें ज्यादा मैल निकालने की ज्यादा क्षमता न हो!
और, इससे पहले कि मैं अपने मुँह पर फैले साबुन के झाग को धो पाता, अचानक ही शॉवर में पानी आना बंद हो गया. शायद मैं स्नानागार में अधिक देर रह चुका था और शायद इंटरनेशनल हॉस्टल का सारा पानी इस्तेमाल कर चुका था. परंतु, अरे नहीं! मैंने तो बस, अभी शैम्पू लगाया ही था.
पानी कहीं नहीं आ रहा था. बेसिन में भी नहीं, और फ़्लश के टैंक में भी नहीं. थोड़ी देर पहले ही तो मैंने फ़्लश चलाया था.
जैसे तैसे मैंने अपने चेहरे का साबुन थोड़ा सा पोंछा और स्वागत कक्ष को फोन लगाया. मुझे बताया गया कि ऊपर टंकी में पानी चढ़ाने वाले पम्प में कुछ खराबी आ गई है, और लोग लगे हुए हैं उसे दुरूस्त करने में और कोई पाँचेक मिनट में पानी आ जाएगा.
पाँच के बदले पच्चीस मिनट बीत गए. पानी नहीं आया. स्वागत कक्ष को फिर फोन किया. पता चला कि कुछ कह नहीं सकते कि पम्प कब ठीक होगा. चार आदमी ठीक करने में लगे हुए हैं. गोया कि एक खराब पम्प को ठीक करने में जितने ज्यादा आदमी लगेंगे वह उतनी ही जल्दी ठीक होगा! मगर मैं विद्युत पम्पों के बारे में पहले से जानता था और इसीलिए इस बात से मुझे खुशी नहीं मिली. ऐसे उत्तर तो मैं अपने उच्चाधिकारियों और जनता को अपनी नौकरी के दौरान दिया करता था - ट्रांसफ़ार्मर ठीक करने में दो-गुने, तीन गुने आदमी लगे हुए हैं - जल्दी से जल्दी बिजली सप्लाई चालू कर दी जाएगी. मुझे समस्या का अहसास हो गया. मैंने असहज होते हुए कहा कि भाई, मैं नहा रहा था और बीच में ही पानी चला गया. मेरे बदन पर तो पूरा साबुन लगा हुआ है. मैं ऐसे कब तक रहूँगा? रात बीत रही है.
स्वागत कक्ष को मेरी विकट स्थिति का भान हुआ होगा लिहाजा वहाँ से कोई दर्जन भर मिनरल वॉटर की बोतलें भिजवा दी गईं. जैसे तैसे मैंने अपने बदन से साबुन छुड़ाया. भव्य स्नानागार मुँह चिढ़ा रहा था. मरफ़ी के कुछ बढ़िया नियमों का जन्म हो चुका था -
- भव्य स्नानागार के बारे में जब आप सोचते हैं कि सब कुछ भव्य है तो पता चलता है कि उसके शॉवर में तो पानी ही नहीं है!
- साबुन लगाने के बाद ही पता चलता है कि शॉवर में पानी आना बंद हो गया है.
- स्नानागार में साबुन लगाने से पहले अपने लिए पानी की एक बाल्टी भर रखें - और भव्य स्नानागार में दो बाल्टी.
मरफ़ी के घरेलू नियम
• किसी बच्चे द्वारा घरेलू कार्य में दिए जाने वाले सहयोग हेतु उसकी उत्सुकता उसकी उस कार्य को करने की क्षमता के व्युत्क्रमानुपाती होती है.
• उपलब्ध बर्तनों में रख लेने के बाद भी एक अतिरिक्त बर्तन लायक बासी भोजन बच रहता है.
•
नई नई साफ की गई खिड़की गंदी खिड़की से दो-गुना ज्यादा गति से धूल पकड़ती है.
• घर पर बाल प्वाइंट पेन की उपलब्धता उसकी अत्यंत आवश्यकता के व्युत्क्रमानुपाती होती है.
• जो कबाड़ा आपका एक गैराज भर सकता है, उतना ही कबाड़ा आपके दो गैराज को भरा हुआ होता है.
• तीन बच्चे + दो बिस्किट = लड़ाई
• संकट की संभावना, उपलब्ध टीवी रिमोट कंट्रोल भाजित दर्शकों की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होती है.
• आपके घर के खुले हुए दरवाजे-खिड़कियों की संख्या बाहरी तापक्रम के उलटे अनुपात में होती है.
• किसी भी वाटर हीटर की क्षमता डेढ़ बच्चे के नहा लेने लायक भर होती है.
• जो ऊपर जाता है, वह नीचे आता ही है - सिवाय बबल गम तथा अध खाए भोजन के.
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मरफ़ी के तकनॉलाज़ी नियम
मरफ़ी के तकनॉलाज़ी नियम
बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण को यह कभी भी न पता चलने दें कि आप बहुत जल्दी में हैं.
(मरफ़ी के कुछ अन्य, )
गलत निष्कर्ष पर पूरे विश्वास के साथ पहुँचने की व्यवस्थित विधि का नाम ही ‘तर्क' है.
जब किसी सिस्टम को पूरी तरह से पारिभाषित कर लिया जाता है तभी कोई मूर्ख आलोचक उसमें कुछ ऐसा खोज निकालता है जिसके कारण वह सिस्टम या तो पूरा बेकार हो जाता है या इतना विस्तृत हो जाता है कि उसकी पहचान ही बदल जाती है.
तकनॉलाज़ी पर उन प्रबंधकों का अधिकार है जो इसे समझते नहीं.
यदि बिल्डिंग बनाने वाले, प्रोग्राम लिखने वाले प्रोग्रामरों की तरह कार्य करते होते तो विश्व के पहले बिल्डर का पहला ही काम संपूर्ण समाज को नेस्तनाबूद कर चुका होता.
किसी संस्थान के फ्रंट ऑफ़िस की सजावट उसकी संपन्नता के व्युत्क्रमानुपाती होती है.
किसी कम्प्यूटर के कार्य का विस्तार उसके बिजली के तार के विस्तार जितनी ही होती है.
विशेषज्ञ वो होता है जो क्षुद्र से क्षुद्र चीजों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखता है. सही विशेषज्ञ वह होता है जो कुछनहीं के बारे में सबकुछ जानता है.
किसी आदमी को बताओ कि ब्रह्माण्ड में 300 खरब तारे हैं तो वो आपकी बात पर विश्वास कर लेगा. उसे बताओ कि किसी कुर्सी पर अभी अभी पेंट लगाया गया है और वह गीला है तो वह इसकी तसदीक के लिए छूकर अवश्य देखेगा.
विश्व की महानतम खोजों के पीछे मानवीय भूलों का ही हाथ रहा है.
कोई भी चीज नियत कार्यक्रम या निश्चित बजट में नहीं बन सकती.
मीटिंग में मिनट्स को रखा जाता है और घंटों को गंवाया जाता है.
प्रबंधन का पहला मिथक है - कि उसका का अस्तित्व है.
कोई यूनिट तब तक असफल नहीं होती जब तक कि उसका अंतिम निरीक्षण नहीं कर लिया जाता.
नए सिस्टम नई समस्याएँ पैदा करते हैं.
गलतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है, परंतु ढेरों, सुधारी नहीं जा सकने वाली गलतियों के लिए कम्प्यूटर की आवश्यकता होती है.
कोई भी उन्नत तकनीक जादू सदृश्य ही होती है जब तक कि वह समझ न ली जाए.
एक कम्प्यूटर मात्र दो सेकंड में उतनी सारी गलतियाँ कर सकता है जितना 20 आदमी मिलकर 20 वर्षों में करते हैं.
किसी व्यक्ति को कोई भी बात इससे ज्यादा प्रोत्साहित नहीं कर सकती - कि उसके बॉस ने किसी दिन घंटा भर ईमानदारी से काम किया.
कुछ व्यक्ति नियमबद्ध होते हैं - भले ही उन्हें यह नहीं पता होता कि नियम क्या हैं व किसने लिखे हैं.
फेब्रिकेटर के लिए मुश्किलें बढ़ाना तथा सर्विस इंजीनियर के काम को असंभव बनाना ही डिज़ाइन इंजीनियर का पहला काम होता है.
भीड़ में से विशेषज्ञ का पता लगाना मुश्किल नहीं. वह किसी कार्य को पूरा होने में सर्वाधिक समय व पैसा लगने की भविष्यवाणी करता दिखाई देता है.
कहने भर से कोई काम तो हो जाता है, मगर फिर उसके बाद और बहुत सा कहा जाता है जो होता नहीं
किसी भी नवीनतम सर्किट डिजाइन में एक भाग वो होता है जो कालातीत हो चुका होता है, दो भाग बाजार में उपलब्ध नहीं होता तथा तीन भाग विकास के चरणों में होते हैं.
कोई जटिल सिस्टम अंततः जब काम करने लगता है तो पता चलता है कि इसे तो एक कार्यशील सरल सिस्टम से ही बनाया गया है.
कम्प्यूटर अविश्वसनीय हैं, परंतु मनुष्य और ज्यादा अविश्वसनीय हैं. जो सिस्टम मनुष्य की विश्वसनीयता पर निर्भर है, वह अविश्वसनीय ही होगा.
यदि आप कुछ समझ नहीं पाते हैं तो वह आपकी अंतर्बुद्धि से प्रकट हो जाता है.
खरीदार संस्था का सचिव यदि आपसे जरा ज्यादा ही सहृदयता से पेश आता है तो यह समझें कि खरीद आदेश आपके प्रतिद्वंद्वी कंपनी ने पहले ही हड़प लिया है.
किसी कंस्ट्रक्शन को डिजाइन करते समय, शनिवार 4.30 बजे के बाद उसके आयामों का सही योग नहीं निकाला जा सकता. सही योग सोमवार सुबह 9 बजे स्वतः सुस्पष्ट हो जाता है.
जो खाली है उसे ही भरें. जो भरा है उसे ही खाली करें. और जहाँ खुजली है, वहीं पर ही खुजाएँ.
दुनिया में सब संभव है, रिवॉल्विंग दरवाजे से होकर स्कीइंग को छोड़कर.
कठिन परिश्रम से नहीं, बल्कि चतुराई से काम करें तथा आपनी वर्तनि के प्रति सवधान रहे.
यदि यह गूगल में नहीं मिलता, तो फिर इसका अस्तित्व ही नहीं है.
यदि कोई प्रयोग सफल हो जाता है तो फिर कहीं कुछ गलत अवश्य है.
यदि सबकुछ असफल हो जाता है तो फिर निर्देश पढ़ें.
जो भी ऊपर जाता है, वह नीचे आता ही है - फिर भले ही वह सेंसेक्स क्यों न हो.
उप प्रमेयर : परंतु हमेशा नहीं.
हाथों से छूटा औजार हमेशा कोने में वहां जा पहुँचता है जहाँ आसानी से नहीं पहुँचा जा सकता.
किसी भी सरल सिद्धान्त की व्याख्या अत्यंत कठिन तरीके से ही संभव है.
जब कोई सिस्टम इतना सरल बनाया जाता है कि कोई मूर्ख भी उसका इस्तेमाल कर सके, तो फिर उसका इस्तेमाल सिर्फ मूर्ख ही करते हैं.
तकनीकी दक्षता का स्तर, प्रबंधन के स्तर के उलटे अनुपात में होता है.
एक अत्यंत मुश्किल कार्य पूर्ण होने के ठीक पहले, एक अति महत्वहीन छोटे से विवरण की अनुपलब्धता के कारण रुक जाता है.
कोई भी काम भले ही पूरा हो जाता हो, परंतु उसे सही ढंग से पूरा करने के लिए कभी भी समय नहीं होता.
जैसे-जैसे अंतिम समय सीमा करीब आती है, वैसे-वैसे बचे हुए काम की मात्रा बढ़ती जाती है.
यदि कोई उपकरण खराब हो जाता है और उसकी वजह से काम अटकने लगता है, तो वह उपकरण तब ठीक होता है जब,
उसकी आवश्यकता अब नहीं होती है
कोई दूसरा आवश्यक कार्य किया जा रहा होता है तब.
बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण को यह कभी भी न पता चलने दें कि आप बहुत जल्दी में हैं.
यदि कोई उपकरण खराब नहीं हुआ है तो उसमें और सुधार न करें. आप उसे ऐसा खराब कर देंगे जो फिर कभी सुधारा नहीं जा सकेगा.
पटरी को देखकर आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि ट्रेन किस तरफ से आएगी
यदि आप पूरी तरह से भ्रमित (कनफ़्यूजन में) नहीं हुए हैं तो इसका मतलब है कि आपको पूरी बात मालूम ही नहीं है.
मानक पुरजे नहीं होते हैं
हाथों से छूटा औजार किसी चलते उपकरण के ऊपर ही गिरता है.
नवीनतम तकनॉलाज़ी पर कभी भरोसा न करें. भरोसा तभी करें जब वह पुरानी हो जाए.
बोल्ट जो अत्यंत अपहुँच स्थान पर होता है, वही सबसे ज्यादा कसा हुआ मिलता है.
तकनॉलाज़ी और विज्ञान में सबसे ज्यादा बोला जाने वाला वाक्यांश है - "उफ़ - ओह!"
तकनीशियन के मुँह से दूसरा सबसे बेकार शब्द आप सुनते हैं - "ओफ़!". पहला सबसे बेकार शब्द होता है "ओफ़! शि..ट"
किसी भी दिए गए सॉफ़्टवेयर को जब आप इस्तेमाल करने में दक्षता हासिल कर लेते हैं तो पता चलता है कि उसका नया संस्करण जारी हो गया है.
उप प्रमेय 1 - नए संस्करण में जो सुविधा आपको चाहिए होती है वह अभी भी नहीं होती
उप प्रमेय 2 - नए संस्करण में जिस सुविधा का इस्तेमाल आप बारंबार करते रहे होते हैं उसे या तो निकाल दिया जाता है या उसमें ऐसा सुधार कर दिया जाता है जो आपके किसी काम का नहीं होता.
आज के इनफ़ॉर्मेशन ओवरलोड के जमाने में सबसे आवश्यक तकनीकी दक्षता यह है कि हम जो सीखते हैं उससे ज्यादा भूलने लगें.
जटिल चीजों को सरलता से बनाया जा सकता है, सरल चीजें बनने में जटिल होती हैं
बन्दर के हाथ में आई-पॉड कोई काम का नहीं होता.
सुरक्षा का नियम: यदि आप किसी लाख रुपए के उपकरण को बचाने के लिए पाँच रुपए का फ़्यूज लगाते हैं तो आपके पाँच रुपए के फ़्यूज को जलने से बचाने के लिए आपका पाँच लाख का उपकरण पहले जल जाता है.
हर एक के बॉस के लिए हर कहीं लागू होने वाला नियम: बहते हुए गंदे नाले में कचरे के ढेर का सबसे बड़ा हिस्सा ही सबसे ऊपर आता है.
किसी समुद्री यात्रा में जहाज के पोरबंदर को छोड़ने के बाद ही कोई महत्वपूर्ण पुरजा खराब होता है, जो भंडार में नहीं होता है.
रखरखाव विभाग उपभोक्ता की शिकायतों को तब तक नजर अंदाज करते रहते हैं जब तक कि उपभोक्ता कोई नया खरीद आदेश न दे दे.
निरीक्षण की प्रत्याशा के महत्व के अनुसार ही किसी मशीन के खराब हो जाने की संभावना होती है.
यदि कोई नया सिस्टम सिद्धान्त में काम करेगा तो अभ्यास में नहीं और अभ्यास में काम करता है तो सिद्धान्त में नहीं.
आपकी खोज चाहे जितनी भी पूर्ण व बुद्धिमानी भरी हो, कहीं न कहीं कोई मौजूद होता है जो आपसे ज्यादा जानता है.
आसानी से सुधारी जा सकने वाली चीज़ें कभी खराब ही नहीं होतीं.
काटा गया कोई भी तार आवश्यक लंबाई में छोटा ही निकलता है.
जब आप अंतत: नई तकनॉलाज़ी को अपना लेते हैं, तब पता चलता है कि हर कहीं उसका सपोर्ट व इस्तेमाल बंद हो चुका है.
किसी परियोजना का प्रस्तावित आकार, उस परियोजना के अंतिम रुप में पूर्ण होने के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होता है.
कोई विचार जितना ही बुद्धिमानी भरा होगा, उतने ही कम उसे स्वीकारने वाले मिलेंगे.
जितना ज्यादा ज्ञान आप प्राप्त करते जाएंगे, आप उतना ही कम सुनिश्चित होते जाएंगे.
यदि आप सोचते हैं कि आप विज्ञान (या कम्प्यूटर या औरत) को समझते हैं, तो निश्चित रूप से आप विशेषज्ञ नहीं हैं.
सिर्फ तकनीशियन ही ऐसे हैं जो तकनॉलाज़ी पर किसी सूरत भरोसा नहीं करते.
सभी असंभव असफलताएँ जाँच स्थल पर ही होती हैं.
उप प्रमेय - सभी असंभव असफलताएँ ग्राहक यहाँ होती हैं.
किसी को आप जितना बेमुद्दत चाहते हैं कि वह इंस्टैंट मैसेंजर में उपलब्ध हो, उसके ऑफ़ लाइन होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है.
किसी उपकरण (या तकनीशियन) का उपयोग और कार्यकुशलता उसे दिए गए गालियों के सीधे अनुपात में होती है.
कोई बढ़िया, खराब न होने वाला पुर्जा असुरक्षित समझा जाकर कीमती, बारंबार सर्विस की आवश्यकता वाले पुर्ज़े से हमेशा बदल दिया जाता है.
खराब हो चुका पाँच रुपए कीमत का पुर्जा बदला नहीं जा सकता, परंतु उसे किसी सब-एसेम्बली से बढ़िया, कार्य-कुशल तरीके से बदला जा सकता है जिसकी कीमत मूल उपकरण से ज्यादा होती है.
किसी खराब पुरज़े की कीमत व उपलब्धता सम्पूर्ण सिस्टम की कीमत के व्युत्क्रमानुपाती होती है. पाँच रुपए का पुरज़ा पाँच लाख की मशीन को अनुपयोगी बना देता है.
पाँच लाख की मशीन का पाँच रुपए कीमत का खराब पुरज़ा बाजार में या तो उपलब्ध नहीं होता, उसका निर्माण बरसों पहले से बन्द हो चुका होता है और अंतत: अपने कई गुने कीमत से मेड टू आर्डर से बनवाया जाता है तो पता चलता है कि उस मशीन की जगह नई मशीन ने ले ली है.
सभी मेकेनिकल / इलेक्ट्रिकल उपकरण अपनी गारंटी अवधि अच्छी तरह से जानते हैं - वे इस अवधि के बाद ही फेल होते हैं.
तकनीशियन ने पहले कभी भी आपके जैसा मशीन नहीं देखा हुआ होता है.
तकनीशियन आपके मशीन को उसके जाने के तुरंत बाद या फिर बहुत हुआ तो, अगले दिन खराब होने के लिए ही ठीक करता है.
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मरफ़ी के कंप्यूटरी नियम
• कोई भी चलता हुआ प्रोग्राम अप्रचलित (ऑब्सलीट) होता है.
• दिया गया कोई भी प्रोग्राम जब भी चलाया जाता है तो प्रत्येक बार पिछले बार से ज्यादा समय व रुपया खाता है.
• यदि कोई प्रोग्राम उपयोगी होता है तो फिर अंततः उसे बदला ही जाता है.
• यदि कोई प्रोग्राम अनुपयोगी होता है तो उसे दस्तावेज़ीकृत किया जाना आवश्यक होता है.
• कोई भी दिया गया प्रोग्राम उपलब्ध मेमोरी को पूरी तरह घेर लेता है.
• किसी प्रोग्राम का मूल्य उसके आउटपुट के भार के व्युत्क्रमानुपाती होता है.
• किसी प्रोग्राम की पेचीदगी उसको मेंटेन करने वाले प्रोग्रामर की क्षमता से आगे तक बढ़ती जाती है.
• हर महत्वपूर्ण प्रोग्राम में कम से कम एक बग तो होता ही है.
उपप्रमेय 1 - किसी प्रोग्राम की तुच्छता के लिए पर्याप्त शर्त यह होती है कि उसमें कोई बग नहीं होता है.
उपप्रमेय 2 - जब प्रोग्राम का लेखक संस्था को छोड़ता है तो प्रोग्राम में कम से कम एक बग तो दिखाई दे ही जाता है.
• किसी प्रोग्राम के एक हिस्से में बग अवश्य दिखाई देता है जब उस प्रोग्राम के असंबद्ध हिस्से में कुछ परिवर्धन किया जाता है.
सूक्ष्म बग विशाल क्षति करते हैं व बड़ी समस्याएँ पैदा करते हैं.
• कोई ‘डिबग्ड' प्रोग्राम जो कि क्रैश हो जाता है, भंडार उपकरणों से स्रोत फ़ाइलों को भी तब मिटा देता है जब बैकअप उपलब्ध नहीं होता है.
• हार्यवेयर की असफलता तंत्र सॉफ़्टवेयर को क्रैश करती है और सेवा-प्रदाता इंजीनियर सॉफ़्टवेयर प्रोग्रामर को दोष देता है.
• तंत्र सॉफ़्टवेयर क्रैश से हार्डवेयर फेल होने पर प्रोग्रामर सेवा-प्रदाता इंजीनियर को दोष देते हैं.
• ढूंढी नहीं जा सकी त्रुटियाँ असंख्य किस्म की होती हैं, जबकि ढूंढी जा चुकी त्रुटियाँ, परिभाषानुसार सीमित मात्रा में होती हैं.
• पहले से ही विलंबित हो चुके किसी सॉफ़्टवेयर परियोजना में अतिरिक्त प्रोग्रामरों को शामिल करने पर परियोजना में और भी विलंब होता है.
• यदि आप यह संभव बना दें कि प्रोग्रामर हिन्दी में प्रोग्रामिंग कर सकें, तो आप पाएंगे कि प्रोग्रामर हिन्दी नहीं लिख सकते.
• मानक सॉफ़्टवेयर मॉड्यूलों के दस्तावेज़ीकृत इंटरफ़ेसेस में अ-दस्तावेज़ीकृत विशिष्टताएँ होती हैं.
• हार्डवेयर असफलता की संभावना ग्राहक सेवा इंजीनियर के उपलब्ध स्थान की दूरी के सीधे अनुपात में होती है.
उपप्रमेय- हार्डवेयर असफलता के स्वयमेव ठीक हो जाने की संभावना ग्राहक सेवा इंजीनियर के उपलब्ध स्थान की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है.
• कार्यशील प्रोग्राम वे होते हैं जिनमें तब तक ढूंढे नहीं जा सके बग होते हैं.
• दिए गए समय में आपके पास चाहे जितने भी कंप्यूटर रिसोर्सेस होते हैं, आपके लिए वे कभी भी पर्याप्त नहीं होते हैं.
• किसी भी बढ़िया प्रोग्राम के लिए आपके पास उपलब्ध मेमोरी से ज्यादा आवश्यक होता है.
• अंततः जब आप अपने कम्प्यूटर के लिए पर्याप्त मेमोरी खरीद लेते हैं तो पाते हैं कि आपके डिस्क में पर्याप्त जगह नहीं है.
• डिस्क तो हमेशा ही पूरे भरे होते हैं. और अधिक डिस्क जगह के लिए प्रयास करना तो निरर्थक ही होता है. डाटा की फितरत है कि वह किसी भी खाली जगह को भरने के लिए फैल ही जाता है.
• यदि कोई प्रोग्राम मेमोरी में वास्तविक रूप में फिट हो जाता है तथा डिस्क में समा जाता है तो फिर इस बात की गारंटी हो जाती है कि वह प्रोग्राम क्रैश होगा ही.
• यदि ऐसा कोई प्रोग्राम क्रैश नहीं हुआ है, तो यह मानकर चलिए कि वह क्रैश करने के लिए किसी बढ़िया समय के इंतजार में है.
• चाहे आप जितनी भी बढ़िया खरीदारी कर लें, जब आप कोई कम्प्यूटर सामग्री खरीदते हैं तो पाते हैं कि ठीक उसके बाद ही भावों में भारी कमी हो गई.
• आपके कंप्यूटर के सभी अवयव अप्रचलित (ऑब्सलीट) हैं.
• जिस गति से कंप्यूटरों के अवयव अप्रचलित होते हैं वह गति उस अवयव की कीमत के सीधे अनुपात में होती है.
• सॉफ़्टवेयर बगों को उपयोक्ता के अलावा अन्य किसी के द्वारा खोजा जाना आमतौर पर संभव नहीं होता.
• ग्राहक सेवा इंजीनियर के द्वारा आपके जैसा विचित्र उपयोक्ता या आपके पास उपलब्ध विचित्र तंत्र पहले कभी देखा नहीं गया होता है.
• यह स्वयंसिद्ध है कि जो कल-पुर्जे आवश्यक होते हैं वे स्टाक में नहीं होते तथा उनका उत्पादन बन्द कर दिया गया होता है.
• कोई भी वीडियो डिस्प्ले यूनिट, चाहे वह कितना ही कीमती क्यों न हो, स्वयं जलकर पचास पैसे के फ़्यूज एलिमेंट को खराब होने से बचा लेता है.
• किसी उपकरण में यदि गारंटी में अर्थवायर का जिक्र होगा तो उपकरण के पावर केबल में सिर्फ दो पिन होंगे.
• यदि किसी सर्किट (सुधारने या बनाने) में n अवयवों की आवश्यकता होगी तो स्थानीय स्टॉक में n-1 अवयव ही उपलब्ध होते हैं.
• कोई उपकरण तब तक असफल नहीं होता जब तक कि वह फाइनल इंसपेक्शन पास नहीं कर लेता.
• कोड जनरेटर प्रोग्राम ऐसे कोड जनरेट करता है जिसमें प्रोग्राम से ज्यादा बग होते हैं.
• किसी वर्कबेन्च से कोई पुरजा उसके महत्व के समानुपाती, पहुंच से दूर जाकर गिरता है.
• आप चाहे जितना भी ईमानदार, श्रमसाध्य काम कर लें, आपका बॉस तभी प्रकट होता है जब आप इंटनरेट पर चैट कर रहे होते हैं.
• हार्ड ड्राइव तभी क्रैश होते हैं जब आप उसमें से जरूरी जानकारी बैकअप नहीं किए हुए होते हैं.
• कंप्यूटर त्रुटियाँ पैदा नहीं किया करते - उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है.
भारतीय घरेलू महिला के लिए मरफ़ी के कुछ नियम
1. जिस हसीन शाम को आप अपने पति के लिए नाश्ता व चाय पहले से तैयार कर रखती हैं, उस दिन वे बेसाख्ता देरी से आते हैं.
उपप्रमेय 1 : जिस हसीन शाम को आप नाश्ता तैयार नहीं कर पाती हैं, उस दिन आपके पति जल्दी घर आ धमकते हैं और इतने भूखे होते हैं कि पूरा का पूरा डाइनिंग टेबल मय फर्नीचर व मर्तबान खा जाने को तत्पर होते हैं.
उपप्रमेय 2 : जिस हसीन शाम के लिए आपके पतिदेव आपसे वादा कर रखते हैं कि वे जल्दी घर लौटकर आपको बाजार लेकर चलेंगे, उस दिन आप ऐसी कोई तैयारी मत रखिए. चूंकि वे बेसाख्ता देरी से आने वाले होते हैं.
2. जब आप खाना खाने बैठती हैं, आपका दो वर्ष का बच्चा तभी सूसू या पॉटी करने के लिए अजीब चेहरे बनाता है, या दूध वाला जल्दी (या देरी से) आकर आवाज लगाता है या कोई अजनबी दरवाजा खटखटा कर किसी चीज की मार्केटिंग करने का असफल प्रयास करता है या कोई वह पता पूछता है जो कि आपकी कॉलोनी का नहीं होता है.
3. जब आप अपनी किसी महत्वपूर्ण सहेली के फोन काल का इंतजार करते बैठी होती हैं, तो पता चलता है कि आपके कार्डलेस फ़ोन की बैटरी पूरी तरह डिसचार्ज हो गई है या लैंडलाइन फ़ोन के केबल में खराबी आ गई है या मोबाइल फ़ोन की बैटरी को आपका नन्हा उस पर गेम खेलकर खत्म कर चुका है.
उपप्रमेय 1: यदि फोन काल किसी टेलिमार्केटिंग कंपनी से आया होता है तो आपका बंद फ़ोन अचानक बढ़िया काम करने लगता है.
4. जिस दिन आप स्विमिंग पूल जाने का प्लान बनाती हैं, उसी दिन आपका बच्चा तेज सर्दी-बुखार से ग्रस्त हो जाता है.
उपप्रमेय: जिस दिन आप स्विमिंग पूल जाने का विचार करती हैं, और आपका बच्चा भी स्वस्थ रहता है, तो फिर उस दिन बारिश हो जाती है.
5. आपका कचरा उठाने वाला, आपके गैस पर रखे दूध के उबलने के ठीक 10 सेकण्ड पहले आता है. आप दूध को उबलते तक रुक नहीं सकतीं क्योंकि तब तक कचरा उठाने वाला अगली सड़क नाप चुका होता है. आप गैस बन्द कर कचरा डालने जाती हैं, तब भी पाती हैं कि अंततः दूध गैस की बची गर्मी से ही उबल कर बिखर गया.
6. जिस दिन आप सोचती हैं कि आप आज हर हाल में रात्रि दस बजे से पहले सब काम खत्म कर आराम फरमाएँगी, और आप ऐसा कर भी लेती हैं - तो पाती हैं कि उस दिन रात भर बिजली गुल रही.
7. जिस दिन आपकी काम वाली बाई काम पर नहीं आती है, उसी दिन आपके घर में मेहमानों का तांता लगता है.
8. जब आप ढेर सारे कपड़े पानी में भिगो देती हैं, तब आपकी काम वाली बाई का संदेश मिलता है कि वह आज छुट्टी पर रहेगी.
9. जब घर में आलू-प्याज खत्म हो जाता है, और उसकी बहुत जरूरत होती है तो गली-गली सब्जी बेचने वाला हॉकर नहीं आता और फिर जब आप बाजार जाकर ये सब ले आती हैं तो पता चलता है कि वह हॉकर तमाम मुहल्ले में बार-बार हांक लगा रहा है.
10. जिस दिन आप अपने पति की गंदी-फटी-बदबूदार जीन्स धोकर बाहर धूप में सूखने डालती हैं, तो मौसम के अनुमान के विपरीत बरसात हो जाती है और जीन्स में फंगस लगकर वह और गंदा-बदबूदार हो जाता है.
उपप्रमेय: आपके पति को उस जीन्स के अलावा कुछ और पहनना भाता ही नहीं.
11. किसी आवश्यक खरीदारी के लिए आप अपने पतिदेव को बाजार भेजती हैं तो पाती हैं कि आपके पतिदेव तमाम दूसरे कार्य निपटा आते हैं और वही आवश्यक खरीदारी भूल आते हैं. और अंततः वह आवश्यक खरीदारी आपको ही करनी होती है.
उपप्रमेय: यदि आपके पति आवश्यक खरीदारी कर आते हैं तो या तो सामान खराब होता है या भाव उचित नहीं होता लिहाजा आपको स्वयं जाकर वह सामान वापस कर सही सामान उचित भाव में लाना होता है.
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नन्हें मुन्ने बच्चों के मरफ़ी के नियम
•
जब आप अपने बच्चे को गोद में उठाकर चलना चाहते हैं तो वे हर हाल में खुद अपने पैरों पर चलना चाहते हैं.•
जब आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुद अपने पैरों से चलकर जाए तो वे किसी सूरत आपकी गोद नहीं छोड़ते हैं.•
जब आप बच्चा-गाड़ी लाते हैं, तो वह उसपर बैठकर नहीं, उसे धकेल कर चलना चाहते हैं.•
जब आप बच्चा-गाड़ी लाना भूल जाते हैं तो वो बच्चा-गाड़ी में जाने की जिद करते हैं.
• किसी भोजन में जितना ज्यादा, गहरा और स्थाई धब्बा बनाने की क्षमता होती है, उस भोजन में किसी बच्चे के द्वारा कपड़ों में फैलाए जाने की उतनी ही ज्यादा संभावना होती है.•
उप-प्रमेय - किसी भोजन में स्थाई धब्बा लगाने की जितनी ज्यादा क्षमता होती है, उस भोजन के किसी बच्चे के द्वारा उतने ही मंहगे कपड़े व फर्नीचर पर फैलाए जाने की उतनी ही अधिक संभावना होती है.•
किसी बच्चे को आज जो पसंद है वह कभी भी कल पसंद नहीं होगा (विशेष रुप से भोजन).
• किसी बच्चे के द्वारा गलती (या शैतानी) करने पर उसके अभिभावकों की झल्लाहट आसपास मौजूद व्यक्तियों की संख्या के सीधे अनुपात में होती है.
• मेरा खिलौना नियम : यदि यह मेरा है, तो यह सिर्फ मेरा है,
यदि यह तुम्हारा है, तो भी यह मेरा है,
यदि यह मुझे पसंद है, तो यह मेरा है,
यदि इसे मैं आपसे ले सकता हूँ, तो यह मेरा है,
यदि मैं किन्ही चीजों से खेल रहा हूँ, तो वे सबकुछ मेरे हैं,
यदि मैं सोचता हूं कि यह मेरा है, तो फिर यह मेरा है,
यदि मैंने इसे पहले देखा है तो फिर यह मेरा है,
यदि मैंने इसे लेकर कहीं छोड़ कर रख दिया है, तब भी यह मेरा है,
यदि आपने इसे लिया हुआ है, तब भी यह मेरा है,
यदि मैंने या किसी ने इसे छुपाया हुआ है, तब भी यह मेरा है,
यदि यह उसके जैसा दिखता है जैसा कि मेरे घर में है, तो यह मेरा है,•
यदि यह टूट गया है, तो यह तुम्हारा है.
• यदि मैं पसारा फैलाता हूँ तो साफ तुम्हें करना होगा.•
यदि मैं इसे तोड़ता हूँ, तो यह मेरी नहीं तुम्हारी गलती है.
• एक अभिभावक जितना जोर से चिल्लाकर, जितना ज्यादा देर तक और बारंबार समझाने की कोशिश करेगा किसी बच्चे के द्वारा उसे समझे व अपनाए जाने की संभावना उतनी ही कम होगी.•
किसी भोजन को बनने में जितना ज्यादा ऊर्जा, सामग्री व समय लगता है, किसी बच्चे के द्वारा उसे खाए जाने की संभावना उतनी ही कम होती है.
• कार (या बस) जैसे ही चलने को होती है, उसमें सवार बच्चों को सूसू करने की तीव्र आवश्यकता महसूस होती है.•
जो कपड़े/जूते आप इस हफ़्ते खरीद लाए हैं, वे अगले हफ़्ते या तो बच्चे को फिट नहीं होंगे या फिर वे बच्चे को पसंद नहीँ आएंगे.•
किसी दूसरे कमरे से आती हुई आवाज के उलटे अनुपात में वहाँ मौजूद बच्चे द्वारा की जा रही शैतानियाँ होती हैं.•
अपने कार की सीट कवर के लिए आप जितना ज्यादा रकम खर्च करते हैं, आपका बच्चा उसे उतना ही कम पसंद करता है.
• जब भी आप जल्दी में होते हैं, आपका बच्चा बिला वजह देरी करता है.•
आपका फ़ोन कॉल जितना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा, आपका नन्हा उतना ज्यादा ही जोर से रोएगा या कमरे के दूसरे कोने में उतना ही ज्यादा उत्पात मचाएगा.•
झूलाघर की सुलभता व उपलब्धता आपकी आवश्यकता के उलटे अनुपात में होती है.
• आपका नन्हा हमेशा इस बात का इंतजार करता है कि कब आप काम पर जाने के लिए तैयार हों, तब फिर वह आपके कपड़ों को अपना भोजन फैलाकर या किसी अन्य तरीके से खराब करे.•
जब आप चाहते हैं कि आपका नन्हा सोए, वह आँखें फाड़कर जागता है, धमाल मचाता है. और जब आप चाहते हैं कि वह जागे, बेहोशी में सोता रहता है.
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मरफ़ी के नए साल के नए नवेले नियम
· नया साल नई समस्याएँ लेकर आता है.
· नया साल सर्वथा नवीन, नूतन समस्याएँ लेकर आता है.
· नया साल पुराने संकल्पों को ही लेकर आता है.
. नए साल के संकल्प जिस गंभीरता से लिए जाते हैं वे उससे ज्यादा गंभीरता से निभाए नहीं जाते.
· नए साल में पुराने संकल्प ज्यादा गंभीरता से लिए जाते हैं और वे उसी गंभीरता से निभाए नहीं जाते.
· नए साल के नए संकल्पों का भी आमतौर पर वही हश्र होते हैं जो आपके पिछले संकल्पों के हुए थे.
· नए साल के नए संकल्प लेने में आसान परंतु निभाने में असंभव होते हैं.
· नए साल की पहली सुबह हमेशा हैंगओवर लेकर आती है.
· नया साल भी पुराने साल की तरह गुजरता है.
· नया साल पुरानी चीजों को ही लेकर आता है.
· नए साल में भी आपके विचार कोई जादू नहीं करेंगे.
· नया साल आता बहुत देर से और गुजरता बहुत जल्दी से है.
· नए साल में प्रगति निश्चित है – टैक्सेशन में, प्रदूषण में, महंगाई में, वायरस में, स्पैम में...
· नए साल में नए विचार आएंगे जो पहले के विचारों की तरह ही, काम नहीं करेंगे.
· नए साल के बीतने का अनुभव भी पुराने साल जैसा ही रहेगा.
· मुस्कुराएँ. नया साल क्रूर होता है.
· किसी भी दिए गए व्यक्ति के अच्छे-अच्छे नए साल तो पहले ही बीत चुके होते हैं.
· समय गुजरता जाता है, (नए) साल एकत्रित होते जाते हैं.
· नए साल की दिशा पुरानी जैसी ही होती है और उसे जितना बदलने की कोशिश की जाती है वो उतनी ही तीव्रता से पुरानी दिशा पर चलती है.
· नए साल में भी खुशियाँ नहीं खरीदी जा सकेंगी.
· नए साल में आप नए नहीं हो जाते.
· नया साल प्रायः हर एक के लिए अनुकूल होता है परंतु वो अगले के अगले साल आता है.
· शुक्र मनाएँ कि बुरा साल गुजर गया. बहुत बुरे साल नए सालों में ही आते हैं.
· नए साल में सुअवसर नहीं आता. वो हमेशा पिछले साल आकर चला जा चुका होता है या फिर वो अगले के अगले साल में आने वाला होता है.
· नया साल नई गलतियों के लिए ढेरों सुअवसर लेकर आता है.
· इतिहास हमेशा अपने को दोहराता है. नए साल में भी ऐसा ही होगा.
· नया साल हमेशा नई संभावनाओं को लेकर आता है. नया साल पुराने साल की तरह कैसे गुजरे इस तरह की नई संभावनाएँ.
· नया साल कुछ भी सिद्ध नहीं करता.
· नए साल पर मनाए जाने वाले पार्टी का आकार व तीव्रता पुराने साल के खराब गुजरने के समानुपाती होता है.
· हर नया साल नई आशाएँ अपेक्षाएं लेकर आता है और आने वाले नए साल के लिए वैसा ही छोड़ जाता है.
· किसी भी दिए गए नए साल के सामने उसके ठीक पहले का गुजरा हुआ साल कठिन प्रतीत होता है.
· नए साल में कुछ भी नहीं बदलता. आप भी नहीं.
· यह सबसे बड़ा अंधविश्वास है कि नया साल होता है.
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मरफ़ी के कुछ चौपहिया नियम
अंततः जब आप अपनी नई कार खरीदने लायक पैसा बचा लेते हैं, तभी आपकी जमी जमाई नौकरी छूट जाती है.
कोई भी कार तभी खराब होती है जब बहुत जरूरी में कहीं जाना होता है और दूसरा कोई विकल्प नहीं होता. और प्रायः वह मामूली सी खराबी होती है, जिसको ठीक करने के लिए इंजिन बाहर निकालना जरूरी होता है.
भले ही आप अपनी कार को कितने ही अच्छे तरीके से मेंटेन कर रखते हों, पेंदे से तेल तो तब भी टपकेगा.
कार से आ रही अजीब सी आवाजों से चिंतित होकर जब आप अपनी कार को मेकेनिक के पास दिखाने ले जाते हैं तो वह आवाज आश्चर्य जनक रूप से उस वक्त गायब हो जाती है और आपके पास उस आवाज को, उस खराबी को वर्णन करने के लिए शब्द नहीं रहते.
हर बार, जब आप सार्वजनिक वाहन से जाते हैं तो कार पार्किंग खाली रहता है परंतु जब आप कार लेकर जाते हैं तो पार्किंग में जगह नहीं रहती.
यदि आप कार के हुड के नीचे कुछ काम कर रहे होते हैं तो कुछ न कुछ ऐसा उसमें गिर ही जाता है जो पहुँच से बाहर हो जाता है.
कार ढंकने के लिए प्रयोग में आने वाले विनाइल शीट का तापक्रम आपके हाथों के तापक्रम के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा उसमें धूल अंदर-बाहर दोनों तरफ बराबर रहता है.
आपकी कार का विंड स्क्रीन जितना ज्यादा साफ होता है, वह उतना ही ज्यादा कीटों को आकर्षित करता है.
आपकी कार में कोई डेंट व डैश तभी पड़ती है जब बीमे की अवधि खतम हो जाती है.
आपकी पसंदीदा - हर किस्म की कार के लिए - भले ही आप उसे अफ़ोर्ड नहीं कर पाएँ, हर कार विक्रेता के पास ‘बढ़िया मासिक भुगतान ऋण प्लान' होता ही है.
आपके कार की कुंजी हमेशा उसी जेब में रहती है जो सबसे ज्यादा भरी हुई होती है. और अकसर जेब में सबसे नीचे रहती है.
गंतव्य पर पहुँचने के ठीक पाँच मिनट पहले आपके बच्चे कार में ही सो जाते हैं.
कार की टायरों में पंचर रात के समय, खाली रोड पर ही होता है. और रोड साइड के टायरों में होता है.
जब आपको देरी हो रही होती है तभी हर चौराहे पर लाल बत्ती ही मिलती है.
जितनी शिद्दत से आप कहीं जाना नहीं चाहते और मजबूरी में जा रहे होते हैं तो उतनी ही शिद्दत से ट्रैफ़िक आपको वहाँ शीघ्र पहुँचाने में साथ देता है.
किसी दिन आप ट्रैफ़िक जाम में फंसते हैं और फास्ट लेन में चले जाते हैं तो वह लेन भी ट्रैफ़िक जाम में फंस जाता है.
कार में पंचर तभी होता है जब आपके पास औजार नहीं होता है. और खासकर तब तो होता ही है जब आपके साथी ने औजार नहीं भूलने के लिए आपको पहले ही कह रखा होता है.
जब तक आपकी कार में स्टेपनी होता है कार में पंचर नहीं होता.
जब भी आप अचानक अपनी कार रोकना चाहते हैं तो हर हमेशा पीछे से कोई न कोई वाहन तेज गति से आता ही होता है.
जब आप तेजी से और शीघ्रता से कहीं जाना चाहते हैं तो आपकी कार के सामने चल रहा वाहन कछुए की चाल से चलता रहता है और ओवरटेक करने की कोई संभावना नहीं रहती.
यदि आप लेट हो गए हैं तो संकरी सड़क पर आपकी कार के सामने एक बस चल रही होती है जो कि हर स्टाप पर रुकती है.
यदि आप ज्यादा लेट हो गए हैं तो संकरी सड़क पर आपकी कार के सामने एक स्कूल बस चल रही होती है जो कि हर स्टाप पर और अचानक रुकती चलती है.
मरफ़ी का संकरी पुलिया का नियम: यदि किसी लम्बे सड़क पर कहीं पर एक लेन की संकरी पुलिया होती है और यदि उस सड़क पर मात्र दो कारें ही चल रही होती हैं तो- 1) दोनों कारें विपरीत दिशा में चलती होती हैं और, 2) वे ठीक पुलिया पर ही एक दूसरे को क्रास करती हैं.
आपकी कार का डेप्रिसिएशन आपके पड़ोसी की नई चमचमाती कार की कीमत के सीधे अनुपात में, और एक्सपोनेंशियली होता है.
पेट्रोल पंप पर आप चाहे जिधर से भी अपनी कार ले जाएँ, पेट्रोल टंकी का ढक्कन पंप के दूसरे तरफ ही होता है.
बरसात में जब आपको अपनी कार तक जाना होता है, घनघोर बारिश रुकने का नाम ही नहीं लेती. जैसे ही आप कार के भीतर जैसे तैसे तरबतर घुसते हैं, बादल छंट जाते हैं, चिड़िया चहचहाने लगती हैं, और आसमान में इन्द्रधनुष निकल आता है.
किसी लम्बे ट्रिप में आपकी कार में पेट्रोल तभी खतम होता है जब पेट्रोल पम्प कम से कम पचास किलोमीटर दूर होता है.
अपनी कार में अतिरिक्त अवयवों को लगाकर तथा खर्चीले परिवर्तन कर आप अपनी कार के तथा अन्य विशाल वस्तुओं के बीच गुरूत्व बल में इजाफ़ा करते हैं.
यदि आप अपनी कार को रेसिंग कार की तरह इस्तेमाल करेंगे तो इसमें समस्याएँ भी उसी गति से आएंगीं.
भले ही आप जेट की गति से ड्राइव कर रहे हों, आपके पीछे आ रहा कोई न कोई वाहन आपसे भी जल्दी में होगा.
भले ही आप जेट की गति से जा सकते हों, आपके आगे चल रहा कोई न कोई वाहन आपकी देरी का कारण बन ही जाता है.
किसी शांत चौराहे में तब तक कोई ट्रैफ़िक नहीं होता जब तक कि आपको उसे क्रास नहीं करना होता है.
किसी भी नाले में आप अपनी कार उतार सकते हैं परंतु जरूरी नहीं कि उसे पार कर ही लें.
किसी भी चौराहे पर लाल बत्ती हमेशा ही हरी बत्ती से ज्यादा देर तक जलती रहती है.
आपकी कार का हार्न जितना ज्यादा तेज आवाज करेगा उतना ज्यादा ही संभावना इस बात की होगी कि वह आपके सिवाय अन्य किसी को सुनाई नहीं दे.
यदि किसी सड़क में कोई ट्रैफ़िक नहीं है तो वह मरम्मत के लिए खुदा हुआ होगा.
पानी का डबरा हमेशा ही अनुमान से ज्यादा गहरा होता है.
बारिश में कीचड़ वहाँ-वहाँ जाती है जहाँ-जहाँ आपकी कार जाती है.
कार जितनी भारी, जितनी मंहगी होगी कीचड़ में वह उतनी ही गहरी धंसेगी.
जहाँ कीचड़ में आपकी कार धंसती है वहाँ आसपास उसे निकालने का कोई साधन, यहाँ तक कि कोई एक पेड़ भी नहीं होता.
टायर जितना बड़ा होता है ट्रैक उतना ही गहरा होता है.
जितना दिखाई देता है पानी उससे ज्यादा गहरा होता है.
यदि आप फ़ोर व्हील ड्राइव कार में जा रहे होते हैं तो आते जाते सड़क सूखी मिलती है और जब आप टू व्हील ड्राइव में जा रहे होते हैं तो वापसी में बारिश आ जाती है.
आप अपनी कार को चाहे जैसे बढ़िया तरीके से रखते हों, आश्चर्यजनक और नामालूम तरीके से दाग-धब्बे और डेंट तो लग ही जाते हैं - और ये आपके कार की कीमत के वर्ग के सीधे अनुपात में होते हैं.
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मरफ़ी के कुछ विद्यार्थीय - शिक्षकीय नियम...
• कक्षा में लगी घड़ी हमेशा गलत समय बताती है.•
स्कूल लगने का घंटा जल्दी बजता है, छुट्टी की घंटी देर से बजती है.
• स्कूल की घंटी दोपहर के खाने की छुट्टी के समय तीव्र गति से चलने लगती है.•
जब विद्यार्थी कमरे में होते हैं तभी महाविपदा आती है
•
शिक्षकों के लिए हर मजेदार विषय विद्यार्थियों के लिए उबाऊ होता है.•
विद्यार्थियों द्वारा किसी विषय को समझे जाने की संभावना उस विषय की व्याख्या के लिए शिक्षक द्वारा लिए गए समय व किए गए श्रम के उलटे अनुपात में होती है.•
कक्षा की लंबाई (समय), उबाऊ शिक्षक व उबाऊ विषय के सीधे अनुपात में होती है.•
विद्यार्थी अच्छे परिणाम लाते हैं तो उन्हें प्रशंसा व पुरस्कार मिलते हैं. विद्यार्थी जब फेल होते हैं तो उन्हें उनके शिक्षक घटिया पढ़ाते हैं.•
स्कूल का सबसे शरारती बच्चा स्कूल के प्राचार्य का बेटा होता है.
•
जिस दिन शिक्षक के स्कूल पहुँचने में देरी हो जाती है, उसकी मुलाकात गेट पर प्राचार्य से अवश्य होती है.
उपप्रमेय - जिस दिन विद्यार्थी देर से स्कूल पहुँचता है, उस दिन उपस्थिति पहले दर्ज कर ली जाती है.•
यदि शिक्षक स्कूल समय पर पहुँच जाता है और प्राचार्य से उसकी मुलाकात नहीं होती है तो फिर उसे संकाय समिति की मीटिंग में देर हो जाती है.•
किसी स्कूल में नए विद्यार्थी उन स्कूलों से आते हैं जहाँ पढ़ाई नहीं होती.•
अच्छे विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में चले जाते हैं.•
अच्छे विद्यार्थी/अध्यापक दूसरे स्कूलों के होते हैं.
•
जाँच परीक्षा के दिन पंद्रह प्रतिशत विद्यार्थी अति आवश्यक कारणों से अनुपस्थित होते हैं.•
यदि शिक्षक कला विषय पढ़ाता है तो प्राचार्य फ़िजिकल ट्रेनिंग संकाय का होता है और वह कला विषय से घोर नफरत करता है. और यदि शिक्षक फ़िजिकल ट्रेनिंग संकाय का होता है तो प्राचार्य भी उसी संकाय का होता है और उसके जमाने में वह अपने विद्यार्थियों को कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मैच जितवा चुका होता है.•
कोई परीक्षक जब कोई कॉपी जाँचना प्रारंभ करता है तो मरफ़ी के तमाम नियम प्रभावशील हो जाते है.•
पुस्तकालय के लिए वेइनर का नियम - यहाँ कोई समाधान नहीं मिलता है सिवाय क्रॉस रेफ़रेंस के!
•
यदि आप किसी कक्षा में किसी विषय में प्रवेश पाना चाहते हैं तो अगर उसमें "क" विद्यार्थियों के लायक सीट होती है तो प्रवेश सूची में आपका क्रमांक "क+1" होता है.•
कक्षा के समय की रूपरेखा इस तरह बनाई जाती है कि उससे प्रत्येक विद्यार्थी का अधिकतम समय बरबाद होता है.•
उप-प्रमेय - दो कक्षा के समय की रूपरेखा अगर बढ़िया बन पड़ती है तो वे कक्षाएँ परिसर के विपरीत कोने में एक के बाद एक लगातार लगती हैं.
• वांछित कोर्स के लिए प्राथमिक आवश्यकता वाला कोर्स वांछित कोर्स के पूरा होने के बाद के सेमेस्टर में पढ़ाया जाता है.•
जब आप परीक्षा के ठीक पहले अपने नोट्स पर एक निगाह मारते हैं तो जो अंश सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं, उनकी लिखावटें समझ में नहीं आतीं.
•
किसी परीक्षा के लिए आप जितना ज्यादा पढ़ते हैं, आपको उतना ही सन्देह होता है कि उत्तर कौन सा, किस तरह लिखना है.•
मुख्य (फाइनल) परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में से अस्सी प्रतिशत उस पुस्तक से आते हैं जिन्हें आपने नहीं पढ़ा तथा जिनके लैक्चर आपसे छूट चुके होते हैं.•
अंग्रेज़ी के अर्धवार्षिक परीक्षा के एक दिन पहले शरीरविज्ञान का शिक्षक आपको पचास पृष्ठों का एक प्रोजेक्ट रातों रात कर लाने का गृहकार्य देता है.•
उप-प्रमेय- प्रत्येक शिक्षक यह सोचता है कि विद्यार्थी के पास उसके द्वारा दिए गए गृहकार्य को करने के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं होता है.
• यदि आपको पुस्तक खोलकर परीक्षा देने को कहा जाता है तो आप पुस्तक लाना भूल जाते हैं.•
उप-प्रमेय - यदि आपको जांच परीक्षा कार्य घर से पूरा कर लाने को कहा जाता है तो आप यह भूल जाते हैं कि आप कहाँ रहते हैं.•
सेमेस्टर के अंत में आपको पता चलता है कि आपने किसी ऐसे कोर्स के लिए दाखिला लिया था जिसकी एक भी कक्षा में आपने हाजिरी नहीं दी या नहीं लगी या लगी तो शिक्षक छुट्टी पर रहे.•
मुख्य परीक्षा का प्रथम नियम : गणित के मुख्य परीक्षा के दौरान ही आपके साइंटिफ़िक कैल्कुलेटर की बैटरी खराब हो जाती है.
उप-प्रमेय - यदि आपके पास अतिरिक्त बैटरी होते हैं तो वे खराब निकलते हैं.
•
अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षा में आपका सबसे प्यारा दोस्त दूसरे कमरे में परीक्षा देता है तथा आपकी बगल की कुर्सी पर वह विद्यार्थी बैठता है जिससे आपको सबसे ज्यादा चिढ़ होती है.•
सीगर का नियम - जो कुछ भी कोष्ठकों में दिया गया होता है उसे अनदेखा किया जा सकता है.•
नताली का कैल्कुलस का नियम : कोई भी पाठ, परीक्षा के बाद ही समझ में आता है.•
सेइत का उच्च शिक्षा का नियम : उपाधि प्राप्त करने के लिए जो परीक्षा आप पास करना चाहते हैं, वह आपको अगले सेमेस्टर से पहले नहीं मिलती.•
टर्म पेपर का नियम - आपके प्रोजेक्ट या टर्म पेपर के लिए अति आवश्यक पुस्तक / पत्रिका / जर्नल के पृष्ठ लाइब्रेरी से अवश्य गायब मिलते हैं.
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उप-प्रमेय - यदि उपलब्ध भी होते हैं, तो वे कटे-फटे या अपठनीय होते हैं.•
डुग्गन का शोघ का नियम : - अत्यंत महत्वपूर्ण उद्धरण का स्रोत पता नहीं पड़ता.•
विद्यार्थियों के लिए रोमिंगर का नियम- किसी पाठ्यक्रम का शीर्षक जितना ही साधारण सा होगा, आप उससे उतना ही साधारण सीख पाएंगे.
• किसी पाठ्यक्रम का शीर्षक जितना ज्यादा विशिष्ट होगा, उसमें दाखिला लेने के लिए योग्यता विद्यार्थियों में उतनी ही कम होती है.•
हैनसेन का लाइब्रेरी का नियम - आपके पड़ोस की लाइब्रेरी में काम लायक कोई भी किताब कभी भी नहीं मिलती.
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लंदन का लाइब्रेरी का नियम - इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको कौन सी किताब चाहिए. वह हमेशा ही आलमारी के अ-पहुँचयोग्य सबसे निचले खंड में होता है.•
रोमिंगर का शिक्षकों के लिए नियम - किसी परीक्षा में बैठने के लिए यदि कक्षा में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी जाती है तो अनुपस्थितों की संख्या में इजाफ़ा हो जाता है. यदि किसी परीक्षा में बैठने के लिए कक्षा में उपस्थिति वैकल्पिक होती है तो सारी कक्षा सारे समय मौजूद रहती है.•
गणित की कक्षा पर पेंजा का नियम - किसी पाठ के अति महत्वपूर्ण चरण पर दरवाजे पर कोई न कोई दस्तक दे देता है.
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योग के मरफ़ी के नियम
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यदि कहीं अनुलोम है तो वहाँ विलोम भी होगा (भावार्थ अथवा गूढ़ार्थ - जहाँ रामदेव है, वहाँ ओवैसी भी होगा, इसी तरह अन्य नियम भी भावार्थ अथवा गूढ़ार्थ निकाल कर पढ़े जाएं, :)).
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यदि कहीं कुछ गलत योग-मुद्रा हो सकने की संभावना होती है तो अंततः ऐसा होता ही है.
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यदि बहुत सी गलत योग-मुद्रा के हो सकने की संभावनाएँ होती हैं, तो वही एक गलती होती है जिससे कि सर्वाधिक समस्या होती है.
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उपप्रमेय: यदि किसी योग-मुद्रा के गलत के हो सकने का सबसे खराब समय होता है, तो उसी सबसे खराब समय में होता है.
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यदि किसी के लिए, कहीं, कभी, कोई गलत योग-मुद्रा हो ही नहीं सकती हो तो फिर वहाँ अंततः गलत योग-मुद्रा होती ही है.
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यदि आप यह महसूस करते हैं कि चार संभावित तरीकों से गलत योग-मुद्रा हो सकती है, और आप इन सभी तरीकों से बच निकलते हैं, तभी, गलत योग-मुद्रा हो सकने का एक पाँचवाँ अप्रत्याशित तरीका तत्परता से पैदा हो जाता है.
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यदि योग-मुद्राओं को अपने हाल पर छोड़ दिया जाए, तो वे बद से बदहाल होने की कोशिशें करती हैं.
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यदि आपकी योग-मुद्राओं में सब कुछ अच्छा चलता प्रतीत हो रहा है, तो यकीन मानिए, आपने कुछ अनदेखा किया ही है.
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प्रकृति हमेशा योग-मुद्रा के गुप्त दोषों के पक्ष में होती है.
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मुस्कराओ... योग-मुद्रा में कल तो और बुरा होगा.
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योग-मुद्रा में कुछ गलत होता है तो सारा कुछ एक साथ होता है.
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योग-मुद्रा में ज्यादा अनुसंधान आपके सिद्धान्त का समर्थन करने के लिए अग्रसर होते हैं
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योग-मुद्रा में सब कुछ कभी भी सही नहीं होता. अतः यदि सब कुछ सही हो रहा हो... तो कहीं कुछ गलत है.
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योग-मुद्रा में कुछ भी जो गलत हो सकता है, उसे अंततः गलत होना ही है.
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किसी योग-मुद्रा को करते समय, यदि आपको इसके फायदे का पहले से पता होता है तो इस बात से हमेशा ही मदद मिलती है.
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कोई भी योग-मुद्रा उतनी आसान नहीं होती जितनी वह दिखाई देती है.
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हर योग-मुद्रा के लिए उससे ज्यादा समय लगता है जितना आप समझते हैं.
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यदि कोई योग-मुद्रा कभी गलत हो ही नहीं सकती तो अंततः उसे गलत होना ही है.
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जब आप कोई योग-मुद्रा करने के लिए निकल पड़ते हैं तो पता चलता है कि कोई अन्य योग-मुद्रा पहले करना जरूरी है.
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हर योग-मुद्रा एक नई, आवश्यक योग-मुद्राओं के साथ आता है.
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किसी योग-मुद्रा की आसानी उसके महत्व के उलटे अनुपात में होती है.
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किसी योग-मुद्रा के सीखने की संभावना उसके लाभ के सीधे अनुपात में होता है.
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आखिरी असंभावित योग-मुद्रा का सरल विकल्प कुछ न कुछ मिल ही जाता है.
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आप चाहे जितनी भी मशक्कत कर सबसे आसान योग-मुद्रा सीख लेते हैं तो इसके तुरंत बाद पता चलता है कि इसका और सरल विकल्प कुछ और था.
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सामूहिक योग में, हर समय, आपके इस बाजू वाला आपसे ज्यादा अच्छा योग-मुद्रा कर रहा होता है, और जब आप करवट बदल कर देखते हैं तो उस बाजू वाला भी ज्यादा अच्छा योग-मुद्रा कर रहा होता है.
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योग-मुद्रा नहीं करने के लिए आपको यह साबित करना होता है कि आप तो पहले से ही योगी हैं और आपको तो योग की कतई आवश्यकता ही नहीं है.
• किसी भी योग-मुद्रा को अगर आप अपने मुताबिक सुधार कर सरल बनाना चाहते हैं तो जितना सोचा गया होता है उससे कहीं ज्यादा कठिन योग-मुद्रा की जरूरत होती है.
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यदि कोई आसन हो नहीं रहा है, तो कोई दूसरा आसन आजमाएँ. दूसरा न हो तो तीसरा, चूंकि अंततः दूसरा आसन भी कोई पहले से आसान नहीं होता.
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यदि कोई असंभव योग-मुद्रा को प्रशिक्षक के सामने किया जाता है तो वह योग-मुद्रा अचानक भली भांति होने लग जाता है.
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यदि कोई ऐसा आसान योग-मुद्रा बना लिया जाता है जिसका इस्तेमाल कोई बेवक़ूफ़ भी कर सकता हो तो फिर उसका इस्तेमाल सिर्फ बेवक़ूफ़ ही करेंगे.
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हर एक के पास योगी बनने की योजनाएँ होती हैं जो काम नहीं करतीं.
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किसी भी योग-मुद्रा में प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं के अयोग्यता स्तर के चरम पर पहुँच जाता है और फिर वह वहीं बना रहता है.
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किसी भी योग-मुद्रा को सबसे बढ़िया करने के लिए कोई समय नहीं होता, परंतु उस योग-मुद्रा को निपटा लेने के लिए समय हमेशा होता है.
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जीवन में कोई भी योग-मुद्रा या तो असंभव, या गैरजरूरी होती है.
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संशय के समय योग-मुद्रा में ज्यादा विश्वसनीयता लाएँ.
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योग-मुद्रा के सबसे महत्वपूर्ण, कठिन आसन पर ही आपके मोबाइल पर एक बेहद जरूरी, वाट्सएप्प संदेश अपडेट होता है.
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जहाँ सहनशक्ति और धैर्य असफल हो जाता है, योग-मुद्रा की जीत होती है.
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यदि आप कुछ सरल योग-मुद्रा चाहते हैं, अधिक संभावना है कि आपको वह न करना पड़े.
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यदि आप समझते हैं कि आप सही और बढ़िया योग-मुद्रा कर रहे हैं, तो इसके आपके सामने ही गलत ठहराए जाने की पूरी संभावना है.
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बूमरेंग प्रभाव याद कीजिए; आपकी योग-मुद्राएँ आपके पास लौट कर वापस आती हैं.
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जब आप अकेले योग कर रहे होते हैं तभी आपके आसन स्वाभाविक, नियमानुसार, शत-प्रतिशत शुद्ध होते हैं.
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आपका सबसे बुरा योगासन तभी बनता है जब आप औरों के सामने प्रदर्शित करते होते हैं जिन्हें आपको प्रभावित करना होता है.
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आप चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, आप ठीक से एक भी योग-मुद्रा नहीं कर सकते. (
उदाहरण के लिए, परिवार के सभी लोगों को योग सिखाने की कोशिश करना)
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मित्रों को योग सिखाने की कीमत बीयर की कीमत के सीधे अनुपात में होती है.
• ग्रेट योग-मुद्राएँ कभी भी याद नहीं किए जाते और सरल योग-मुद्राएँ कभी भूले नहीं जाते.
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योग-मुद्राओं में से हमेशा वही भूला जाता है जो कठिन, असंभव किस्म का होता है.
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जो योग-मुद्रा आप आसानी से कर सकते हैं, प्रशिक्षक आपके लिए गैरजरूरी बताता है और जो आपको करने को कहा जाता है उसे आप हरगिज करना नहीं चाहते.
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योग-मुद्रा का सर्वकालिक नियम – जो योग-मुद्रा आप करना चाहते हैं वह संभव नहीं है, जो आप कर सकते हैं उसे आप करना नहीं चाहते.
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दैनिंदनी योग का समय आप कितने लेट हो चुके हैं या होने वाले हैं उसके सीधे अनुपात में होती है.
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किसी योग-मुद्रा की पेचीदगी का गुणांक, उस योग-मुद्रा को सीखने में कितना समय लगता है तथा वह कितना महत्वपूर्ण होता है उसके उलटे अनुपात में होता है.
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लोगों के द्वारा किसी व्यक्ति के योग-मुद्रा का अवलोकन किए जाने की संभाव्यता उसके द्वारा किए जा रहे ऊटपटांग योग-मुद्रा के सीधे अनुपात में होती है.
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यदि आप धूल-धूसरित होकर उठते हैं तो यकीनन आपकी योग की चटाई में धूल है.
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योग के नियमों की जानकारी होने मात्र से किसी भी परिस्थिति में कोई मदद नहीं मिलती है.
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यदि आप अपना प्रभाव जमाने के लिए कोई योग करते हैं तो यकीन मानिए, आपका प्रभाव खतम हो जाता है.
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पितृ दिवस पर मियाँ मरफ़ी
मरफ़ी के पिताओं के नियम
आप चाहें कितने बड़े हो जाएँ, आप अपने पिता के लिए हमेशा वही नाक सुड़कते हुए बच्चे ही होते हैं.
जब आपके पिता आपसे कहते हैं ‘नहीं’, तो इसका अर्थ होता है – अपनी मम्मी से जाकर पूछो.
पिता जो कहते हैं, वही नियम होता है, परंतु सिर्फ बच्चों के वोट देने लायक उम्र होने तक.
पिता परिपूर्ण होते हैं, समस्याएँ बच्चों के साथ होती हैं.
वैसे तो बहुत से विकल्प होते हैं, परंतु पिता का कहा ही अंतिम होता है.
यदि आपके पिता खामोश रहते हैं – तो इसका अर्थ है कि वे कोई प्लान कर रहे होते हैं. यदि वे खर्राटे भर रहे होते हैं तो समझें वह प्लान कामयाब हो गया है.
अपने पिता से हमेशा सहमत रहें. फिर देखें वे यह कैसे कहते हैं – मैंने तुम्हें पहले ही कहा था!
यदि आपको अपने पिता की पूर्ण सहमति हासिल हो गई है तो इसका मतलब है कि वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं.
आप अपनी माता को उल्लू बनाने की कोशिश कर सकते हैं, परंतु पिता को नहीं – वो तो ऐसे स्टंट दसियों बार पहले ही आजमा कर फेल हो चुके होते हैं.
बहस में जीत पिताओं की ही होती है – दूसरे तरीके से भी तर्क उनके ही होते हैं.
पिताओं द्वारा तय किए गए नियम-कानूनों के कुछ अपवाद भी होते हैं, परंतु वे भी पिताओं द्वारा बनाए गए होते हैं.
आप अपने पिता से ज्यादा अनुभवी कभी भी नहीं हो सकते हैं.
आपके पिता आपकी गलतियों को माफ कर सकते हैं परंतु इसका ये मतलब नहीं कि आप उन्हें दोहराएं.
पिता ऐसे न्यायाधीश हैं जो बिना सबूत के सज़ा सुना सकते हैं.
आप भले ही अपने पिता के दिशा-निर्देशों के बगैर चलने लायक बड़े हो गए हों, परंतु यह बात उन्हें भूले से भी न बताएं.
अपने पिता को आप किसी भी समय डिस्टर्ब कर सकते हैं – परंतु यह संतुष्टि कर लें कि कहीं क्रिकेट मैच तो नहीं चल रहा.
घर पर टीवी सब देख सकते हैं, परंतु उसके रिमोट पर अधिकार पिता का होता है.
आप कुछ लोगों को हमेशा के लिए उल्लू बना सकते हैं, कुछ लोगों को कुछ समय के लिए, परंतु अपने पिता को कभी नहीं. वे इस तरह की सफल-असफल कोशिशें अपने जमाने में कर परिपक्व हो चुके होते हैं.
आप अपने पिता से कभी ये न कहें कि करने के लिए कुछ नहीं है. वे कुछ न कुछ नया काम आपको पकड़ा ही देंगे.
उपलब्धि हमेशा आपके पिता के सौजन्य से हासिल होती है, असफलता में आपका और सिर्फ आपका योगदान होता है.
पिता द्वारा सुझाया तरीका ही सर्वश्रेष्ठ होता है. यदि आपको विश्वास नहीं होता तो जरा उन्हें पूछ देखें.
जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे आप अपने आपको अपने पिता का ज्यादा प्यारा, दुलारा बच्चा समझने लगते हैं.
यदि आप समझते हैं कि आप अपने पिता से कुछ छुपा सकते हैं, तो याद कीजिए, किसने आपके पोतड़े बदलने में मदद की है.
आप चाहे जो भी करें उसे आपके पिता की आलोचना मिल सकती है – कुछ भी नहीं करने पर भी.
पिता की वे सलाहें जो आपने अनदेखा की हुई होती हैं, वे हमेशा ही सर्वोत्तम सलाहें होती हैं.
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मरफ़ी के बस अड्डे के नियम
यदि पानी गिर रहा है या कोहरा छाया है या दोनों ही एक साथ हो रहा है या दोनों एक साथ नहीं हो रहा है - कंडीशन कोई भी हो - बस देर से ही आएगी.
यदि आपको देर हो रही होती है तब बस और भी देरी से चलती है, और हर संभावित-असंभावित स्टॉप पर रुकती है.
यदि आप सोचते हैं कि आपको अपनी बस पकड़ने में बहुत समय बचा है तो या तो आपने कोई गलत समय सारिणी देख ली हुई होती है या फिर वह सारिणी पुरानी पड़ चुकी होती है.
यदि आप समय से जल्दी पहुँच जाते हैं तो बस लेट हो जाती है और यदि आप लेट होते हैं तो बस समय से पहले छूट चुकी होती है.
बस स्टॉप पर इंतजार में बिताए गए उस प्रत्येक पल में बस के पहुँचने की संभावना नगण्य ही होती है.
यदि किसी दिन आपके पास चिल्लर नहीं होता है तो उस दिन कंडक्टर के पास भी चिल्लर नहीं होता है.
बस का कंडक्टर किसी भी यात्री को बिना कोई सफाई दिए किसी भी समय कहीं पर भी उतार सकता है.
बस स्टॉप पर इंतजार करते समय एक ही स्थान के लिए दो बस एक साथ ही आ जाती हैं परंतु आपको जाना कहीं और होता है.
बस के सामने छपा हुआ गंतव्य स्थल सिर्फ बस की सजावट के लिए होता है - बस का गंतव्य नहीं.
बस के लिए बिताया गया इंतजार का समय बस में की जाने वाली यात्रा के कुल समय से बड़ा होता है.
जिस बस को आप पकड़ना चाहते हैं वह हमेशा ही आपके पहुँचने के पाँच मिनट पहले छूट चुकी होती है और जो बस आप अंततः पकड़ पाते हैं वह पहले ही दस मिनट की देरी से चल रही होती है.
अगर धूलभरी आंधी चल रही होगी तो बस में आपकी सीट की खिड़की का शीशा टूटा हुआ ही मिलेगा.
यदि आपको अपने रूट की अंतिम बस पकड़नी होती है तो वह बस आपके पहुँचने के ठीक पंद्रह सेकण्ड पहले छूट चुकी होती है.
जितनी दफ़ा आप कंडक्टर से यह पूछेंगे कि आपके गंतव्य पर बस कब पहुंचेगी, कंडक्टर द्वारा न बताने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.
इंतजार करते करते जब आप थक हार कर सिगरेट सुलगाते हैं या पास के ठेले से चाय लेकर पहला घूँट भरते हैं कि बस आ जाती है.
यदि आप यह सोचकर कि बस जल्दी आएगी - सिगरेट सुलगाते हैं या चाय का आर्डर देते हैं तो बस देरी से ही आती है.
बस स्टॉप पर जब आप किसी खूबसूरत स्त्री (या स्मार्ट पुरूष) से जैसे ही बतियाना प्रारंभ करते हैं, नामालूम कहाँ से बस आ जाती है.
मनुष्य की अब तक की सबसे उत्कृष्ट, उज्जवल, चमकीली सर्जना जो उसकी काल्पनिकता की असीमितता को बख़ूबी दर्शाती है - बस की समय सारिणी है.
यदि आपको किसी दिन मजबूरी में बस में जाना होता है तो आपकी बस रोड जाम की वजह से सबसे लंबे रूट पर चलती है.
समय और रूट से परे, सिटी बसें हमेशा ही पहले से ज्यादा भरी हुई मिलती हैं.
बस का अंतिम यात्री हमेशा ही बस के आखिरी स्टॉप पर उतरता है.
जब आप लेट हो रहे होते हैं तो रुट पर मिलने वाले सभी ट्रैफ़िक सिगनल लाल ही मिलते हैं.
कंडक्टर हो या यात्री - बस में कभी भी किसी के पास भी उचित चिल्लर नहीं होता है.
खूबसूरत स्त्री (या स्मार्ट पुरूष) अगले ही स्टॉप पर उतर जाती(ता) है और जो बगल का बेवकूफ आपको फ़ोकट की कहानी सुनाता होता है बस से उतरता ही नहीं.
जब आप बस स्टॉप की ओर जा रहे होते हैं और बस के रास्ते की ओर देखते हुए जाते हैं कि बस आ रही है या नहीं तो बस नहीं आती है और जब आप नहीं देखते हैं तो बस आकर सामने से निकल जाती है.
जब आप इंतजार करके थक हार कर बस स्टॉप से जाने लगते हैं तभी बस आती है और आपके पास दौड़ कर बस पकड़ने का अवसर नहीं होता.
बस में आपके बगल की सीट में चाहे कोई भी आ जाए - वह अपने मोबाइल फोन से अपने हर संभव परिचितों से बतियाने लगता है.
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मरफ़ी के कुछ चौपहिया नियम
अंततः जब आप अपनी नई कार खरीदने लायक पैसा बचा लेते हैं, तभी आपकी जमी जमाई नौकरी छूट जाती है.
कोई भी कार तभी खराब होती है जब बहुत जरूरी में कहीं जाना होता है और दूसरा कोई विकल्प नहीं होता. और प्रायः वह मामूली सी खराबी होती है, जिसको ठीक करने के लिए इंजिन बाहर निकालना जरूरी होता है.
भले ही आप अपनी कार को कितने ही अच्छे तरीके से मेंटेन कर रखते हों, पेंदे से तेल तो तब भी टपकेगा.
कार से आ रही अजीब सी आवाजों से चिंतित होकर जब आप अपनी कार को मेकेनिक के पास दिखाने ले जाते हैं तो वह आवाज आश्चर्य जनक रूप से उस वक्त गायब हो जाती है और आपके पास उस आवाज को, उस खराबी को वर्णन करने के लिए शब्द नहीं रहते.
हर बार, जब आप सार्वजनिक वाहन से जाते हैं तो कार पार्किंग खाली रहता है परंतु जब आप कार लेकर जाते हैं तो पार्किंग में जगह नहीं रहती.
यदि आप कार के हुड के नीचे कुछ काम कर रहे होते हैं तो कुछ न कुछ ऐसा उसमें गिर ही जाता है जो पहुँच से बाहर हो जाता है.
कार ढंकने के लिए प्रयोग में आने वाले विनाइल शीट का तापक्रम आपके हाथों के तापक्रम के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा उसमें धूल अंदर-बाहर दोनों तरफ बराबर रहता है.
आपकी कार का विंड स्क्रीन जितना ज्यादा साफ होता है, वह उतना ही ज्यादा कीटों को आकर्षित करता है.
आपकी कार में कोई डेंट व डैश तभी पड़ती है जब बीमे की अवधि खतम हो जाती है.
आपकी पसंदीदा - हर किस्म की कार के लिए - भले ही आप उसे अफ़ोर्ड नहीं कर पाएँ, हर कार विक्रेता के पास ‘बढ़िया मासिक भुगतान ऋण प्लान' होता ही है.
आपके कार की कुंजी हमेशा उसी जेब में रहती है जो सबसे ज्यादा भरी हुई होती है. और अकसर जेब में सबसे नीचे रहती है.
गंतव्य पर पहुँचने के ठीक पाँच मिनट पहले आपके बच्चे कार में ही सो जाते हैं.
कार की टायरों में पंचर रात के समय, खाली रोड पर ही होता है. और रोड साइड के टायरों में होता है.
जब आपको देरी हो रही होती है तभी हर चौराहे पर लाल बत्ती ही मिलती है.
जितनी शिद्दत से आप कहीं जाना नहीं चाहते और मजबूरी में जा रहे होते हैं तो उतनी ही शिद्दत से ट्रैफ़िक आपको वहाँ शीघ्र पहुँचाने में साथ देता है.
किसी दिन आप ट्रैफ़िक जाम में फंसते हैं और फास्ट लेन में चले जाते हैं तो वह लेन भी ट्रैफ़िक जाम में फंस जाता है.
कार में पंचर तभी होता है जब आपके पास औजार नहीं होता है. और खासकर तब तो होता ही है जब आपके साथी ने औजार नहीं भूलने के लिए आपको पहले ही कह रखा होता है.
जब तक आपकी कार में स्टेपनी होता है कार में पंचर नहीं होता.
जब भी आप अचानक अपनी कार रोकना चाहते हैं तो हर हमेशा पीछे से कोई न कोई वाहन तेज गति से आता ही होता है.
जब आप तेजी से और शीघ्रता से कहीं जाना चाहते हैं तो आपकी कार के सामने चल रहा वाहन कछुए की चाल से चलता रहता है और ओवरटेक करने की कोई संभावना नहीं रहती.
यदि आप लेट हो गए हैं तो संकरी सड़क पर आपकी कार के सामने एक बस चल रही होती है जो कि हर स्टाप पर रुकती है.
यदि आप ज्यादा लेट हो गए हैं तो संकरी सड़क पर आपकी कार के सामने एक स्कूल बस चल रही होती है जो कि हर स्टाप पर और अचानक रुकती चलती है.
मरफ़ी का संकरी पुलिया का नियम: यदि किसी लम्बे सड़क पर कहीं पर एक लेन की संकरी पुलिया होती है और यदि उस सड़क पर मात्र दो कारें ही चल रही होती हैं तो- 1) दोनों कारें विपरीत दिशा में चलती होती हैं और, 2) वे ठीक पुलिया पर ही एक दूसरे को क्रास करती हैं.
आपकी कार का डेप्रिसिएशन आपके पड़ोसी की नई चमचमाती कार की कीमत के सीधे अनुपात में, और एक्सपोनेंशियली होता है.
पेट्रोल पंप पर आप चाहे जिधर से भी अपनी कार ले जाएँ, पेट्रोल टंकी का ढक्कन पंप के दूसरे तरफ ही होता है.
बरसात में जब आपको अपनी कार तक जाना होता है, घनघोर बारिश रुकने का नाम ही नहीं लेती. जैसे ही आप कार के भीतर जैसे तैसे तरबतर घुसते हैं, बादल छंट जाते हैं, चिड़िया चहचहाने लगती हैं, और आसमान में इन्द्रधनुष निकल आता है.
किसी लम्बे ट्रिप में आपकी कार में पेट्रोल तभी खतम होता है जब पेट्रोल पम्प कम से कम पचास किलोमीटर दूर होता है.
अपनी कार में अतिरिक्त अवयवों को लगाकर तथा खर्चीले परिवर्तन कर आप अपनी कार के तथा अन्य विशाल वस्तुओं के बीच गुरूत्व बल में इजाफ़ा करते हैं.
यदि आप अपनी कार को रेसिंग कार की तरह इस्तेमाल करेंगे तो इसमें समस्याएँ भी उसी गति से आएंगीं.
भले ही आप जेट की गति से ड्राइव कर रहे हों, आपके पीछे आ रहा कोई न कोई वाहन आपसे भी जल्दी में होगा.
भले ही आप जेट की गति से जा सकते हों, आपके आगे चल रहा कोई न कोई वाहन आपकी देरी का कारण बन ही जाता है.
किसी शांत चौराहे में तब तक कोई ट्रैफ़िक नहीं होता जब तक कि आपको उसे क्रास नहीं करना होता है.
किसी भी नाले में आप अपनी कार उतार सकते हैं परंतु जरूरी नहीं कि उसे पार कर ही लें.
किसी भी चौराहे पर लाल बत्ती हमेशा ही हरी बत्ती से ज्यादा देर तक जलती रहती है.
आपकी कार का हार्न जितना ज्यादा तेज आवाज करेगा उतना ज्यादा ही संभावना इस बात की होगी कि वह आपके सिवाय अन्य किसी को सुनाई नहीं दे.
यदि किसी सड़क में कोई ट्रैफ़िक नहीं है तो वह मरम्मत के लिए खुदा हुआ होगा.
पानी का डबरा हमेशा ही अनुमान से ज्यादा गहरा होता है.
बारिश में कीचड़ वहाँ-वहाँ जाती है जहाँ-जहाँ आपकी कार जाती है.
कार जितनी भारी, जितनी मंहगी होगी कीचड़ में वह उतनी ही गहरी धंसेगी.
जहाँ कीचड़ में आपकी कार धंसती है वहाँ आसपास उसे निकालने का कोई साधन, यहाँ तक कि कोई एक पेड़ भी नहीं होता.
टायर जितना बड़ा होता है ट्रैक उतना ही गहरा होता है.
जितना दिखाई देता है पानी उससे ज्यादा गहरा होता है.
यदि आप फ़ोर व्हील ड्राइव कार में जा रहे होते हैं तो आते जाते सड़क सूखी मिलती है और जब आप टू व्हील ड्राइव में जा रहे होते हैं तो वापसी में बारिश आ जाती है.
आप अपनी कार को चाहे जैसे बढ़िया तरीके से रखते हों, आश्चर्यजनक और नामालूम तरीके से दाग-धब्बे और डेंट तो लग ही जाते हैं - और ये आपके कार की कीमत के वर्ग के सीधे अनुपात में होते हैं.
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मरफ़ी के वाणिज्य-व्यापार के नियम
• किसी भी परियोजना के प्रथम 90% चरण पूरे होने में उसका 90% समय लगता है तथा बाकी के 10% में अतिरिक्त 90% समय लगता है.•
यदि आप अपना काम 24 घंटों में भी नहीं कर पाते हैं तो रात में भी काम करें.•
पीठ पर शाबासी की थपकी और कूल्हे पर लात पड़ने में सिर्फ कुछ इंच का ही अंतर होता है.•
अपनी स्थिति को विकल्प हीन न बनने दें. क्योंकि जब आपका कोई विकल्प नहीं होगा तो आपकी पदोन्नति भी नहीं होगी.
• इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं. फर्क इससे पड़ता है कि आप कहते फिरते हैं कि आपने क्या-क्या किया है और क्या-क्या करने वाले हैं.•
किसी भी वेतन वृद्धि के उपरांत, महीने के आखिर में आपके पास पहले की अपेक्षा पैसे कम ही बच रह पाते हैं.•
जितनी ज्यादा अशिष्टता आप दिखाएँगे उतनी ज्यादा अशिष्टता आपको मिलेगी.•
अपने आपको गंभीर बना कर और हाथों में फ़ाइल पकड़ कर शान से आप कहीं भी जा सकते हैं.
• सुबह-सुबह एक जीवित केकड़े को समूचा निगल लीजिए. फिर यकीन मानिए, पूरे दिन आपके साथ इससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता.•
अपने व्यापारिक पत्र में कभी भी दो प्रश्न एक साथ नहीं पूछें. जवाब उस प्रश्न का आएगा जिसके बगैर आपका काम चल सकता होता है, और दूसरे महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में कोई बात नहीं कही गई होती है.•
जब आपका बॉस उत्पादकता के बारे में बात करता है तो वह अपने स्वयं के बारे में कतई नहीं बोल रहा होता है.
• यदि आप पहली दफा में सफल नहीं होते हैं तो कम से कम एक बार फिर कोशिश करिए, फिर भले ही छोड़ दीजिए. मूर्ख बने रहने में कोई तुक नहीं.•
जब कभी भी आपका बॉस ऑफिस से घर छोड़ देने के लिए कहता है, तो प्रायः हर हमेशा आपके कार में बीयर की बोतलें लुढ़की पड़ी हुई होती हैं.•
बॉस हमेशा सही होता है. तब भी, जब वह खुद जानता होता है कि वह सही नहीं है.
• मां हमेशा कहती थी कि ऐसे कठिन दिन तो जीवन में आएंगे ही. परंतु उन्होंने यह नहीं बताया था कि इतने सारे आएंगे.•
बॉस के आगे और गधे के पीछे न चलें.•
विविध (मिसलेनियस) खाते में तो सारे ब्रह्मांड का आंकड़ा घुसाया जा सकता है.•
किसी भी मींटिग के समापन में तथा चाय-पानी के समय में कभी भी देरी नहीं करें.
• गलतियाँ मनुष्य से होती ही हैं, क्षमा कंपनी के नियमों में नहीं होता.•
कोई भी व्यक्ति कितना ही सारा काम कर सकता है बशर्ते वह कार्य उसे आबंटित न किया गया हो.•
महत्वपूर्ण पत्र जिनमें कोई त्रुटियाँ नहीं होती हैं, उनमें डाक में हस्तांतरण के दौरान त्रुटियाँ उत्पन्न हो जाती हैं.•
वह अंतिम व्यक्ति जिसने नौकरी छोड़ी या जिसे निकाल दिया गया वही हर गलत चीज के लिए जिम्मेदार माना जाता रहता है - जब तक कि आगे कोई नौकरी न छोड़ दे या नौकरी से न निकाल दिया जाए.
• पहली दफा काम करने के लिए कभी भी पर्याप्त समय नहीं होता, परंतु उसे दुबारा करने के लिए हमेशा पर्याप्त से अधिक समय रहता है.•
उप-प्रमेय - किसी भी दिए गए काम को करने के लिए कार्यकर्ता के पास कभी भी पर्याप्त समय नहीं होता, जबकि पर्यवेक्षक के पास पर्याप्त से अधिक समय होता है.•
किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का नाम जितना ज्यादा महात्वाकांक्षी प्रतीत होगा, उत्पादकता में वह उतना ही छोटा होगा.•
यदि आप अच्छे कार्यकर्ता हैं तो आपको सारे काम दे दिए जाएंगे. यदि आप सचमुच अच्छे हैं तो आप स्वयं ही वहां से बाहर चले जाएंगे.
• जब भी आपका बॉस आपके डेस्क पर आता है, तो हमेशा ही आप कोई बेकार सा कार्य कर रहे होते हैं.•
यदि कोई यह कहता है कि वह ‘बिला-नागा' उस काम को अवश्य ही कर देगा तो फिर तो वह नहीं ही करेगा.
• कॉन्फ्रेंसों में वही लोग जाते हैं जिन्हें असल में वहाँ जाना नहीं चाहिए होता है.•
भूतकाल में हमेशा किसी काम के लिए पर्याप्त बल मौजूद रहता है.
• उसी गलती को लोग दुबारा नहीं दोहराते, वे बार-बार दोहराते हैं.•
यदि किसी कार्य का अंतिम समय (लास्ट मिनट या डेड लाइन) नहीं होता है तो वह कार्य कभी भी पूरा नहीं होता है.•
किसी ऑफ़िस में किसी अफ़सर का अधिकार उसके द्वारा रखे जाने वाले पेनों की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होती है.•
यदि आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करना चाहिए, या आज करने को कोई काम नहीं है तो जल्दी-जल्दी चलें और व्यस्त दिखें.
• आपके सर्वाधिक अरुचिकर कार्य के लिए आपको सर्वाधिक प्रशंसा मिलती है.•
सप्ताहांत में कोई बीमार नहीं होता.•
किसी कार्य को पूरा कर लेने के लिए नियमों पर न चलना कोई बहाना नहीं है.•
उप-प्रमेय - नियमों पर चलकर कभी भी कोई काम पूरा नहीं किया जा सकता.•
जब आप किसी कठिन समस्या में उलझ जाते हैं तो आप उसे आसान बना सकते हैं - यह प्रश्न पूछ कर - आपका प्रतिद्वंद्वी इसे कैसे करता?
• आप चाहे जैसे और जितना काम कर लें, संगठन के लिए आपका काम कभी भी पर्याप्त नहीं होता.•
पदनाम जितना लंबा और आकर्षक होगा उतना ही महत्वहीन कार्य होगा.•
मशीनें जो चलते चलते खराब हो जाती हैं, मेकेनिक के आने पर स्वयमेव ठीक हो जाती हैं.•
प्रगति तो हर दूसरे मंगलवार को ही मिल सकती है, और वह मंगलवार वर्तमान वाला कभी नहीं होता.
• जब किसी काम में गलती हो जाती है तो उसे ठीक करने में लगाए गए प्रयास उसे और ज्यादा गलत कर देते हैं.•
हर तरह की छुट्टी और अवकाश स्वयं को छोड़कर बाकी सबके लिए तमाम समस्याएँ पैदा करता है.•
सफलता भाग्य पर ही निर्भर है, किसी भी असफल से पूछ लें.•
किसी भी कार्य का मूल्य उसके लिए तय किए गए समय सीमा (डेडलाइन) की अवधि के व्युत्क्रमानुपाती होता है.
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