रम्य रचना
दांतों को किसी की नजर न लगे!
- सुरजीत सिंह
अगर दांतों की ढंग से केयर नहीं की जाए, तो रात को खाया पालक, बैंगन, भिण्डी वगैरह-वगैरह आपको ऑफिस, मार्केट, राह में कहीं भी शर्मसार कर सकते हैं। आजकल के ये कैसे युवा हैं, जो लवर, टेकनीक और फैशन रोज बदल सकते हैं, लेकिन दांतों में फंसी रात की भिण्डी का जरा भी खयाल नहीं है। गैजेट्स के मामले में पूरे अलर्ट हैं, स्मार्ट फोन, लैपटॉप, टेबलेट, ईयरफोन आदि तामझाम से पूरी तरह लैस हैं, मगर दांतों के मामले में आलसी और लापरवाह ही नहीं, बल्कि अव्वल दर्जे के पिछड़े हुए हैं। पिछड़े हुए भी इतने कि रात को खाया पालक अभी तक दांतों में फंसा हुआ है और कोई भी ऑफिस इत्यादि में उसकी तरफ संकेत कर सारी शान उतार देता है। कुल-मिलाकर संदेश यह है कि अमुक ब्रांड का टूथपेस्ट यूज नहीं करने से आप कितने ही स्मार्ट बने फिरते हों, दांत आपको घोंचू साबित कर देंगे। और किसी खास ब्रांड वाला टूथपेस्ट यूज करें, तो आप कितने ही लल्लु, दब्बू, पप्पू किस्म के इंसान हों, दांतों की चमक आपकी किस्मत चमका सकती है। आजकल टीवी पर आने वाले अधिकांश एड इसी बात पर जोर देते हैं कि आप गुलाब जामुन नहीं खा पा रहे हैं, आइस्क्रीम का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं! दांतों की झनझनाहट से परेशान हैं। आप खिलाड़ी, कलाकार, लेखक, डॉक्टर, इंजीनियर, सेल्समैन, बिजनेसमैन कुछ भी होंगे, आपके काम की वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि आपके दांत दूध से सफेद हैं कि नहीं। यह सफेदी आपके द्वारा यूज किए जाने वाले किसी खास टूथपेस्ट ब्रांड से बनी है। इस ब्रांड की बदौलत आपका इन्क्रीमेंट तक लग सकता है। बिजनेस चमक सकता है। उम्दा खेल जाते हैं। कहीं सलेक्शन हो जाता है। आपकी एसीआर की वाट लगाने जा रहे बॉस की नजर अचानक आपके धवल-उज्ज्वल दांतों पर पड़ जाए तो मुग्ध होकर वह आपको इन्क्रीमेंट के साथ-साथ प्रमोशन तक दे डाले। दो-चार अतिरिक्त इन्क्रीमेंट भी देने को मजबूर हो जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं।
विज्ञापनों पर भरोसा करें, तो आज का दांत दर्शन यही है कि पेट में भले आंत न हो, लेकिन मुंह में दांत चमकते रहने चाहिए। चमकने से भी ज्यादा जरूरी है दिखते रहने चाहिए। आपकी हड्डियों में कैल्शियम ना हो, खून में हीमोग्लोबिन ना हो, लेकिन डोंट वरी, फलां ब्रांड का टूथपेस्ट इस्तेमाल करते रहिए। चमकते दांतों की आभा में कैल्शियम, हीमोग्लोबिन को कोई नहीं पूछता। खाने में नमक, नींबू ना हो, लेकिन पेस्ट में होना चाहिए। अलां-फलां पेस्ट के ब्रांड में नींबू है, आपको नींबू की शिकंजी तक बनाने की जरूरत नहीं पडऩे वाली। घर में स्वास्थ्य के लिहाज से नीम मत लगाइए, बस नीम वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल करते रहिए।
हर चैनल दांतों के पीछे पड़ा है। हिन्दुस्तान काया से भले कृषकाय लगे, मगर दांतों से झक्कास दिखे है। हर एड जैसे आपके दांतों के लिए बन रहा है। टीवी पर हर निगाह आपके दांतों को ताड़ रही है। आप चुपके से तिनके से दांत कुरेदते हैं, उधर टीवी पर एक तरुणी आपको इंगित कर कह रही है कि क्या गुलाब जामुन खाने से आपके दांतों में झनझनाहट होती है, क्या आपके दांतों से खून आता है, क्या रात का खाया सुबह तक नहीं निकलता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है, खास आपके लिए ही है यह टूथपेस्ट! हालात ऐसे हैं कि अब दांत और टूथपेस्ट को लेकर टेरर सा मच रहा है। कोई कहीं भी आपसे पूछ सकता है कि क्या आप टूथपेस्ट नहीं करते! इस अनचाहे सवाल से बचने का एक ही तरीका है कि टूथपेस्ट हर दम साथ रहना चाहिए। जो भी सवालिया निगाहें आपकी तरफ उठें, समझ जाएं उसकी खुफिया नजरें आपके दांतों पर ही टिकी हैं। इससे पहले कि वह आपसे कह बैठे कि क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है, आप टूथपेस्ट निकालकर दिखा दें, जी मेरे पास टूथपेस्ट है और रोज ब्रश भी करता हूं सुबह-शाम। आप कहें, तो अभी कर के दिखा सकता हूं! यही नहीं, साथ में टूथब्रश भी रखें, हो सकता है कोई डेमो दिखाने की मांग कर डाले। मुमकिन हो तो गले में टाई की जगह टूथपेस्ट, ब्रश वगैरह लटका लें। नींबू-मिर्ची की तरह टांगने में भी कोई हर्ज नहीं है, ताकि दांतों को किसी की नजर न लगे!
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- सुरजीत सिंह,
36, रूप नगर प्रथम, हरियाणा मैरिज लॉन के पीछे,
महेश नगर, जयपुर -302015
(मो. 09680409246, मेल आईडी- surjeet.sur@gmail.com