Attachments hurts in Hindi Short Stories by Aditya Kori books and stories PDF | आदत

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आदत

हम सभी को कभी न कभी किसी न किसी की आदत जरूर लगी होगी फिर वो चाहे आदत चीजों की हो या फिर इंसानों की पर हम ये भूल जाते है कि ये आदतें अंत में हमारे ही दुख का कारण बन जाती है तो ऐसी ही एक कहानी मै लेकर हाजिर हु .....मेरी जिंदगी के कुछ पन्नों की कहानी 

 

तो बचपन से ही मैं काफी शांत स्वभाव का रहा हु ज्यादा किसी से बाते नहीं अकेले ही बैठे रहना किसी से बाते न करना ऐसी ही सिलसिला चलता रहा फिर जब मेरी स्कूल खत्म हुआ तो फिर कालेज में मुझे कुछ ऐसे दोस्त मिले जो मुझे बिल्कुल मेरी तरह ही लग रहे थे तो फिर होना क्या था हम दिनों काफी अच्छे दोस्त बन गए काफी वक्त हमने खूब बाते की , साथ में घूमने भी जाया करते थे फिर हुआ कुछ यू की वक्त के नजाकत को देखते हुए वो जॉब पर लग गया और भी हमारी बाते कम होनी लगी और अब हम घूमने भी नहीं जाते और अब तो मुलाकाते भी काफी कम हो गई थी 

 

इतना कुछ बदल गया जिंदगी से काफी वक्त लग गया खुद को और दिल को समझाने में की हर कोई हमेशा के लिए हमारे साथ नहीं होता कुछ लोग हमारी जिंदगी में आते है हमे कुछ सिखाने के लिए और फिर वो हमारी जिंदगी से चले जाते है वो तो हमारा हाथ छोड़ देते है मगर उनकी यादें हमारा साथ कभी नहीं छोड़ती और फिर हम हर पल कोशिश करते है किसी भी हाल में हम उन्हें भुला दे क्योंकि उनकी यादें हमे दर्द के सिवा कुछ नहीं देती है मगर हम भुला नहीं पाते है नहीं उन्हें और नहीं उनकी बातें ओर यादों को . इन दिनों मैं काफी खामोश सा हो गया था अपनी बाते किससे कहूं कहा जाऊ कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर धीरे धीरे मैंने अपनी बातों को लिखना शुरू कर दिया देखते देखते मुझे मेरी जिंदगी काफी आसान लगने लगी फिर जब मैने ये अपनी लिखी हुई बाते या यू कह लो कि कविता लोगो को काफी पड़ना आन लगी लोग इस बात से मेरे परिस्थित से एक अलग से लगाव महसूस करने लगे 

 

एक बात तो समझ आ गई थी सिर्फ मैं ही नहीं था जिसके साथ ऐसा हुआ था फिर मैंने ये निर्णय लिया कि अब से मैं अपनी बातों को कविताओं में लिखूंगा और लोगों तक पहुंचाऊंगा और उनकी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश करूंगा फिर अपनी कविता को मै लोगो तक किसी न किसी माध्यम से उन तक पहुंचाने का प्रयास करता रहता हु और उन्हें भी मेरी कविताओं को सुनकर और पढ़कर एक अपनापन सा महसूस होता है और मेरे लिए बहुत ही खुशी और गर्व की बात होती है कि लोगों को मेरी बातों से अच्छा महसूस होता है 

अब वक्त के साथ मुझे लिखने की आदत हो गई और अब मुझे किसी को कमी महसूस ही नहीं होती है क्योंकि मैंने अपनी कविताओं के माध्यम से बहुत प्यारे अपनों को पा लिया है 

एक बात तो है अगर मुझे उस दोस्त की आदत न लगी होती और वो मुझे छोड़कर न जाता तो आज मैं कविताएं न लिख रहा होता इसलिए कहते है न जो भी होता है अच्छा होता है