You Are My Choice - 43 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 43

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You Are My Choice - 43

"व्हॉट वोझ घाट?" काव्या को केबिन में आता देख जय ने पूछा।

"नथिंग।" काव्या मुस्कुराते हुए कहने लगी। "उन्होंने जो सोचा था वही हुआ। तो बस वही दिखाने के लिए उन्होंने बुलाया था।"

"सीरियसली..?" जय ने चिढ़ते हुए कहा।

"आई आम सॉरी। यही पे लंच कर लेते है। प्लीज।" काव्या ने जय से कहा।

"लंच से ज्यादा कुछ और इंपॉर्टेंट है शायद।" काव्या की बात सुन, उसे ताना देते हुए जय ने कहा।

"हम यहा भी बात कर सकते है। नो वन विल डिस्टर्ब अस।"

"ठीक है।" जय ने खड़े होते हुए कहा, "चलिए, बैठ जाएं आप।" जय ने सहारे से काव्य को कुर्सी पे बिठाया। "मेने आपको कहा था ना.. यूज़ व्हीलचेयर यार।"

काव्या ने अचानक जय से पूछा, "क्या आप अपने सारे पेशेंट का ऐसे ही खयाल रखते है? ऐसे ही डांटते है?"

जय उसकी अचानक ऐसे पूछी बात से परेशान था। उसने थोड़ी देर चुप रहके हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा, "नहीं आप खा..स है। मैने कहा था ना।" काव्या का भ्रमित चेहरा देख जय ने कहा, "आप आकाश की दोस्त है, मेरी दोस्त की लाइफ की सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व करने में मेरी हेल्प कर रही है। तो.. थोड़ी खास तो हुई ना आप..?" जय ने अपनी भमर धीरे से हल्की सी ऊपर करते हुए काव्या से इशारे में पूछा।

"ओहह.. लाइक धा...ट। गुड।" काव्या ने कहा।


उनका लंच आ चुका था। काव्या ने जय को अपना प्लान बताते हुए कहा, "में इस पच्चीस को अपने घर पे दीवाली पार्टी रख रही हु। मेरे डैड के फ्रेंड्स एंड मेरे कुछ ’खास’ लोग आयेंगे।" जय के चेहरे पर उसकी यह बात सुन हल्की सी मुस्कुराहट आ गई। काव्या ने उसकी मुस्कान देख की थी। "ज्यादातर गेस्ट, आठ बजे के बाद डिनर करके चले जाएंगे, हमेशा की तरह। उसके बाद मेरे कुछ सबसे खास दोस्त ही रहेंगे। लेट नाइट तक। सेम फॉर.. डैड। और इस बार आकाश भी है तो उसके भी..। वैसे हमारे दोस्त तो सेम ही है। कुछ लोगों के अलावा।

"ओके।" जय आगे कुछ बोल पता उससे पहले ही दरवाजे के पास खड़ा रॉनित बोला, "मेरे बिना, दीवाली पार्टी की प्लानिंग.. हाऊ इस धाट एवन पॉसिबल? हुह्?"

"तू यह क्या कर रहा है? इस वक्त?" काव्या ने उससे पूछा।

"यह सब अक्की की फेवरेट मिस सुद की वजह से हुआ है।" रॉनित ने गुस्से से चिढ़ते हुए कहा।

"तेरी प्रॉब्लम बाद में सुनूंगी में।" काव्या ने उसे नजरअंदाज करते हुए जय की तरफ देखा।

"वैसे तू इनके साथ दीवाली पार्टी का प्लान क्यों शेयर कर रहीं है? इस ईट अबाउट अक्की एंड उसकी सालों पुरानी वो दोस्त?" रोनित ने बहुत ही सहज भाव से पूछा। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। मानो जैसे उसे सब पता हो l 

"तुझे कैसे पता?" काव्या ने पूछा। काव्या और जय दोनों ही हैरान थे।

"मुझे श्रेया अवस्थी के बारे में बहुत पहले से ही पता था। अक्की के फाइनल ईयर में जब हम एक दिन ड्रिंक करने गए थे। तब आदि भी था। तो उसे भी पता है। तब उसने नशे में बताया था कि वह जिस लड़की से प्यार करता है उसका नाम श्रेया है। जब तेरा एक्सीडेंट हुआ था उस दिन हम डॉक्टर श्रेया से मिले थे। और अक्की का रिएक्शन देखके ही मुझे थोड़ा अजीब लगा था। फिर नेक्स्ट टाइम तुझपे अटैक हुआ था, और तब, वह श्रेया के साथ हॉस्पिटल आया था तभी में समझ गया था कि यह वही लड़की है। गुस्सा तो बहुत आया था। पर में पूरी स्टोरी नहीं जनता था, इसलिए रिएक्ट नहीं किया। फिर जब मुझे आज पता चला कि तू डॉक्टर राजशेखर को ऑफिस लेके आई है अपने.. तो मुझे डाउट हुआ कि तेरे दिमाग में क्या चल रहा है..? सो.. आम हियर, बेबी।" रोनित ने इतना कहने के बाद काव्या की थाली से एक बाइट लिया और उसके सामने देखकर कटाक्ष में मुस्कुराया।

"सो.. व्हॉट डु यू वॉन्ट?" जय ने रॉनित से सीधे सीधे पूछा।

"मुझे अपना प्लान बताओ। वैसे तो मुझे लगता है आकाश को काफी अच्छी लड़कियां मिल सकती है पर उसे डॉक्टर में इंटरेस्ट है तो.. अच्छा ही है। उसके बाद शायद खन्ना गर्ल उसका पीछा छोड़ दे। में गंगा में स्नान करने जाऊंगा।" रोनित ने गंभीरता से कहा।

"रो..." काव्या ने उसे टोकते हुए कहा।

"नो... आम सीरियस।" रोनित ने कहा। "में उसे और तड़पता हुआ नहीं देखना चाहता।"

"तड़पता हुआ?" जय ने कन्फ्यूजन में पूछा।

"अरे.. जैसे मछली तड़पती है ना पानी के बिना वैसे.." रॉनित ने हंसते हुए कहा। उसकी बात सुन जय भी हसने लगा।

जय और रॉनित दोनो मिलके अक्की का मजाक उडाते हुए लंच कर रहे थे और काव्य दोनों को इग्नोर करके अपने फोन में लगी हुई थी।

लंच के बाद, रोनित जय को पार्किंग तक छोड़ने गया था। "यू आर अ गुड गाय। मजा आयेगा तुम्हारे साथ।" रोनित ने जय से कहा।

"सेम हियर।" जय ने भी उसकी बात में हामी भरते हुए कहा।

रोनित उसे वहा छोड़कर वापिस काव्या के केबिन की तरफ चला गया।

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आकाश ने लंच करते वक्त आपना फोन देखा। तभी उसने श्रेया का मैसेज देखा जो सुबह साढ़े नौ बजे आया था:

"क्या हम मिल सकते है?

आकाश ने उसे जवाब देते हुए लिखा:

"आई एम सॉरी, श्रेया।

 आई हैव मीटिंग्स.. टील इवनिंग।

 और आज कावू से मिलने है। थोड़ा अर्जेंट है। कल मिलते है, तुम्हारे हॉस्पिटल में।  आई विल टेक्स्ट यू।"


तुरंत ही श्रेया ने उसे जवाब लिखा: "फाइन 🙂। बाई। मिलते है कल।" 


दोनो अपने काम में लग गए।

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काव्या का केबिन

"अब बता तू यहां क्यों आया था.?" रोनित के दरवाजा खोलते ही काव्या ने पूछा।

"में डर गया था पता है.. की तू इस आदमी से अपने ऑफिस में क्यों मिल रही है..।" रोनित की यह बात सुन काव्या ने  उसकी तरफ तिरछी नजर से देखते हुए कहा, "अपने दिमाग पे लगाम लगा।"

रोनित कुछ बोल पाता उससे पहले ही काव्या ने पूछा, "तेरी असिस्टेंट कहा है वैसे? तू अकेला वापिस आया ना..?" 

काव्या ने फोर्स रॉनित कुछ कह पता उससे पहले ही उसे चिड़ाते हुए मुस्कुराकर कहा, "कही तू मिस सेहगल की वजह से तो... ओहह.... तो यह वजा है, की तेरे पास मेरे लिए टाइम कहा से आ गया? में वही सोचूं।"

"होल्ड ऑन का..। उसने शर्त रखी थी, अगर वो मेरी गरबा पार्टनर बनी तो नवरात्रि तक.. शी विल बी ऑन लीव। और मेरे पास टाइम नहीं था तो मैने हा करदी थी उस वक्त।

"तुझे प्रॉब्लम नहीं हो रही अभी.. बिना असिस्टेंट के?" काव्या ने एक फाइल अपने हाथ में लेते हुए कहा।

"नहीं.. उसने अब तक का सब सेट अप कर लिया है। रोज रात को मुझे मेरा नेक्स्ट डे का शेड्यूल मिल जाता है। सो.. ऐसी कोई प्रॉब्लम तो नहीं है।" 

रोनित को बीच में टोकते हुए काव्य ने गंभी होके पूछा, "तू उसे मिस कर रहा है?" 

"नहीं तो" रॉनित ने बिना कुछ सोचे तुरन्त ऊंची आवाज़ में जवाब दिया। "शायद.." 

"व्हॉट?" रोनित की बात सुन काव्या ने पूछा।

"आई मीन.. पहली बार ऐसा हो रहा है मेरे साथ.. मतलब उस दिन.. उस दिन जब मेने उसे देखा, शी वास प्रीटी। मानो मेरे आसपास मुझे कोई दिख ही नहीं रहा था।" रोनित ने एक सांस में उसे कहा।

"यू लाइक हर।" काव्य ने सहजता से कहा।

"बट ऐसे कैसे? टाइम तो लगता है ना?"

रोनित की बात सुन काव्या ने कहा, "तीन महीने काफी नहीं है?"

"पता नहीं। बट आम कन्फ्यूज्ड। हाऊ कैन आई?"

"रो.. सुन। यू नीड टू मूव ऑन फ्रॉम यौर पास्ट। यू वेर अ टीनएजर। डॉन्ट ब्लेम योरसेल्फ। हम्म।" काव्य ने उसे गले लगाते हुए कहा।

"में शायद अभी भी रेडी नहीं हु।" रोनित ने धीमी आवाज में कहा।

"ज्यादा मत सोच। गिव ईट अ ट्राई। समझदार लड़की है, शायद समझेगी तुझे।" काव्य ने कहा। "तभी तो आकाश की नजरें इसपे आके रुकी। वरना उसे अपनी असिस्टेंट बनाने का प्रपोजल तुझे रोज़ क्यों देगा?" काव्या ने अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट लाते हुएं कहा।

"उसकी हा पहले जरूरी है।" रोनित ने काव्या की फाइल देखते हुए कहा, "चल थोड़ा काम ही कर लेते है।"



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Continues in the next episode....


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