आकाश श्रेया के बेड के पास एक डेस्क पे बैठा।
"यू शुड रेस्ट। हम बाद में.."
उसे बीच में रोकते हुए श्रेया ने कहा, "नहीं। मुझे आज ही और अभी ही बात करनी है।" श्रेया की आवाज ऊंची और गंभीर थी।
उसे हाइपर होता देख आकाश ने धीमी आवाज में कहा, "ओके.. ओके। काम डाउन। बोलो क्या कहना है।"
"आकाश.. मुझे पता है, मेने तुम्हे बहुत हर्ट किया है, बैक धेन। इन स्कूल।"
आकाश समझ गया था कि वो अभिभी उसी बात पे अटकी हुई है। "श्रेया। मेने तुम्हे पहले भी कहा है, भूल जाओ इसे।" आकाश ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।
"कैसे भूल जाऊ..! आई स्लेप्ड यू। आई नौ.. तुम्हे बहुत चोट पहुंची थी। तुम्हारी कोई गलती भी नहीं थी। तुम्हे तो अभी भी नहीं पता कि हुआ क्या था। एक बार भी गुस्सा नहीं आया तुम्हें मुझपे? डोंट यू हेट मी?" श्रेया की आंखों में से आंसू बहना चालु हो गए थे।
आकाश डेस्क पे से खड़ा हुआ और श्रेया के पास जाके बेड पे बैठ गया। उसने श्रेया के हाथ अपने हाथ में लिए। उसकी एक बड़ी हथेली में श्रेया के दोनो हाथ। उसने अपने दूसरे हाथ से श्रेया का ब्लैंकेट ठीक किया और अपना हाथ श्रेया के चेहरे पे रखा। उसकी उंगलियां श्रेया के कान के नीचे थी। उसने अपने अंगूठे से उसके आंसू पोछे। हथेली के पिछले हिस्से से दूसरी तरफ के गाल पे बहते आंसू पोछे। फिरसे अपना हाथ पहले की तरह उसके गाल पे रखा।
श्रेया
जैसे ही आकाश का हाथ मेरे गाल के कॉन्टेक्ट में आया। आई फेल्ट बटरफ्लाईज इन माई स्टोमोक। एक ही दिन में दो बार। ही केरेस्ड माई चिक। ईट वास कंफर्ट। जो मुझे सिर्फ उसकी प्रेजेंस में भील होता था कभी। आज भी। वो उसके टच में भी फील हुआ। उसकी आवाज सुन में अपने ख्यालों से बाहर आई।
"मुझे नहीं पता उस दिन क्या हुआ था। यू हैव अ राइट। तुम जान लेलो मेरी.. आई विल नेवर हेट यू, नेवर।" उसकी यह बात सुनके में शोक हो गई। "हम बच्चे थे श्रेया तब, हो जाती है गलतियां। हम्म.. आगे बढ़ना पड़ता है लाइफ में।"
उसकी बाते बहुत डीप थी। आई नौ, ही इस अ मेन ऑफ हिज वर्ड्स। डीप डाउन, मुझे पता है मेने उसे हर्ट किया है और शायद अब वो मुझपे ट्रस्ट नहीं करता। और करता है तो.. सच जानके नहीं करेगा।
"अगर तुम मुझसे हेट नहीं करते तो.. तो मुझसे ठीक से बात नहीं करते? क्यों मुझे अवॉइड कर रहे हो। इतने सालों से कहा थे तुम? दस साल। बहुत तड़पाया है तुमने मुझे।"
"मुझे समझ नहीं आ रहा था कुछ भी। मुझे नहीं पता था तुमसे कैसे बात करूं।"
आकाश अपनी बात कर ही रहा था, पर में पहले उसे सब बता देना चाहती थी। "आईं वांट टू कन्फेस।" मेने उससे कहा। उसकी आंखो में मुझे साफ साफ कन्फ्यूजन दिख रही थी। उसने मेरे हाथों को अपने दोनो हाथों में पकड़ा। उसके हाथ बहुत गरम थे। ऐ.सी. की ठंडी हवा में परफेक्टली मेरे हाथों को कंफर्ट जोन मिल गया हो। आई कैन फील द सेम कंफर्ट इन माई हार्ट।
"हम्म.." आकाश ने मेरी बातो पे कन्फ्यूजन में रिस्पॉन्ड किया।
"यू नौ माय फ्रैंड, प्रीति.." ही नोडेड। हम क्लासमेट्स थे। "उसका बॉयफ्रेंड था, वियान। हमारा क्लासमेट। उसने प्रीति से कहा था कि तुम.. तुम मेरे बारे बहुत गंदा सोचते हो।" मेरी बात सुन के आकाश के हाथों की ग्रिप मेरे हाथों पर टाइट हो गईं थी। "की तुम सिर्फ मुझे यूज़ करना चाहते हो।" आई क्राइड। "में डर गई थी। मुझे लगा कि तुम ऐसा कैसे कह सकते हो... तुमपे सबसे ज्यादा ट्रस्ट किया था मेने। एक पल में मेरी सारी दुनिया मानो बिखर सी गई थी। ऐसा लग था जैसे किसीने मुझमें से मेरी आत्म ही छीन ली हो। मेरे मन में बहुत सारे सवाल थे। उसने मुझे मैसेजेस दिखाए थे। ईट वास यौर नेम एस अ कॉन्टेक्ट। आई नौ, आई एम स्टूपिड। में यह सोच रही थी कि.. की तुमने ऐसा क्यों कहा? क्या तुम सच में ऐसा सोचते हो? और प्रीति मुझे तुम्हारे पास लेके आ गई। मेने उसे घर जाने के लिए कहा था उसे। पर वो मुझे तुम्हारे पास ले आई।" मेने रोते हुए कहा।
आकाश मेरी बाते ध्यान से सुन रहा था। मेरे आसू पोछ रहा था। मेरे बालों को मेरे कान के पीछे टक कर रहा था। "ही इस सो केरिंग। हाऊ कैन आई नोट ट्रस्ट हिम?" मेरे मन में बहुत से खयाल अभी भी चल रहे थे। पर उनपे ध्यान न देके मेने अपनी बात कंटिन्यू की।
" एंड... एंड.. आई डिड जो मुझे नहीं करना चाहिए था। मेने तुम्हे हर्ट किया।"
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श्रेया ने अपने साइड की स्टोरी आकाश को बताई। अब वह और ज्यादा सिसक सिसक के रोने लगे थी। उसे इस तरह रोता देख आकाश उसके थोड़े और करीब गया और श्रेया ने उसे गले लगा लिया। श्रेया के हाथों की पकड़ मजबूत थी। मानो बस वह आकाश में समा जाना चाहती हो। खुद को हर चीज से अलग करके उसमें छिप जाना चाहती हो। आकाश का एक हाथ उसकी पीठ पे था। और एक हाथ से वो उसके सर पे थपथपा रहा था। उसके बालों को सवार रहा था। वो श्रेया को शांत करने की कोशिश कर रहा था। श्रेया का चेहरा उसके सीने पे था। थोड़ी देर बाद उसने श्रेया को खुद से अलग किया।
"हैव वॉटर।" आकाश ने उसे पानी पिलाया। श्रेया ने उसे गले लगाया और उसके सीने से लगकर फिर से रोने लगी। आकाश अपनी शर्ट पर उसके आंसू महसूस कर पा रहा था।
श्रेया की लाल आंखे देखने के बाद आकाश की आंखो में गुस्सा साफ दिख रहा था। आकाश ने उसे बेड पे ठीक से लेटाते हुए धीमे से कहा, "श्रेया.. लुक, मुझे पता है तुम परेशान हो। पर.. तुम्हे सोने की भी जरूरत है। सी.. ऑलरेडी दो बज चुके है रात के। चलो सो जाओ।"
श्रेया ने सिसकते हुए कहा, "तु.. तुम.. फिरसे छोड़ के मत जाना प्लीज। में नहीं जी पाऊंगी ऐसे।"
"में यही हु ओके। तुम्हारे पास।" उसने उसे कम्बल ओढ़ाया। और लाइट्स बंध की। आकाश अपने ख्यालों में खोया हुआ था। श्रेया ने आकाश का एक हाथ कस के पकड़ा था और दूसरे हाथ से आकाश उसका सर सहला रहा था।
Continues in the next episode....
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