I Hate Love - 8 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | I Hate Love - 8

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I Hate Love - 8

अंश जानवी को देखने के लिए,,,,, अपने बिस्तर से उठ जानवी की तरफ चला जाता है ,,, जहां जानवी आभी अपनी आंखों को बंद कर लेती थी,,,, और उसके सर पर पत्तियाँ लगी थी,,, ,

. अंश उसे देख धीरे से उसके पास जा उसकी तरफ देखने लगता है,,,,और phir  उसकी तरफ देखते हुए अपने मन में,,, अगर तुमने नहीं किया,,, तो फिर किसने किया,,, क्योंकि यह तुमने किया होता, ,,तो तुम खुद यहां ना होती,,,

ये सोच अंश अपने हाथ जानवी की तरह,,,, जैसा बढ़ाना लगता है,,, कि जानवी अपनी आंखें खोल देती है ,,,,अंश जानवी की आंख खुलता देख,,,, वह अपने हाथ वही रोकते हुए,,,, ,,, अब कैसी हो,,

जानवी,,,, बिना कुछ कहे ,,,अपनी पलक झपका देती है ,,,जैसी कह रही हो,,,, कि अब मैं ठीक हूं,, 

जानवी की बात सुनो ,,,तो ठीक है ,,,तुम जल्दी तैयार हो जाओ,,,, अब हम घर चलते हैं ,,,,और किसी को शक नहीं होना चाहिए ,,,की कैल रात तुम्हारे साथ क्या किया था ,,

अंश ये सब कह ,,,बगैर जानवी को देखें,, वहां से चला जाता है,,

और कुछ ही देर में,,,अंश भी डिस्चार्ज पेपर के सारे फॉर्मेलिटी भर कर जानवी को अपने साथ ले,,,अपने घर चला जाता है,,,

इधर अंश जानवी को अस्पताल से निकाल,,,, जानवी को अपनी बाहों में उठा,,,, कार की तरफ ले जाने लगता है,,,,क्योंकि जानवी को ,,,, दर्द की वजह से चला नहीं जा रहा था,, , यहाँ देख अंश जानवी को अपने बाहो में ,,उठा ,,,कार की तरफ चल देता है

ऐसा कर्ता देख जानवी का उपयोग करें,,,,,अंश इसकी कोई जरूरी नहीं है,,,मैं खुद चल सकती हूं,,,उतारो मुझे

उसकी बात सुनो अंश चिड़चिदते हुए ,,,मुझे भी कोई शौक नहीं है ,,तुम्हेन अपनी बाहों में उठा ,,ले जाने का,,,अभी जो तुम्हारी हालत है,,, यहाँ मेरी वजह से हुआ है ,,,,इसलिये मैं यह कर रहा हूं ,,,सुना ,,,,और हां तुम कोई गलतफैमी,,ना पल लेना अपने मन। मैं ,,

याह कह अंश जानवी को कार के अंदर बैठा ,,,कार मिशन की तरफ मोड़ लेता है ,,,कार का घर में पाहुंच अंश,,,फिर से जानवी को अपनी बाहों में उठा ,,,हवेली के पीछे की तरफ,,,,दरवाजे से जानवी को कमरे के अंदर ले जाता है,,,, 

कमरे के अंदर पहुच अंश देखा है ,,तो कामरा अब भी वैसा था जैसा वह छोर कर गया था,,,, जानवी के फटे हुए कपड़े अब भी वैसे पड़े थे,,,, और चादर पर ,,,अब भी खून की छुपे थे,,,, अंश कमरे की हालत देख उसे बहुत गुस्सा आने लगता है,,,उसे कल रात का देखा    जो याद आने लगा था,,, फिर अंश गुस्से में खुद से,,,,, क्या,मैं नोकरो को पैसे फ्री देता हूं,,,,
.जो उन्होन अभी तक मेरा कमरा शाफ नहीं किया,,,, अंश को इतने गुस्से में देख जानवी भी एक पल के लिए डर जाती है,,, 

जिसे जानवी अंश से,,,, ,,मुझे नीचे उतार दो,,, मैं अभी सफाई कर देती हूं,,,

अंश गुस्से से चिल्लाते हुए,,, इसकी कोई जरूरी नहीं है ,,,जब घर पर नोकर है ,,,,तो तुम क्यों करोगी,, 

अंश ये कह गुस्से से जानवी को वहीं उतार कमरे से बाहर चला जाता है,,,, 

फ़िर जानवी अपने धीरे-धीरे कदमों से बिस्तर की तरफ जाती है,,, तो उसकी नज़र भी खराब पे पड़ी बेडशीट पर जाती है,,,जहाँ पर अब भी उसका खून लगा था,,, यह देख उसे कल रात का सब कुछ याद आ जाता है है ,,,,और उसकी आँखों में पानी आ जाता है,,,

औऔर फिर वाह धीरे से खुद ही ,,,, चादर को हटा ,,, धीरे-धीरे सारे कामरे भी साफ कर देती हैं

की तभी नौकरानी कमरे में आती है ,,,और जानवी को काम करता देख,,,, उसके पास जा ,,,,मैम आप छोड़िए,,,, हम अभी कर देते हैं,

जानवी नौकरानी को रोकते हुए,,,, कोई बात नहीं ,,, मैं खुद करूंगी ,,,,आप जाये यहां से ,,,,और फिर वो नौकरानी जानवी की बात सुन,,,वहां से चली जाती है,,

कि तभी वह नौकरानी बहार जाती है अंश के आगे आ जाती है,,

अंश उस नौकरानी को ,,अपने सामने देख,,उसे पर चिल्लाते हुए ,,,,तुम यहां क्या कर रही हो,,,मैंने तो तुम्हें कामरे की सफाई करने के लिए भेजा था,,

वाह नौकरानी डरते हुए ,,,वाह सर माँ ने पूरा कमरा साफ़ कर दिया है,,,

उसकी बात सुन,,,अंश बिना नौकरानी को कुछ कहे,,, सीधा अपने कमरे की तरफ चला जाता है,,,

अंश कमरे में आ देखा है,, तो जानवी खुद को संभालते हुए बेडशीट सेट कर रही थी,,,

जिसे देख अंश गुस्से से जानवी के पास जा,,, उसकी बाजू पकड़ अपनी तरफ घुमते हुए,,,,तुम खुद को समझती क्या हो,,,तुम ये सब कर मुझे क्या जताना चाहती हो,, कि तुम्हें इस घर की बहुत परवाह है है ,,, मेरी परवा है ,, ,,

,,,तो तुम्हें यह सब करने की कोई जरूरत नहीं है ,,,,मेरे घर में बहुत सारी नौकरानी है,,,जो यह सब काम कर सकती है,,,  

सुना तुमने या एफआईआर उसे घूर कर देखते हुए,,, एक झटके में छोड़ देता है,,, जिसे दिव्या संभालती है,,,ना पाने की वजह से सीधे बिस्तर पर गिर जाती है,,,,,,

और आश उसे बिना देखे,,,अपने कैपबोर्ड की तरफ चला जाता है,,,,और फिर उसमें से एक पेपर निकाल जानवी की तरफ आने लगता है,,,

और इधर  जानवी खुद को संभालते हुए,, बिस्तर पर बैठ जाती है,,,, कि तभी अंश उसके पास आ,,,,उसके हाथ में वह पेपर थमाते हुए,,,,,अभी साइन करें

जानवी अंश की बात सुन कन्फ्यूज हो,,,उस पेपर को देखते हुए,,,,अंश की तरफ देख,,,, ये किस चीज के पेपर है,,,

उसकी बात सुन्न अंश, बड़े एटीट्यूड के साथ ,,, इस पेपर में वह लिखा है ,,,,कि तुम मेरे दादी के ठीक होते ही ,,,,तुम इस घर को छोड़ कर चली जाओगी,,,

अंश की बात सुन जान्हवी अपनी दर्द भरी आँखों से अंश की तरफ देखते हुए,,,, क्या अंश तुम्हें,,, मुझ पर इतना भी भरोसा नहीं है,,,, जब मैंने तुम्हें साफ शब्दों में कहा है कि मैं दादी के ठीक हो जाती हूँ हाय,,, तुम्हें या तुम्हारे इस घर को छोड़ चली  आऊंगी,,, तब भी तुम्हें बरोशा नहीं है,,,,मुझे पर

,,, ,,,नहीं है भरोसा मुझे,,, तुम पर ,,,सुना तुमने,,,,, और कल रात जो हुआ,, उसके बाद तो बिल्कुल नहीं,,,, कि तभी अंश को कुछ याद आता है ,,,, ,जिसे सोचो अंश अपनी जेब में हाथ डाल,,,एक दवा निकल,,, जानवी के हाथ में रखते हुए,,, इसे खा लो,,

जानवी अंश द्वार दिए गए ,,उस गर्भनिरोधक गोलियों को देख ,,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,,और फिर वह अपनी बड़ी आंखों से अंश की तरफ देखने लेती है ,,,जैसी पूछ रही हो,, की तुमने मुझे ये क्यों दी,,, 

अंश जानवी को अपनी तरफ देखता देख ,,,मुझे क्या देख रही हो,,,, इसे खाओ क्योंकि मैं नहीं चाहता,,,, क्योंकि आप गर्भवती हो,,,क्योंकि मैं तुम्हें अपनी जिंदगी में कोई जगह नहीं देने वाला,,,,,,, ,,,,

ना कल रात की वजह से ,,,,,और ना ही तुम्हारे अनचाहे प्रेगनेंसी की वजह से ,,,,इसलिये तुम चुपचाप ये दवा खाओ,,,,, या जल्दी से ,,वाहिन टेबल पर राखें ,,पानी से भरे गिलास ,,,,,उठा जानवी की तरफ करते हुए ,,,,दवा खाओ,,,,

  जानवी अर्श की बात सुन ,,,,अपनी नौम आंखों से देख ,,,,उसके हाथों से गिलास ले,,,, दवा खाने लेती है,,,,,,, क्योंकि उससे अंश की बेरूखी बातें ,,,,अपने दिल में छुप रही थी,,,,आज उसका दिल अंदर से टूटता जा रहा था,,,,उसे तो यकीन नहीं हो रहा था,,, कि आज उसका देखा हुआ सपना टूट रहा था,,, उसने तो सपना देखा था,,जिसमे उसने अपनी और अंश के साथ रहने की,,उसके साथ अपने बच्चों की,,,लेकिन आज अंश ने ही,,,उसके सारे सपने तोड़ दिए,,,याह सोच वह दवा को अपने मुंह में दाल अपने टूटे हुए दिल से साथ,,,उसे दवा को ,,,अपने गले से उतार लेती है,,,

वाह जैसी ही उस दवा को अपने गले में से अपने पेट में उतारती है। ,,, वैसी ही जानवी जल्दी से अपने पेट पर हाथ रख लेती है ,,,उसकी दिल में एक जोर सा दर्द हो रहा था,,, या उसकी आँखों में भारी हुई नामी,,,, अब उसके गालो ऐ होते हुए उसकी हथेली मैं गिर जाती है ,,,जैसी वाह महसुस कर रही हो,, कि आज उसने अपने बच्चे को खो दिया है,,,लेकिन उससे जानवी के लिए कोई लेना देना नहीं,,, उससे तो सिर्फ जानवी से पिछा चुराना था,,, 

जानवी की दवा खाने के तुरंत बाद ही अंश,,,, उसके हाथ से ग्लास ले,,, जल्दी से उस पेपर को बेड से उठा,, उसके हाथों में थमाते हुए,, अब चलो साइन करो,,,

अंश की बात सुन ,,जाह्नवी,,,, ठीक है ,,मैं इस पेपर पर आह करने के लिए तैयार हूं,,,,,, लेकिन उससे पहले मेरी भाई एक शर्त है,   

 

तो देखते हैं अगले चैप्टर में जानवी की,,, क्या शरत है,, 

हेलो पाठकों कोई टिप्पणी तो करो मुझे भी तो पता चले कि आप सबको पसंद भी आ रही है नहीं,,, 

अगर नहीं भी आ रही तब भी बता दो,,, मैं इस कहानी को यहीं बंद कर देती हूं,, इसलिए कृपया कुछ तो कमेंट करो

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