Momal :Diary ki gahrai - 48 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 48

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मोमल : डायरी की गहराई - 48

पिछले भाग में हम ने देखा कि लूना के कातिल पिता का किसी ने बहुत ही बेरहमी से कतल कर दिया था और लूना के कमरे में उसकी लाश मिली थी। ये सब देख कर लूना और फेलिसिया गहरे सदमे में थी। मोमल और अब्राहम ने भी तनाव में आज का पूरा दिन गुजारा फिर फीलिक्स ने अब्राहम को बताया के वो एक औरत को देखता है शायद उसी ने कतल किया होगा। उसके बताने पर अब्राहम को शक होता है की वो औरत एलिस है यानी लूना की मरी हुई मां।

अब आगे :__

रात हो चुकी थी और अंधेरा छाने के साथ साथ लूना और फेलिसिया के दिल का डर बढ़ता जा रहा था। मुंह लटकाए हुए दोनों बहने अभी ड्राइंग रूम में सोफे पर सिकुड़ कर बैठी थी। 
फीलिक्स उनके पास बैठा और दोनों को दिलासा देने के लिए बोला :" तुम दोनों सो क्यों नहीं जाती!...चलो सो जाओ! जब तक जगे रहोगी तब तक दिमाग में वही लाश घूमता रहेगा। हम सब हैं ना घर में, किस बात से इतना डर रही हो?

लूना तो खामोश थी लेकिन फेलिसिया ने सहमे हुए कहा :" क्यों न डर लगे भैया!...मुझे तो ऐसा लग रहा है कि उस लाश की बड़ी-बड़ी और फटी हुई एक आंख अभी भी मुझे घूर रही है। मुझे ऐसा लग रहा है के कमरे में जाऊंगी तो वो डेड बॉडी वोही कोने में पड़ा पड़ा घूरता हुआ मिलेगा।"

फीलिक्स ने समझाते हुए कहा :" उसे अपने दिमाग से निकालो कुछ और सोचो!.... अब वो वहां नही है बिल्कुल साफ सुथरा कमरा है जा कर एक बार देखो तो सही।"

फेलिसिया :" नही मैं तो मम्मा पापा के पास ही सो जाऊंगी। मैं आज नही जा सकती रूम में!"

लूना चिढ़ कर बोली :" अच्छा तुम मम्मा पापा के साथ सो जाओगी और मेरा क्या ? मैं अकेले कमरे रहूं! मुझे वहां अकेले नींद आ जायेगी।"

फेलिसिया धीरे से बोली :" आप भी मम्मा पापा के रूम में सो जाओ!"

फीलिक्स ने दबी हुई हंसी हंसते हुए कहा  :" मॉम डैड का कमरा कोई रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नही है जो वोही सब सो जायेंगे!.... एक काम करते हैं! तुम दोनो एक बिस्तर में सो जाओ और दूसरे वाले में मैं सो जाऊंगा!... तब तो डर नहीं लगेगा न तुम दोनो को? मेरे होते हुए तुम्हे डर नहीं लगना चाहिए!.... वैसे भी वो बिस्तर मेरे लिए ही लगाया गया था जहां अभी फेलिसिया सोती है।.... क्यों फेलिसिया मेरे होते हुए तुम्हे डर तो नही लगेगा न?

फेलिसिया ने तुरंत अपने दिमाग में तस्सावुर (कल्पना) कर लिया के अगर कोई हमे मारने आयेगा तो पहले भैया को ही मार देगा। कातिल आयेगा और नींद में ही भैया को चाकू मार देगा फिर वो चिल्ला भी नहीं पाएंगे और इस तरह हम दोनों भी सोते सोते ही मर जायेंगे। हम तीनों भाई बहन फिर कभी दोबारा सुबह आंख नही खोल पाएंगे फिर मम्मा पापा हमारी मौत सहन नही कर पाएंगे और उनका भी दर्दनाक अंत हो जाएगा।

ये खयाल कर के उसके रोंगटे खड़े हो गए और उसने झट से तेज़ आवाज़ में कहा :" आपके होने से भी मुझे डर लगेगा आप कर भी क्या सकते हैं! आप तो सो जाएंगे और कातिल पहले आपको मारेगा फिर हमे भी मार कर चला जाएगा।"

फीलिक्स उसकी बात सुन कर मुश्किल से अपनी हंसी रोक कर बैठा था। फिर लूना ने अपनी उदासी तोड़ते हुए कहा :" फेलिसिया तुम गलत समझ रही हो! भैया की नींद बहुत नाजुक है वह झट से उठ जाते हैं! थोड़े से आभास से भी उठ जायेंगे!...एक बार बचपन में मेरे पैर के पास एक चूहा चढ़ गया था मेरे चीखने से पहले ही भैया उठ गए और उस चूहे को वही लात से कुचल कर मार डाला! मुझे अच्छी तरह याद है।"

फेलिसिया ताज्जुब से मुंह पर हाथ रखते हुए बोली :" आह सच में!.... आप को चूहे से डर नहीं लगता भैया ?

फीलिक्स मुस्कुराते हुए बोला :" मुझे किसी से डर नहीं लगता! चूहा तो खैर एक छोटा सा जानवर है मेरे सामने कोई मॉन्स्टर भी आ जाए मैं फिर भी नही डरूंगा।"

फेलिसिया की आंखे बड़ी बड़ी और हैरत से मुंह खुला था। उसके कल्पना की दुनिया में ये भी उसी समय कल्पना हो गया के उसके भाई फीलिक्स ने कातिल को बहादुरी से एक झटके में चीत कर दिया। 

मोमल और अब्राहम अपने बच्चों के लिए डरे हुए थे खास कर लूना और फेलिसिया के लिए। फीलिक्स तो अपना खयाल खुद रख सकता है लेकिन ये दोनो बहुत मासूम है। अब्राहम को तो एलिस के होने पर शक था लेकिन मोमल को ये भी नही मालूम था के ये सब किस ने किया और कैसे किया। वो उस भूत औरत के बारे में नही जानती थी इस लिए दिमाग जासूस की तरह हर वक्त सोचता रहता। 

तीनों भाई बहन को ड्राइंग रूम में बैठ कर बाते करते देख अब्राहम और मोमल उनके पास आए और उन्हें सोने के लिए कहा। मोमल ने जाते हुए फीलिक्स का हाथ पकड़ा और धीरे से कहा :" दोनो का खयाल रखना! मैं जानती हूं तुम खयाल रखोगे बड़े भाई जो हो।"

फीलिक्स ने मुस्कुरा कर हां में सर हिलाया और तीनों कमरे में चले गए। 

कमरे में जा कर लूना और फेलिसिया एक बिस्तर में चादर खींच कर सोने लगी और दूसरे में फीलिक्स लेटा हुआ आंखे खोल कर ऊपर की ओर देखते हुए ये सोच रहा था की अगर वो औरत फिर से दिखी तो इस बार उसे ज़रूर पकड़ लूंगा। 
कुछ देर सोने की कोशिश करने के बाद भी फीलिसिया और लूना को नींद नही आई। आंखें बंद करते ही खून से लथपथ लाश सामने आ जाता। फेलिसिया तंग आकर उठ बैठी और फीलिक्स की तरफ देखते हुए बोली :" भैया !... कल ही आप ने मोबाइल खरीदा है ना?

फीलिक्स ने लेटे लेटे ही सर उठा कर जवाब दिया :" हां! लेकिन क्यों पूछ रही हो?

फेलिसिया कूद कर उसके बिस्तर में आ गई और पास में लेट कर बोली :" कोई कॉमेडी फिल्म देखते हैं न!... प्लीज़ प्लीज़ भैया मुझे नींद नहीं आ रही है। मोबाइल में देखेंगे तो पापा को पता नही चलेगा और वो डांट कर सोने के लिए नही कहेंगे।"

लूना भी उठ कर बैठ गई और चिड़चिड़ी सी हो कर बोली :" मुझे भी तो नींद नहीं आ रही है मैं करूं फिर ? 

फीलिक्स ने कहा :" तुम्हे भी देखना है? देखना है तो आ जाओ तीनों बैठ कर देखते हैं।"

लूना भी झट से फीलिक्स के बेड पर बैठ गई। तीनों दीवार में पीठ लगाए बैठ गए, बीच में फीलिक्स मोबाइल पकड़े हुए बैठा और उसके दोनों तरह दो बहने। 

फ़िल्म देखते हुए रात के करीब क़रीब पौने एक बज गए, फीलिक्स ने देखा के दोनो बहन उसके कंधे पर सर रख कर सो गई है। उन दोनों ने पूरी फिल्म भी खत्म नहीं की और उन्हें नींद आ गई। इन्हे जल्दी सोने की आदत जो थी। फीलिक्स ने धीरे धीरे से पहले लूना का सर बिस्तर पर रखा फिर फेलिसिया को धीरे धीरे सुलाया जैसे वो भाई नही मां बन गया हो। दोनों सिकुड़ कर सोई रही। फीलिक्स ने उन्हे चादर ओढ़ा दिया और दूसरे बिस्तर पर जा कर लेटने लगा।  अभी उसने पूरा जिस्म बिस्तर पर रखा भी नहीं था के उसकी नज़र उसी औरत पर पड़ी जो ठीक दरवाज़े के पास खड़ी हो कर लूना को देख रही थी। मद्धम रोशनी में उसे देखते ही फीलिक्स हड़बड़ा कर उठा लेकिन वो शोर नहीं मचाना चाहता था इस लिए दबे पांव से उसके ठीक पास गया लेकिन उसके कदम उठते देखते ही वो दरवाज़े में समा कर पार हो गई। फीलिक्स दरवाज़ा खोल कर बाहर निकला तो देखा वो हॉल में धुंधली सी खड़ी दिखाई दे रही है और मुड़ कर फीलिक्स को देख रही है जैसे उसे अपने पीछे आने को कह रही हो। 
फीलिक्स उसके क़रीब दौड़ा तो वो फिर मेन गेट से बाहर लॉन के पास दिखने लगी। फीलिक्स ने मेन गेट खोला तो वो वहां से भी गायब हो कर तालाब के पास खड़ी दिखी। उसने एक बार उसे मुड़ कर देखा फिर तालाब में देखने लगी। अब फीलिक्स को बेहद गुस्सा आने लगा। उसके आंखों में अंगारे फूटने लगे। अंधेरे में उसकी आंखे लाल हो कर चमक उठी। ऐसा लग रहा था के अब बस उसके क़रीब जा कर उसे दबोच लेगा और यही सोच कर वो हवा की तेज़ी से उसकी ओर बढ़ा लेकिन तेज़ी से बढ़ने के कारण वो खुद को पानी में गिरने से नही रोक पाया। क्यों के वो तो पहले ही गायब हो चुकी थी। तालाब के पानी में गिरने से उसका खून ऐसा खौला जैसे पूरा पानी ही गरम हो गया। उसके अंदर का शैतान जागने के कगार पर आ गया था। उसने गुस्से से पानी पर हाथ मारा जिसकी छपाक सी आवाज़ अंधेरे और सन्नाटे छाए रात में गूंज उठी। उसने गुर्राते हुए अपने आप से दांत पीसते हुए कहा :" तुम मुझे गुस्सा क्यों दिलाने की कोशिश में हो? आखिर तुम चाहती क्या हो? मेरे सामने आओ!"

वो अचानक चिल्ला उठा। गुस्से में लबालब हो कर वो पानी से बाहर आया। पूरा का पूरा भीग गया था। जिस्म गरम होने के कारण उसके जिस्म से पानी भांप बन कर उड़ रहा था। तालाब के किनारे खड़े हो कर नाग की तरह फुफकार मारते हुए अपनी आंखें घुमा घुमा कर उस औरत को ढूंढने लगा। लेकिन अब वो यहां कहीं नहीं दिख रही थी। 
अचानक कुछ ही पल में उसे एहसास हुआ के वो शायद घर के अंदर चली गई है। इस खयाल ने उसकी बौखलाहट कम की और फिक्रमंद हो कर घर की ओर भागा। 

To be continued.......