अब आगे,
उस आदमी की बात सुनकर अब रेहान के चेहरे पर एक टेड़ी मुस्कान आ गई और अब रेहान ने उसी मुस्कान के साथ पूनम जी को देखा और उनकी बेइज्जती करने के लिए जैसे ही कुछ बोलने को हुआ ही था कि रूही जल्दी से उसके पास पहुंच गई और रेहान से बोली, "मुझे आपसे कुछ बात करनी है..!"
रूही की बात सुनकर अब रेहान ने मुस्कराते हुए उससे कहा, "हां, करते है न पर पहले में मिसेज भल्ला और उस आदमी को उनकी बात का जबाव दे दूं..!"
रेहान की बात सुनकर अब रूही ने उससे कहा, "पर मेरी बात तो..!"
रूही के मुंह से बस यही निकला था कि रेहान उसकी बात सुने बगैर ही वहां से आगे बढ़ने लगा और वही जब रूही ने पूनम जी के आंख से एक अंशु निकलता देखा और रूही को देखकर अब पूनम जी ने झट से अपना अंशु पोश लिया और जिसको देखकर अब रूही भी झट से आगे बढ़ गई और रेहान अब फिर से कुछ बोलने को हुआ ही था कि रूही ने रेहान का हाथ पकड़ लिया और उसको दुबारा से वहां से साइड में ले जाने लगी और साथ में रेहान पर थोड़ा गुस्सा करते हुए उससे कहने लगी, "क्या आपको एक बार में समझ में नहीं आता है कि मैने कहा न मुझे आपसे कुछ बात करनी है तो बस करनी है..!"
रूही का यू रेहान का हाथ पकड़ना उसको अच्छा लग रहा था और साथ में उसको थोड़ी हैरानी भी हो रही थी क्योंकि उसकी छोटी बहन ने तो उसको बोला था, "उसकी दोस्त बहुत शर्मीली है..!"
तो फिर रूही में इतनी हिम्मत कहा से आ रही थी कि वो सबके सामने रेहान का हाथ पकड़ रही थीं और उसको वहा से थोड़े आगे साइड में लेकर जा रही थी और वही रेहान किसी हल्की सी चीज की तरह रूही के साथ आगे और वो भी मुस्कराते हुए बढ़ता जा रहा था..!
अब रूही, रेहान को आगे ले आई थी और अब उसने अपना सिर नीचे करके धीरे से रेहान से कहा, "देखिए मैं ऐसे आपको लाना नहीं चाहती थी पर आप मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं हो रहे थे तो मुझे मजबूरन आपको ऐसे खींचकर लाना पड़ा..!"
वही रेहान को बस रूही को निहारे जा रहा था और उसने रूही की बात को सुनकर भी अनसुना कर दिया था और जब रूही को अपनी बात का कोई जवाब नहीं मिला तो उसने अपना सिर ऊपर करके रेहान को देखा और जो उसको ही देखे जा रहा था..!
वही जब रूही को लगा कि रेहान ने उसको बात सुनी ही नहीं तो अब रूही ने थोड़ी तेज आवाज में उससे कहा, "जो मैने अभी कहा क्या आपको सुनाई दिया..!"
रूही के ऐसे तेज बोलने से रेहान अपने होश में वापस आ गया और उसने हड़बड़ाते हुए पूछा, "का..क्या तुमने अभी कुछ कहा..?"
रेहान की बात सुनकर अब रूही ने उससे थोड़े गुस्से से कहा, "हां और पता नहीं आपका ध्यान कही और ही था..!"
रूही का गुस्सा देखकर अब रेहान ने उससे कुछ भी नहीं कहा पर वो अभी भी मुस्करा रहा था और जिसको देखकर अब रूही ने रेहान को डाटते हुए उससे कहा, "और इतना मुस्करा क्यू रहे हो..!"
रूही से डाट सुनकर अब रेहान ने मुस्कराना बंदकर दिया और किसी मासूम बच्चे की तरह अपना सिर नीचे करके खड़ा हो गया और वही अब रूही ने अपनी बात पर जोर देते हुए रेहान से कहा, "अच्छा छोड़िए ये सब और मेरी बात ध्यान से सुनिएगा ठीक है..!"
रूही की बात सुनकर अब रेहान ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए उससे कहा, "ठीक है सुन रहा हूं..!"
रेहान का मासूम सा चेहरा देखकर कर रूही के चेहरे पर मुस्कान आ गई पर जल्दी उसने अपनी मुस्कान छुपा ली और अब रेहान से कहा, "आप उस आदमी से उस औरत की बेटी के बारे में कुछ नहीं कहेंगे..!"
रूही की बात सुनकर अब रेहान ने झट से उससे कहा, "क्यों और तुम उसकी बेटी के बारे मे कुछ भी नहीं जानती हो और उस औरत की हिम्मत भी केसे हुई तुम्हारे बारे मे ऐसा बोलने की..!"
रेहान की बात सुनकर अब रूही ने उससे कहा, "देखिए उन्होंने जो कुछ भी कहा वो मुझे कहा पर उन्होंने अपनी इज्जत की परवाह न करते हुए इतने लोगों और आपके सामने झोली फैलाकर आपसे भीख में अपनी बेटी के अच्छे भविष्य को मांगा है तो जरूर से उस बात में कुछ तो सच्चाई ही होगी ना..!"
रूही की बात सुनकर अब रेहान ने उससे कहा, "पर उस आदमी ने तो वो सब सुन ही लिया होगा न जो मैने पूनम जी की बेटी के बारे मे बोला था और उन्होंने भी अपनी बात कही थी और जब अब उनके समधी को पता चल ही गया है तो अब सच न बताने से क्या ही हो जाएगा..!"
रेहान की पूरी बात सुनकर अब रूही ने उससे कहा, "देखिए आप उस आदमी को सच नहीं बता सकते है..!"
रूही अपनी बात पूरी कर पाती उससे पहले ही रेहान ने उससे पूछा, "पर क्यों बताओ मुझे..?"
रेहान की बात सुनकर अब रूही ने थोड़े गुस्से में उससे कहा, "क्योंकि वो आदमी अभी कुछ समय पहले ही आए थे और उन्होंने आपकी और उस औरत की कोई भी बात नहीं सुनी है और बस उन्होंने उस औरत को आपके सामने अपनी झोली फैलाए हुए खड़ा देखा था और तभी तो उन्होंने उनसे ये पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रही है..!"
रूही की पूरी बात सुनकर अब रेहान एक पल के लिए शांत हो गया और अब वो उसको ही देख रहा था और साथ में रेहान ने रूही से कहा, "पूनम जी ने सबके सामने तुम्हारी बेइज्जती करी और तुम्हे इतना कुछ बोल दिया और तुम उनकी बेटी के काले कारनामों को छुपा रही हो क्यों कर रही हो तुम ऐसा बता सकती हो मुझे..!"
रेहान की पूरी बात सुनकर अब रूही ने उससे कहा, "मैं आपसे सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि मेरी मानिए तो एक बार उस औरत की बेटी के बारे में दुबारा से जरूर पता करिएगा क्यूंकि एक मां ही है जो अपनी संतान के लिए अपनी इज्जत की भी परवाह नहीं करती हैं और कभी कभी हम गलत न होकर भी परिस्थितियों के आगे गलत साबित हो जाते है..!"
अपनी बात कहकर रूही के आंख से एक अंशु बह गया था क्योंकि उसको भी वो दिन याद आ गए थे जब रीना ने अपने किए सारी गलतियों का जिम्मा उस पर डाल दिया करती थी और फिर उसकी गलती न होने पर भी उसको ही गलत साबित कर दिया जाता था और उसके बाद उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता था..!
रूही की आंख से निकला अंशु देखकर अब रेहान ने उससे पूछा, "तुम रो क्यू रही हो और अगर क्या कुछ हुआ है तो तुम मुझे बता सकती हो..!"
रेहान की बात सुनकर अब रूही ने अपने अंशु पोश लिए और अब उससे कहा, "कुछ भी तो नहीं..!"
वही दूसरी तरफ, सिंघानिया विला में,
सरपंच जी, प्रधान जी को कुछ बता रहे थे और प्रधान जी के चेहरे पर टेड़ी मुस्कान आ गई और उस टेड़ी मुस्कान देखकर लग रहा था कि जरूर से ये दोनों मिलकर कुछ ऐसा करने वाले है जिनसे इनको बहुत बड़ा फायदा होने वाला है और अब अपनी पूरी प्लैनिंग करने के बाद वो दोनों मीटिंग हॉल की तरफ बढ़ गए..!
वही राजवीर अपने स्टडी रूम में बैठा हुआ था और वो अपने आईपैड में अपने कुछ इंपोर्टेंट ईमेल्स देख रहा था और तभी उसको अपने आईफोन में आए नोटिफिकेशन की आवाज सुनाई पड़ी तो अब उसने अपना आईपैड को साइड में रख दिया और अब अपने आईफोन में उस नोटिफिकेशन को ओपन करके देखने लगा तो उसमें न्यू नोटिकेशन में एक ही मैसेज शो हो रहा था जो दीप का ही था और दीप के मैसेज को ओपन करने पर उसमें लिखा हुआ था, "बॉस, कंट्रक्शन साइड की मीटिंग के लिए वो लोग सिंघानिया विला में आ चुके हैं और मीटिंग हॉल में आपका ही इंतजार कर रहे है..!"
दीप का मैसेज पढ़कर अब राजवीर ने अपने जवाब में उसको कॉल करा और दीप ने पहली ही रिंग में कॉल रिसीव कर लिया और कॉल रिसीव होते ही राजवीर ने उससे कहा, "ठीक है और अभी उनको थोड़ा इंतेज़ार करवाओ..!"
अपनी बात कहकर अब राजवीर ने कॉल कट कर दिया और कुछ सोचने करने लगा और साथ में अबतक उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ चुकी थी और जबकि दीप थोड़ा कन्फ्यूजन राजवीर के कॉल को देख रहा था..!
वही दूसरी ओर, उस एक्सपेंसिव शॉप में,
रूही की बात सुनकर रेहान उसको हैरानी से देख ही रहा था कि कैसे अपनी बेइज्जती होने के बावजूद भी रूही, पूनम जी के लिए अच्छा सोच रही थी और वही जब वो सोच रहा था तो पूनम जी के समधी जी ने उनसे अपने गुस्से में कहा, "मैं, इतनी देर से आपसे कुछ पूछ रहा हूं उसका कोई जवाब तो दीजिए..!"
उस आदमी की बात सुनकर भी पूनम जी कुछ बोलने की हिम्मत में नहीं थी और वही अब रूही ने फिर से रेहान का हाथ पकड़ लिया और उससे कहा, "चलिए अब और आपने बात को अभी खत्म नहीं करा तो वो अंकल ऐसे ही बेमतलब का हंगामा खड़ा करते रहेंगे..!"
रूही की बात सुनकर रेहान को न चाहते हुए भी उसके साथ उस ओर जाना पड़ रहा था..!
वही अब रूही और रेहान को वापस आता हुआ देखकर पूनम जी की दिल की धड़कने बढ़ने लगी और जब उस आदमी ने पूनम जी की डरी नजरों का पीछा करते हुए उस तरफ देखा जहां से रूही और रेहान आ रहे थे तो उनको लगा कि..!
शायद ये लड़का ही उनकी समधी जी के बारे मे बता सकता है और इसलिए ही अब उन्होंने सीधा रेहान से ही पूछ लिया और उन्होंने अपनी तेज़ आवाज में रेहान से कहा, "तुम्हारा इनकी बेटी से क्या रिश्ता है बताओ मुझे..!"
उस आदमी का ऐसा सवाल सुनकर रेहान को बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था क्योंकि उसके मुताबिक तो पूनम जी की बेटी किसी कलंक से ज्यादा कुछ भी नहीं थी और ये आदमी उस कलंक को उसके नाम के साथ जोड़ रहा था..!
जब उस आदमी को लगा कि रेहान ने उसके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया तो उसने इस बार थोड़ी और तेज आवाज में गुस्सा करते हुए उससे कहा, "मैने पूछा क्या तुम्हारा पूनम जी की बेटी के साथ क्या रिश्ता था..!"
उस आदमी की तेज आवाज सुनकर अब रेहान का गुस्सा बरदाश से बाहर होने लगा और जैसे ही रेहान ने उस आदमी के पास जाने के लिए अपना एक कदम बढ़ाया तो रूही ने अपनी हाथ की पकड़ उसके हाथ पर कस दी और उसको देखकर अपना सिर न में हिला दिया और साथ में उससे कहा, "प्लीज ऐसा मत कीजिए, अपने गुस्से पर काबू रखिए, उस आदमी से कुछ मत कहिए और मैं उनकी तरफ से आपसे माफी मांग रही हूं मगर परिस्थितिया ही ऐसी हो रही है कि उनको आप पर शक हो रहा है तो प्लीज उनसे कुछ मत कहिए..!"
रूही की बात सुनकर अब रेहान वही रुक गया और वो अब पूनम जी के साथ साथ उस आदमी को भी गुस्से से घूर रहा था जबकि रेहान को पूनम जी पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और अगर रूही ने उसको कुछ कहने से मना नहीं किया होता न तो वो अब सच में सबकुछ सच बता ही चुका होता और जब पूनम जी ने रूही के इशारे को देखा और फिर रेहान का उनके समधी को कुछ भी न कहना हैरत में डाल रहा था क्योंकि उन्होंने तो सबके सामने रूही की बेइज्जती करी थी और रूही तो रेहान को कुछ बोलने ही नहीं दे रही थी..!
रूही की बात सुनकर रेहान कुछ पल वही खड़ा रहा और फिर अपना हाथ रूही के हाथ से छुड़वाकर आगे बढ़ने लगा तो रूही ने उसको रोकते हुए कहा, "कहा जा रहे हैं आप और मेरी बात को एक बार समझने की कोशिश तो करिए..!"
वही रूही की बात सुनकर अब रेहान ने उससे कहा, "अभी तो तुम कह रही थी न कि मुझे ही इस बात को खत्म करना है तो बस वही करने जा रहा हूं और क्या तुम्हे मुझ पर रती भर भी विश्वास नहीं है..!"
रेहान की बात सुनकर, अब रूही ने अपना सिर नीचे करके उससे धीरे से कहा, "ऐसी बात नहीं मैने तो बस ऐसे ही पूछ लिया था..!"
रूही का ऐसा व्यवहार देखकर रेहान के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और साथ में वह सबकी नजर खुद पर देखकर वो मुस्कान जल्दी गायब भी हो गई और अब रेहान, रूही की तरफ से आगे बढ़कर उस आदमी के बिल्कुल सामने और पूनम जी के पास में जाकर खड़ा हो गया और पूनम जी का डर से बुरा हाल हो रहा था और साथ में उस आदमी ने अपने बेटे को कॉल करा, पहले तो उनके बेटे ने कॉल रिसीव नहीं किया तो अब वो आदमी अपने बेटे को बार बार लगातार कॉल करने लगा और बार बार कॉल आने से अब उनका बेटा परेशान हो चुका था और परेशान होते हुए अब उनके बेटे ने अपने पिता का कॉल रिसीव कर लिया और थोड़े गुस्से में उनसे कहा, "पापा क्या हुआ है और आप मुझे लगातार कॉल पर कॉल क्यू करे जा रहे थे, बोलिए भी..!"
अपने बेटे की बात सुनकर अब उस आदमी से उससे पूछा, "तू, कहा पर है..?"
अपने पिता का सवाल सुनकर अब उनके बेटे ने अपने साथ खड़ी लड़की को देखा जो असल में उसकी मंगेतर और पूनम जी की ही बेटी "साक्षी" ही थी और फिर अपने पिता से कहा, "पापा मैं अभी साक्षी के साथ हु..!"
अपने बेटे की बात सुनकर उसके पिता ने उससे कहा, "मैं तुम्हे एक लोकेशन सेंड कर रहा हूं जल्दी से अपनी मंगेतर को लेकर यहां आ जा..!"
अपने पिता की बात सुनकर उनका बेटा कुछ बोल पाता उससे पहले ही उसके पिता ने कॉल कट कर दिया और उनका बेटा अपने फोन को ही देखता रह गया और अब साक्षी ने अपने मंगेतर से पूछा, "क्या हुआ आप इतने परेशान क्यू हो गए और पापा जी ने क्या कहा..?"
साक्षी की बात सुनकर अब उसके मंगेतर कुछ बोलता उससे पहले ही उसके फोन पर एक नोटिफिकेशन आ गया और जैसे ही उसने मैसेज ओपन किया तो वो मैसेज उसके पिता ने ही भेजा था और जिसमे उस मॉल की उस शॉप की लोकेशन थी जहां रूही, रेहान, पूनम जी और वो आदमी खड़े हुए थे..!
To be Continued......❤️✍️
क्यों बुला रहे होंगे वो आदमी अपने बेटे और बहु को और अब क्या होने वाला होगा क्या सच में साक्षी को जिंदगी से जुड़ा काला सच सामने आ जाएगा और अब क्या रेहान अपने गुस्से में पूनम जी की बेटी का सच बता देगा हो उसको पता है या फिर कुछ और ही होने वाला है और कहा से इतनी हिम्मत आ रही थी रूही में जो वो रेहान को डाट रही थीं..?
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।