विराट श्लोक को जानवी के पास रुकने केलिए बोल कर फ़ोन कट कर देता है। और अपने सामने यशवर्धन जी को देख खुद को संभाल कर उनके और कदम बढ़ाता है ।यशवर्धन उसके और एक इनविटेशन कार्ड बढ़ा कर अपने ही अंदाज में बोले,
"जब आपने हमें अपनी सफलता की वजह बता कर हमारी इतनी इज्जत नवाजी की है ,तो हम भी क्यों पीछे रहें ।"
विराट उन्हें ना समझी भरे अंदाज में देख "मैं समझा नहीं मिस्टर रायचंद?"
यशबर्धन कार्ड की और इशारा करते हुए,"आज हमारी पोती पूरे 12 साल के बाद इंडिया आई है, उसके लिए एक वेलकम पार्टी रखा है । यूं तो इनविटेशन आप के आफिस में पहुंचा दी गईं है। लेकीन हम खुद पर्सनली आप से मिलकर इनवाइट करना चाहते थे ।आप आएंगे तो हमें अच्छा लगेगा ।"
विराट एक नजर उस कार्ड के ऊपर फिर यशवर्धन की तरफ देख ता है।और उनके हाथों से कार्ड लेकर उस पर एक नजर डालता है। उस रेड कलर की शाइनिंग कार्ड पर गोल्डन में मिस्टर विराट अग्निहोत्री लिखा हुआ था। ये देखकर ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ जाती है। लेकिन दूसरे ही पल उस मुस्कान को छुपाते हुए बोला,"थैंक्स मिस्टर यशबर्धन ।में जरूर आऊंगा।"
यशबर्धन उसके पीठ थपथपा देते हैं। और विराट भी मुस्कुराकर उनसे हाथ मिलाकर वहां से चला जाता है।
वहीं दूसरे और रायचंद हाउस में
पार्टी की तैयारी कुछ ज्यादा जोर-सोर से चल रही थी तपस्या अपने कमरे में डिजाइनर ड्रेस के पहाड़ के बीच बैठी हुई थी। उसकी शक्ल देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसे दुनिया की सबसे बड़ी परेशानी ने घेर रखा हो ।तनु जो कब से उसी के पास ही बैठी हुई एक नजर उस पर डाल कर एक नजर उसके कपड़ों के पहाड़ को देख रही थी चीड़ ते हुए बोली,
"दी अब ये सब कुछ ज्यादा ही हो रहा है ।"
तपस्या उसकी बात पर अपनी सहमति देते हुए बोली,
बिल्कुल सही तनु । हम भी यही बोल रहे हैं के एक भी ढंग की ड्रेस नहीं है हमारे पास। अभी ये कुछ ज्यादा ही हो रहा है।"
उसके बात सुनकर तनु अपनी आंखें बड़ी करते हुए उसे घूर कर देखने लगी ।और उसको कंधे से पकड़ कर खुद के और करते हुए बोली,
"दी पता है आप इस घर की ,दादू की, अभय भाई की ,मां पापा ,बड़े पापा बड़ी मां, सब की प्रिंसेस हे।लेकिन क्या आप सच में खुद को प्रिंसेस ही समझ रही हैं?
कहते हुए गुस्सा और चिड़चिड़ापन उसके चेहरे पर साफ छलक रही थी । ये कहते हुए ही वो वहां से गुस्से से जाने लगी ।तपस्या उसकी कलाई पड़कर वापस से बेड पर बिठाते हुए बोली ,
"जब तक हम अपना ड्रेस डिसाइड नहीं कर लेते तू यहां से हिलेगी तक नहीं।
तनु मुंह बनाते हुए और चिड़ते हुए बोली ,
"पर दी हमें भी तो तैयार होना है ना ?"
उसकी बात सुनकर तपस्या आंखें छोटी करते हुए बोली ,
"तुझे क्यूं ? ये हमारी वेलकम पार्टी है । गेस्ट हमें देखने आएंगे । तू तो कुछ भी पहन ले चलेगा । तूझे क्यों तयार होना है?"
"तनु को जाने दीजिए ।आपके लिए हम है ना ।"
तनु कुछ बोल ही रही थी के दरवाजे के पास से आवाज सुनकर दोनों उस और देखने लगें।
जहां सिद्धार्थ हाथ में गिफ्ट पैकेट लेकर दरवाजे पर खड़ा हुआ था ।तनु सिद्धार्थ को देख तपस्या से अपना हाथ छुड़वाकर भाग कर उसके पास खड़ी होकर बोली ,
"थैंक गॉड होने वाले जीजा जी के आप आ गए। अब आप इनके नखरे झेलिए ,हम चले रेडी होने ।"
तनु की बात सुनकर सिद्धार्थ एक फ्लर्टिग स्माइल देते हुए बोला,
"फाइन,होने वाले साली साहिबा ,आप जाइए ,हम आपकी बहन और हमारी होने वाली वाइफ को रेडी करने में हेल्प कर देते हैं ।"
सिद्धार्थ ने कहा और कमरे के अंदर चला आया।और तनु तपस्या को तरफ़ आई ब्लिंक करते हुए शरारती मुस्कुराहट के साथ कमरे से निकल गई । लेकिन तपस्या गुस्से से तनु को घूर रही थी ।
सिद्धार्थ अंदर जाकर तपस्या के करीब बेड पर ही बैठ गया । और उसके तरफ वो गिफ्ट का बॉक्स बढ़ा कर बोला,
"ये लीजिए आपके लिए है ।आपकी हर परेशानी का इलाज।"
तपस्या उसे सवालिया अंदाज में बोली ,
"क्या है यह सिद्धार्थ?"
सिद्धार्थ गिफ्ट खोलने का इशारा करते हुए बोला,
"मैं चाहता हूं जिसकी भी नजर आज आप पर पड़े वो जिंदगी भर आपकी खूबसूरती को भूल न पाए। पुरी दुनियां को पता चलनी चाहीए सिद्धार्थ ओब्राय की होने वालो वाइफ कोई सुपर मॉडल से कम नहीं।"
सिद्धार्थ ने कहा तो तपस्या गिफ्ट पैकेट को खोलकर देखती है । एक ब्लैक कलर की ऑफ शोल्डर फ्लोर लेंथ लॉन्ग गाउन थी बेहद खूबसूरत और बेहद रिवीलिंग भी ।
तपस्या उस ड्रेस को एक नजर देख कुछ सोचने लगी। सिद्धार्थ उसे सच में डूबा हुआ देखकर पुछा,
"क्या हुआ ड्रेस पसंद नहीं आई ?"
तपस्या अपने आप में वापस आकर बोली,
"अच्छी है ,इनफैक्ट बहुत अच्छी है। लेकिन थोड़ा ज्यादा रिवीलिंग नहीं है ?आपको अच्छा लगेगा आपकी होने वाली वाइफ पुरी गेस्ट और मीडिया के सामने इस रिवीलिंग ड्रेस में आपके साथ रहेगी तो ?"
तपस्या ने पूछा और जवाब के तलाश में सिद्धार्थ की ओर देखने लगी ।
सिद्धार्थ जोर-जोर से हंसते हुए वहीं बेड पर ही कपड़ों के ढेर पर लेट गया ।और वापस से तपस्या की ओर अजीब नजरों से देखते हुए बोला,
"रिवीलिंग सीरियसली तपस्या ?आप लंदन में 12 साल रही हैं। और आप ये बोल रही है। कमऑन..
कहते हुए वो फिर से हंसने लगा । तपस्या उसे एक फीकी मुस्कान के साथ देखने लगी । और धीरे से बोली ,
"फाइन हम यही पहन लेंगे ।"
तपस्या ने कहा तो सिद्धार्थ अचानक उसके चेहरे के पास चला गया । और उसके चेहरे के ऊपर हल्का झुकते हुए उसके गालों के क़रीब जानें लगा। तपस्या उठकर खडी हो गई। और थोडा सख्त लहज़े में बोलि,
"आई थिंक आप को भी रेडी होना होगा। तो आप भी जाइए। और हमे भी रेडी होने दिजिए।"
कहकर ड्रेसिंग टेबल के पास चली गईं।
सिद्धार्थ भी बेड से उठकर खड़ा हो गया। और एक सेड्यूसिंग स्माइल के साथ बोला,
"कोई बात नहीं प्रिंसेस अब ये दूरी मिटने में ज़्यादा दिन नहीं हे। उसके बाद तो वो कमरा भी मेरा होगा और आप भी।"
कहते हुए वो वहां से चला गया। तपस्या बिना किसी भाव वहीं खडी रही। फिर खुद को समझाते हुए खुद से बोली,
"दादू ने चुना है तो सही है तपस्या । सब सही तो है ,हमें प्यार करता है ,हमारी केयर करता है ,हम पर कोई रोक-टोक नहीं करेगा और ये गिफ्ट भी तो लाया है हमारे लिए ।"
बोलते बोलते ही वो कुछ पल खामोश हो गई। और फिर अपने दिल पर हाथ रखते हुए सुनी नजरों से बोली,
"प्यार का क्या है ? वो तो शादी के बाद भी हो ही जाना है।"
कहते हुए खुद को समझा कर वो ख़ुद में ही मुस्कुराने लगे।
सिटी हॉस्पिटल
विराट से फोन पर बात किए बस 2 घंटे हुए थे, लेकिन हॉस्पिटल के उस केबिन में जानवी के साथ बैठा श्लोक के लिए ये 2 घंटे दो जन्म से कम नहीं थे।
श्लोक अभी अपने फोन पर कुछ देख ही रहा था कि जानवी को थोड़ा-थोड़ा होश आने लगा ।जानवी आधे बेहोशी में कुछ बड़बड़ा रही थी ।श्लोक उससे कुछ समय घूर ने लगा। जैसे वो किसी एलियन को देख रहा हो । वो उठकर उसके करीब जाकर उसके होठों के पास अपने काम रख देता है। जानवी बेहोशी में फुसफुसाते हुए ,
"आई नीड यू विराट। प्लेस होल्ड मी। आई लव यू ।जस्ट होल्ड में टाइट।"
श्लोक उसके होठों से विराट का नाम सुनकर उसके होठों के पास से अपने कान हटाकर उसे घूरने लगा। और घूरते हुए ही दांत पीसकर बोला,
"होल्ड मि टाइट, मेरा बस चले तो तेरी गर्दन को ही टाइट से होल्ड कर दूं ।"
कहते हुए वो उठकर सीधे खड़ा हो गया । फिर वापस से उसे घूर ते हुए बोला ,
"चार-पांच टैबलेट खाकर बस भाई को इमोशनल ब्लैकमेल करती है ।ताकि भाई अपना काम दाम छोड़कर इसी के पास बैठे रहे । मरना ही था तो पूरा बॉटल ही खा लेती खुद भी पागल है और मेरे भाई को भी अपने जैसा बनाने लगी है।उल्टी खोपड़ी कहीं की ।"
बोलते हुए वो गुस्से से पीछे मुड़कर जाने को ही हुआ था की सामने खडे़ सक्स को देख चौंक कर थूक गटक ने लगा।
कहानी आगे जारी है ❤️ ❤️ पसंद आ रही हो तो प्लीज रिव्यू और समीक्षाएं देना न भूलें ❤️ ❤️