real in Hindi Short Stories by LOTUS books and stories PDF | भूखे मरने की नौबत

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भूखे मरने की नौबत

पूरे देश योजना प्राणी संगतों ने बांग्लादेश में धार्मिकथा



को करने, प्रति करने, हिंदू बहू-बेटियों की संपतीतों पर कल्यण करने मंदिरों की करके पैरों से कुचलने जैसी बढ़ती वारदातों से आज लगभग पूरा विश्व चिंतित है। लगभग पूरा विश्व इसकी निया कर रहा है। इसे मानवता के हा है, लेकिन दुर्भाग्य की लिए कलंक बता बात यह है कि विश्व के एकमात्र हिंदू देश भारत में विपक्षी खेमों में कोई चिंता ही नहीं दिख रही है। भारत में किसी संप्रदाय विशेष के किसी युवक या बुजुर्ग के साथ कोई अप्रिय चारयात हो जाने पर कूओं भर आंसू बहाने वाला विपक्ष अपने पड़ोसी देश में इंसानियत को कलंकित करनेवाली वारदातें लगातार हो रही हैं। वहां का आल्पसंख्यक हिंदू सरेआम मारा काटा जा रहा है, लेकिन भारतीय विपक्षी नेताओं के पास उन पर चिता प्रकट करने का समय ही नहीं है। जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर के वे सब संसद भवन परिसर में विपक्षी एकता दिखाते हैं, इतना बड़ा कांड हर दिन हो रहा है, लेकिन उस पर कोई विपक्षी एकता दिखाने की कोशिश तक नहीं कर रहा है। क्योंकि उन्हें डर है कि यदि ये बांग्लादेश के हिंदुओं के पक्ष में कुछ बोले तो उनका मुस्लिम वोट बैंक खिसक जाएगा। भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर देश के अधिकांश राजनीतिक दल मुस्लिम वोट बैंक की ही राजनीति करने में मशगूल रहते है। उनका मानना है कि हिंदू बोट तो उनका है. यदि मुस्लिम वोट बैंक उसमें जुड़ जाए तो उनके दल की विक्रय सुनिश्चित हो जाएगी। इसी चक्कर में बांग्लादेश में जाती नरसंहार की ओर वे देखना भी अनुचित मान रहे हैं। बांग्लादेश में जिस तरह का माहौल बना है उसकी प्रतिक्रिया भारत में तो गली-गली में देखने को मिल ही रही है। विश्व के गैरमुस्लिम बहुल देशों में भी देखने को मिल रही है। अमेरिका जैसे समृद्धशाली देश के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। वैसे अभी तक वहां के राष्ट्रपति जो बाइडेन ही है। ट्रंप भले ही चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा। ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मित्रता जगजाहिर है। निश्चित है कि उनका रुख भारत के लिए हितकर ही रहेगा। वैसे बांग्लादेश के हिंदू ही नहीं बल्कि समूचे विश्व के हिंदुओं के मन में बांग्लादेश में जारी उत्पीड़न के खिलाफ भारी गुस्सा है। भारत के हिंदुओं ने मोदी सरकार से मिलेट्री एक्शन तक की मांग कर डाली है। फिलहाल तो नहीं लगता है कि उतने कठोर कदम की आवश्यकता है, लेकिन यदि जरूरी हुआ तो मोदी सरकार उसमें पीछे नहीं हटेगी। इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन भारत के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने अपने स्तर पर ऐसा कदम उठाना शुरू कर दिया है कि जल्दी ही बांग्लादेश भूखों मरने की हालात में आ जाएगा। वहां पर अपने नागरिकों की भूख मिटाने भर का न तो अनाज पैदा होता है और न ही तन ढंकने भर का कपड़ा। यही नहीं वहां का आटोपार्ट पूरा भारत पर निर्भर है। फिलहाल देश के आटोपार्ट के व्यापारियों ने एक महीने के लिए बांग्लादेश को निर्यात बंद करने का फैसला लिया है। इससे वहां का चक्का जाम हो जाएगा। 90 फीसदी माल यहां से ही जाता है। गेहूं, चावल, दवाई, चीनी, चाय और कपड़ा के मायने में वह पूरी तरह से भारत पर निर्भर है। यदि इस पर भी रोक लग गई तो जल्दी ही वहां के नागरिक सड़कों पर उतर कर रोटी मांगते दिखेंगे। दवा के अभाव में मौतों का तांडव शुरू हो जाएगा। इसलिए यदि अविलंब उनमें सूझ-बूझ नहीं आई तो देश जल्दी ही कंगाल हो जाएगा।