बा वर्ष में भारी नाराजगी देखी जा रही है। भारत का हर राष्ट्रभक्त
में इस हो निव को इदुर सोम पर टक ही चार नक र नाए
स्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पूरे भारत खफा है। लगभग हर गली मोहल्ले में जोरदार विरोध हो रहा है। जगह-जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं। जगह-जगह पर लोग सड़कों पर उतर कर नारेबाजी कर रहे हैं। देश के नागरिक बांग्लादेश के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। नारों में लोग सैनिक कार्रवाई करने की भी मांग करने लगे हैं। वैसे अब पूरा देश चाह रहा है कि भारत सरकार कुछ ऐसा कदम उठाए जिससे कि वहां के हिंदुओं को पूरी सुरक्षा मिल सके। वैसे इस नाराजगी का खामियाजा भारत में घुसपैठ करके आए बांग्लादेशी मुसलमानों को भुगतना पड़ सकता है। बांग्लादेश में सैनिक कार्रवाई करे या न करे, यह तो समय बताएगा, लेकिन भारत की भूमि पर अवैध ढंग से रह रहे बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ कठोर कदम जरूर उठाएगी। यह तय दिख रहा है। इसकी शुरुआत हो गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। पुलिस और प्रशासन को इस पर कठोर कदम उठाने के लिए आदेश जारी किया गया है। इस आदेश का सीधा सा मतलब हुआ कि अब उनका रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्हें निकाल बाहर फेंकने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। वैसे बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जारी उत्पीड़न और हिंदू मंदिरों के तोड़े जाने का समूचा हिंदू समाज उद्विग्न है। इस दशा में जो राजनीतिक दल अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी मुसलमानों को संरक्षण देने की सोचेंगे भी, उनका राजनैतिक अंत भी सुनिश्चित हो जाएगा, क्योंकि तब हिंदू समाज उस दल के खिलाफ खुलकर खड़ा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश और बिहार में पहले से ही अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ धरपकड़ अभियान जारी है। यूपी पुलिस खोज-खोज कर उन्हें चिन्हित कर रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस इन मामलों में ज्यादा ही सक्रिय दिख रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी पुलिस को खोज निकालने का आदेश दे दिया है। वैसे यह तो हुई सरकारी कार्रवाई और उनके खिलाफ यदि सामाजिक उठाव शुरू हो गया तो उनको देश छोड़कर भागना ही एकमात्र रास्ता बचेगा। रहना मुश्किल हो जाएगा। बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों को वीट बैंक बनाने के चक्कर में कुछ राजनीतिक दलों का संरक्षण प्राप्त था। वही लोग पुलिस व जिला प्रशासन पर दबाव डालकर उनको राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटिंग कार्ड दिलवाए हैं। जांच होने पर सच्चाई बाहर आ ही जाएगी। उस स्थिति में उनके सरकारी दस्तावेज तो रद्द होंगे ही साथ में उनकी मदत करनेवाले भी नप जाएंगे। खासतौर से संबंधित सरकारी मशीनरी, जिनके हस्ताक्षर से कागजात बने होंगे। योगी बाबा की पुलिस ने अमेठी, रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अचानक बड़े पैमाने पर बने राशन कार्डों और ड्राइविंग लाइसेंसों की जांच शुरू की है। इसमें राजनीतिक हस्तक्षप के प्रमाण मिले हैं। अब तक की जांच में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी मुसलमानों को बड़े पैमाने पर सरकारी दस्तावेज बनने के प्रमाण मिले हैं। अब इस बात की जांच की जा रही है कि किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। वैसे वर्षों से शांत बैठा बजरंग दल और हिंदू वाहिनी भी सक्रिय हो गई है। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस आणि की ओर से अपने स्तर पर गांव गांव व घर-घर जाकर सूचनाएं एकत्रित करने का काम शुरू हो गया है। एक बात तो सुनिश्चित है कि अब अवैध रूप से रहनेवालों की खैर नहीं है। उनको भगाया जाना तय है।
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