My Devil Hubby Rebirth Love - 66 (Last Part) in Hindi Love Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 66 (Last Part)

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My Devil Hubby Rebirth Love - 66 (Last Part)

अब आगे 



3 साल बाद



सिंघानिया विला बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया हुआ था और मेहमान जो हाल में रुद्र  और रूही का इंतजार कर रहे थे इतने में पूरे विला में अंधेरा हो गया एक स्पॉटलाइट जो सीडीओ जहां पर रुद्र और वही खड़े थे वहां पर पड़ी सब लोगों ने जैसे ही दोनों को देखा ताली बजाने लगे दोनों मुस्कुराते हुए नीचे आए और संजय और पीहू के पास जाकर खड़े हो गए संजय क्या यार इतनी देर कर दी कब से हम सब तुम दोनों का इंतजार कर रहे हैं पर तुम दोनों हो कमरे से निकल  ही नहीं रहे अब जल्दी करो केक काटो तीनों बच्चे कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं 



रुद्र रूही ने जैसे ही संजय ने जहां इशारा कर था वहां देखा वहां पर तीन बच्चे थे जिसमें से एक लड़की और दो लड़के  


एक लडका और लड़की जिनकी उम्र 2 साल थी एक सबसे छोटा लड़का जिसकी उम्र 1 साल थी चेयर पर बैठे केक को देख रहे थे रूही दो बच्चे होए थे जोडबा लड़की का नाम रूद्रशी था और लडके का नाम रियांश था और सबसे छोटा लड़का पिहु और संजय उसका नाम साहिल‌ था



रुद्र रूही उनको देखकर मुस्कुराए और चलकर उनके पास आकर बोले  क्या बात है तुम तीनों ऐसे  क्या देख रहे हो उनमें से एक लड़का बोला डेड आपने कितनी देर लगा दी आपको पता है हम तीनों कब से आप दोनों का इंतजार कर रहे हैं 




अब जल्दी से केक काटिए मुझे बहुत भूख लगी है रुद्र मुस्काए और बोला तो खाना खा लो मैं खाना मंगवा देता हूं लड़का नहीं मुझे तो केक ही खाना है आप जल्दी से दोनों केक कांटों रूही मेरे रियांश को भूख लगी है ठीक है हम अभी केक काटते हैं




रुद्र और रूही दोनों एक साथ खड़े हो गए संजय ने उन दोनों को एक नाइफ दी दोनों नाइफ लेकर  केक को काटा वैसे ही पूरे हॉल में तालियां बजने लगी रूही केक का टुकड़ा उठाया तीनों बच्चों को थोड़ा-थोड़ा खिलाया फिर उसने रुद्रा पीहू और संजय को खिलाया थोड़ी देर बाद सब ने इन दोनों को गिफ्ट दिए और कंग्रॅजुलेशन कर कर चले गए





संजय  और पीहू रुद्र रूही के पास आए उनके आगे गिफ्ट बढ़कर बोले‌ हैप्पी एनिवर्सरी हमेशा मुस्कुराते रहो रूही संजय की बात सुनकर मुस्कुराई और बोली अब दोनों भी हमेशा खुश रही रुद्रा संजय के गले लगा कर बोला थैंक यू यार 





थोड़ी टाइम बाद 



पार्टी खत्म होते ही सब लोग अपने-अपने घर चले गए बस घर के ही लोग बचे थे सुनीता जी और दीपक जी पीहू रुद्रा रूही संजय सब में बैठे बातें करें

सुनीता जी आज हम बहुत खुश हैं 




हमें दुनिया की हर खुशी मिल गई है कभी नहीं सोचा रीया के जाने के बाद हमें इतनी खुशी मिलेगी लेकिन आज रूही और पीहू  की तरफ देखकर होली आज तुम दोनों की वजह से हमें वह सब मिल गया जो एक मां-बाप की इच्छा होती है  और मेरे तीनों अनमोल रतन कहां गए पीहू मां वह तीनों थक गए थे इसलिए सो गए सुनीता जी हां आज बच्चों ने मस्ती  बहुत कि है अब तुम लोग भी आराम करो थक गए होंगे हम भी आराम करने जाते हैं  सब अपने-अपने रूम में चले गए रुद्र का रूम 



रुद्रा बेड पर लेटा हुआ था और रूही उसके सीने पर सर रखकर लेटी हुई थीं रूही  रुद्रा हमारे दोनों बच्चे रीयांश और रुद्रांशी कितने समझदार हैं उन्होंने  हमें कितना अच्छा सरप्राइज दिया रूद्र लेकिन रियांश बिल्कुल तुम्हारे ऊपर शरारती रूही और रुद्रांशी तुम्हारे ऊपर और गुस्सा तो बिल्कुल तुम्हारे ही ऊपर गया है 




रुद्र मुस्कुराया और बोला बेटी किसकी है रूही तुम्हारी है रुद्र तुम्हें पता है  मैंने कभी नहीं सोचा था मुझे इतनी अच्छी फैमिली मिलेगी इतने प्यारे दो बच्चे और क्यूट सी वाइफ लेकिन आज वो सब मिल गया मैं बहुत खुश हूं तुम लोगों को पाकर रूही में भी बहुत खुश हूं 




रुद्रा रुही के ऊपर आया और बोला तो फिर चलो तीसरे बच्चे की भी तैयारी करते हैं रूही तुम बहुत बुरे हो छोड़ो मुझे  मैं बहुत  थक गई हूं   और तीसरा है ना साहिल रूद्र ही लेकिन उसके लिए एक छोटा भाई या बहन भी तो चाहि यह कहकर रूही के ऊपर आ गया!.......






(बाय बाय दोस्तों.....  ‌ ये कहानी का सफ़र यही तक था अब मिलते    ..मेरी दूसरी कहानी आप लोगों ने जितना प्यार इस कहानी को दिया है उतना ही मेरी बाखी की कहानियों को जरूर देना और मुझे पुरा बिस्वास है कि मेरी बाखी की कहानिया भी आप को इतना ही पसंद आएगी जितनी यह वाली आई हैं) 


                       The end