आओ कुछ पाए हम in Hindi Magazine by Ashish books and stories PDF | आओ कुछ पाए हम

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आओ कुछ पाए हम

*परमात्मा का निवास-स्थान*

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*एक सन्यासी घूमते-फिरते एक दुकान पर आये दुकान मे अनेक छोटे-बड़े डिब्बे थे, एक डिब्बे की ओर इशारा करते हुए संन्यासी ने दुकानदार से पूछा, इसमें क्या है?*

*दूकानदार ने कहा- इसमे नमक है!* 

*संन्यासी ने फिर पूछा इसके पास वाले मे क्या है?*

 *दुकानदार ने कहा, इसमें हल्दी है!* 

*इसी प्रकार संन्यासी पूछते गए और दुकानदार बतलाता रहा, अंत मे पीछे रखे डिब्बे का नंबर आया, संन्यासी ने पूछा उस अंतिम डिब्बे में क्या है?*

*दुकानदार बोला, उसमे राम-राम है !*

*संन्यासी ने पूछा, यह राम-राम किस वस्तु का नाम है!* 

*दुकानदार ने कहा- महात्मन ! और डिब्बे में तो भिन्न-भिन्न वस्तुए है, पर यह डिब्बा खाली है, हम खाली को खाली नहीं कहकर राम-राम कहते है!*

*संन्यासी की आखें खुली की खुली रह गई ! ओह, तो खाली में राम रहता है!*

*भरे हुए में राम को स्थान कहा?*

*लोभ, लालच, ईर्षा, द्वेष और भली-बुरी बातों से जब दिल-दिमाग भरा रहेगा तो उसमे ईश्वर का वास कैसे होगा?*

*राम यानी ईश्वर तो खाली याने साफ-सुथरे मन में ही निवास करता है!*

*इस प्रसंग से हमें यह महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है कि ईश्वर (राम) का निवास केवल एक खाली और निर्मल मन में हो सकता है।*

*इसका अर्थ है कि यदि हमारा मन लोभ, लालच, ईर्ष्या, द्वेष और अन्य नकारात्मक भावनाओं से भरा रहेगा, तो उसमें परमात्मा का वास संभव नहीं होगा।*

*मुख्य शिक्षाएँ:*

*1. आंतरिक शुद्धता: हमें अपने मन और विचारों को साफ और सकारात्मक रखना चाहिए।*

*2. निस्वार्थता: लोभ और लालच को त्याग कर ईश्वर के प्रति समर्पित होना चाहिए।*

*3. विनम्रता और सरलता: सरल और सहज मन में ही ईश्वर का निवास होता है।*

*4. आध्यात्मिक जागरूकता: बाहरी वस्तुओं की भौतिकता से ऊपर उठकर अपने भीतर ईश्वर को महसूस करना चाहिए।*

*इसलिए, यह प्रसंग हमें आंतरिक शुद्धता और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करता है।*

*!! पुराना कुआं !!*

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*दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे। खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुँच गए।*

 *उस जगह पर एक पुराना कुआं था और उनमें से एक लड़का गलती से उस कुएं में जा गिरा।*

*“बचाओ-बचाओ” वो चीखने लगा।*

*दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा, पर उस सुनसान जगह कहाँ कोई मदद को आने वाला था! फिर लड़के ने देखा कि कुएं के करीब ही एक पुरानी बाल्टी और रस्सी पड़ी हुई है, उसने तेजी दिखाते हुए तुरंत रस्सी का एक सिरा वहां गड़े एक पत्थर से बाँधा और दूसरा सिरा नीचे कुएं में फेंक दिया। कुएं में गिरे लड़के ने रस्सी पकड़ ली, अब वह अपनी पूरी ताकत से उसे बाहर खींचे लगा, अथक प्रयास के बाद वे उसे ऊपर तक खींच लाया और उसकी जान बचा ली।*

*जब गांव में जाकर उन्होंने यह बात बताई तो किसी ने भी उन पर यकीन नहीं किया। एक आदमी बोला- तुम एक बाल्टी पानी तो निकाल नहीं सकते, इस बच्चे को कैैसे बाहर खींच सकते हो; तुम झूठ बोल रहे हो। तभी एक बुजुर्ग बोला- यह सही कह रहा है क्योंकि वहां पर इसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था और वहां इसे कोई यह कहने वाला नहीं था कि ‘तुम ऐसा नहीं कर सकते हो’।*

*शिक्षा:-*

*दोस्तों, जिंदगी में अगर सफलता चाहते हो तो उन लोगों की बात मानना छोड़ दो जो यह कहते हैं कि तुम इसे नहीं कर सकते..!!*

आशिष