Devil Ceo Ki Mohabbat - 81 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 81

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 81

अब आगे,

अब अर्जुन जैसे ही अपने विला से बाहर निकला तो दिनेश, अर्जुन की फेवरेट ब्लैक रॉयल कार को लेकर उसके पास पहुंच गया और उस कार से बाहर निकल कर अब दिनेश ने अर्जुन के लिए दरवाजा खोल दिया मगर वो भी आराध्या को देखकर देखता ही रह गया..!

और ये हाल सिर्फ दिनेश का ही नहीं बल्कि वहां मौजूद अर्जुन के बॉडीगार्ड्स का भी यही हाल था उनकी नजर आराध्या के खूबसूरत और मासूम चेहरे पर से हट ही नहीं रही थी और उसने जो बेबी पिंक कलर का फ्रॉक पहना हुआ था..!

जिसमे वो किसी राजकुमारी से कम नहीं लग रही थी और इसी वजह से सब की नजर आराध्या पर से हट ही नहीं पा रही थी और वही जब आराध्या ने सब की नजर एक साथ खुद पर पाई तो उसको थोड़ा अनकंफरटेबल फील होने लगा था..!

और इसी वजह से उसने अपना सिर नीचे कर लिया था और साथ में अपने दोनो हाथों को एक दूसरे में उलझाए जा रही और जब अर्जुन ने उसको ऐसा करते देखा तो वो समझ गया कि आराध्या नर्वस हो रही थी..!

और जब अर्जुन ने अपनी नजर घुमाकर देखा कि अराध्या नर्वस क्यों हो रही थी तो उसकी आंखे जल्द ही सिकुड़ गई क्योंकि सब की नजर सिर्फ और सिर्फ आराध्या पर ही थी और इसी वजह से अब अर्जुन ने अपनी लाइसेंस गन निकल ली..!

और उस गन से आसमान की तरफ फायर कर दिया जिसकी आवाज से सब अपने होश में वापस आ गए तो उन्होंने देखा कि अर्जुन गुस्से से उनको ही देखे जा रहा था तो उन्होंने जल्दी से अपने आंखे और सिर दोनों ही अर्जुन के सामने झुका दिए..! 

मगर अर्जुन की इस हरकत पर आराध्या थोड़ा नहीं बल्कि बहुत ज्यादा ही घबरा गई और वो एकदम से जैसे ही पीछे हटने को हुई ही थी कि अर्जुन ने उसको उसकी कमर से पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया..!

जब अर्जुन ने अराध्या को उसकी कमर से पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया तो अब आराध्या उसकी पकड़ से छुटने की कोशिश करने लगी क्योंकि वो उसके हाथ में गन को देखकर बहुत ज्यादा घबरा गई थी..!

और इसलिए ही वो अर्जुन के हाथ को अपनी कमर पर से हटाने की लगातार कोशिश कर रही थी मगर अर्जुन उसको कहा छोड़ने वाला था वो जितना हटाने की कोशिश करनी अर्जुन की पकड़ उस की कमर पर कसती जाती और अब थक हार कर अब आराध्या ने लगभग रोनी आवाज में अर्जुन से कहा, "मु..मुझे छोड़ दो... प्लीज मुझे छोड़ दो..!" 

अपनी बात कहकर अब आराध्या ने अपना सिर नीचे कर लिया और वही अराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने अपने जिस हाथ में गन पकड़ी हुई थी उससे अराध्या के चेहरे को ऊपर किया और उससे कहा, "मैं, तुम्हे छोड़ दूं ये न तो कभी होगा और न ही मैं ये कभी होने दूंगा तो अपनी ये जिद जितनी जल्दी छोड़ दो तुम्हारे लिए उतना ही अच्छा होगा..!"

अपनी बात आराध्या से कहकर अब अर्जुन ने उसको अपनी कार में बिठा दिया और अब अर्जुन ने दिनेश को एक नजर देखा तो दिनेश उसकी एक नजर से थर थर कांप गया और उसके मुंह से बस यही निकला, "सो...सॉरी बॉस, आइंदा ऐसा कभी नहीं होगा..!" 

अपनी बात अर्जुन से कहकर अब दिनेश ने अपना सिर नीचे कर लिया और उसी कार का दूसरी तरफ का दरवाजा खोल दिया जिसमें अर्जुन, अराध्या के पास जाकर बैठ गया और अब दिनेश भी कार की ड्राइविंग सीट पर जाकर बैठ गया..!

अब दिनेश उस कार को जिसमें आराध्या और अर्जुन बैठे हुए थे उस कार को लेकर उस विला के बाहर निकल गया और उनकी कार को जाते हुए तीन लोग देख रहे थे और वो और कोई नहीं बल्कि समीर, तन्मय और अभिनाश ही थे..!

अर्जुन की कार को जाते हुए देखकर अभिनाश ने तन्मय से पूछा, "आज बॉस हमें छोड़ क्यों गए..?"

अभिनाश की बात पर समीर ने जबाव देते हुए कहा, "क्यूंकि तुम दोनों की नजर आराध्या पर अटक चुकी थी और इसी वजह से अर्जुन का गुस्सा उसके बरदाश से बाहर हो रहा था और रही बात मेरी तो अर्जुन से देखा नहीं जा रहा था कि आराध्या कैसे उसको इगनोर कर मुझसे बात कर रही थी पर वो अपनी जलन में ये भूल गया कि वो मुझे भैया बोल रही थी तो अब आगे तुम खुद समझदार हो..!" 

समीर की बात सुनकर अब तन्मय और अभिनाश एक दूसरे के चेहरे को देख रहे थे और वही समीर अपनी बात कहकर अब अपनी कार को लेने के लिए आगे बढ़ गया और एक बॉडीगार्ड के पास जाकर बोला, "ये लो चाभी और मेरी कार लेकर आओ..!" 

समीर की बात सुनकर, अब उस बॉडीगार्ड ने समीर से कहा, "जी, सर..!" 

अपनी बात समीर से कहकर अब वो बॉडीगार्ड कार पार्किंग की ओर बढ़ गया और अब तन्मय और अभिनाश भी समीर के पास ही पहुंच गए थे क्योंकि उनको समझ आ गया था कि उनका बॉस जब अपने दोस्त के साथ ऐसा कर सकता है तो फिर उनकी तो क्या ही औकात है..!

करीब 5 मिनट बाद, 

वो बॉडीगार्ड, समीर की कार को लेकर शेखावत विला के एंट्रेस के बाहर लेकर आ गया था और फिर उस कार से बाहर निकल गया और उसी कार की ड्राइविंग सीट पर तन्मय जाकर बैठ गया और आकाश उसके साइड वाली सीट पर जाकर बैठ गया..!

और वही समीर कार के पीछे वाली सीट पर जाकर बैठा ही था कि अब उसने तन्मय से कहा, "तन्मय कार स्टार्ट कर और जल्दी से जल्दी हमे उस शॉपिंग मॉल पहुंचा दे क्योंकि आराध्या, अर्जुन के साथ अकेली गई है कही अर्जुन अपनी जलन और गुस्से उसके साथ कुछ गलत न कर दे..!" 

समीर की बात सुनकर अब तन्मय ने झट से कार स्टार्ट कर दी और वो सब भी शेखावत विला से बाहर निकल गए और समीर ने ये सब इसलिए कहा था क्योंकि उन तीनों ने अर्जुन को अपनी जलन और गुस्से में आसमान में फायरिंग करते देख लिया था..! 

वही कार में, 

अब तक अराध्या ने अपने डर को कंट्रोल कर लिया था और वो शांत होकर अर्जुन की कार में बैठी हुई थी और वही अर्जुन का सारा का सारा ध्यान बस आराध्या पर ही था और अर्जुन का सारा ध्यान आराध्या की ओर देखकर दिनेश बहुत ज्यादा ही हैरान था..!

क्योंकि उसको अर्जुन के साथ काम करते हुए बहुत ज्यादा समय हो गया था मगर आज तक उसने कभी भी अपने बॉस को किसी लड़की को एक नजर देखते हुए भी नहीं देखा था और आज तो अर्जुन की नजर आराध्या पर से हट ही नहीं रही थी..!

वही अपनी जान की भलाई को देखते हुए दिनेश ने झट से अपनी नजर कार के शीशे से हटकर अपनी ड्राइविंग पर लगा दी थी और वही आराध्या जो तो पता ही नहीं था कि अर्जुन उसको ही देख रहा था क्यूंकि उसका तो सारा का सारा ध्यान बस कार की खिड़की के बाहर की ओर देखने में लगा हुआ था..! 

और अब जब अर्जुन से ये बरदाश नही हुआ कि आराध्या उसको इगनोर कर के बाहर की ओर देख रही हैं तो अब अर्जुन ने अपनी कड़क आवाज में दिनेश से कहा, "कार का पार्टीशन ऑन करो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर, दिनेश ने झट से उससे कहा, "जी, बॉस..!" 

अपनी बात कहने के साथ ही दिनेश ने कार का पार्टिशन भी ऑन कर दिया और वही कार का पार्टीशन ऑन होते ही अर्जुन ने अपना बाया हाथ बढ़ाकर अराध्या को उसके दाएं हाथ से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया..!

वैसे तो अर्जुन बिना कार का पार्टीशन ऑन करवाए भी ये सब आराध्या के साथ करता भी तो भी दिनेश में इतनी हिम्मत नहीं होती कि वो एक आंख उठकर भी उन दोनों को देख भी सकता था मगर फिर भी अर्जुन ने कार का पार्टीशन ऑन करवा दिया था..!

जिससे वो आराध्या की खुबसूरती को बस वही निहार सके और वो अपना कुछ और समय अराध्या के साथ बिठा सके और इसी वजह से जब अर्जुन ने अराध्या को अपनी तरफ खींचा तो आराध्या उसके सीने से जा लगी...!

और ये उसके साथ इतनी जल्दी में हुआ था कि उसको समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर अर्जुन ने ये सब उसके साथ किया ही क्यों था और आराध्या, अर्जुन को देख ही रही थी कि अब अर्जुन ने उससे कहा, "तुम आज मुझे कुछ ज्यादा ही इगनोर नहीं कर रही हो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या ने अपनी सफाई देते हुए उससे कहा, "ऐसा तो कुछ भी नहीं है आप को ऐसा क्यों लग रहा है..!" 

जब आराध्या ने अर्जुन की बात का जबाव देते हुए कहा कि वो उसको इगनोर नहीं कर रही है तो अब अर्जुन ने अपनी एक आईब्रो ऊपर उठाकर उससे कहा, "अच्छा तो अब मैं झूठ बोल रहा हु..!" 

अर्जुन की बात सुनकर भी आराध्या अब भी अपने आप को अर्जुन के सीने पर से उठने में लगी हुई थी मगर अर्जुन ने उसकी कमर पर अपना एक हाथ रखा हुआ था जिससे आराध्या का उठ पाना मुश्किल हो रहा था..!

और जब अर्जुन को अपनी बात का कोई जवाब नहीं मिला तो अब अर्जुन ने अराध्या के हाथ को छोड़ कर उसके चेहरे को पकड़ कर थोड़ा सा ऊपर करते हुए उससे कहा, "तुम ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया..!" 

अपनी बात कहकर अब अर्जुन, आराध्या के होठों को अपने अंगूठे सहला रहा था और आराध्या डर कर अपनी गर्दन को पीछे की तरफ ले रही थी और साथ में उसने डरते हुए उससे कहा, "मैं..मैने ऐसा तो नहीं कहा कि आप झूठ बोल रहे हो और मैने सच में आपको इगनोर नहीं किया और मैं.. मैं तो बस खिड़की से बाहर का नजारा देख रही थी..!" 

आराध्या के डर के कांपते होठों को देखकर अर्जुन के चेहरे पर मुस्कान आ चुकी थी और मगर अपनी मुस्कान को छुपाते हुए अब उसने अराध्या पर थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए ही आराध्या से कहा, "हां तो जब मैं तुम्हारे साथ मौजूद हु तो तू मुझे इगनोर कर के खिड़की से बाहर के नजारे देख रही हो और मुझसे कह रही हो कि तुम मुझे इगनोर नहीं कर रही..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या ने अपनी सफाई देते हुए और थोड़ा हकलाते हुए उससे कहा, "न..नहीं नहीं वो तो मै इतने दिनो बाद बाहर निकली हु न इसलिए खिड़की से बाहर देख रही थी..!" 

अपनी बात अर्जुन से कहकर अब आराध्या ने अपने मन में कहा, "हे महादेव आज आपको मुझे किसी भी तरह इस डेविल से दूर करना ही पड़ेगा नहीं तो मैं फिर कभी भी इस से दूर नहीं जा पाऊंगी और न ही ये मुझे कभी दूर जाने देंगे, प्लीज महादेव मेरी ये विनती सुन लो और मैं अपने ऐसा कर दिया न तो मैं आपको एक नहीं नहीं ओर दो किलो लड्डू चढ़ाऊंगी..!" 

आराध्या की बात को सुनकर और उसको अपने ही ख्यालों में खोया देखकर अब अर्जुन ने अराध्या के करीब जाकर उसके गालों पर एक सॉफ्ट किस कर दिया और जब आराध्या को ये अहसास हुआ तो वो अर्जुन को हैरानी से देख रही थी और उसी हैरानी से अब आराध्या ने अर्जुन से कहा, "ये..ये आप क्या कर रहे है..!" 

आराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उसके सारे बालो को एक तरफ कर दिया और उससे कहा, "वही जो तुम ने अभी महसूस किया..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या उसको लगभग घूरने लगी जैसे पूछ रही हो कि आप ने ऐसा क्यों किया और शायद ये बात आराध्या के बिना बोले ही अर्जुन समझ गया और अब उसने अराध्या से कहा, "पहले तो तुम ने मुझे इगनोर किया और फिर अपने ही ख्यालों में खो गई और जब तुम आज अपने मन की कर रही हो तो फिर मैने सोचा कि मैं भी वही कर लू जो मेरा मन चाहता है..!" 

अपनी बात कहकर अब अर्जुन जैसे ही आराध्या की गर्दन की तरफ बढ़ा ही था कि आराध्या ने अपने एक हाथ को अर्जुन के सीने पर रखते हुए उससे लगभग डरते हुए कहा, "न..नहीं नहीं प्लीज ऐसा मत करिए, प्लीज मुझे माफ कर दीजिए और मैं प्रोमिस करती हूं कि मैं आज के बाद ऐसा कभी भी नहीं करूंगी, प्लीज ऐसा मत कीजिए..!" 

अपनी बात कहकर अब आराध्या ने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "और अगर महादेव ने चाहा तो मुझे ऐसा दुबारा करना भी नहीं पड़ेगा..!"

आराध्या की डरी हुई आवाज सुनकर अब दिनेश ने भी अपने मन में कहा, "पता नहीं ये बॉस, आराध्या मैम के साथ ऐसा भी क्या कर रहे हैं जो बेचारी इतना डर रही हैं..!" 

दिनेश ने ये सब इसलिए बोला था क्यूंकि उसको अर्जुन और आराध्या की सारी बातें साफ साफ तौर पर सुनाई दे रही थी हालांकि उसको अर्जुन और आराध्या नहीं दिख रहे थे क्यूंकि पार्टिशन ऑन था मगर वो उन दोनों की बाते साफ साफ सुन सकता था..! 

आराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उससे पूछा, "क्या बोला तुमने आखरी में, बताओ मुझे..!" 

वैसे तो आराध्या ने अपनी बात अपने आप से धीमी आवाज में ही कही थी मगर वो अर्जुन के बेहद करीब थी और शायद इसी वजह से अर्जुन ने उसकी धीमी आवाज को भी सुन लिया तो अब आराध्या ने अर्जुन के सवाल पर अपने मन में कहा, "अगर मुझे आपको बताना ही होता तो मैं इतनी धीमी आवाज में बोलती हु क्यों..!" 

आराध्या ने अपनी बात अपने मन में कही ही थी कि अब अर्जुन उसको ही देख रहा था तो अर्जुन की नजर अपने ऊपर महसूस करके आराध्या थोड़ा घबरा गई और उसने अपने आपको शांत करते हुए अब अर्जुन से कहा, "कु..कुछ भी तो नहीं..!"

अपनी बात कहकर अब आराध्या ने अपना सिर नीचे कर लिया और अपने एक हाथ से अपने बालों को फिर से दोनों तरफ कर लिया क्योंकि उसको डर था कही अर्जुन उसको दुबारा से उसकी गर्दन पर किस न करने लगे और आराध्या के ऐसा करने पर अर्जुन उसको ही मुस्कराते हुए देख रहा था..!

करीब आधा घंटे बाद, शहर के सबसे एक्सपेंसिव शॉपिंग मॉल में, 

अर्जुन और आराध्या को शॉपिंग मॉल में पहुंचने में पूरा आधा घंटा लग गया था क्यूंकि अर्जुन को शांत जगह में रहना बहुत अच्छा लगता है और इसी वजह से उसने अपना विला शहर से काफी दूर बनाया हुआ था और इसी वजह से उसको शहर में आने में समय लग गया था..!

अब दिनेश ने कार को एक एक्सपेंसिव शॉप के सामने रोक दिया तो आराध्या ने झट से मुस्कराते हुए अर्जुन से पूछा, "क्या हम शॉपिंग मॉल पहुंच गए..?" 

आराध्या की बात का जबाव देते हुए अर्जुन ने अपना सिर एक बार हां में हिला दिया और फिर उसको ठीक कर के साइड में बैठा दिया और अब दिनेश ने अर्जुन की तरफ का दरवाजा खोल दिया और फिर अर्जुन अपनी आंखों पर ब्लैक गॉगल पहनकर बाहर निकल गया..!

To be Continued......❤️✍️

तो क्या सच में आज आराध्या, अर्जुन से दूर जाने में कामयाब हो पाएगी या फिर नहीं और अब आगे क्या होने वाला है और क्या आज आराध्या, अर्जुन को छोड़ कर अपनी जानवी के पास लौट पाएगी या फिर नहीं..?

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।