Devil Ceo Ki Mohabbat - 80 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 80

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 80

अब आगे,

क्योंकि आराध्या बार बार अपने चेहरे को इधर उधर करने की कोशिश कर रही थी जिससे अर्जुन को किस करने में परेशानी हो रही थी और अब अर्जुन का किस धीरे धीरे डीप होता जा रहा था जिससे अराध्या को सांस लेने में परेशानी हो रही थी..!

और इसी वजह से आराध्या अपने दोनो नाजुक हाथों से अर्जुन के चट्टान जैसे शरीर पर मारे जा रही थी और जब पूरे 10 मिनट बाद अर्जुन को आराध्या के नाज़ुक हाथ अपने सीने पर महसूस हुए तो अब अर्जुन ने उसको छोड़ दिया..! 

जिससे अब आराध्या गहरी गहरी सांसे लेने लगी और कुछ देर बाद उसने अपनी सांसों पर काबू पा ही लिया और अब अर्जुन ने उसको देखा और फिर उसको अपने साथ लेकर अपने किंग साइज सोफे पर बैठ गया..!

आराध्या बैठना नहीं जा रही थी तो अब अर्जुन ने उसको अपनी गोद में बैठा लिया और मुस्कराते हुए उससे पूछा, "क्या हुआ मेरी जान और क्या तुम मेरी किस से सेटिफाई नहीं हुई तो हम दुबारा भी कर सकते है..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अराध्या ने अपना सिर नीचे कर लिया और उस पर मासूमियत से नाराजगी जताते हुए उससे कहने लगी, "नहीं बिल्कुल भी नहीं और मुझे आप से बात ही नहीं करनी है..!" 

आराध्या की मासूमियत को देखते हुए अब अर्जुन ने उससे प्यार से पूछा, "क्या हुआ मेरी जान को..?" 

अर्जुन के पूछने पर अब आराध्या ने उससे कहा, "आप बहुत बुरे हो क्यूंकि आप मुझे शॉपिंग पर नहीं लेकर जा रहे बल्कि मुझे परेशान कर रहे हो..!"

आराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उससे कहा, "अच्छा अच्छा ठीक है पहले हम नाश्ता करले फिर हम तुम्हारे लिए शॉपिंग पर चलते है..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या ने अपना सिर न ही हिलाते हुए उससे कहा, "नहीं..नहीं मुझे बाहर खा ही खाना है और इसलिए हम वही पर ही कुछ खायेंगे..!" 

आराध्या का बचपना देखते हुए अब अर्जुन ने उससे कहा, "पर मेरे इस विला में इंडिया के बेस्ट शेफ मौजूद है तो जो तुम्हे वहां खाना है वो लोग यही बनाकर दे देंगे..!" 

आराध्या ने जब अर्जुन की बात सुनी कि उसके विला में इंडिया के बेस्ट शेफ मौजूद है तो वो थोड़ी हैरान रह गई पर अब अपने आपको संभालते हुए उससे ने अर्जुन से जिद करते हुए कहा, "नहीं...नहीं, मुझे वही पर ही कुछ खाना है और क्या आप मेरी छोटी की ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकते हो..!"

आराध्या की पूरी बात सुनकर अब अर्जुन ने उसको प्यार से कहा, "अच्छा ठीक है..!" 

अर्जुन का जवाब सुनकर अब आराध्या जैसे ही उसकी गोद से उठने को हुई कि अर्जुन ने उसको दुबारा से अपनी ही गोद में बिठा लिया तो अब आराध्या उसको घूरने लगी..!

वही जब अर्जुन ने अराध्या की और देखा तो उससे कहा, "मुझे घूरना बंद करो और मेरी बात ध्यान से सुनना..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या उसको देख रही थी और वही अर्जुन ने अब उसका हाथ पकड़ लिया और उसकी तरफ देखते हुए उससे कहने लगा, "वहां तुमको कुछ भी चाहिए हो या फिर कुछ कहना हो या फिर बात करना हो तो तुम सिर्फ और सिर्फ मुझसे ही कहोगी और मेरे सिवा किसी को देखोगी भी नहीं, समझ में आया तुम्हे..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या उसको अपने आंखे बड़ी बड़ी करके देख रही थी फिर उसने अपने मन ने कहा, "जरूर ये डेविल मुझसे मजाक कर रहे हैं और ये जो बोल रहे है ऐसा थोड़ी होता हैं..!" 

अपनी बात अपने मन में कहकर अब आराध्या ने नॉर्मली ही अर्जुन से पूछ लिया, "आप मजाक कर रहे हैं न क्यूंकि जाहिर सी बात है वहां तो बहुत सारे लोग मौजूद होंगे और जब हम शॉपिंग करेंगे तो किसी से पूछना, बाते करना, कुछ कहना तो पड़ेगा ही न..!"

अराध्या की बात सुनकर भी अर्जुन ने कोई जबाव नहीं दिया बल्कि वो तो उसको एक्सप्रेशन लेस चेहरे से उसको ही देख रहा था और वही जब आराध्या ने हैरानी से अर्जुन को देखा और लगभग हकलाते हुए उससे कहा, "आ..आप मजाक नहीं कर रहे हैं और क्या ये सब मुझे सच में करना पड़ेगा..!"

आराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उसको देखते हुए अपना सिर एक बार हां में हिला दिया और अब अर्जुन ने अराध्या की कमर पर अपना हाथ रखकर उसको अपने करीब कर लिया और उसके कान में कहा, "मैं नहीं चाहता हूं कि कोई भी मेरी जान से बात करे या फिर मेरी जान मेरे अलावा किसी और से बात भी करे या उसको कोई देखे या फिर कोई उससे कुछ भी कहने की कोशिश भी करे क्योंकि ये हक सिर्फ और सिर्फ मेरा है और मैं ये हक किसी को भी नहीं दूंगा और न ही किसी को लेने दूंगा..!" 

और वही आराध्या, अर्जुन के रिएक्शन को देखकर और उसकी बात को को सुनकर कर शॉक ही रह गई उसको यकीन नहीं हो रहा कोई शक्श इतना प्रोसेसिव कैसे हो सकता है..!

अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने अराध्या को खड़ा किया और खुद भी अपने किंग साइज सोफे पर से उठ खड़ा हो गया और अब अपने थ्री पीस फॉर्मल कोट के बटन लगाकर, अपने आई फोन को अपनी पेंट की जेब में रख लिया..!

और अब अर्जुन ने अराध्या का एक हाथ बहुत ही प्यार से पकड़ लिया और अब वो उसको अपने कमरे से बाहर लेकर जाने लगा और आराध्या भी बस चली जा रही थी पर वो अपने दिमाग में बस यही सोच रही थी कि अगर वो किसी से मदद ही नहीं मांग सकती है तो अब वो कैसे उस मॉल से भागने के तरीके ढूंढ पाएगी..!

वही अर्जुन, आराध्या का हाथ पकड़े हुए अब उसको ध्यान से सीढ़ियों से नीचे हॉल की तरफ ले जाने लगा और जहा पहले से ही समीर, तन्मय और अभिनाश खड़े हुए थे और अब तन्मय और अभिनाश की नजर बस आराध्या पर ही ठहर गई थीं..!

क्योंकि वो दोनों पहली बार आराध्या को इतने अच्छे से देख रहे थे और हालांकि तन्मय ने अराध्या को पहले भी देखा था जब अर्जुन को उसको बेहोशी की हालत में अपने विला लेकर आया था पर फिर भी उसने आराध्या के चेहरे पर इतना गौर नहीं किया था..!

जितना वो आज कर रहा था और अभिनाश तो आज पहली बार आराध्या को देखकर पूरी तरह से उस पर मोहित ही हो चुका था और अब उसने अराध्या के लिए अफसोस जताते हुए अपने मन में कहा, "इतनी मासूम सी लड़की कैसे मेरे बॉस के चंगुल में फंस गई होगी और अब बेचारी को हमेशा के लिए अपने परिवार और दोस्तों को छोड़ कर इस विला में ही रहना पड़ेगा..!" 

पर वही समीर, आराध्या को देखकर बहुत ज्यादा खुश हो रहा था क्यूंकि अनजाने में ही सही मगर आराध्या ने उसको भाई बोल दिया था और समीर को हमेशा से एक छोटी बहन की चाहत थी और जिसकी वजह से अब वो आराध्या में अपनी छोटी बहन को देख रहा था..!

मगर आराध्या ने अभी तक किसी को नहीं देखा था क्योंकि उसका तो सारा ध्यान बस अर्जुन की बात पर ही अटका हुआ था और वो बस यही सोच रही थी कि किसी भी तरह उसको शॉपिंग के बहाने उस मॉल से भाग कर अपनी जानवी के पास जाना होगा..!

और शायद ये उसका पहला और आखरी मौका है नहीं तो वो अर्जुन से कभी दूर नहीं जा पाएगी और नहीं उसकी कैद से कभी आजाद हो पाएगी..! 

और अब जब अर्जुन ने तन्मय और अभिनाश की ओर देखा जो बस आराध्या की सुंदरता को निहारे जा रहे थे तो उसका गुस्सा बढ़ गया और अब वो, उन दोनों को अपने गुस्से से लाल हो चुकी आंखो से उन को लगभग घूरने लगा..!

अब जब तन्मय और अभिनाश को अपने ऊपर किसी की जलती हुई निगाहें महसूस हुई तो अब उनका ध्यान अराध्या से हट कर अर्जुन पर चला गया और जैसे ही उन दोनों ने अर्जुन को देखा तो झट से अपने सिर नीचे कर लिये..!

अब तक अराध्या और अर्जुन नीचे हॉल में आ चुके थे और आराध्या ने जैसे ही अपने सामने खड़े समीर को देखा तो उसके मुंह से बस एक ही शब्द निकला और उसने समीर से कहा, "भैया..!" 

आराध्या के मुंह से अपने लिए भैया शब्द सुनकर पता नहीं क्यों पर समीर को एक अलग ही सुकून सा मिल रहा था और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और उसने मुस्कराते हुए प्यार से अराध्या से कहा, "हां बोलो..!" 

समीर का जबाव सुनकर अब आराध्या ने एक नजर अर्जुन को देखा जो उसको ही देखे जा रहा था और फिर धीरे से समीर से कहा, "क्या आप मेरी एक बात मानोगे..?" 

आराध्या के मासूम से चेहरे को देखकर भला कोई शक्श उसकी बात मानने से मना कर सकता था क्या..!

और इसी वजह से अब समीर कुछ बोलने को हुआ ही था कि बीच में अर्जुन बोल पड़ा और उसने आराध्या के हाथ को छोड़कर उसको उसकी कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लिया..!

और अर्जुन के इतने करीब होने से आराध्या वैसे ही अनकंफरटेबल हो जाती हैं और अभी तो उसके सामने समीर, तन्मय और अभिनाश भी खड़े हुए जिससे अर्जुन के करीब होने से उसको बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी और उसने अपना सिर नीचे कर लिया था..!

और अब अर्जुन ने अराध्या से कहा, "मैने तुम्हे कमरे में समझाया था न कि तुम्हे कुछ भी कहना हो तो सिर्फ मुझसे ही कहा करोगी तो फिर तुम समीर से क्यों कह रही हो..!" 

अर्जुन की प्रोसेसवनेस देखकर समीर, तन्मय और अभिनाश तीनों ही बहुत ज्यादा हैरान थे कि इतने से समय में ही अर्जुन, आराध्या के लिए प्रोसेसिव होने लगा था पर अब समीर ने अर्जुन से कहा, "लगता है तूने ध्यान से आराध्या की बात नहीं सुनी कि उसने मुझे भैया बोला है तो मुझे नहीं लगता है कि तू एक बहन को उसके भाई से बात करने से रोक सकता है..!" 

समीर की बात सुनकर कि अर्जुन उसको आराध्या से एक भाई के नाते बात करने से नहीं रोक सकता है तो अब अर्जुन, समीर को देखने लगा और वो उसको देख कम घूर ज्यादा रहा था मगर समीर को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा था और इसलिए ही अब उसने अराध्या से कहा, "हां बोलो, आराध्या तुम क्या बोलने वाली थी..!" 

समीर की बात सुनकर अब आराध्या ने अपना सिर ऊपर उठा कर देखा तो अर्जुन उसको ही देख रहा था तो उसने फिर से अपना सिर नीचे कर लिया क्योंकि कही न कही उसको डर था कि अर्जुन उस पर फिर से गुस्सा न करने लग जाए..!

आराध्या इस हरकत पर अर्जुन के चेहरे पर ना चाहते हुए भी मुस्कान आ गई और जिसको देखकर तन्मय और अभिनाश के होश ही उड़ चुके थे और अब वो दोनों कभी एक दूसरे को देखते तो कभी अर्जुन को देख रहे थे..!

वही समीर ने फिर से आराध्या से कहा, "आराध्या, तुम्हे अर्जुन से डरने की जरूरत नहीं है ये कुछ नहीं कहेगा तो तुम अपनी बात पूरी करो और मुझे बताओ कि तुम मुझसे क्या कहना चाहती हो..!" 

समीर की बात सुनकर अब आराध्या ने खुद को कुछ हद तक शांत कर लिया और हिम्मत कर के अपना सिर दुबारा से ऊपर उठा कर अब की बार अर्जुन को न देख कर सीधा समीर की तरफ मुंह कर दिया और अब धीरे से उससे कहा, "क्या आप भी हमारे साथ शॉपिंग पर चलेंगे भैया..!" 

अराध्या का अर्जुन को न देखना ही अर्जुन का गुस्सा बढ़ा चुका था और वही जब उसने आराध्या की बात सुनी तो उसको बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कि आराध्या, समीर को भी साथ चलने को बोल रही थी पर अर्जुन ने उसको कुछ नहीं कहा क्योंकि आज वो सुबह से ही आराध्या की वजह से अच्छे मूड में था और वो अपने गुस्से से अराध्या को डराना नहीं चाहता था..!

आराध्या की बात सुनकर अब समीर ने मुस्कराते हुए अर्जुन को देखा और आराध्या से कहा, "क्यों नहीं, अब मेरी बहन ने मुझे अपने साथ चलने को कहा है तो फिर एक भाई कैसे मना कर सकता है..!" 

समीर की बात सुनकर अर्जुन उसको घूर रहा था और वो जैसे ही समीर को बोलने को हुआ तो उसने देखा कि समीर की बात से आराध्या के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और जिसको देखकर अर्जुन को अच्छा लग रहा था और इसी वजह से उसने समीर से कुछ नहीं कहा..!

और अब अर्जुन ने अराध्या को पकड़े हुए ही समीर से कहा, "ठीक है तुम भी चल सकते हो क्यूंकि मेरी जान तुम्हे भी लेकर शॉपिंग करने जाना चाहती है मगर तुम अपनी कार से वहां पहुंच जाना, ठीक है न..!" 

अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने समीर को देखकर एक टेड़ी मुस्कान दिखा दी मगर जब आराध्या ने अर्जुन की बात सुनी तो पहले तो वो बहुत खुश हो गई थी क्यूंकि अब उसको लग रहा था कि कार में सब जाएंगे तो अब अर्जुन उसके करीब नहीं आएगा..!

मगर जब उसने अर्जुन की बात सुनी तो वो अब थोड़ा घबरा गई और उसने धीमी आवाज में अर्जुन से कहा, "क्या भैया भी हमारे साथ हमारी कार में जा सकते है..!" 

आराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उसको एक शब्द में जवाब देते हुए उससे कहा, "बिलकुल भी नहीं..!" 

अर्जुन का जबाव सुनकर अब आराध्या ने कुछ बोलने के लिए जैसे ही अपना मुंह खोला ही था कि अब अर्जुन ने उससे फिर से कहा, "मुझे इस टॉपिक पर अब कोई भी बात नहीं करनी है, समझ में आया या फिर दुबारा से रूम में जाना पसंद करोगी..!" 

अर्जुन की पूरी बात सुनकर अब आराध्या ने अपना सिर दो से तीन बार न में हिला दिया और फिर अब उसने अर्जुन से कुछ नहीं कहा..! 

अर्जुन का आराध्या के लिए ऐसा व्यवहार देखकर समीर को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था मगर उसने उससे कुछ कहना ठीक नहीं समझा क्योंकि वो अर्जुन को अच्छे से जानता था और साथ में वो आज आराध्या को उदास नहीं करना चाहता था..!

जब अर्जुन ने देखा कि समीर ने उसकी बात पर कोई जवाब नहीं दिया तो फिर से उसने अराध्या के हाथ को वापस से पकड़ लिया और उसको अपने साथ अपने विला से बाहर लेकर जाने लगा..!

और अराध्या अपने बेबी पिंक कलर का फ्रॉक को संभालते हुए अर्जुन के साथ साथ आगे बढ़ रही थी और अब उन दोनों के जाने के बाद, समीर, तन्मय और अभिनाश भी अर्जुन के विला से बाहर निकलने लगे..!

To be Continued......❤️✍️

अर्जुन का ये नया रूप या उसका पागलपन देखकर क्या आराध्या उसको अपना पाएगी या फिर वो सच में उसको छोड़ कर कही चली जायेगी और तो क्या अब आराध्या आज शॉपिंग मॉल से भागने मे सफल हो पाएगी या फिर उसको हमेशा के लिए अर्जुन के साथ उसके विला में ही रहना लड़ेगा और तो अब आराध्या, अर्जुन की बात पर कैसे रिएक्ट करेगी और क्या वो सच में मॉल में किसी से मदद के लिए नहीं कहेगी या फिर कुछ और ही होने वाला है और क्या आराध्या आज अपनी दोस्त के पास जाने वाले मिशन में सफल हो पाएगी..?

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।