Ishq da Mara - 33 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 33

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इश्क दा मारा - 33

यश बंटी के साथ यूवी को ढूंढने के लिए जाता है।

उधर यूवी आराम से कुर्सी पर बैठा रहता है और बोलता है, "वैसे जो भी कहो तुम लोग एक्टिंग बहुत ही अच्छी करते हो"।

तब एक गुंडा बोलता है, "युवान भाई मेरा तो बचपन से ही शौक था हीरो बनने का, मगर मौका ही नहीं मिला "।

तब यूवी बोलता है, "परेशान मत हो मिलेगा मौका "।

तब एक गुंडा बोलता है, "मगर आप लड़कियों से इतना दूर क्यों भागते हो भाई, वैसे भी वो लड़की थी तो बहुत ही अच्छी"।

तब यूवी बोलता है, "करवाऊं उसके बाप की बात तुझ से, और बताऊ उसे की आपकी बेटी इसे बहुत ही अच्छी लग रही है "।

तब गुंडा बोलता है, "भाई आप कैसी बात कर रहे हो, मैं तो आपके लिए बोल रहा था "।

तभी बंटी वहां पर यश को ले कर आ जाता है। यश यूवी को देख कर चौक जाता है और बोलता है, "यूवी तुम यहां पर क्या कर रहे हो, तुम्हे तो गुंडे उठा कर ले गए थे "।

तब यूवी बोलता है, "किसी गुंडे में इतनी हिम्मत है कि मुझे उठा कर ले जाए "।

तब यश बोलता है, "मगर रानी तो बोल रही थी कि तुम्हे गुंडे उठा कर ले गए हैं "। 

तब बंटी यश को सब कुछ बता देता है।

तब यश बोलता है, "यूवी जब तुम्हे रानी के साथ कही आना जाना अच्छा नहीं लगता है तो तुम्हे पापा को बोल देना चाहिए था, इतना ड्रामा करने की क्या जरूरत थी, तुम्हे पता है कि मां कितनी परेशान है "।

तब यूवी बोलता है, "मैने बोला था मां और पापा को सुबह मगर उन्होंने मेरी बात मानी ही नहीं, तो फिर मैं क्या करता "।

तब यश बोलता है, "यूवी तुम्हारे इस तरह के ड्रामे से हम डर जाते है, मत किया करो ऐसा "।

तब यूवी बोलता है, "अच्छा सॉरी अब नहीं करूंगा "। 

यश बोलता है, "चलो अब घर, या फिर यही पर रहना है"।

उसके बाद यूवी यश के साथ आ जाता है।

रात होती है........

राजीव के घर में सब खाना खा रहे होते हैं। तब राजीव की मॉम बोलती है, "राजीव अब तुम कुछ दिनों तक घर से बाहर नहीं निकलोगे , और जो मैं बोलूंगी वही करोगे"।

तब राजीव बोलता है, "मॉम मैं कोई लड़की थोड़े ही हू, जो घर में छुप कर बैठा रहु "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "जितना तुम्हारी मां बोल रही है उतना ही करो और ज्यादा बकवास मत करो "।

सुबह होती है.........

गीतिका अपनी बुआ के घर पहुंच जाती है उसे देख कर उसकी बुआ जी बहुत ही खुश होती है। गीतिका ज्यादा कुछ नहीं बोलती है, चुप चाप ही बैठी रहती हैं।

तभी उसकी बुआ जी उसके लिए नाश्ता निकाल कर लाती है और उसे देती हैं।

तभी गीतिका की बुआ जी की नौकरानी बोलती है, "मालकिन यही है आपके भाई की बेटी जिसके बारे मे आप बता रही थी"।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती हैं, "हा यही है वो "।

तब गीतिका बोलती हैं, "बुआ जी आपसे एक सवाल करु अगर आप बुरा ना माने"।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "हा बोलो बेटा क्या पूछना चाहती हूं "।

तब गीतिका बोलती हैं, "मॉम और डैड तो आप से बात भी नहीं करते हैं, और डैड ने शादी के बाद आप से सारे रिश्ते तोड़ दिए थे तो फिर उन्होंने मुझे यहां पर क्यों भेजा, जबकि मॉम और डैड आपको पसंद भी नहीं करते हैं....................