पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स डॉक्टर नैथन को डरा धमकाकर मदर अर्थ यूनिवर्सिटी ले आया था। मोमल अब्राहम से मिलने के लिए बेचैन थी और दोनो बेटियों के साथ बाहर इंतजार कर रही थी। फीलिक्स डॉक्टर नैथन को टैक्सी में बैठ कर ले आया ताकि वो एंटीडोट बनाए।
अब आगे :__
डॉक्टर नैथन आगे आगे चल रहा था और फीलिक्स शिकारी शेर की तरह अपने शिकार पर नज़र गड़ाए हुए उसकी हिफाज़त करते हुए चल रहा था। जाते हुए वोही वॉच मैन मिला जिसने नैथन के बारे में बताया था। उसने उन्हे देख कर कहा :" अरे सर आप वापस आ गए! इनके साथ कुछ काम था क्या ?
(उसने फीलिक्स की ओर इशारा कर के कहा।)
डॉक्टर ने चलते हुए कहा :"हां कुछ ज़रूरी काम रह गया था! ये मेरे दोस्त का बेटा है जो अभी बीमार है बस उसी सिलसिले में हमे काम है।"
ये कह कर वे दोनों लैबोरेट्री की तरफ चले गए, डॉक्टर ने नैथन ने एंटीडोट बनाने का काम शुरू किया और फीलिक्स वहीं उस पर चील की निगाह डाले खड़ा रहा। देखते देखते उसने एक बार कड़क कर कहा :" अपना काम ठीक से करो अगर मेरे डैड को कुछ भी हुआ तो तुम्हारा पूरा परिवार तबाह कर दूंगा ! और ये मत सोचना के पुलिस बचा लेगी। पुलिस को मैं अपनी मुट्ठी में कर सकता हूं। सब कुछ ठीक हो जाएगा अगर मेरे डैड ठीक हो गए तो!"
डॉक्टर नैथन का दिल थर्रा गया उसकी बाते सुन कर, उसने डरे हुए आवाज़ में कहा :" हां मैं वादा करता हुं वो ठीक हो जाएंगे। वो ठीक हो जाए तो प्लीज़ मुझे माफ कर देना।"
अब्राहम की हालत गंभीर हो रही थी। बदन से जैसे गर्म भांप निकल रहा हो इतना बुखार था। कांच के खिड़की के पास मोमल खड़ी उसे देख देख कर आंसू बहा रही थी। कुछ देर में अब्राहम का डॉक्टर आया और उसने अंदर जा कर देखा। देख कर बाहर आया। उसके चहरे में परेशानी साफ झलक रही थी। उसे बाहर आते देख मोमल सामने खड़ी हो गई और रोते हुए पूछने लगी :" डॉक्टर मेरे हसबैंड कैसे हैं? वो कब तक ठीक हो जाएंगे?
डॉक्टर ने अफसोस के साथ कहा :" अब तक तो कोई improvement नहीं हुई है। हम कोशिश कर रहे हैं आप दुआ कीजिए !"
मोमल दिल पर हाथ रख कर लड़खड़ाने लगी। दोनो बेटियों ने उसे संभाल कर वहां रखे सोफे पर बैठाया। वो हिचकियां लेकर रोते हुए बोली :" प्लीज़ डॉक्टर मेरे हसबैंड को बचा लीजिए, कैसे भी कर के उन्हे बचा लीजिए !"
डॉक्टर बस उसे तसल्ली देकर चला गया। अब्राहम की इस हालत के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था। ना उसके परिवार वालों को न दोस्तो को।
मोमल के रोने से लूना और फेलिसिया भी रोई जा रही थी। उनके आंख लाल हो कर सूज गए थे।
लूना इधर उधर देखते हुए बोली :" पता नही भैया कहां रह गए ! वो क्या करने की कोशिश कर रहे हैं।"
इतने में फीलिक्स डॉक्टर नैथन के साथ दौड़ता हुआ आया। डॉक्टर नैथन ने पीपीई कीट पहन रखा था। उसने फीलिक्स से कहा :" मैं अंदर जाता हूं उन्हे ये एंटीडोट देकर आता हूं। तुम मत आओ तुमने पीपीई कीट नही पहना है।"
फीलिक्स ने डॉक्टर नैथन का हाथ पकड़ा और खींच कर अंदर ले जाते हुए कहा :" मुझे इन्फेक्शन नही होता! मेरी फिक्र मत करो मेरे डैड को बचाओ।"
उसे देख कर मोमल में नई जान बसी और उम्मीद की नजरों से खिड़की के अंदर झांकने लगी। उसे फीलिक्स पर यकीन हो चला था के वो अब्राहम के लिए कुछ भी करेगा।
वे दोनों अंदर गए फिर डॉक्टर नैथन ने अब्राहम के कलाई पर लगे कैन्नुला में एंटी डॉट वैक्सीन इंजैक्ट कर दिया और कहा के " अब बस कुछ देर में इनका बुखार उतर जायेगा फिर धीरे धीरे रिकवरी हो जायेगी लेकिन कुछ दिन इनको आइसोलेट होना होगा। जब तक पूरी तरह रिकवर नही होते तब तक इन्हें सब से अलग हो कर रहना होगा।"
फीलिक्स :" हम इन्हें घर कब ले जा सकते हैं?
डॉक्टर नैथन :" ये तो इनका डॉक्टर इंचार्ज ही बताएंगे।"
डॉक्टर नैथन वादा कर के चला गया के अब्राहम बिल्कुल ठीक हो जायेगा और फीलिक्स के सामने झुक कर माफी भी मांगी।
देर रात हो चुकी थी मोमल और दोनो बहनों ने कुछ नहीं खाया था। फीलिक्स कमरे से बाहर आया। उसने दोनों बहनों को और मोमल को गले लगा कर कहा :" डैड ठीक हो जाएंगे!... कुछ देर बाद वो अपनी आंखे खोल लेंगे।"
फिर उसने फेलिसिया और लूना से कहा :" तुम दोनों को भूख लगी होगी चलो कुछ खा लो!.... मॉम आप भी चलिए, आप ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया है। डैड का ख्याल रखने के लिए एनर्जी भी चाहिए होगी ना!"
मोमल ने अपने चहरे से आंसु साफ किया और कहा :" नही बेटा तुम तीनों जाओ और खाना खा कर आओ मैं यही रहूंगी!"
लूना मोमल का हाथ पकड़ कर बोली :" मम्मा!... चलिए ना आप ने दोपहर में भी नही खाया था। मम्मा प्लीज़!"
मोमल :" नही बच्चो मैं तुम्हारे डैड को अकेले छोड़ कर नही जा सकती!.... एक काम करना मेरे लिए खाना पैक करवा के ले आना। मैं यही खा लूंगी।"
फीलिक्स :" ठीक है हम ले आयेंगे ! आप यहां थोड़ा आराम कर लीजिए!"
तीनों भाई बहन पास के रेस्टरोंनट में चले गए। मोमल वोही थकी हुई सोफे पर बैठी।
उसने एक चैन की सांस ली क्यों के अब्राहम के जान से खतरा टल चुका था। लेकिन उस से मिलने के लिए और बात करने के लिए दिल बेचैन था। उसे लग रहा था के अब्राहम बस एक बार मोमो कह कर बुलाए तो उसे सुकून मिले।
सोफे पर सर टिकाए उसने आंखे बंद कर ली। थकान के वजह से कुछ देर में ही उसे हल्की सी नींद आ गई ज़्यादा गहरी भी नहीं के उसे एक सपना आया। वो सपना कुछ इस तरह था।
"" एक हरे भरे और बहुत बड़े मैदान में मोमल और अब्राहम खड़े हैं। लूना कहीं से रोते हुए मम्मा पापा कहती हुई दौड़ी चली आ रही है और उसके पीछे एक आदमी चाकू लिए भाग रहा है। दौड़ती हुई लूना लड़खड़ा कर गिर जाती है और चाकू वाला आदमी उसे दबोच लेता है। अब्राहम और मोमल उसके पास दौड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उनके पांव भारी हो गए थे। वे अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे के लूना तक पहुंच जाए लेकिन इस से पहले आदमी ने लूना के पीठ पर चाकू गोद डाला। लूना मम्मा कह कर चिल्लाई जिस से पूरी फिज़ा गूंज उठी।"
और इसी तरह मोमल नींद से लूना कह कर उठ गई। एयर कंडीशनर होते हुए भी उसे पसीने आ गए और इधर उधर बड़ी बड़ी सांसे लेते हुए देखने लगी। उसके दिल की धड़कन इतनी तेज़ थी के संभालना मुश्किल हो रहा था। उसे इस तरह हांफते हुए देख कर एक नर्स जो वहां से गुज़र रही थी उसने पूछा :" क्या हुआ मैम? Are you alright?
मोमल ने दोपट्टे से अपने माथे का पसीना पोंछ कर कहा :" मैं ठीक हूं क्या थोड़ा पानी मिल सकता है?
नर्स :" हां मैं अभी देती हूं।"
वो जा कर एक बोतल पानी ले आई और मोमल को दे कर चली गई।
उसका दिल और ज़्यादा बेचैन हो उठा। मन में अजीब अजीब उथल पुथल मची थी। अपने मन में यही सोच रही थी के उसने लूना के लिए इतना बुरा सपना क्यों देखा वो भी इतनी सी नींद में जो गहरी भी नहीं थी।
फिर उसने खुद को ये कह कर दिलासा दिया के अब्राहम के लिए दिमाग डिस्ट्रब था शायद इस लिए बुरा सपना आया।
वो अपने ख्यालों में उलझी थी के उसे धीमी सी एक आवाज़ आई जो उसका नाम ले रही थी " मोमल"
उसे लगा ये उसका वहम है की उसे अपना नाम सुनाई दे रहा है लेकिन जब वो शांत हो कर बैठी तो उसने ऐसा महसूस किया जैसे उसके कंधे के पास कोई मुंह लगा कर उसका नाम पुकार रहा हो। उसे फिर भी यकीन नही हुआ और शांत हो कर बैठी रही। ठीक उसके कान के पास किसी की धीमी और फिसफिसी सी आवाज़ आई " मोमल"
मोमल ने झट से मुड़ कर देखा लेकिन वहां ऐसा कोई नही था जो उसका नाम लेकर उसे पुकारे। वो आवाज़ किसी औरत की थी।
वहां बैठी बैठी वो बहुत ज़्यादा खौफजदा हो गई और परेशान हो कर अपने बच्चों की राह देखने लगी।
कुछ देर बाद वे तीनों आए, फीलिक्स के हाथ में मोमल के लिए खाना था। उनके पास आते ही मोमल ने लूना को गले लगा लिया।
फीलिक्स और फेलिसिया ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा। लूना ने भी ताज्जुब से कहा :" मम्मा! मम्मा आप ठीक तो हैं न ? क्या हुआ है।"
मोमल ने अपने जज़्बातों पर काबू किया और मुरझाई सी बोली :" हां ठीक हूं मैं!... तुम सब ने ठीक खाना खाया?
फीलिक्स ने उसे वहां बैठाया और खाना निकाल कर परोसते हुए कहा :" हां हम ने अच्छे से खा लिया है अब आप खा लिजिए !....
मोमल का दिल नहीं कर रहा था के वो खाए ये सोच कर के ना जाने अब्राहम ने कब खाया था और कब से वो बेहाल पड़ा है।
" मॉम प्लीज़ थोड़ा सा खा लिजिए, डैड के लिए ही खा लिजिए!"
फीलिक्स ने रिक्वेस्ट की तो उसने थोड़ा सा खा लिया।
वो लूना को बार बार देख रही थी। फीलिक्स को मोमल का तेज़ तेज़ धड़कता हुआ दिल दिखाई दे रहा था। उसने मोमल के हाथ पर अपना हाथ धीरे से रखा और उसकी आंखों में देखते हुए कहा :" मॉम कोई बात आप को परेशान कर रही है तो मुझे बताइए!.... मुझे आपके दिल की हालत ठीक नहीं लग रही है।"
मोमल :" कोई बात नहीं है मुझे बस तुम्हारे डैड से मिलने की बेचैनी है। मेरे दिल पर ध्यान मत दो जब तुम्हारे डैड बाते करेंगे न तब ये शांत हो जायेगा।"
फीलिक्स :" मैं उनके डॉक्टर से बात कर के आता हूं तब तक आप खाना खत्म कर लीजिए!"
मोमल :" हम्म जाओ।"
फीलिक्स गया और अब्राहम के डॉक्टर से बात चीत की, उसे साथ में ले आया और कहा के एक बार ठीक से चेक कर लीजिए मेरे डैड ठीक हैं अब।
डॉक्टर ने जब अब्राहम को एग्जामिन कर के देखा तो सच में वो ठीक लगा। डॉक्टर बड़ा ही अचंभित था। अब अब्राहम ने अपनी आंखे खोल ली। उसका बुखार भी उतर गया था। उसने सब से पहले फीलिक्स का नाम लिया। उसने डॉक्टर से गहरी आवाज़ में कहा :" मैं अपने बेटे से मिलना चाहता हूं!... क्या वो बाहर है?"
डॉक्टर ने कहा :" हां वो बहुत परेशान था आपके लिए लेकिन मैं शॉक्ड हुं के आप बिना वैक्सीन के ठीक कैसे हो गए !.... अभी तो हम ने बस प्रिकॉशन में रखा था।"
अब्राहम धीरे धीरे उठ कर बैठ गया और कहा :" मेरे बेटे ने मुझे बचाया होगा अब वोही जाने उसने किस तरह बचाया! मैं घर जाना चाहता हूं।"
डॉक्टर :" हां मैं बस आपका एक फाइनल टेस्ट कर लूं फिर आप को दिसचर्ग मिल जायेगा।"
डॉक्टर बाहर आए और खुश हो कर बताया :" congratulations!.... डॉक्टर अब्राहम अब ठीक है। वो अपने बेटे से मिलना चाहते हैं लेकिन तुम ऐसे नही जा सकते सेफ्टी कीट पहनना पड़ेगा।"
फीलिक्स खुश हो कर बोला :" मुझे सेफ्टी कीट की ज़रूरत नहीं है। Don't worry docter!.... मैं अपने डैड से बहुत दिन बाद मिलने वाला हुं तो मुझे मत रोकिए!"
मोमल ने हाथ जोड़कर कर गॉड को थैंक्स कहा।
फीलिक्स खुशी से अंदर गया। अब्राहम ने अब तक सिर्फ उसकी आवाज़ सुनी थी जो एक बड़े लड़के की थी। उसने उस आवाज़ से अंदाज़ा नही लगाया था के अब फीलिक्स कितना बड़ा हो गया होगा। उसे देख कर बस देखता ही रह गया। उसके मन में वोही आठ साल के बच्चे की तस्वीर बसी थी। लेकिन अब ये फीलिक्स उसके जितना लंबा चौड़ा था। पत्थरों को तोड़ तोड़ कर उसका बदल गठीला हो गया था जिस कारण वो बीस साल की उमर से ज़्यादा बड़ा लग रहा था।
फीलिक्स जा कर उसके गेल लग गया और आंखों में खुशी के आंसु झिलमिलाने लगे। " डैड मैं ने आपको बहुत मिस किया! मैं तरस रहा था एक बार आप सब से मिलने के लिए! मैं मॉम को सुन सकता था पर आपको नहीं।"
ये कहते हुए उसका गला भर आया।
अब्राहम के आंखों से मोटे मोटे बूंद टपक पड़े। उसने फीलिक्स के बालों पर हाथ फेरते हुए कहा :" तुम वोही पतले दुबले से फीलिक्स हो?.... तुम इतने बड़े कब हो गए, तुम्हे गए हुए तो बस तेरह साल ही हुए थे!.... इन तेरह सालों में तुम इतने बड़े हो गए हो!"
फिर उसने गहरी सांस लेकर कहा :" ऐसा लगता है बस कुछ ही दिन की बात है जब तुम चले गए थे। लेकिन तुम ने न जाने कैसे इन तेरह सालों को काटा!..... Welcome back my boy!"
फीलिक्स ने मुस्कुरा कर कहा :" डैड आप तो अभी भी मुझ से ज़्यादा हैंडसम हैं!"
अब्राहम हंस पड़ा और बोला :" नहीं तुम ज़्यादा हैंडसम हो !....क्या तुम्हारी मॉम आईं हैं?
फीलिक्स :" मॉम ने तो रो रो कर बुरा हाल कर लिया है वो तो हम ने अभी किसी तरह समझा बुझा कर खाना खिलाया! वो आप से मिलना चाहती है लेकिन डॉक्टर ने कहा है अभी आपको आइसोलेट होना होगा। सुबह तक हम घर चले जायेंगे।.... लेकिन डैड आपकी डॉक्टर नैथन से क्या दुश्मनी थी जो उसने ये सब किया?
अब्राहम ने कहा :" ये सब बाते बाद में कर लेंगे पहले मोमो को दरवाज़े पर ले आओ मैं उसे यही से देख लूंगा।"
फीलिक्स :" ओके डैड !"
उसकी बात सुन कर अब्राहम को ऐसा लगा जैसे ये तो वोही छोटा सा फीलिक्स है जब वो हर बात में डैड डैड कहता रहता था। वो अब भी वैसा ही था बस लंबाई चौड़ाई में बढ़ गया था।
तीनों मां बेटी अब्राहम के दरवाज़े के पास खड़ी हो कर उसे देख रही थी। अब्राहम उन्हे मुस्कुरा कर देख रहा था और आवाज़ दे कर रोने से मना कर रहा था।
सुबह तक उन्हें घर भेज दिया गया। बच्चे और अब्राहम खुश थे। मोमल भी खुश थी लेकिन वो आवाज़ उसके दिमाग में सुई की तरह चुभ गई थी।
To be continued.......