Devil Ceo Ki Mohabbat - 73 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 73

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 73

अब आगे,

हां तो ये लड़का और कोई नहीं हमारे अर्जुन के छोटे भाई "अभिषेक सिंह शेखावत" है जिसको तन्मय के ही आदमी ही शेखावत विला अर्जुन से छुपाकर लेकर आए हैं और समीर, अभिषेक को उसके निकनेम "अभी" नाम से ही बुलाया करता था..! 

समीर की बात सुनकर, अब अभिषेक ने समीर से कहा, "तो क्या करू और आप दोनों ने तो मेरी बात का कोई जवाब ही नहीं दिया..!" 

अभिषेक की बात सुनकर, अब समीर कुछ बोल पाता उससे पहले ही तन्मय बीच में बोल पड़ा और उसने अभिषेक से कहा, "आप बस ये बताओ उनका नाम क्या है तो फिर उनको ढूंढने के लिए मै अपने आदमियों को काम पर लगा दूंगा..!" 

तन्मय की बात सुनकर अब समीर उसको घूरने लगा तो तन्मय ने समीर से पूछा, "क्या हुआ सर आप मुझे ऐसे क्यों घूर रहे है..?" 

तन्मय की बात सुनकर अब समीर ने उससे कहा, "अबे क्या बोले जा रहा है और तुझे पता है न एक की संभाल नहीं रही है और तुझे दूसरे की ढूंढने की पड़ी हुई हैं..!" 

समीर की बात सुनकर अब तन्मय को समझ में आ गया कि समीर किसकी बात कर रहा है इसलिए अब तन्मय ने आगे कुछ नहीं कहा और वही अब अभिषेक ने समीर से पूछा, "क्या बोले जा रहे हो भाई और किसकी नहीं संभाल रही है..?" 

अभिषेक की बात सुनकर समीर को याद आया कि अभिषेक तो क्या पूरे शेखावत परिवार को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है और अगर गलती से भी पता चल गया न तो अर्जुन तो उसकी जान ही ले लेगा तो अब अभिषेक ने समीर से दुबारा पूछा क्योंकि वो तो अपने ही ख्यालों में खोया हुआ था तो अब अभिषेक ने समीर से कहा, "क्या हुआ समीर भाई बताओ न आप किसकी बात कर रहे हो..?" 

अभिषेक के ऐसे पूछने पर समीर अपने होश में वापस आ गया और अब उसने आपने आपको संभालते हुए अब अभिषेक से कहा, "कुछ भी तो नहीं..!" 

समीर का जवाब सुनकर अब अभिषेक उसको ही देखे जा रहा था तो अब समीर ने बात को बदलते हुए उससे पूछा, "और ये लड़की कौन है और तू इससे कब और कहा मिला, बता मुझे..!" 

समीर की बात सुनकर अब अभिषेक ने उससे कहा, "वो..वो एक हफ्ता पहले ही मिला हु और मैं उसको पहली नजर में ही देखकर पसंद कर बैठा, प्लीज न समीर भाई मुझे वो चाहिए...!" 

अभिषेक की बात में आखिरी शब्द सुनकर समीर थोड़ा गुस्से में आ गया और उसने अभिषेक से कहा, "वो चाहिए से का क्या मतलब है और मुझे तो तुम दोनों भाइयों का समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर तुम दोनों ने लड़कियों को समझ के क्या रखा हुआ है..!" 

समीर की बात सुनकर अभिषेक ने थोड़ा हैरान होते हुए समीर से पूछा, "आपका दोनो भाई से क्या मतलब है और जहां तक मुझे पता है अर्जुन भाई ने तो आज तक किसी भी लड़की को एक नजर भर तक नहीं देखा है तो फिर उनको कोई लड़की पसंद आ जाए ये तो हो नहीं सकता तो फिर आप किसकी बात कर रहे हो..?" 

अभिषेक की बात सुनकर अब समीर को अहसास हुआ कि उनसे फ्लो फ्लो में कुछ ज्यादा ही बोल दिया था और अब उसको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि..!

आखिर अब वो अभिषेक को कहे तो क्या ही कहे और अभिषेक अब कोई बच्चा तो रहा नहीं है कि समीर उसको कुछ भी बोल देगा और वो आसानी से मान जाएगा बस इसलिए ही समीर अब अभिषेक को बोलने के लिए कुछ सोचने की कोशिश कर रहा था..! 

समीर सोच ही रहा था कि आखिर वो अब अभिषेक को क्या कहे तभी अभिषेक के कमरे में उन तीनों के पीछे से किसी की कड़क और तेज आवाज सुनाई पड़ी, "यहां क्या हो रहा है और ये तुमने कमरे का क्या हाल बनाकर रखा है..!" 

और ये आवाज और किसी की नहीं बल्कि हमारे हीरो "अर्जुन सिंह शेखावत" की ही थी, जब अर्जुन ने अभिनाश को कॉल करा था उसके बाद अर्जुन भी अपनी कंपनी से निकल गया था क्यूंकि उसको अराध्या की याद आ रही थी..!

और फिर अपने शेखावत विला पहुंचकर जैसे ही आराध्या से मिलने के लिए उस अंधेरे कमरे की तरफ जा रहा था तो उसको तन्मय और समीर की आवाज सुनाई पड़ी क्योंकि अभिषेक का कमरा भी ग्राउंड फ्लोर पर ही था तो फिर अर्जुन भी उसके कमरे की तरफ बढ गया..! 

और वहां पहुंचकर उसने अभिषेक के कमरे की बिगड़ी हुई हालत को देखा तो उसको गुस्सा आ गया क्यूंकि अर्जुन को हर एक चीज अपनी जगह पर रखना पसंद था और अभिषेक के कमरे की हालत तो किसी स्टोर रूम के कमरे से भी बेकार हो रही थी और सारा का सारा सामान बिखरा हुआ था..!

जब अभिषेक ने अर्जुन को देखा तो डर के मारे समीर के पीछे छुपकर खड़ा हो गया और वही जब तन्मय ने अर्जुन को देखा तो पहले तो उसने अर्जुन को ग्रीट करा और फिर वो थोड़ा साइड हो गया जिससे अर्जुन थोड़ा आगे आकर खड़ा हो गया..! 

अर्जुन को देखकर ही अभिषेक की हालत खराब हो रही थी क्योंकि उसको तो क्या शेखावत परिवार में अर्जुन के आगे किसी की चलती ही नहीं थी और अर्जुन के गुस्से के आगे तो खुद उन दोनों के पिता भी कुछ नहीं कह पाते थे..!

वही जब अभिषेक को अपनी ऊपर किसी की जलती हुई नजरे महसूस हुई तो उसने अपना सिर उठाकर देखा तो पता चला कि अर्जुन ही उसको घूरे जा रहा था क्यूंकि उसको अपनी बात का कोई भी जबाब नहीं मिला था और ये देखकर अभिषेक ने अपना इसलावा गटक लिया और फिर अभिषेक ने हकलाते हुए अर्जुन से कहा, "वो..वो भाई आप इतनी जल्दी के..कैसे आ गए..!" 

अभिषेक की बात सुनकर अब अर्जुन ने थोड़े गुस्से से कहा, "क्यों अब अपने ही विला में आने के लिए भी मुझे तुमसे पूछना पड़ेगा..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब समीर ने अर्जुन पर टोंट मारते हुए उससे कहा, "भई जो इंसान रात रात भर अपनी कंपनी से घर नहीं आता था और वो आज इतनी जल्दी अपनी कंपनी से वापस आ जाएगा तो भई दूसरा व्यक्ति तो पूछेगा ही ना..!" 

अपनी बात कहकर अब समीर, अर्जुन को देखकर अपने चेहरे की फीकी मुस्कान दिखा रहा था और वही समीर की बात सुनकर अब अर्जुन ने समीर से कुछ नहीं कहा पर वही वो उसके ऐसे मुस्कराने पर उसको घूरने लगा क्यूंकि वो समीर की बातों में छुपे मतलब को अच्छे से समझ रहा था कि आखिर वो उससे कहना क्या चाह रहा था..!

और इसलिए ही अब अर्जुन ने बात को बदलते हुए अभिषेक पर गुस्सा करते हुए उससे कहा, "और तुम इतने बड़े हो चुके हो फिर भी अपने कमरे का क्या हाल बनाकर रख दिया है..!" 

अर्जुन का गुस्सा देखकर ही अभिषेक थर थर कांप रहा था और अब अर्जुन की बात सुनकर अभिषेक को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर वो अर्जुन से अब कहे तो क्या ही कहे और इसलिए ही अब अभिषेक, समीर की ओर देखने लगा..! 

तो समीर ने अभिषेक को देखते हुए उस पर थोड़ा सा गुस्सा करते हुए कहा, "अब क्या हुआ तुझे, बता न अपने बड़े भाई को जो तू हमें बता रहा था..!" 

समीर की बात सुनकर अब अर्जुन, अभिषेक को ही देखे जा रहा था और वही अभिषेक अब किसी मासूम बच्चे की तरफ समीर को देख रहा था जैसे कह रहा हो कि आपको ये बात अभी बोलना जरूरी था क्या..! 

वही जब समीर ने अभिषेक के चेहरे के भाव को देखा तो वो समझ गया कि आखिर अभिषेक उससे क्या कहना चाह रहा था तो अब समीर ने अभिषेक से कहा, "अच्छा तो तू नहीं बताएगा चल कोई बात नहीं मैं ही तेरे तरफ से अब अर्जुन को बता देता हूं..!" 

वही जब अर्जुन ने समीर की बात सुनी तो अब अर्जुन ने झल्लाते हुए समीर से कहा, "तू कब से बातों को घुमा घुमाकर कहना सीख गया है और सीधा सीधा बता कि हुआ क्या है..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब समीर ने उस पर टोंट मारते हुए उससे कहा, "भई तुम्हारे छोटे भाई को भी पहली नजर में एक लड़की पसंद आ गई है तो जाओ उस लड़की को भी लाने की तैयारी करो..!" 

समीर की बात सुनकर जहां अभिषेक अपना सिर ऊपर उठाने से भी कतरा रहा था वही अर्जुन, अभिषेक को गुस्से से देखे जा रहा था और अब अर्जुन ने अपने गुस्से में अभिषेक से पूछा, "समीर ने जो कुछ कहा, क्या वो सच है..!" 

अर्जुन की गुस्से को देखते हुए अब अभिषेक ने डरते डरते अपना सिर हां में दो से तीन बार हिला दिया तो अर्जुन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने अपनी हाथ की मुठ्ठी को कसकर भींच लिया और जिसको देखकर अभिषेक डरकर समीर के पीछे छिप गया..! 

समीर ने जब देखा कि अभिषेक थर थर कांप रहा था तो अब उसने थोड़ा गुस्सा करते हुए अर्जुन से कहा, "शांत हो जा यार, इतनी छोटी सी ही तो बात है और अब छोटा भाई, अपने बड़े भाई पर नहीं जाएगा तो भई किस पर जायेगा..!" 

वैसे ही अर्जुन का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था वही समीर आज अर्जुन को टोंट पर टोंट मारे जा रहा था जिससे अर्जुन का गुस्सा शांत होने के बजाए और बढ़ता ही जा रहा था मगर आज जो अर्जुन ने अराध्या के साथ करा था..!

समीर तो बस अर्जुन से उस बात का बदला ही ले रहा था क्यूंकि जाने अनजाने में ही सही मगर आराध्या ने समीर को भैया कहा था और समीर को अपनी अब तक की जिंदगी में भैया कहने वाली पहली और शायद आखरी भी आराध्या ही है..!

और इसलिए हमारा समीर एक भाई का फर्ज निभाते हुए अर्जुन को टोंट पर टोंट मारकर उसको अपनी गलती का अहसास करवा रहा था और अब अर्जुन ने शांत मगर डरा देने वाली आवाज में अभिषेक से कहा, "और तुम समान पैक करो अपना..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब अभिषेक को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था वही समीर, अर्जुन की बात के मतलब को समझने की कोशिश कर रहा था कि आखिर अब अर्जुन को हो क्या गया है..!

वही अर्जुन की बात सुनकर अब अभिषेक ने थोड़ा डरते हुए अर्जुन से पूछा, "पर क्यों भाई और क्या हम कही जा रहे है..?" 

अभिषेक की बात सुनकर अब अर्जुन ने बिना किसी भाव के अभिषेक से कहा, "हम नहीं सिर्फ और सिर्फ तुम जा रहे हो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब अभिषेक कुछ बोलता उससे से पहले ही समीर बोल पड़ा और उसने अर्जुन से पूछा, "और वो कहा और क्यों..?" 

समीर की बात सुनकर अभिषेक ने भी अपना सिर हां में हिलाकर उसकी बात में अपनी हामी जाहिर कर दी..! 

वही अर्जुन ने समीर की बात सुनकर अब अभिषेक की ओर देखते हुए उससे कहा, "तुम जल्द से जल्द अपनी पैकिंग करलो क्योंकि तुम आज ही हमारे न्यू प्रोजेक्ट के लिए न्यूयॉर्क जा रहे हो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अभिषेक का मुंह ही बन गया और उसने लगभग मासूम सा चेहरा बनाते हुए अर्जुन से कहा, "पर भाई क्यों और क्या आपको मेरा आपके इस विला में आना अच्छा नहीं लगा तो मैं अभी के अभी मेंशन वापस चला जाता हूं पर मैं न्यूयॉर्क नहीं जाना चाहता हु भाई..!" 

अभिषेक की बात सुनकर अर्जुन कुछ बोलता उससे पहले ही तन्मय बीच में ही बोल पड़ा और उसने कहा, "पर बॉस, उस प्रोजेक्ट को खत्म होने में तो कम से कम एक साल लग जायेगा और इसलिए ही तो वो प्रोजेक्ट बार बार टालता जा रहा था क्योंकि उस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए किसी का वहां पर एक साल होना जरूरी है तभी वो प्रोजेक्ट पूरा हो सकता है..!" 

तन्मय ने अपनी पूरी बात एक सांस बोल दी थी और वही तन्मय की बात सुनकर तो अब अभिषेक को तो जैसे सदमा ही लग गया और उसने लगभग रोते हुए अर्जुन से कहा, "भाई आप अपने छोटे से भाई को इतनी दूर वो भी पूरे एक साल के लिए कैसे भेज सकते हो और प्लीज मुझे नहीं जाना है..!" 

वही अब अभिषेक ने समीर से कहा, "प्लीज समीर भाई अब आप ही अर्जुन भाई को समझाओ ना, प्लीज वो मुझे सबसे इतनी दूर न भेजे..!" 

अभिषेक की बात सुनकर अब समीर ने अर्जुन की ओर देखा जो अभी भी बिना किसी भाव के साथ अपने दोनो हाथ अपनी पेंट की जेब में डालकर खड़ा हुआ था तो अब समीर ने अभिषेक को समझाते हुए उससे कहा, "इसने कभी किसी की सुनी है अपने आगे जो आज मेरी सुन लेगा और ये करता तो वही ही है न जो ये करना चाहता है..!" 

समीर ने ये सब इसलिए भी कहा था क्योंकि वो अर्जुन के एक्सप्रेशन लेस चेहरे को देख ये तो समझ ही गया था कि अर्जुन अपने लिए फैसले से अब पीछे नहीं हटने वाला है और साथ में उसने जो कुछ आराध्या के कर रहा था उसके वजह से भी उसको बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था..! 

समीर की बात सुनकर अब अभिषेक, अर्जुन के पास पहुंच गया और उसको मक्खन लगाते हुए साथ में अपना मासूम सा चेहरा बनाते अपनी रोनी आवाज में अर्जुन के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए उससे कहा, "आप मुझे इतनी दूर क्यों भेज रहे हो वो भी एक साल के लिए और क्या आपको अपने इस छोटे से भाई पर तरस नहीं आ रहा है और देखो न मैं तो अभी कितना छोटा हु इन सबके लिए फिर भी आप मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हो..!" 

अभिषेक ने ये सब अर्जुन से इसलिए भी कहा था क्योंकि उसको अभी कुछ समय तक इंडिया छोड़कर नहीं जाना था बल्कि वो तो उस लड़की को अपनी जिंदगी में लाना चाहता था जिसको वो पहली नजर में ही पसंद कर चुका था और इसलिए ही वो अर्जुन को मक्खन लगा रहा था..! 

और वही अभिषेक की बात सुनकर अब अर्जुन उसकी तरफ देखने लगा और साथ मे उसने अपना हाथ एक हाथ अपनी जेब से निकालकर अभिषेक के हाथ को अपने कंधे से हटा दिया और अभिषेक से अपनी कड़क आवाज में कहा, "ये ड्रामा कही और जाकर करना ये सब मुझ पर नहीं चलने वाला है और अब तुम बानी से भी छोटे हो चुके हो जो अपने आपको इतना छोटा बता रहे हो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब अभिषेक ने अपना सिर नीचे कर लिया और अर्जुन से धीरे से कहा, "नहीं भाई, बल्कि बानी तो मुझसे पांच साल छोटी है तो भला मैं उससे छोटा कैसे हो सकता हु..!" 

अभिषेक की बात सुनकर अब अर्जुन ने समीर से कहा, "तुम इसकी सारी पैकिंग करवा दो..!" 

To be Continued......❤️✍️

अब अर्जुन अपने ही छोटे भाई को क्यों प्रोजेक्ट के बहाने और वो भी एक साल तक के लिए न्यूयॉर्क भेजना चाह रहा था और अब ये अभिषेक किस लड़की की बात कर रहा होगा और जब अर्जुन को इस बारे मे पता चलेगा तो वो अभिषेक के साथ क्या कर गुजरेगा..?

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "प्रतिलिपि" पर।